लंका में बजरंगबली Read Count : 101

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( रावण की सभा में हनुमान जी अपने माता का स्मरण करते हैं )

सनेह दिहे न कलेस दिहे न बिदेश में तू बिमलेश लुटाए ।
हे माई गोहार ह तोसे हमार आशीष से तू हमके दुलराए ।
ब्यथा में कथा का सुनाई तोहें मोरे नाव क भाव न गिरे उठाए ।
पोंछ  जरे  त  जरे  न  जरे  मोर  मोछ  रे  माई तू लाज बचाए ।

आशीष भी ह शुभाशीष भी ह तू तपिश में ना तनिको अकुलाए ।
दशकंध  घमण्ड  उखाड़ी  देहे  न  पछाड़ी  भगे न तनि घबराए ।
राम क नाम लिहे सरेआम तू काम कुल्हि ओनही से कराए ।
हे लाल  कमाल  करे भरपूर  तू पूत  हमार  हंसी न कराए ।

✍️ धीरेन्द्र पांचाल

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  • Jan 16, 2022

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