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Category : Poems

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इतनी मशक्कत से पाया है तुझे
भुलाना मत अब यादों से मुझे

हर रोज़ मोहब्बत- मोहब्बत करता है
कभी चूम के भी बता मुझे

कभी रात में छ्त पर आया करो न
चांद भी देखे चांद-सा चमकते तुझे

ये पहली मर्तबा इश्क़ है मेरा                                   •••dhruv
कभी ख़ुद से मिला मुझे
 
कहां जाऊँ दर्द से निज़ात के लिए
ज़रा अपने घर का पता तो दे मुझे

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