
Writing 081
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Sub Category : Motivation
उस शब्द लिखना कितना सुखद होता हैमैंने लिख कर के जान लिया...कलम जब लिखने को चली तबमैंने खुद को पहचान लिया...मन के भाव व ह्रदय की उस पीड़ा कोउन उदगारों को ही भांप लिया...दिल कितना गहरा घाव लगा हैअपना वो लहू गिरा तो नाप लिया...सब कहते हैं कि पढ़ना आसान हैक्या सच में पढ़ना जान लिया ?..." किसी के दर्द जब तुम पढ़ पाओ " तोतब समझो की खुद को पहचान लिया...वो बिना शोर की आवाज़े हीबहुत दूर दूर तक जाती है...इनको तुम ज़ब सुन पाओ तोसमझो की किसी का दर्द जान लिया...हमने तो सबको जाना सबको समझालेकिन हमने ये भी याद रहा..खुद भी एक धरोहर हूँमैंने उसे ही लिखकर मान लिया..---------------------------------------------S.K.BRAMAN
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