पत्रकार Read Count : 239

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Sub Category : Politics
में पत्रकार हूँ 
तपती दोपहर में , अँधेरी रात में 
या फिर बरसात में हमेशा तैयार हूँ 
में पत्रकार हूँ
चाहे ख़ुशी हो या गम, हर जगह होते है हम
जनता की आवाज की बुलन्द हुंकार हूँ
में पत्रकार हूँ
दौड़ता हूँ भागता हूँ लाता हूँ ढूंढ कर सच्चाई में
फिर भी  देखते है शक की निगाह से हमे, हर पीढ़ा सहने वाला में कलमकार हूँ
में पत्रकार हूँ
में चलता हु दिन रात , जलता हूँ हर बक्त
तब कही समाचार  बनते है
उन्ही समाचारो से सजा में अख़बार हूँ 
में पत्रकार हूँ

Comments

  • Molka Hathab

    Molka Hathab

    molka

    Apr 04, 2017

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