Life Is ? Read Count : 115

Category : Stories

Sub Category : Thriller
जिन्दगी की राह पर चलता चलता मुसाफिर एक दिन थकने लगता है उसके अपने खुद के बनाये सपने  टुटने लगते है! वो एक दिन इसी जिन्दगी से कुछ पाना चाहता  था पर शायद आज यह इस से कुछ चाहती है! चला था कुछ पाने को पर आज जो है उसे भी खोने की कंगार पर आकर इसी राह से  रुख  मोडना चाहता है आखिर यह सफर इतना बोझिल क्यो है! क्या पंथ की पंथिक पर विजय हुई है या सपनो के महल  सपनो तक सिमित रखऩे चाहिए फिर यह कुछ समय की नींद की खुशी जगता हुआ इंसान क्यो महसुस करता है मैने सुना है अच्छे सपने देखऩे से अच्छा विकास होता है इऩ सपनो से अच्छे बचपन के रेत के महल अच्छे थे उसी जिन्दगी  की तालाश मे निकला था पर आज इस जिन्दगी से मुँख मोडने का समय नजदीक आने लगा खास वे दिन चुरालु जमाने से............ 

Comments

  • huh no understand

    Aug 31, 2017

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