गुरू
Read Count : 72
Category : Blogs
Sub Category : Spirituality
गुरु ज्ञान है,प्रकाश है,ज्योति है,गुरु नैतिकता के धागो में पिरोया हुआ मोती है,
गुरु वायु है, अम्बर है, अवनी है, शेष है,गुरु ब्रह्मा है,विष्णु है, महेश है,
गुरु श्रम है,तप है,दान है, गुरु सुर्ष्टि का अनुपम वरदान है,
गुरु जल है,थल है,अग्नि है,आकाश है, गुरु जीवन के फूलों में खुशबू का वास है.
गुरु दिन है ,दिनकर है,शशि है,तारा है, गुरु नितांत सागर का एक सुखांत किनारा है,
गुरु श्रुति है ,शास्त्र है,वेद है, पुराण है, गुरु तप है ,क्षमा है ,दया है,दान है,
गुरु अर्थ है,धर्म है, मोक्ष है, गुरु श्रद्धा में प्रत्यक्ष है,छल में परोक्ष है,
गुरु कविता है,दोहा है,छंद है, मंत्र है, गुरु प्रारंभ है,मध्य है ,आदि है,अंत है ,
गुरु अनिल है,अनल है,अतल है वितल है, गुरु समय की पृष्ठ्भूमि का सुनहरा कल है ,
गुरु पिता की डाट है,ममता की लोरी है, गुरु दादा की ऊँगली है दादी की कटोरी है,
गुरु अभिसिप्त आकांक्षावो की परिपूर्णतम ढोरी है,गुरु बहन का प्यार है,राखी की डोरी है ,
गुरु गौरव है,गीता है,ज्ञान है,गंगा है,गुरु हिमालय की चोटी पर लहराता हुआ तिरंगा है,
गुरु कृष्ण की वंशी है,राघव का बाण है,गुरु बाइबल है,गीता है,ग्रन्थ है,कुरान है,
गुरु बुद्धता की शुध्दता का पारलौकिक प्रमाण है,गुरु भारत में रत एक अविरल हिन्दुस्तान है
श्री गुरुवे नमः