
दिवाली में
Read Count : 254
Category : Poems
Sub Category : N/A
फुलझड़ियों के पैसे तुम भी ,कर दो दान दिवाली में ।।ख़ुद के हाथों बिक ना जाए ,स्वाभिमान दिवाली में ।।बच्चों के इस भूखे तन को ,किस मज़हब का चादर दूँ।।सड़क किनारे सिसक रहे थे ,कूड़ेदान दिवाली में ।।मिष्ठानों का वितरण कर तुम ,पा गए मान दिवाली में ।।भूखे कंधे आकर मिलते ,हैं शमशान दिवाली में ।।छप्पन इंची वाले सिने ,पर कैसे अभिमान करूँ ।।बिलख रहे थे देख के हालत ,कूड़ेदान दिवाली में ।।✍🏻धीरेन्द्र पांचाल .........