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Category : Books-Fiction

Sub Category : Horror

द डॉल मैन - 5


मार्विन बहुत ही सावधानी पूर्वक अपने कमरे के दरवाजे को खोलता है ताकि दरवाजे के खुलने की आवाज़ किसी के कानो तक न पहुंच पाए, वह गश्त लगाने वाले उस बंदे को देखना चाहता था जो इतनी रात में बाहर टहलने निकला था। मार्विन देखता है कि कुबड़ा ओलिवर अपने ऊपर कम्बल डाल कर घर के मुख्य दरवाजे को खोलकर बाहर जाने का प्रयास कर रहा था, उसकी नज़र अब तक मार्विन पर नहीं पड़ी थी।

"ये इतनी रात में चोरों की तरह कहाँ जा रहा है, गुरु दाल में ज़रूर कुछ काला है... ये कुबड़ा इतना सीधा नहीं है जैसा प्रतीत होता है, इसके इस राज़ का तो पता लगाना ही पड़ेगा", मार्विन ने ओलिवर को रात में चोरों की तरह निकलते हुए देख कर ख़ुद से कहता है, उधर इस बात से अनजान ओलिवर धीरे से दरवाजे को खोलकर घर से बाहर निकल जाता है। मार्विन भी अपना ओवर कोट डालकर उसके पीछे-पीछे चल देता है।

रात अपने चरम पर थी, चारों ओर से भेड़ियों की भयानक आवाज़ें दिल दहला देने के लिए काफ़ी थीं पर फ़िर भी दो लोग ऐसे थे जिन्हें इस बात की परवाह बिलकुल नहीं थीं। ओलिवर को अपनी मंज़िल तक पहुंचने की जल्दी थी वहीं दूसरी ओर मार्विन को इस बात का पता लगाने की तीव्र इच्छा थी कि कुबड़ा ओलिवर कहाँ और क्या करने जा रहा है। कुछ ही देर में छोटी पहाड़ी का इलाका शुरु हो जाता है और जंगल से आ रही उन भेड़ियों की आवाज़ भी अब दबने लगी थी, ऐसे में ओलिवर को एहसास होता है कि कोई उसके पीछे चल रहा है, ओलिवर चलते- चलते अचानक रुक जाता है और तुरंत ही पीछे मुड़कर देखता है, वहाँ कोई नहीं था चतुर मार्विन पास ही एक पेड़ के पीछे छुप गया था और ऐसा ओलिवर के कुबड़ेपन के कारण था, वह आम लोगों के मुकाबले कुछ धीमा था, उसे चलने में भी काफ़ी परेशानी होती थी, झुका हुआ शरीर आखिर कितना तेज़ चल सकता था। ओलिवर देखता है कि पीछे कोई नहीं है वह फिर से मुड़कर अपनी मंज़िल की ओर बढ़ने लगता है, मार्विन भी पेड़ के पीछे से निकलकर दुबारा पीछा करने लगता है लेकिन इस बार वह और थोड़ा होशियारी से ऐसा करता है क्यूँकि उसे इस बात का पता चल गया था कि ओलिवर को शक़ हो गया था कि कोई उसका पीछा कर रहा है।

"ऐसा लग रहा है कि कोई मेरे पीछे चल रहा है, सूखे पत्तों की आवाज़ साफ़ मेरे कानों तक पहुंच रही है... कौन हो सकता है ", ओलिवर ख़ुद से कहता है और एक बार फिर चलते- चलते रुक जाता है पर एक बार फिर से उसके हाथ निराशा ही लगती है क्यूँकि फ़िर से उसकी धीमी गति और पेड़ का सहारा लेकर मार्विन ख़ुद को छुपाने में कामयाब हो जाता है।

" ये कुबड़ा तो बहुत ही बड़ा खिलाड़ी निकला... इसे दुबारा शक़ हो गया कि कोई इसका पीछा कर रहा है, इसके कान काफ़ी तेज़ मालूम पड़ते हैं", मार्विन पेड़ के पीछे छुपकर ओलिवर की ओर देखते हुए ख़ुद से कहता है।

"लगता है कोई नहीं है, शायद मेरे ही कानों को धोखा हुआ हो... ख़ैर कुछ देर रुक कर देखता हूँ फ़िर आगे अपनी मंज़िल की ओर निकलूंगा ", ओलिवर मौके की नज़ाकत को समझते हुए ख़ुद से कहता है और थोड़ी देर वहीं रुक कर फ़िर से आगे की ओर बढ़ता है। मार्विन पेड़ के पीछे से निकलकर फ़िर से उसका पीछा करने लगता है।

इस बार ओलिवर थोड़ा ज़्यादा ही सतर्कता से आगे बढ़ रहा था और मार्विन उससे भी ज्यादा सतर्कता से उसका पीछा कर रहा था।

ये ओलिवर का दुर्भाग्य था कि उसके कंधों के ऊपर पूरी दुनिया का भार परमात्मा ने रख दिया था जिसका भरपूर फायदा मार्विन उठा रहा था और ओलिवर का पीछा करने में उसे ज़्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा था क्यूँकि उसकी गति इतनी तेज़ नहीं थी।

काफ़ी दूर चलते हुए एक बार फिर से ओलिवर को ऐसा लगने लगता है कि कोई उसका सही में पीछा कर रहा है, वह फिर से रुक कर पीछे पलट कर देखता है, "कौन हो सकता है जो आज इस तरह से पीछा कर रहा है... ऐसा पहले तो कभी नहीं हुआ, घर में जो मेहमान आयें हैं वो तो शराब पीकर सोए पड़े होंगे, उनमें से तो कोई नहीं हो सकता है, फिर ये कौन है जो इतनी रात में पीछा कर रहा है सोने के बजाए... कोई दिख भी तो नहीं रहा है", ओलिवर ख़ुद से ही कहता है और इधर उधर अपना पीछा करने वाले को देखने लगता है।

" ओहो... ये कुबड़ा तो चलते हुए बीच बीच हर बार पीछे मुड़कर देखता है, पता नहीं आज पहुंचेगा कि नहीं, एक तो चलता ही धीरे - धीरे है ऊपर से बार - बार पीछे जासूसी करता फ़िर रहा है ", एक बार फिर से ओलिवर की धीमी गति का फायदा उठाकर पेड़ के पीछे छुप कर मार्विन ख़ुद से कहता है। वह कच्ची सड़क के किनारे उगे हुए पेड़ों का भरपूर फायदा उठा रहा था ख़ुद को छुपाने में। ओलिवर काफ़ी देर तक रुक कर अपना पीछा करने वाले को देखता है पर उसे कोई भी व्यक्ति दिखाई नहीं देता है यहाँ तक कि कोई जानवर भी मौजूद नहीं थे। 

" लगता है कि कोई नहीं है इस बार फिर से धोखा हुआ है... अब आगे की ओर बढ़ता हूँ काफ़ी देर हो गई इसी चक्कर में, बार - बार पीछे ही देखता रहूँगा तो सुबह हो जाएगी और अपना काम नहीं निपटा पाऊँगा जिस कारण रात में निकला हूँ", ओलिवर ने उसी जगह खड़े - खड़े हर दिशा में देखते हुए ख़ुद से कहता है।

" अरे कुबड़े आगे क्यूँ नहीं बढ़ता है... गुरु लगता है कोई बड़ा हाँथ मारने के लिए रात में निकला है, अगर ऐसा न होता तो इसे पकड़े जाने का डर नहीं होता और ये बार - बार पीछे मुड़कर न देख रहा होता, ये ज़रूर कोई ऐसा काम करने जा रहा है जिसके बारे में ये किसी को पता नहीं चलने देना चाहता है ", पेड़ के पीछे से छुप कर ओलिवर को देखता हुआ मार्विन ख़ुद से कहता है और पेड़ के पीछे तब तक छुपा रहता है जब तक ओलिवर को पूरी तरह से तसल्ली नहीं हो गई कि उसके पीछे कोई भी नहीं है।

                        To be continued... 

