क्यों याद आते है Read Count : 58

Category : Books-Fiction

Sub Category : Fantasy

ना जाने क्यों ये पुराने बात याद आते हैं, और अगर आते है तो मुझे रुलाके क्यों जाते है। अगर रुलाना ही हैं तो खुशी के यादों में रुलालो । और चाहे कोई दुसरे गम मे रूलालो ये उसी के  याद क्यों आते हैं ।

 

Problem हमेशा ही है लेकिन और कुछ याद आना प्रोब्लम नही उसी का याद आने से problem हैं ।

 

पता नहीं पता नहीं वह क्यों आया था मेरी जिंदगी में अगर आया था चला कहां गया इस दिल से। चलो अगर जाना था बता कर जाते यह जो चुपके से मेरे दिल से भाग गया है मेरे दिल को तोड़ कर  निकल आया ,मेरा दिल में तो दरारे पड  गए न ।,। और  दरारे भी कैसे जिसे भरने के लिए कोई सीमेंट बनी ही नहीं है जो भी सीमेंट लगा दो ,उसके बदले जो कोई बंदे को बिठा दो , याद उभर आते हैं और जख्म जसे का वैसा दरारे जैसे के वैसे।।न जाने क्यों आया था मेरे जिंदगी में अगर आया था तो मुझसे मिला क्यों था अगर मिला फ्रेंडशिप किया क्यों था । फ्रेंडशिप के हाथ तो उसने बढ़ाए थे ना, छोड़ने के हक तो मेरे थे। वह हक मुझसे छीना क्यों था। आज वह दरारें से पानी और हवा दोनों अंदर आ रहे हैं और मुझे गिला और ठंडे का महसूस करा रहे हैं ,बताओ मैं क्या करूं।

और यार यह याद तो था ।अनजाने अजनबी का मेहरबान भी आती है जो महबूब बन के रह जाते हैं उनके बारे में मैं कुछ अलग ही अंदाज है उनके बारे में यह दिल कुछ ऐसा किया जाता है:

 

वह मुझे अच्छी लगती थी 

बस यही बात था ll

लेकिन ना जाने क्यों मैं फिदा हो गया ,

उसके आना मेरी जिंदगी में पहला प्यार का एहसास दे गया।

क्या करूं उमर ही कुछ ऐसे थे

 दिल भी पागल था

  दिमाग से पैदल और 

  कुछ हालाते भी साथ देते थे ll

  भोली सी सूरत थी उसकी 

  मुझे खींच कर ले जाता था,

   और डोर है ऐसा कि 

   उसके बगल में ही बैठा देता था ll 

   एक तरफा ही सही मैं हर रोज जिस प्यार में झूम जाता था ,

   उसके आवाज को सुनने के लिए मैं चातक की तरह तरसता था ll

   (अगर होता सामने अभी तो मैं यही बोलता कि)

   सच्चा प्यार था पर सिद्धत नहीं था उसमें,

    बेशुमार प्यार था पर समझ नहीं था उसमें ,इश्क थी पर ईमान नहीं था,

     मोहब्बत मुझे तो था पर तुझे तो प्यार नहीं हुआ था।

     

इसलिए मैं चल पड़ा अपने आगे के जिंदगी में,

 तेरी यादें लेकर मंजिल की तलाश में। ll

 उस प्यार को फिर से दोहरा लूंगा किसी के साथ ,

 पर अब उसमें सिद्दत जोड़ दूंगा 

 मुझे तो मोहब्बत होगी ही 

 उसे भी प्यार होगा 

 मेरा सारा ईमान तब उसी का होगा।

 तुम्हारे यादें दिल में और हात उसी का होगा

  तस्वीर तुम्हारी पर रोना उसी के साथ होगा

  यारी तुम्हारी रास्ता पार उसी के साथ होगा

   याद तुम्हारी प्यार उसी के साथ होगा। ll

Aur ;

 

बहुत याद आती है तुम्हारी 

एक बार नहीं बार-बार आती है

 रात दिन नहीं हर वक्त आती है

  बस तुम नहीं आती यही अफसोस है ।

 

मन  अपने अन्दर हो के भी हमारा नही होता । हम इसे हमेशा दूसरे लोगों में बांट देते हैं और उनसे भी कुछ पाने की उम्मीद रख लेते हैं ।

मैं अब तक परेशान हूं ,सोच रहा हूं वह मेरा जिंदगी में आया क्यों था वह मुझे क्या बताना चाह रहा था या क्या नहीं।

Aise hamari jindagi mein Kai adla anjane ajnabi a jaate Hain aur kuchh samay ke liye hamari Jaan pahchan unse to Ho jaate hain lekin vah ajnabi hai janab kisi ke pass mein rahte।

अब मेरे पास कोई नहीं है तो मेरा यह शायरियां तो इन्हीं के लिए

अपने ख्यालों को कुछ लफ्जों में बयां करता हूं 

ऐसा करके मैं यह पन्नों को भर लेता हूं 

मेरा ख्यालात से वाकिफ हो चुके हैं यह भी 

तो अब मोहब्बत भी इन्हीं से कर लेता हूं ।

 

और कुछ लोग तो बहुत पहचान में ही रहते हैं लेकिन कब अनजाने अजनबी हो जाते हैं पता ही नहीं चलता वह लोग हमारी जिंदगी में बहुत खास होते हैं लेकिन वह चले जाते हैं तो बहुत दुख होता है लेकिन बहुत बार ऐसा होता है जैसे लगता है वह कभी हमसे जुदा ही नहीं हुए  जैसे वह हर पल हमारे पास रहते हैं हमारा साथ देते हैं।

कहते हैं दोस्तों से जिंदगी आसान हो जाती है लेकिन कुछ दोस्त के नाम पर ऐसे अजनबी आ जाता है जो जिंदगी को उजाड़ कर रख देते। शायद इनके लिए भी आज तक मैं दोस्ती करने से पहले हजार बार सोच लेता हूं फिर भी कभी-कभी मैं भी धोखा खा लेता हूं। लेकिन यह बात तो सबकी नहीं है कुछ खास नहीं है जो मेरे दिल के बहुत करीब है जिनके बारे में मैं ऊपर इतने सारे शायरियां लिखा हूं यह शायरी या मेरी भावना ही है यह मेरा दिल है जो उनके लिए धड़कता है। 

 

Comments

  • Jun 28, 2022

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