Rukh Read Count : 151

Category : Poems

Sub Category : N/A
रुख़ हवाओं का मोड़ दिया हमने
साथ जबसे उनका मिला
साथ तन्हाइयों का छोर दिया हमने।

आलम क्या होती है खुशी की
ये तब जाना 
 उनके नाम से अपने नाम को जब जोड़ दिया हमने।

Comments

  • No Comments
Log Out?

Are you sure you want to log out?