               ©IVANMAXIMUSEDWIN  



द डॉल मैन - 6



"आह... अरे ये मार्विन कहाँ लापता हो गया इतनी रात में, चारों तरफ जंगल से भेड़ियों के रोने की डरावनी आवाज़ें आ रही हैं, ऐसे में मार्विन को कौन सा काम आन पड़ा जो रात ही में निकल पड़ा वो भी बिना मुझे बताए, लगता है आज इस इलाके की छानबीन करते हुए कुछ बहुत ज़रूरी हाथ लगा है इसलिए बच्चू बिना बताए निकल पड़ा... इतने सालों का भरोसा पल भर में तोड़ दिया, ज़रा कमरे से बाहर देखता हूँ हो सकता है वहीं पर मौजूद हो और मैं बेवजह ही परेशान हो रहा हूँ ", नशा टूटते ही डेनियल भी नींद से जाग कर अंगड़ाई लेते हुए मार्विन के बिस्तर की ओर देखता है, उसे बिस्तर पर न पाकर मार्विन ख़ुद से कहता है और एक बार कमरे के दरवाजे से बाहर हॉल की ओर देखने का प्रयास करता है।

" अरे यहाँ तो कोई भी नहीं है, आखिर मार्विन कहाँ जा सकता है... ये जगह भी उसके लिए उतनी ही अनजान है जितनी मेरे लिए फ़िर ऐसे में उसे अकेले जाने की ज़रूरत क्यूँ पड़ गई, कहीं ऐसा तो नहीं है कि मार्विन का इरादा अब बदल गया हो और वह मुझे ही धोखा देना चाहता हो वर्ना आज तक उसने मुझे कभी कुछ बताए बिना नहीं किया... हम दोनों का संबंध सगे भाइयों से भी बढ़कर था, तो फिर आज मार्विन के हाथ ऐसा कौन सा राज़ लग गया जो इतने पुराने संबंध पर शक़ की दरार आ गई...मार्विन इस जगह पर आते ही बदल गया है ", डेनियल ने पूरे घर में मार्विन को तलाश किया पर उसे कहीं भी न पाकर निराश होते हुए ख़ुद से कहा। डेनियल को अब मार्विन के इरादों पर शक़ होने लगा था कि वह इस लूट में उसके साथ शायद हेरा फेरी करने की सोच रहा है। 


इस बात की तसल्ली हो जाने पर कि कोई ओलिवर का पीछा नहीं कर रहा है, वह अपनी मंज़िल की ओर एक बार फिर से बढ़ना प्रारम्भ करता है, ओलिवर धीरे - धीरे अपनी मंज़िल की तरफ़ बढ़ रहा था और उसी के पीछे - पीछे चतुर मार्विन भी उसी ओर बढ़ रहा था जहाँ ओलिवर को जाना था। काफ़ी देर यूँही आँख मिचौली का खेल खेलकर ओलिवर को पहले ही काफ़ी देर हो गई थी फ़िर भी वह इस बात को नज़रअंदाज़ करते हुए चला जा रहा था। 

"लगता है कि ये कुबड़ा कोई ख़ास खिचड़ी पकाने के इरादे से इतनी रात में निकला है... अब पता ये करना है कि यह इसका रोज़ का काम है या फिर आज इसके हाथ कोई ख़ज़ाना लगने वाला है, इसका पता तो तब तक नहीं चलेगा जब तक कि अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँचता है, चलता भी तो बहुत धीरे - धीरे है ", मार्विन ने ओलिवर का पीछा करते हुए ख़ुद से कहा, वह इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखे हुए था कि ओलिवर उसे देख न ले। 

" लगता है कि फ़िर से कोई मेरे पीछे पीछे चल रहा है, पता नहीं कौन है जो इतनी बुरी तरह से हाँथ पैर धोकर पीछे पड़ा हुआ है... कहीं कोई पहचान वाला तो नहीं जिसे मुझ पर शक़ हो गया हो और वह छुप कर ये देखना चाहता हो कि मैं कहाँ आता जाता हूँ, यदि ऐसा है तो ये एक चिंता का विषय है क्यूँकि जो राज़ मैंने इतने सालों से छुपाकर रखा है वह सभी के सामने आ जाएगा... पर अब बार - बार रुक कर पता लगाने का समय नहीं, जो भी हो अगर कोई पीछा कर भी रहा है तो मेरी पकड़ में आने वाला नहीं है और मेरे पास इतना समय भी नहीं बचा है कुछ ही देर में सुबह हो जाएगी उससे पहले मुझे आज का काम निपटाना ही पड़ेगा", कुबड़े ओलिवर ने पीछा करने वाले की आहट मिलते ही ख़ुद से कहा पर इस बार वह रुक कर पीछा करने वाले को देखने के मूड में बिलकुल भी नहीं था, उसे तो अपनी मंज़िल पर पहुंच कर अपना काम निपटाने की जल्दी थी क्यूँकि थोड़ी ही देर में सुबह होने वाली थी और उस इलाके में सुबह - सुबह ओलिवर की मनहूस सूरत कोई भी  देखना नहीं पसंद करता। इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए ही ओलिवर ने रात का ही वक़्त अपने काम के लिए मुनासिब समझा। 

इसी तरह से चलते चलते कुछ ही देर में वह अपनी मंज़िल तक पहुंच गया, अपनी जेब से एक चाभी निकाल कर ओलिवर ने बंद ताले को खोला और उस इमारत के अंदर प्रवेश कर गया, अंदर उचित प्रकाश के लिए उसने अपनी जेब से एक मॉमबत्ती निकाल कर माचिस से जला ली, उस इमारत के बाहर खड़ा मार्विन एक शीशे की खिड़की से अंदर घटित घटनाओं को अच्छी तरह से देख रहा था... एक उचित खाली स्थान पाते ही ओलिवर ने अपनी जेब से कुछ और मॉमबत्तियां निकाल कर जला लीं, अब चारों ओर अच्छा खासा प्रकाश फैल चुका था, मार्विन को भी बाहर से अंदर देखने में ज़्यादा कष्टों का सामना नहीं करना पड़ रहा था, वह शांतिपूर्वक अन्दर घटित होने वाली घटनाओं को देख रहा था।


"काफ़ी देर हो गई और मार्विन अब तक नहीं लौटा... कहीं भेड़ियों का शिकार तो नहीं हो गया, वैसे भेड़िये रात में ज़्यादा आक्रामक हो जाते हैं और झुण्ड बनाकर अपने शिकार पर हमला करते हैं, ऐसे में बेचारा मार्विन अकेले क्या करेगा, वैसे मुझे इस बात पर बिलकुल यकीन नहीं है कि वह भेड़ियों का शिकार हो सकता है, वह ज़रूर कोई बड़ा हाथ मारने गया होगा... अरे ये छोटी पहाड़ी की ओर से कौन भागा चला आ रहा है, कहीं ये मार्विन तो नहीं है लेकिन ये इतनी बुरी तरह से क्यूँ भाग रहा है जैसे भूत देख लिया हो, वह अनजान शख्स इसी घर की ओर भागते हुए आ रहा है ", डेनियल नदी के किनारे कुबड़े ओलिवर के घर पर बैठा अपने साथी मार्विन के बारे में विचार करते हुए ख़ुद से कहता है कि तभी अचानक उसे एक अनजान साया छोटी पहाड़ी से घर की तरफ़ भाग के आते हुए दिखाई पड़ता है, डेनियल इधर-उधर देखता है और अपनी सुरक्षा के लिए पास ही रखी एक कुल्हाड़ी हाथ में उठा लेता है।

                        To be continued... 

