" अरकान " Read Count : 120

Category : Stories

Sub Category : Romance
मैंने दिल इस क़दर उससे ही लगाकर रखा है
उसको यादों में बस सब भुलाकर ही भर रखा है।

मुझको बारिश में भीगे एक ज़माना हो गया पर
अब भी उसकी एक छुवन ने ही मुझे तड़पा रखा है। 

वो भी यारों .... चाहने वालों से कोई कम नहीं है
जिसने मेरे दिल को अपने कब्ज़े में कर रखा है।

माथे की तो इन लकीरों में, कुछ भी नहीं रखा
तेरे हाथों में मगर, तेरा मुकद्दर रखा है

क्या कहा बुज्दिल हूँ मैं, कुछ तुमको ऐसा लगता है,
मैंने अपने हथेली पे देख लो सर रखा है।

Shivkumarbarman ✍️

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  • Jan 30, 2022

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