
गुरु की महिमा
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Category : Poems
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गुरु तो वही, जो देते ज्ञान ।दूर भागते, जो अज्ञान ।पहली गुरु तो, होती है मां ।वही देती हमें ,पहली शिक्षा ।दूसरे गुरु ,होते हैं पिता ।जो देते हैं , जीवन को दिशा ।तीसरे गुरु, होते हैं शिक्षक ।वही सिखाते , हमको अक्षर ।ये होते ,ज्ञान का भंडार ।दूर करते , अज्ञान का अंधकार ।पर असली गुरु तो, होता है वक्त ।यह गुरु तो, होता है बड़ा सख़्त ।वक्त का यदि ना, माना कहना ।पड़ जायेगा फ़िर, दुःख सहना ।करोगे यदि, इसका उपयोग ।जीवन में होगा, सुख का भोग ।और एक गुरु है, ये अपना जीवन ।सुख और दुःख से ,देता है शिक्षण ।हर शिक्षा, इससे ही शुरु है ।हां यह जीवन, सबसे बड़ा गुरु है ।Mrs Pragati Dutt
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