हसो और हसाओं Read Count : 142

Category : Poems

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हसी घूमती है,
हसी गूंजती है,
हसी चहकती है,
हसी महकती है,
हसी अनमोल है,
हसी, मुख के बोल है,
एक चेहरे से दूसरे चेहरे पर,
 जब आ जाती है,
खुशियों-सी छा जाती है,
हसी बहार लाती है,
हसी निखार लाती है,
हसी मधुरता लाती है,
हसी सुंदरता लाती है,
गमों को भुला देती है,
क्रोध को सुला देती है,
सबको स्वस्थ बनाती है,
शुरू करो, हसी की झंकार
स्वयं हसो, 
औरों को भी हसाओ,
 अपने जीवन को, 
व्यर्थ चिंता में न बहाओं।

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