                 ©IVANMAXIMUSEDWIN 


द डॉल मैन - 7



वो अनजान साया अंधकार में तेजी से ओलिवर के घर की ओर बढ़ रहा था, इस बात से बिलकुल अंजान होकर कि घर में एक शख्स और भी मौजूद है। डेनियल पूरी तैयारी के साथ उसका इंतजार कर रहा था। अपना खुद का दिमाग चलाते हुए डेनियल ने प्रवेश द्वार को पहले ही अंदर से बंद कर दिया था अपनी सुरक्षा हेतु और एक खिड़की से बाहर का सारा नज़ारा देख रहा था। वह शख्स जैसे ही जैसे उस घर के नज़दीक पहुंच रहा था डेनियल के दिल की धड़कन और तेज बढ़ रही थी।

"कौन हो सकता है वो... इतनी रात में उसने ऐसा क्या देख लिया होगा जो इस कद्र भागता चला आ रहा है, कहीं इसके पीछे और लोग तो नहीं पड़े हैं जिनसे ये जान बचाकर भाग रहा है... कहीं ये अपने साथ - साथ मुझे भी मुसीबत में न डाल दे", डेनियल खिड़की से उस शख्स को भागते हुए अपनी ओर आता देख कर ख़ुद से ही कहता है। वह शख्स अब काफ़ी करीब आ चुका था, डेनियल यह देखकर दिवार का सहारा लेकर पीछे छुप जाता है ताकि उस पर किसी की नज़र न पड़े। वह शख्स घर के मुख्य दरवाजे के नज़दीक पहुंच जाता है और दरवाजे को अंदर से बंद पाकर उसे बुरी तरह से पीटने लगता है, दरवाजे पर बुरी तरह से दस्तक सुन कर डेनियल काफ़ी घबरा सा जाता है। 

"क... क... कौन है जो इतनी रात में इस तरह से दरवाजे को पीट रहा है, म... मेरे पास हथियार है मैं बता रहा हूँ, अगर होशियारी दिखाने कि कोशिश की तो अंजाम बहुत बुरा होगा", डेनियल ने दरवाजे पर दस्तक सुन कर डरते हुए स्वरों में उस अजनबी को डराने कि कोशिश करते हुए कहा।

" अरे... ये मैं हूँ मार्विन... मैं कहता हूँ जल्दी से दरवाजा खोलो वर्ना बहुत बड़ा अनर्थ हो जाएगा ", मार्विन ने कांपते हुए स्वरों में डेनियल के सवाल का जवाब दिया। मार्विन की आवाज़ सुनते ही डेनियल की जान में जान आई, उसने कुल्हाड़ी को एक किनारे रखा और दरवाजे को खोलने के लिए आगे बढ़ा। दरवाजा खुलते ही बेहाल मार्विन घर के अन्दर प्रवेश करता है, वह पूरी तरह से पसीने से लथपथ था। वो डेनियल की तरफ़ क्रोध से देख रहा था और डेनियल उसकी ओर आश्चर्य से। 

"क्या हो गया था तुम्हें दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यूँ लगा दी", मार्विन ने डेनियल की ओर क्रोध से देखते हुए पूछा। 

"पहले तुम बताओ... तुम इतनी रात में बाहर क्या करने गए थे और इस तरह से भागते हुए क्यूँ आ रहे हो जैसे कोई भूत देख लिया हो", डेनियल ने मार्विन के सवाल का जवाब न देते हुए उससे रात में गायब होने और भागकर वापस आने की वजह के बारे में पूछ लिया। 

"बताता हूँ... बताता हूँ... पहले थोड़ी साँस तो ले लूँ, एक ग्लास पानी मिलेगा क्या ", मार्विन ने डेनियल से कहा और साथ ही पीने के लिए पानी मांगा। डेनियल उसे एक ग्लास में पानी लाकर दे देता है जिसे मार्विन इस तरह से पीता है जैसे जन्म - जन्म का प्यासा हो। 

"तो बताओ... क्या करने गए थे इतनी रात में और कहाँ से क्या देख कर आ रहे हो ", डेनियल ने मार्विन से पूछा। 

"आज रात जब मेरी नींद खुली तो किसी को कमरे के बाहर गश्त लगाते हुए देखा, वह कोई और नहीं बल्कि हमारा मकानमालिक कुबड़ा ओलिवर था... वह कहीं बाहर जा रहा था चोरों कि तरह, बस उसकी इसी हरकत पर मुझे शक़ हुआ और मैंने उसका पीछा किया, वह नगर की एक इमारत में घुस गया और उसकी चाभी भी उसी के पास थी, वह इमारत बाहर से तो आम इमारतों की तरह थी पर अंदर ध्यान से देखने में वह किसी पुराने करखाने की तरह दिख रही थी, उस इमारत के अंदर प्रवेश करते ही ओलिवर ने जो किया वह अद्भुत और आश्चर्यजनक था... मैं कह रहा हूँ कि वह कुबड़ा जैसा दिखता है उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है", मार्विन ने डेनियल को सारी बातें बताईं पर ओलिवर के बारे में जानकारी देते देते चुप हो गया। 

" आगे क्या हुआ... तुमने ऐसा क्या देख लिया जो इतनी बुरी तरह से भागते हुए यहाँ आए, क्या उसने तुम्हारी जान लेने कि कोशिश की ", डेनियल ने घबराए हुए मार्विन से पूछा। 

" नहीं उसने जान लेने कि कोशिश तो नहीं की, पर मैंने जो वहां देखा वो किसी के भी होश उड़ाने के लिए काफ़ी है... ओलिवर जैसा दिखता है वैसा बिल्कुल भी नहीं है, वह बहुत पहुँची हुई चीज़ है जिससे हम दोनों पार नहीं लगा सकते हैं", मार्विन ने डेनियल को ओलिवर की जानकारी देते हुए कहा फ़िर चुप सा पड़ गया। 

" पर तुमने उसे वहाँ ऐसा क्या करते हुए देख लिया जो तुम्हारी डर के मारे हालत खराब हो गई ", डेनियल ने एक बार फिर से ज़ोर देते हुए मार्विन से पूछा। 


" क्या देखने दिखाने की बातें हो रही हैं... ज़रा हमें भी तो पता चले कि आखिर क्या देख लिया आप दोनों ने", अचानक ही ओलिवर ने पीछे से आकर दोनों से पूछा, ओलिवर को देखते ही दोनों मित्र स्तब्ध रह गए, दोनों को बड़ा आश्चर्य हुआ ओलिवर को देख कर पर शायद जल्दबाजी में दोनों मुख्य द्वार को अंदर से बंद करना भूल ही गए थे। अपनी गलती का एहसास होता ही और ओलिवर को पास खड़ा पाते ही दोनों ने अनजान बनने का नाटक किया। 

"नहीं कुछ ख़ास नहीं... इसने एक बुरा सपना देख लिया था जिसके बारे में मुझे बताने जा रहा था... आप घर के बाहर थे हम लोग तो यही सोच रहे थे कि बड़े भाई शायद अपने कमरे में सो रहे हैं", डेनियल ने बड़ी चतुराई से बात को पलटते हुए ओलिवर को जवाब दिया। 

"वो... एक बहुत ज़रूरी काम आ गया था जिसे आज ही निपटाना था इसलिए नगर की ओर जाना पड़ गया... बिना मेहनत किए गुज़ारा भी तो नहीं चल पाता है, इसलिए काम निपटाना ज़रूरी था ", ओलिवर ने भी बात पलटते हुए उन दोनों की देख कर कहा उसे इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं हुआ था कि मार्विन ने उसका पीछा किया था, वह इस बात से भी बेखबर था कि मार्विन सब कुछ देख चुका है और उसका एक ऐसा राज़ खुल चुका है जिसे उसने इतने सालों तक सभी से छुपा कर रखा था। 

                          To be continued... 

