
कहीं हार न जाना साथी %
Read Count : 132
Category : Poems
Sub Category : N/A
कहीं हार न जाना साथी रे....
चलते जाना ,बढ़ते जाना
पर रुकना नही साथी रे...
हालातो से उलछते जाना,
संभलते जाना ,पर टूट ना जाना
साथी रे....
राहों पर अड़ सा जाना ,
पर राह को न मोड़ लेना,उसको न छोड देना
साथी रे....
कमल उंगे कीचड़ में पर रहे हमेशा बेदाग,
तू ये भूल न जाना
साथी रे..
मंजिल को पाने की कोशिश करना ,
पर अपनी पहली पहचान तू भूल न जाना
साथी रे.
आए हजार मौके पर तू,
छोटा रास्ता (गलत) न अपनाना
साथी रे.
फूल से एक गुण ले लेना , काटे होकर भी तू,
खिल कर दिखाना
साथी रे.
कही तू हार न जाना साथी रे.........
...Written by m@nu
Comments
- No Comments