गुरु की महिमा Read Count : 17

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गुरु तो वही, जो देते ज्ञान ।
दूर भागते,  जो अज्ञान ।
पहली गुरु तो, होती है मां ।
वही देती हमें ,पहली शिक्षा ।
दूसरे गुरु ,होते हैं पिता ।
जो देते हैं , जीवन को दिशा ।
तीसरे गुरु, होते हैं शिक्षक ।
वही सिखाते , हमको अक्षर ।
ये होते ,ज्ञान का भंडार ।
दूर करते , अज्ञान का अंधकार ।
पर असली गुरु तो, होता है वक्त ।
यह गुरु तो, होता है बड़ा सख़्त ।
वक्त का यदि ना, माना कहना  ।
पड़ जायेगा फ़िर, दुःख सहना ।
करोगे यदि, इसका उपयोग ।
जीवन में  होगा, सुख का भोग ।
और एक गुरु है, ये अपना जीवन ।
सुख और दुःख से ,देता है शिक्षण ।
हर शिक्षा, इससे ही शुरु है ।
हां यह जीवन, सबसे बड़ा गुरु है ।

Mrs Pragati Dutt 

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