
ज़िन्दगी ने कहा
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Category : Poems
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ज़िन्दगी ने कहा,
भूल जा , जो सहा ।
मैं सबको ,
एक बार ही मिलती ।
मान तू , मेरा कहा ।
ये पल फ़िर ,
ना मिल पाएंगे ।
इनका अभी , आनंद उठा ।
चल मुझको , गले लगा ।
और खुलकर , जिये जा ।
हां बस यही ,
ज़िन्दगी ने कहा ।
श्रीमती प्रगति दत्त
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
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