
मोदी क शासन
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Category : Poems
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एक हाथे दारू क बोतल आ टोटल हव ,होटल में बाबू क रुपिया गिनात हव ।घरे के खर्ची क पर्ची देखावेलन ,दाल रोटी किने में आफत जनात हव ।बकुली संवार रोज टिकुली निहारेलन,सड़की पर लईकीन के बोली बोलात हव ।मुँहवा बिदोर झकझोर देलन बाती से ,मोदी क शासन बस इनके चबात हव ।✍️ धीरेन्द्र पांचाल
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