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Category : Poems
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क्या बताऊं दास्तां आँखों की उनकी शरारत करती निगाहों की,,,जब भी वो मुझे निहारते हैं मैं शर्म से पानी पानी हो जाती हूं।।वो पहरों पहर मेरी आंखों को देखते हैं,,,मैं अक्सर उनसे अपने दिल की बातें आँखों से कह देती हूं।।वो इस कदर मेरी ओर कदम बढ़ाते हैं मुझे अपनी बाहों में बड़े प्यार से बुलाते हैं,,,मैं उनकी इस अदा को देखकर उन पर फिदा हो जाती हूँ उनके पास आते ही बहक जाती हूँ।।S.K.BRAMAN
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