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द डॉल मैन - 8


एक अंधेरी हादसों से भरी रात बीतने तथा सुबह होते ही मार्विन और डेनियल अपने काम को अंजाम देने की योजना पर काम करने लगे। रास्ते भर डेनियल ने मार्विन से ओलिवर का राज़ बताने के लिए कई बार उकसाया लेकिन मार्विन ने सही समय आने का बहाना बना कर बात को टाल दिया, शायद उसे ये लग रहा था कि ओलिवर का राज़ डेनियल को अभी बताने से लूट के काम के सामने बाधा खड़ी हो जाएगी, डेनियल अपना सारा ध्यान ओलिवर पर लगाएगा जिससे बाद में काम को अंजाम देने में दिक्कत पैदा हो सकती है। दोनों एक शातिर अपराधी की तरह अपने काम पर जुट गए उस इलाके के कुछ मकानों की अच्छी तरह से खबर निकाली।

" ज़रा देखो तो कैरोलिना... शायद किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी है", कैरोलिना की माँ ने उससे कहा, वह रसोईघर में खाना बना रहीं थीं जब उनके घर के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। 

"जी आप कौन हैं और किससे मिलना है", कैरोलिना ने दरवाजा खोलते ही सामने खड़े डेनियल से पूछा जो लूट डालने के इरादे से जानकारियां इकट्ठा करने पहुँचा था। 

" दरअसल मैं एक मुसाफिर हूँ... लंदन से आया हूँ, इस इलाके में नया हूँ इसलिए रास्ता भटक गया था, क्या आप मुझे छोटी पहाड़ी का रास्ता बता सकती हैं", डेनियल ने चतुराई दिखाते हुए नादान कैरोलिना से पूछा। 

"कौन है कैरोल... किससे बातें कर रही हो बेटा", कैथरीन ने अपनी बेटी को आवाज़ लगाते हुए पूछा। 

" कोई नहीं माँ... एक मुसाफिर है शायद रास्ता भटक गया है ", कैरोलिना ने अपनी माँ कैथरीन को जवाब देते हुए कहा फ़िर बाद में डेनियल की ओर पलट गई और उसे रास्ता बताने लगी, पर उस भोली-भाली लड़की को क्या मालूम था कि जिसे वह रास्ता दिखा रही है वह कितनों को रस्ते लगा चुका है। 

" क्या मुझे एक ग्लास पानी मिल सकता है... बहुत दूर से यात्रा करके आया हूँ और काफ़ी थक भी चुका हूँ", चतुर डेनियल ने बात पलटते हुए उस मासूम लड़की से पूछा। 

"हाँ... हाँ... क्यूँ नहीं आप अंदर आ जाइए मिस्टर", गाँव की भोली-भाली लड़की शहरी बाबू डेनियल के शातिर इरादों को न समझ सकी और उसे अंदर आने का न्यौता दे दिया। छोटी खिड़की से डेनियल को अंदर आता देख कैरोलिना की माँ कैथरीन भी रसोई घर से बाहर निकल कर हॉल की ओर आ गई और डेनियल से पूछताछ करने लगी। शातिर डेनियल ने दोनों महिलाओं को अपनी मीठी बोली से बहलाए रखा। इसका परिणाम यह हुआ कि जहाँ वह पानी पीने आया था वहाँ उसका स्वागत चाय के साथ किया गया ताकि उसके सफ़र की थकान थोड़ी कम हो जाए। सभी आपस में बातें कर ही रहे थे कि तभी घर में एलिजाबेथ ने प्रवेश किया, जिसका पीछा डेनियल ने पहले दिन ही किया था और आज उससे उसकी दूसरी मुलाकात थी। 

"आप यहाँ अकेली रहतीं हैं मैडम... मेरा मतलब है कि घर में कोई मर्द नहीं है ", शातिर डेनियल ने कैथरीन से पूछा। कैथरीन जो ज़रा भी डेनियल के मंसूबे से वाकिफ़ नहीं थी उसने अपने पति की जानकारी भी डेनियल को दे दी जो नगर से बाहर मेले में अपने खिलौनों की प्रदर्शनी लगाने गए हुए थे। 


" लगता है आप इस इलाके में नए हैं... इससे पहले कभी आपको देखा नहीं, कहाँ के रहने वाले हो भाई", एक अनजान शख्स ने मार्विन की ओर देख कर पूछा। 

"हाँ... यहाँ का नहीं हूँ, लंदन से आया हूँ पास के नगर में होने वाले मेले को देखने, अगर सही लगा तो अगले साल अपना व्यापार भी मेले के ज़रिए बढ़ाने का इरादा है ", मार्विन ने सावधानी से उस अनजान शख्स को जवाब दिया। 

" ओह... तो ये बात है, तभी मैं कहूँ पहले कभी देखा नहीं है, यहाँ बहुत गिने चुने लोग ही बस्ते हैं जिन्हें हम सभी व्यापारी अच्छी तरह से जानते हैं... मेरा नाम पैट्रिक है और यह होटल मेरा है, इस मेले की वजह से ही आसपास के क्षेत्रों की कमाई होती है और मेरे होटल के सारे कमरे भी बुक हो चुके हैं, काफ़ी अच्छा व्यापार होता है... आप अकेले ही हैं या साथ में कोई और भी है ", होटल के मालिक पैट्रिक ने बियर पी रहे मार्विन से पूछा। 

" जी मैं अकेला ही हूँ और अपना कपड़े का व्यापार भी अकेले ही संभालता हूँ... यहाँ भी अकेले ही आया हूँ ", मार्विन ने चतुराई दिखाते हुए जवाब दिया। 

" इस समय तो रुकने के लिए कोई जगह नहीं मिली होगी फ़िर रुके कहाँ पर हो", पैट्रिक ने मार्विन की ओर देखते हुए पूछा। 

" जी वो पहाड़ी की तरफ़ जो ", मार्विन अपनी बात कह ही रहा था पर इससे पहले कि मार्विन अपनी पूरी बात कह पाता पैट्रिक ने उसे बीच ही में टोक दिया, 

"मैं समझ गया जॉर्ज के घर पर रुके होगे... वह भी इस सीज़न में अपने कमरे किराए पर देता है", पैट्रिक ने उसे कुछ भी बताने का मौका नहीं दिया। मार्विन उसे ये नहीं बता पाया कि वह ओलिवर के घर पर रुका है, पर मार्विन को क्या मालूम था कि उस छोटे से कस्बे के रहने वाले ओलिवर को मनहूसियत की मिसाल समझते हैं। मार्विन ने भी हाँ में हाँ मिला दी और जल्द ही बियर ख़त्म कर के वहां से चल दिया इससे पहले कि पैट्रिक उसकी पूरी जन्‍म कुंडली निकालता। 


"काफ़ी देर हो गई है, डेनियल ने तो मुझसे इसी समय पहाड़ी पर मिलने को कहा था... पता नहीं काम कर पाया होगा या ओलिवर के बारे में सोच रहा होगा, उसे ओलिवर की जानकारी नहीं देनी चाहिए थी क्यूँकि डेनियल का दिमाग अपने काम से हट सकता है, ये ओलिवर भी अपने आप में अनोखा ही है और जो रूप मैंने उसका देखा है वह इस इलाके के किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा होगा वर्ना अब तक सब डर से ये कस्बा ही छोड़ कर भाग खड़े होते... अगर ओलिवर को हमारे काम की ज़रा सी भी भनक लगी तो हमारा काम तमाम समझो, इसलिए बहुत होशियारी से और शीघ्र ही इस लूट को अंजाम देना पड़ेगा ताकि यहाँ से जल्द ही नौ दो ग्यारह हो सकें ", मार्विन छोटी पहाड़ी पर डेनियल का इंतजार करते हुए ख़ुद से कहता है।

                       To be continued... 

               ©IVANMAXIMUSEDWIN 



द डॉल मैन - 9


"कहाँ रह गए थे... बहुत देर लगा दी," डेनियल के आते ही मार्विन ने उससे पूछा।

"अरे काम की ख़बर लाया हूँ, गुरु... सुनोगे तो उछल पड़ोगे, पहले दिन जिस लड़की का पीछा किया था आज उसी के घर में चाय बिस्कुट खा पीकर आ रहा हूँ, आज मैंने उसका घर अन्दर से देखा तो पाया कि शहर के किसी मोटे आसामी से कम नहीं है, सुविधाओं की हर चीज़ मौजूद है, उनका रहन सहन भी शहर के लोगों की तरह है, काफ़ी मालदार पार्टी लगती है...घर का मालिक भी मेले में अपने खिलौने की प्रदर्शनी लगाने के लिए गया हुआ है, उसका नाम एडवर्ड है, मौका अच्छा है क्यूँ न हाथ साफ़ कर लिया जाए घर को लूट के और तो और उस लड़की की एक और जवान, खूबसूरत जुड़वा बहन है...क्या कहते हो गुरु ", डेनियल ने शैतानी अंदाज़ में मार्विन को एडवर्ड के घर की सारी जानकारी देते हुए उससे पूछा।

