
जीवन
Read Count : 176
Category : Poems
Sub Category : N/A
जीवन एक संघर्ष है,जिसे लड़ते जाना है।राह में धूप मिले या छाव, बस चलते जाना है।।मंजिलें धुंधली दिखें,रास्ते भटकते दिखें,हौसला डगमगाता दिखे,ख्वाब बिखरते दिखें,आत्मबल गिरता दिखे,रिश्ते टूटते दिखें,तू हालातो से हारना नहीं,आशा की लौ बुझाना नहीं।मंज़िल मिलेगी देर से ही सही ,तू हौसला रख।तब तक खुद से ही तुझे खुद को हराते जाना है।।कुछ एहसास ,कुछ ख्वाब,कुछ उम्मीदें ,तुझे खुद से ही लगाते जाना है।।ये दुनिया टेकेगी अपने कदम ,एकदिन तेरे दर पर।तब तक तुझे आत्म- विश्वास पर ,खुद को चलाते जाना है।।- प्रतिज्ञा यादव
Comments
- No Comments