Papa
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Category : Poems
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मेरे चहेरे पर फैली मुस्कान के पीछे छुपी उदासी को पल भर में जान लिया करते है,न जाने कैसे अपनी बातों से रोते रोते मुझे हसा दिया करते है।
अकेली रहूं कभी तो उनकी परछाई भी मेरी हिफाजत करती है, आज मै जो भी हूं जैसी भी हूं मानो उनकी ही देन हूं।
मेरी बोलने की तहजीब में वो है, मेरे हर अंदाज में वो है।मेरे छुपे हुए हुनर को निखारने वाले भी वो है,मेरी हकीकत से परिचय करवाने वाले भी वो है, हां वो पहला प्यार है मेरे हां वो पापा है मेरे।
दूर रहती थी उनसे लेकिन उनको हर चीज कि भनक पड़ जाती हैरानी तो तब होती थी बीमार होती या फिर हॉस्टल में रात भर रोई हूं, ये बात भी उनके सपने में आ जाया करती थी। हां वो पापा है जो हमसे भी ज्यादा हमे समझा करते हैं।
ऐसा नही है कि हम एक दूसरे को सब बताया करते हैं ना मैं अपने एहसास को हमसे बयां कर पाती हूं न वो अपने दर्द हमे बताया करते है,वो तो हम ही एक दूसरे की आंखो को पड़ दिल की बातों को समझ लिया करते है।
Love you daddy