" सोच तो मैं भी रहा हूँ कि इस लूट के काम को जितनी जल्दी अंजाम दे दूँ उतना अच्छा है... ज़्यादा दिन बीतने नहीं देना है वर्ना सबको हम पर शक़ होने लगेगा, जितनी शीघ्रता और चतुराई से इस काम को अंजाम देते हैं उतना ही हमारे लिए अच्छा रहेगा, मैंने भी अगल बगल के सारे रास्ते देख लिए हैं और दो परिवार भी मेरी नज़र हैं... चार से पाँच घरों को लूट लेंगे तो भी काफ़ी माल इकट्ठा हो जाएगा, लेकिन इस काम को हमें बहुत होशियारी से करना होगा, एक - एक करके लूटेंगे और किसी को भी ज़िन्दा नहीं छोड़ना क्यूँकि यहाँ के घर एक दूसरे के काफी नज़दीक हैं... अगर हम रात के समय में अपना काम करें तो ज़्यादा समय मिलेगा और लोग भी चौकन्ने नहीं रहेंगे, " मार्विन ने डेनियल को अपनी योजना समझाते हुए कहा। वह दोनों छोटी पहाड़ी से उतरते हुए नदी के किनारे ओलिवर के घर की ओर जा रहे थे। 

" ये तो ठीक है लेकिन किस दिन लूट डालने की योजना बना रहे हो... ये बताओ ", डेनियल ने मार्विन से सहमत होते हुए पूछा। 

" कल का दिन भी बुरा नहीं है... इस काम के लिए अगर तुम तैयार हो तो", मार्विन ने डेनियल से कहा। 

"ठीक है... कल ही इस काम को अंजाम देते हैं", डेनियल ने उससे सहमत होते हुए कहा। 


रात का खाना खत्म होते ही डेनियल और मार्विन अपने कमरे में सोने चले गए, डेनियल तो बिस्तर पर पड़ते ही सो गया लेकिन मार्विन काफ़ी देर तक जागा रहा, उसे ओलिवर की चिंता सता रही थी... उसे इस बात का डर था कि कहीं ओलिवर रोज़ाना तो उस इमारत में नहीं जाता है जहाँ मार्विन ने उसे देखा था, अगर ऐसा हुआ तो उसकी बनाई हुई योजना विफल पड़ सकती है...ओलिवर को ये पता चल जाएगा कि दोनों के मंसूबे क्या हैं। रात में काफ़ी देर तक जागने के बाद मार्विन को कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला, बाहर रोज़ की तरह भेड़ियों के रोने की आवाज़ें आ रही थीं जो रात को और भी डरावना बना रही थी। 


"गुड मॉर्निंग भाई...नींद तो अच्छी आई, ये लो तुम्हारी चाय, अब नहा धोकर फ्रेश हो जाओ", डेनियल ने मार्विन से उसके सुबह जागते ही कहा। 

" ठीक है... सुनो अगर ओलिवर पूछे कि आज कहाँ जाने का इरादा है तो उसे यही बताना कि आज हमारा मेले में जाने का इरादा है और वहां जाकर हमें अपने व्यापार की  बढ़ोतरी का ज़रिया देखना है... बाकी की योजना मैं तुम्हें बाहर निकल कर समझाउंगा", मार्विन ने डेनियल को समझाया और फिर चाय पीने लगा। डेनियल उसकी बात समझ गया और कमरे से बाहर निकल गया। नहा धोकर फ्रेश होने के बाद तीनों ने मिलकर सुबह का नाश्ता किया, डाइनिंग टेबल पर ही मार्विन ने ओलिवर को आज की योजना के बारे में बताया। ओलिवर ने दोनों को वहाँ तक पहुँचने का रास्ता बताया, दोनों ने उसकी बात को समझते हुए हाँ में इशारा करते हुए सहमति जताई। 

घर से बाहर निकलते ही दोनों उस रास्ते पर निकल पड़े जहाँ पर मेला लगा हुआ था पर वहां तक पहुंचने से पहले ही दोनों पास के गांव में रुक गए। 

" अब इस गाँव में भी हमें कोई नहीं जानता है... यहाँ से हम लूट डालने के लिए ज़रूरी सामान खरीदेंगे और वापस सही समय पर जाकर नदी के किनारे वाले जंगल में छुप जाएंगे और रात होते ही हम चुप चाप हमला कर देंगे", मार्विन ने रास्ते पर आगे बढ़ते हुए डेनियल को आगे की योजना समझाई। 

" क्या बात कर रहे हो... जंगल में रुकेंगे, रात में ओलिवर के घर से जब भेड़ियों के रोने की इतनी भयंकर आवाज़ें आती हैं तो सोचो जंगल में तो भेड़िये हमें नोच खाएँगे... न बाबा न, मैं नहीं रुकने वाला जंगल में उन भूख से रोने वाले भेड़ियों के साथ... कोई दूसरा प्लान हो तो बताओ, हमारे पास तो बंदूक भी नहीं है ", डेनियल ने डरते हुए मार्विन से आपत्ति जताते हुए कहा। 

" अरे डरते क्यूँ हो... मैं हूँ न, जहाँ हमने इतने बड़े मुजरिमों का सामना किया है वहाँ भेड़िये बेचारे क्या हैं, इंसान से ज़्यादा खतरनाक कोई जीव नहीं है...आखिर भेड़िये तो बेचारे कुत्तों की ही तरह होते हैं, हड्डी फ़ेको आ गया काबू में और जंगल में जिस जगह मैं तुम्हें छुपाउँगा वहाँ भेड़िया तो क्या उसकी परछाई तक तुम पर नहीं पड़ेगी... भरोसा रखो मुझ पर ", मार्विन ने डेनियल को हिम्मत बाँधते और विश्वास दिलाते हुए कहा। 

" फ़िर भी डर तो लगता ही है... कोई दूसरा रास्ता नहीं है क्या भाई ", डेनियल ने असहमति जताते हुए मार्विन से पूछा। 

" बहुत बड़े डरपोक हो यार तुम... अब जब इतने दूर आ गए हैं तो कह रहे हो वापस चलो, जीवन में जोखिम नहीं उठाया तो कुछ नहीं किया और जिंदगी में हर कदम पर जोखिम ही है... बात को समझो हम आज ही लूट डालेंगे और इसके लिए सारी ज़रूरतों का सामान यहीं से ले लो, अब यहाँ से समान लेने के बाद थोड़ी देर यहां के स्थानीय दारू के अड्डे पर रुका जाएगा फ़िर पास के गांव के जंगल की ओर चल देंगे... रात भर रुकना पड़ेगा इसलिए खाने पीने, आग जलाने और एक लम्बी रस्सी ख़रीद लो जिसे हम जंगल में रुककर टुकड़ों में काट लेंगे... वो बेहोश करने वाली दवाई तो मैं अपने साथ लेकर आया हूँ लेकिन अगर कम पड़ गई तो नींद में सोते लोगों को रस्सियों से बांध देंगे ", मार्विन ने डेनियल को अपनी योजना समझाते हुए कहा। 

" अगर बेहोश ही करना है तो दवाई उन लड़कियों पर इस्तेमाल करना भाई... बाकि सब का तो मुँह दबा कर मार दिया जाएगा, बहुत दिनों से मेरे खंजर को किसी इंसान का खून नहीं लगा है, इस बार थोड़ा कत्लेआम होने दो भाई इसलिए रस्सी से बांधने का प्लान रद्द कर दो... सीधे मौत के घाट उतार दिया जाएगा, तब होगी चोरी ऊपर से सीना ज़ोरी", डेनियल ने मार्विन की बात का विरोध करते हुए कहा।


अब तो यह वक़्त ही बताएगा कि क्या ये दोनों अपनी योजना में कामयाब होते हैं या फ़िर असफल होते हैं, भेड़ियों का शिकार बनते हैं या ख़ुद शिकारी बनकर दूसरों का शिकार करते हैं। 

                           To be continued... 

