
मेरा मोबाइल
Read Count : 198
Category : Poems
Sub Category : N/A
जब थोड़ा अकेला महसूस हुआ
तो कोई और याद आया नही
जब पीछे मुड़ के देखा तो किसी ओर को
पाया ही नहीं
इतनी गरीबी आ गईं है आज कल
इस दुनिया में
के मोबाइल से अच्छा
दोस्त मेने कोई पाया ही नही
सुनेगा हमेशा मेरी
फालतू की सुनाएगा नही
दोस्त दोस्त कह कर
जलील कराएगा नही
समय पर काम आने के साथ साथ
कभी मुझे अपनी फ्रेंडशिप की लिस्ट से हटाएगा नही
कुछ बुराइयां है भी इसमें
पर इंसानों की बुराइयों को मुझे
आकर सुनाएगा नहीं
@manu
Comments
- No Comments