नफरतों के दौर मे Read Count : 104

Category : Poems

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इस दुपहरी में चलते-चलते तपती हुई 
हर किसी को घने वृक्ष की छांव चाहिए... 
इस नफरतों के दौर में घुमते- घुमते 
हर किसी को प्यार की बारिश चाहिए...

चाहे इस ज़मीन पर आदमी हो या न हो 
पर उस आसमान में मेरा परवर दिगार है 
इस दुनिया में झूठ से लबालब भरी है 
आज हर किसी को नेक दिल इंसान चाहिए


S.K.BRAMAN 

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  • Aug 13, 2021

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