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द डॉल मैन - 10


मार्विन और डेनियल अपनी बनाई हुई योजना के अनुसार चलते हैं और शाम ढलते ही उचित समय पर जंगल की ओर निकल जाते हैं, जंगल में पहुँचते ही वे ऐसी जगह पर छुपते हैं जहाँ से वे गाँव में घुसकर अपनी खतरनाक योजना को अंजाम दे सकते थे। वे दोनों उस जंगल में आग जला कर बैठे थे पास ही नदी का किनारा था, वह इलाका ओलिवर के घर से काफ़ी दूर था, आग जलने की वजह से भेड़िये भी नज़दीक नहीं आ सकते थे। फिर भी जंगल से उनके भूख से रोने की आवाज साफ़ सुनाई दे रही थी।

"मार्विन बहुत दिनों से मैं तुमसे कुछ पूछना चाहता था", डेनियल ने मार्विन की ओर देखते हुए कहा।

" ऐसा क्या है जो तुम मुझसे पूछने में इतना संकोच कर रहे हो... हम दोनों तो पुराने साथी हैं और आज तक एक दूसरे से कुछ छुपाया नहीं", मार्विन ने डेनियल की ओर देखते हुए कहा।

" सही कहा लेकिन मुझे लगता है कि तुमने मुझसे एक बात छुपाई है", डेनियल ने मार्विन की बात से ऐतराज़ जताते हुए कहा।

"ऐसी कौन सी बात है... मैं कुछ समझा नहीं,"मार्विन ने अनजान बनते हुए पूछा।

" वही उस रात वाली बात... जब तुमने ओलिवर का पीछा किया था, आखिर उस रात ऐसा क्या हुआ था जिस बात ने तुम्हें इतनी बुरी तरह से डरा दिया था", डेनियल ने मार्विन को याद दिलाते हुए पूछा। मार्विन उसकी बात सुनकर कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाता है फिर डेनियल की ओर देखता है। कुछ देर यूँ ही देखने के बाद वह अपनी चुप्पी तोड़ता है," बहुत लम्बी कहानी है... उस रात जो हुआ मैं उसे जीवन भर नहीं भूला सकता हूं, मैंने जो अपनी आँखों से देखा उस पर यकीन करना मुश्किल था पर यह एक हक़ीक़त थी", मार्विन ने डेनियल से कहा और फिर थोड़ी देर के लिए शांत हो गया।

" रात भी बहुत लम्बी है और हमारे पास वक़्त भी काफ़ी है एक छोटे से किस्से को सुनने के लिए... इसलिए बेझिझक होकर कहो उस रात क्या हुआ था... आज कोई ओलिवर यहाँ बीच में टोकने आने वाला नहीं है ", डेनियल ने मार्विन की ओर देखते हुए कहा।

" उस रात जब मैं ओलिवर का पीछा करते हुए गाँव की ओर जा रहा था तो मैं एक इमारत के पास पहुंचा जो अंदर से एक छोटे करखाने की तरह था...उसकी खिड़की से मैंने अंदर की ओर झाँक कर देखा तो मैंने पाया ओलिवर एक मोमबत्ती जला कर आगे की ओर बढ़ रहा था, एक उचित स्थान पर जाकर उसने ज़मीन पर मोमबत्ती रखी, उसने कुछ और मॉमबत्तियां अपने कोट की जेब से निकाली और उन्हें थोड़ी थोड़ी दूरी पर रख दिया...फिर उसने अपने जेब से एक किताब निकाली और कुछ मंत्रों का जाप करने लगा, आगे जो हुआ वह किसी का भी दिल दहला देता, उस करखाने का अंदर से बंद दरवाज़ा खुल गया और एक आकृति प्रकट हुई उसकी परछाई देखने से उसके कद का अंदाज़ा हो गया, वह काफ़ी विशाल था जैसे कोई जिन्न प्रकट हो गया हो... उसके कारखाने के अंदर प्रवेश करते ही दरवाज़ा अंदर से बंद हो गया, मुझे खिड़की के शीशे से साफ़ तो नही दिख रहा था लेकिन मैंने उस जिन्न को देखने का भरपूर प्रयास किया...उसके कदम धरती पर नहीं पड़ रहे थे, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो वह हवा में उड़ रहा हो, वह सीधा ओलिवर के पास आकर रुका... ओलिवर ने उससे कुछ कहा और वह अपने काम में जुट गया, पलक झपकते ही उसने वहाँ पर रखे हुए सामानों से बेहतरीन खिलौने बना दिए, मैंने अपनी आँखों से साफ़ साफ़ देखा है ऐसा लगा कि उसने केवल एक गोल चक्कर मारा और सारे खिलौने बनकर तैयार हो गए... ये सब देखकर मेरे तो रौंगटे खड़े हो गए, मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था और ऐसा मेरे साथ तब ही होता है जब मैं बहुत ज़्यादा डर जाता हूँ... इससे पहले कि दोनों को मेरे वहाँ होने की भनक लगती मैं वहाँ से अपनी दुम दबा कर भाग गया और सीधा ओलिवर की कुटिया के सामने आ कर रुका ", मार्विन ने उस रात हुए हादसे के बारे में बताते हुए डेनियल को विस्तारपूर्वक सारी बातें समझाई, जिसे सुनकर डेनियल भी कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। 

" अच्छा हुआ बता दिया... आज रात हम दोनों को उससे होशियार रहने की ज़रूरत है, हो सकता है कि आज रात भी वह उस करखाने में जाए और हम दोनों पकड़ लिए जाएं", डेनियल ने काफ़ी देर तक विचार करने के बाद अपनी चुप्पी को तोड़ते हुए मार्विन से कहा। 

"मुझे तो नहीं लगता है कि वह रोज़ रात को जाता होगा... वहाँ इतने सारे खिलौने उस जिन्न ने बना दिए थे कि उन्हे बेचने में काफ़ी समय लगेगा... मुझे तो लगता है कि वह हफ्ते में एक बार ही जाता होगा, आखिर उसे ख़ुद को लोगों के शक़ से बचाना भी तो है, नहीं तो उसका ये राज़ खुलने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा... यदि कभी ऐसा होता भी है तो इस गाँव के लोग डरकर भाग ही जाएंगे ", मार्विन ने डेनियल को समझाते हुए कहा। 


उधर ओलिवर अपनी कुटिया में आराम से कुर्सी पर बैठ कर शराब पी रहा था और अपने घर की पीछे खिड़की से बाहर का नज़ारा देख  रहा था। 

" ऐसा लगता है कि आज जंगल में कोई रुका हुआ है... काफ़ी दूर से धुँआ दिख रहा है, इसका मतलब यह है कि जंगल में कोई आग जलाकर रुका हुआ है... लगता है कि कोई शिकारी होगा इसलिए जानवरों का शिकार करने के लिए इतनी रात में रुका हुआ है, लानत है ऐसे खाल चोरों पर जो अपना पेट भरने के लिए जंगल के मासूम जानवरों का शिकार करते हैं...इंसान कितना गिर सकता है इसका प्रमाण इन शिकारियों से ही मिलता है लेकिन इससे पहले मैंने आज तक इधर के इलाके में कभी ऐसा होते नहीं देखा, इन पर नज़र रखनी होगी ", शराब पीकर मासूम जानवरों के लिए बेचैन हो उठे ओलिवर ने खुद से कहा और फिर से शराब पीने लगा, आज जैसे वह शराब डूब ही जाना चाहता था लेकिन ओलिवर के इरादों से ऐसा लग रहा था कि वह आज की रात जंगल के उस इलाके में ज़रूर जाएगा जहाँ से उसने धुएँ को उठते हुए देखा था, जहाँ मार्विन और डेनियल थे, जो इस बात से बिलकुल अंजान थे कि ओलिवर इस बात को भांप गया है कि कोई तो ग़लत इरादों से जंगल में छुपा बैठा है। 

                      To be continued... 

