तुम भैसे हो भारत Read Count : 11

Category : Poems

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तुम भैसे हो भारत मॉं के छातीपर चरनवाले
लुट रहे है भारत को चोरी मुजोरी दंगा करनेवाले ।
 
ये हात कभी सेवा करते थे गुलाम हो गये
धर्म जात के बहकावे में गुमनाम हो गये
लूट रहे है देश को  राष्ट्रीय संपदा चट करनेवाले ।

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