मोदी क शासन Read Count : 52

Category : Poems

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एक हाथे दारू क बोतल आ टोटल हव ,
होटल में बाबू क रुपिया गिनात हव ।
घरे के खर्ची क पर्ची देखावेलन ,
दाल रोटी किने में आफत जनात हव ।
बकुली संवार रोज टिकुली निहारेलन,
सड़की पर लईकीन के बोली बोलात हव ।
मुँहवा बिदोर झकझोर देलन बाती से ,
मोदी क शासन बस इनके चबात हव ।

✍️ धीरेन्द्र पांचाल

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