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देखो!देखो!आया सावन का पावन महीना !
बहना ने लाई भाई के लिये उपहार,
आया आया राखी का त्योहार !
आया आया राखी का त्योहार !

सूनी आंगन की चहकती महकती तू बगिया !
बहना ओ बहना तू है भाईयों की लाज का गहना ।
जब मायके से ससुराल जायेगी,पगली तेरी याद रोज सतायेगी ।
दूर हो तो भी मिलने की तड़प,

खुदा ने दिल में बसाया भाई बहन का प्यार !
आया आया राखी का त्योहार !
नाम हो रोशन तेरा मेरे भैय्या,
कलाई में बांधी है दूआं की डोर मेरे भैय्या,

जब भी कोई मुश्किल पड़े बहना पे,
मुश्किल कुशा बनकर लाज रखना भय्या ।
भाई बहन का प्यारा रिश्ता हर जनम निभाना।
आया आया राखी का त्योहार !

जब तू ससुराल चली जायेगी ,
आंगन, बगिया मुरझायेगी,
भय्या कहकर कौन मुझे पुकारेगा,
दिदी ना मैं बोल पाऊंगा ।

बचपन के खेल खिलौने यादें बनकर रह जायेंगी,
हंसना भी मुश्किल हो जायेगा।
आया आया राखी का त्योहार !
सबसे प्यारा, अनोखा है रिश्ता भाई बहन का,

इस संसार में निराला है रिश्ता भाई बहन का।
बहना की आवाज़ पे भाई चले आते हैं,
तो हर सुख दुःख में बहना ही काम आती है।
कच्ची डोर से पक्के रिश्ते, भाई बहन के देखो कैसे होते हैं,

जैसे फुल से खुशबू अलग कहा होते हैं।
आया आया राखी का त्योहार।

शिव कुमार बर्मन 

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  • Nov 06, 2021

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