
तुझे छोड़ना,
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Category : Poems
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तुझे छोड़ना इतना आसान भी नहीं हो जाता,
जैसे जैसे छोड़ने के दिन पास आते है,
वैसे वैसे लगता है ये समय आगे क्यों नही बढ़ जाता
या फिर यह समय थम सा क्यू नही जाता।
तुझे छोड़ना इतना आसान भी नहीं हो जाता,
जब में तैयारी करने लग जाता
और जब समान भी पैक हो जाता है
दिल कुछ अलग की अपनी कहानी बनाता।
तुझे छोड़ना इतना भी आसान नही हो जाता ,
जब गाड़ी घर के बाहर दरवाजे पर दस्तक देती
जब सब दरवाजे पर विदा करने को खड़े होते
तब तो मन कुछ भर सा आता
जज्बातों का सैलाब कुछ उमड़ जा जाता
बस वो में छलका नही पाता ।
बस तब तुझे छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता,
सच में यार तू याद तो बडा आता
बस में कुछ कर नही पाता
अपनी इस जिमेदारियो में रह सा जाता
फस सा हूं जाता कुछ मजबूर सा हो जाता
यार" घर" तू सच मे बडा याद आता ।
........Written by manu
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