तु चांद सितारों की %E Read Count : 9

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तु चांद सितारों की बात ना कर तेरे दामन में दाग है
जनता है  प्यांसी बद्हवासी  निवालों की कमी पेट़में आग है।

चांद्रयान का  तुम लोगोंने जश्न बहुत  मनाया है
स्मार्ट सिटी का सपना दिखाकर बहुत बरगलाया है
पंधरा लाख और बुलेट ट्रेन का बम भी बहुत फोड़ा है
जनता जान गयी उनके प्रगति का कौन  रोडा़ है
पुरानोंकी बात छोड़  लोग जानने लगे हैं सच कौन विषैले नाग है।

सदियोंसे भारत को तुम लोगोंने पिछ़ड़ा बना के रखा  है
दिमाग़ में गोबर अंधविश्वास विषैला फन फैलाके रखा है
 जनताको  गरीब बना कर खुद़ मलाई सदाही  चखा है
 रचना और नियम कर कर वसुला, किया जनता के साथ धोखा है
मानवता के चेहरे पर जुता फेकनेवाला तेरा बद् दिमाग है।

 लोग़ पहचानने लगे हैं तुम्हारी रचनाऍं झुठका एक समुंदर है
कपोल कल्पित कहानियोंका एक अनंत अनसुलझा भंड़ार है  इन्सानके दिमाग़ को कुंठित, गुलाम करने वाला जादूगार है 
आज सुलझने लगा तेरा  बिछाया जाल जो इन्सान का हत्यारा है
सदियों से इन्सानीयत को लगा हुवा  तू एक  खूद रोग़ है ।

तू डरपोक है सच्चाई से डरता है,  मेहनत से डरता है
अमरबेल है तू  लगा एक रोग़ इन्सानीयत को चट करता है 
मेरे भारत का सपना संपन्न बनने का उसमें तू रोड़ा है
तुने ही ईश्वर और धर्मके नाम पर समाज को सदा तोड़ा है
लोग़ समझने लगे है तेरे विकास क्या छप्पन भोग़ है।
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