
तेरे ख़्वाब
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Category : Poems
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तेरे ख्वाबों के सहारे ,चलती कश्ती ये किनारे ,ऊपर से दरिया का पानी बेहिसाब ।अब तो मंजिल तुझको पाना ,तेरी चाहत में खो जाना ,अफ़साना कहती है दिल की ये किताब ।तेरे ख्वाबों के सहारे ,चलती कश्ती ये किनारे ,ऊपर से दरिया का पानी बेहिसाब ।तेरा रूठना और मनाना,कर देगा मुझको मनमाना ,जुगनू बन लूटेंगे हम भी आफ़ताब ।शाकी बन समझाने आजा ,दिल का दर्द मिटाने आजा ।झड़ते मोती आँखों के देखे एक ख़्वाब ।तेरे ख्वाबों के सहारे ,चलती कश्ती ये किनारे ,ऊपर से दरिया का पानी बेहिसाब ।तेरी यादों से दिन कटते ,हम भी मस्त मगन हैं रहते ,जाएंगे भी तो हम जाएंगे कहाँ ।तू ही राही तू ही मंजिल ।तेरी आँखे जैसे ऊर्मिल ।इनमें डूबे तो पाएंगे आसमां ।तेरे ख्वाबों के सहारे ,चलती कश्ती ये किनारे ,ऊपर से दरिया का पानी बेहिसाब ।✍️ धीरेन्द्र पांचाल
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