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Category : Poems

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ये देश हमारा भी है तुम कौन हो देशद्रोही कहनेवाले
हम सदियोंसे इधर है  सदाही ईधरही रहनेवाले ।।

तुमने तो कभी तिरंगा भी नहीं फहराया अपने ठिकानोंपर और 
हमारे दिल में तिरंगा है
हमारा अक्स जुड़ा है इस जमीं से और तुम्हारा अक्स भुतकाल देखे तो नंगा है ।
हम वतन के वास्ते जीते है और सदाही है जीनेवाले।

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