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द डॉल मैन - 11


"अब रात काफ़ी हो चली है... अब हमें आगे बढ़ने की ज़रूरत है, सही समय पर अपनी योजना को अंजाम देकर यहाँ से रवाना भी होना है, ज़्यादा देर रुकना हमारे लिए उचित नहीं होगा...सुबह होने से पहले हम दोनों को यहाँ से काफ़ी दूर निकलना होगा", मार्विन ने एक नज़र अपनी जेब घड़ी पर डालते हुए अपने साथी डेनियल से कहा।

" चलो सही है... अब मुझसे भी ज़्यादा इंतज़ार नहीं हो सकता है, लूट के बाद किस दिशा में जाने का सोचा",डेनियल ने जिज्ञासापूर्वक अपने साथी मार्विन से पूछा।

" हम वापस तो नहीं लौट सकते हैं... बेहतर होगा कि हम दूसरी दिशा में आगे बढ़ें क्यूँकि वहाँ हम दोनों को कोई जानता भी नहीं होगा... यदि हम वापस जाएंगे तो पकड़े जाएंगे क्यूँकि हम छटे हुए बदमाशों में आते हैं, तो हमारा आगे ही बढ़ना सही रहेगा वहाँ जाकर अपना जीवन अच्छे से नए अंदाज़ में जी सकते हैं ", मार्विन ने डेनियल को समझाते हुए कहा।

" तो चलो फ़िर अपने आज तक के अपराधिक इतिहास की सबसे क्रूर वारदात को अंजाम देते हैं... एक को भी ज़िंदा छोड़ना हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है, हमारी तस्वीरें फिर हर शहर में नज़र आएंगी ", डेनियल ने उत्सुकता पूर्वक खड़े होकर मार्विन से कहा, मार्विन उसे देखते ही समझ गया कि वह कस्बे की ओर चलने का इशारा कर रहा है। वे दोनों ज़रूरत का सारा सामान लेकर आगे बढ़ते हैं... जंगल में रात काफ़ी काली और डरावनी लग रही थी, चारों ओर ऊंचे दरख्त होने के कारण चाँद की शीतल रोशनी पूरी तरह से ढक सी गई थी। भूखे भेड़ियों के रोने की आवाज़ें चारों ओर से आ रही थी पर फ़िर भी मार्विन और डेनियल इस बात से पूरी तरह से अनजान बनकर अपनी खतरनाक योजना को अंजाम देने के लिए आगे की ओर बढ़ रहे थे। एक ओर जहां उनके मन में जंगल का खौफ़ था तो वहीं दूसरी ओर उनके मन में अपने लूट के माल की उत्सुकता भी थी जो उनके अंदर का लालच साफ़ दर्शा रही थी और इसी लालच ने उन्हें थोड़ा बेखौफ बना दिया था।


जंगल के रखवाले ओलिवर ने उनके द्वारा जलाई गई आग को देखा तो लेकिन वह भी अपनी छोटी सी कुटिया में शराब पीने के बाद सो गया, उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि आगे क्या होने वाला है...उसे इस बात का भी पता नहीं चल पाया कि उसके यहाँ रुके हुए मेहमानों ने ही उसके गाँव को लूटने की योजना बनाई है और अब वह उसे अंजाम देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।


"आह... आज काफ़ी देर हो गई काम करते - करते, बिल्कुल भी वक़्त का पता नहीं चला, अब मैं बहुत ही थक चुकी हूँ... जाकर थोड़ा आराम करती हूँ, पहले ये सारे कपड़े समेट दूँ जिनकी मैं सिलाई कर रही थी", कैथरीन ने अंगड़ाई लेते हुए ख़ुद से कहा, वह घर के कुछ कपड़ों की सिलाई कर रही थी। उसका काम पूरा होते ही वह उन कपड़ों को समेटने में लगी थी कि अचानक उसकी नज़र खिड़की पर पड़ती है... वह सब कुछ छोड़कर खिड़की के नज़दीक आ जाती है जहाँ वह दो अनजान साये को उसके पड़ोस में रहने वाले स्मिथ परिवार के घर की ओर बढ़ते हुए देखती है।

"इस वक़्त कौन हो सकता है... हो सकता है कि स्मिथ परिवार का ही कोई सदस्य हो लेकिन ये दोनों अनजान साये तो घर के पीछे से अंदर की ओर प्रवेश कर रहे हैं, मुझे तो कुछ गड़बड़ लग रही है... लेकिन अगर उनके पास घर की चाभी न होती तो वे अंदर कैसे प्रवेश करते, हो सकता है कि उनके परिवार का कोई सदस्य मेले में गया होगा और अधिक रात हो जाने के कारण पीछे से प्रवेश कर रहा है... मैं भी बेकार का शक़ कर रही हूँ, मुझे भी अब अपने घर के सारे खिड़की - दरवाज़े बंद कर के सो जाना चाहिए... अगर शक़ हो भी रहा है तो अपनी सुरक्षा पहले मायने रखती है, मैं एक बार सब कुछ चेक कर के सोने के लिए जाती हूँ ", कैथरीन ने उन दो अनजान परछाइयों को देखते हुए ख़ुद से कहा, वह उन्हें देखकर एक बार को चिंतित हो उठी थी, उसने अपने घर के सारे खिड़की दरवाज़े एक बार फिर से चेक किए और अपने बिस्तर पर लेट उन्ही अनजान परछाइयों के विषय में सोचने लगी।


" क्या कर रहे हो डेनियल...पहले इन्हें नींद में ही मार देते हैं, बाद में कमरे की तलाशी ली जाएगी, इसके लिए इनका मुँह कस कर दबा के चाकू से गर्दन को एक ही झटके में काट देंगे... लेकिन याद रहे मुँह तब तक दबा कर रखना जब तक इनके प्राण न निकल जाएँ", मार्विन ने फुसफुसाते हुए अपने साथी डेनियल से कहा, वह उसे सावधानी पूर्वक अपने काम को अंजाम देने के बारे में समझा रहा था। वे दोनों फ़िर आगे बढ़ते हैं और उन दोनों मियाँ बीवी को नींद में ही मार देते हैं, कुछ देर के लिए पंख कटने पर तड़पते हुए पंछी की तरह फड़फड़ाने के बाद दोनों अपने प्राण त्याग देते हैं। उन्हे मारने के बाद मार्विन और डेनियल घर के दूसरे सदस्यों के कमरे की ओर बढ़ते हैं... वे दोनों इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखे हुए थे कि ज़्यादा शोर गुल न हो, बिल्कुल शान्ति के साथ सारा काम पूरा हो जाए। 

कैथरीन का शक़ ग़लत न था उसके पड़ोस में रहने वाले स्मिथ परिवार के साथ एक ऐसी घटना घट रही थी जिसकी उन्होंने कभी कल्पना... केवल उन्होंने क्या गाँव में किसी ने इस तरह के हादसे की कल्पना नहीं की थी, वे सभी तो अपने घरों में दिन भर मेहनत करने के बाद चैन की नींद सो रहे थे, इस बात से बिलकुल अनजान होकर की आज रात किसी ने अपनी नींद हराम की है उनमें से कुछ परिवारों को हमेशा के लिए सुलाने को। रात भी शायद उन दोनों का साथ दे रही थी और किस्मत भी, इसलिए तो ओलिवर और कैथरीन की नज़रों में चढ़ने के बाद भी उन दोनों के रास्ते की रुकावट कोई नहीं बना... वे दोनों ही पहले घर को लूटने और परिवार के सदस्यों की हत्या करने में कामयाब रहे, अब वे दोनों अगले घर को लूटने और हत्याकांड करने के लिए आगे बढ़ने को बिल्कुल तैयार थे।

                             To be continued... 

