Kitni Bate Hai
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Category : Poems
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कहने को कितनी बाते है
पर सुनने वाला कोई नही ,
कहने को कितनी उम्मीदें है ,
पर उस खरा उतरनेवाला कोई नही ।
इस डिजिटल दुनिया मे ,
समय देने वाला कोई नही ।
कहने को कितनी नाराजगी है ,
पर मनाने वाला कोई नही ,
कहने को कितने अपने है,
पर वक्त पर काम आ जाए ऐसा कोई नहीं ।
कहने को कितने दोस्त है ,
जो बिना कहे दिल की बात समझ जाए ऐसा कोई नही।
कहने को कितने सपने है,
पर सब पूरे हो जाए ऐसा जरूरी नही।
कहने को ये जिंदगी लंबी है,
पर कब खत्म हो जाए पता नही ।
इसीलिए कहती हूं अपनो को समय दे दो,
बाद में पछताने से कोई लाभ नहीं ।🙏
Written by m@nu
उद्देश्य; यह अस्तित्व नश्वर है ,आपके अपने आपके कुछ पलों के जरूरतमंद है न की आपके पेसो के भूखे है , अपनो की कीमत करे ,अब पछताए होत क्या ,जब चिड़िया चुग गई खेत ।
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