                  ©IVANMAXIMUSEDWIN 



द डॉलमैन - 12



"लूटा हुआ माल एक बोरे में भर लो... हम दोनों को इस घर में घुसकर काफ़ी फायदा हुआ है, यहाँ पर काफ़ी कीमती वस्तुएं मिलेंगी... इसलिए थोड़ा ध्यान रखना कोई भी कीमती वस्तु छूटने न पाए, खासकर इस परिवार की महिलाओं के गहने जो बेहद कीमती हैं", मार्विन ने डेनियल को समझाते हुए कहा, अब तक उन्होंने दूसरे घर में भी हत्याकांड कर लूटपाट मचा रखा था। 

" इतना माल मिला है इस घर से कि इसे अपने साथ लेकर जाना मुश्किल है... हम अगले गाँव में पकड़े भी जा सकते हैं, उससे पहले ही हमें किसी सुरक्षित जगह कि तलाश करने की ज़रूरत है", डेनियल ने मार्विन से कीमती सामान कपड़े के बड़े झोले में भरते हुए कहा। 

"इतना परेशान होने की ज़रूरत नहीं है... वो देखो ज़मीन खोदने का औज़ार, हम इस माल को यहीं इन बड़े झोलों में छोड़ देते हैं... वैसे भी घर के सारे लोग मारे जा चुके हैं और मुर्दे कभी झोला लेकर नहीं भागते हैं इसलिए जब हम आख़िरी घर से रुपये और गहने लूट कर लाएंगे तो इन्हीं में भरकर जंगल में ले जाकर गाड़ देंगे और बाद में फ़िर कड़की पड़ने पर यही माल खोदकर निकाल लेंगे... बोलो क्या कहते हो ", मार्विन ने डेनियल को अपनी योजना विस्तार पूर्वक समझाते हुए उसकी राय के के बारे में पूछा। 

" योजना तो अच्छी है... इससे हम पकड़े भी नहीं जाएंगे और माल भी सुरक्षित रहेगा ", डेनियल ने मार्विन द्वारा बनाई गई योजना से राज़ी होते हुए कहा। 

" तो फ़िर चलो अब अगले घर की ओर बढ़ते हैं... यहाँ के लोग काफ़ी रईस हैं, हमारे हाथ काफ़ी माल लगेगा अगर पकड़े नहीं गए... अब उन हसीनाओं के घर ले चलो थोड़ी मस्ती भी हो जाए और लम्बा इंतज़ार नहीं कर पाऊँगा मैं", मार्विन ने डेनियल से कहा और अपने चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान बिखेर दी जो उसकी हैवानियत का सबूत दे रही थी। अब दोनों एडवर्ड के घर की ओर बढ़ रहे थे लेकिन बहुत ही सावधानी से... उन्हे किसी की नज़र में नहीं आना था और वे इस बात का भरपूर ख़्याल रख रहे थे। एडवर्ड के घर के पिछवाड़े से होते हुए दोनों मुख्य दरवाजे तक पहुंच जाते हैं और किसी तरह से दरवाजे को खोलकर अंदर प्रवेश कर लेते हैं... ऐसा करते हुए उन्होंने इस बात का पूरा ध्यान रखा था कि ज़्यादा आवाज़ न हो। अब वे दोनों अन्दर बेखबर सोए हुए सदस्यों के कमरों की ओर बढ़ने लगते हैं। 

" मैं जाकर माँ को बेहोश कर देता हूँ... तुम ये बेहोशी की दवाई लो और किसी कपड़े में इसे डालकर दोनों बेटी को बेहोश कर दो...उसके बाद अपना कार्यक्रम चालू करेंगे, बेहोशी में इन्हें पता नहीं चलेगा कि इनके साथ क्या हो रहा है और ज़्यादा आवाज़ें भी नहीं निकालेंगी", मार्विन ने फुसफुसाते और डेनियल को बेहोशी कि दवा की शीशी पकड़ाते हुए कहा, उसने अपने रुमाल पर पहले ही उस दवा को उड़ेल लिया था और वह उसे कैथरीन के ऊपर इस्तेमाल करने के बाद उसके साथ भी दुष्कर्म करना चाहता था। दोनों अपने शिकारों की ओर बढ़ते हैं और उन सोई हुई महिलाओं को बेहोश कर देते हैं, फिर उनके वस्त्रों को खोल उन्हें नग्न कर देते हैं और ख़ुद भी आधे वस्त्रहीन हो जाते हैं। 

मार्विन कैथरीन के साथ दुष्कर्म करने की शुरुआत करता है और अपने तन की अग्नि कुछ देर के लिए शांत हो जाने के बाद हट जाता है... कैथरीन अब तक बेहोश पड़ी थी, उसे ज़रा भी होश नहीं था कि उसके साथ किया हुआ है। उसके बाद मार्विन उन लड़कियों को कमरे में प्रवेश करता है। 

डेनियल एक ओर बिस्तर पर बेहोश पड़ी एलिजाबेथ के साथ दुष्कर्म कर रहा था, तभी मार्विन की नज़र दूसरे बिस्तर पर बेहोश पड़ी कैरोलिना पर पड़ती है... वह उसके नज़दीक जाता है और उसे निर्वस्त्र कर देता है, फिर उस बेहोश पड़ी लड़की के साथ दुष्कर्म करने की शुरुआत करता है। डेनियल की उस पर नज़र पड़ती है और वह मार्विन को देखकर हसने लगता है... कुछ देर बाद डेनियल की अग्नि थोड़ी देर के लिए शांत हो जाती है तो वह बेहोश पड़ी एलिजाबेथ को छोड़कर उसकी माँ के कमरे में पहुंच जाता है और उसके साथ फ़िर से दुष्कर्म करने की शुरुआत करता है, काफ़ी देर बाद डेनियल शांत हो जाता है तो अपने चाकू से बेहोश पड़ी एलिजाबेथ का गला काट देता है और फिर से उन लड़कियों के कमरे में पहुँच जाता है। इस बार वह एलिजाबेथ की बहन कैरोलिना के साथ दुष्कर्म करने की शुरुआत करता है क्यूँकि मार्विन अब एलिजाबेथ के साथ दुष्कर्म कर रहा था और दोनों के शांत होते ही वे दोनों उन मासूम लड़कियों को भी मौत के घाट उतार देते हैं। 

फ़िर दोनों अपने वस्त्रों को धारण कर वहाँ से कीमती आभूषण और पैसों को लेकर वापस उसी घर की ओर बढ़ते हैं जहाँ पर उन्होंने बाकी का माल छोड़ा था। 

" काफ़ी माल जमा हो गया है... अब हमें वापस जंगल की ओर चलना चाहिए, देर हो गई तो हम पकड़े जाएंगे क्यूँकि बस कुछ ही घंटों के बाद अंधेरा छट जाएगा और सूरज दिखने लगेगा... हमें इस माल को ठिकाने भी तो लगाना है", मार्विन ने डेनियल से कहा, वह इस बात से काफ़ी परेशान था कि अधिक देर न हो वर्ना पकड़े जाने का खतरा था। 

" इतनी भी क्या जल्दी है मेरे दोस्त... बस एक घर और लूट लें उसके बाद वापस चल देंगे और जंगल में माल छांट कर बाकि का गाड़ देंगे, अब भी हमारे पास काफ़ी वक़्त बचा है... हम पकड़े नहीं जाएंगे", डेनियल ने मार्विन से कहा, उसके अंदर का लालच बढ़ता जा रहा था क्यूँकि सब कुछ इतनी आसानी से हो रहा था जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी और वे दोनों इसी बात का फायदा उठाकर फ़िर से एक घर लूटने को निकलें। रात भी उनका साथ दे रही थी, समय भी बिलकुल उनके अनुकूल था और किस्मत भी उनका ही माथा चूम रही थी , यही कारण था कि उस आख़िरी घर में भी वे दोनों सफलतापूर्वक प्रवेश कर लेते हैं और सारे सदस्यों को मौत के घाट उतारने के बाद वे दोनों उसी घर की ओर बढ़ते हैं जहाँ बाकि का माल जमा कर रखा था। वहां से सारा माल और खुदाई का औज़ार लेकर वे दोनों अंधेरे में आगे बढ़ ही रहे थे कि अचानक एक लड़के की नज़र उनपर पड़ती है। 


" हे, मेरे परमेश्वर ये किसने किया होगा... इस तरह से इतनी क्रूरता से मारा गया है सभी को कि रात में किसी की आवाज़ तक नहीं सुनाई पड़ी", सवेरा होते ही एक गाँव वाले ने भीड़ में खड़े कुछ सदस्यों से कहा। रात में मार्विन और डेनियल द्वारा किए गए जघन्य हत्याकांड की वजह से सारे गाँव वालों में आक्रोश की लहर बढ़ गई थी, वे सभी इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति को तलाश कर रहे थे ताकि उसे भी मौत के घाट उतार सकें जबकि मार्विन और डेनियल उनकी पहुँच से काफ़ी दूर निकल चुके थे, फिर भी गाँव वालों का क्रोध शांत होने का नाम नहीं ले रहा था। उन सभी गाँव वालों ने गाँव के प्रधान को चारों ओर से घेर रखा था और एक एक करके अपनी बातें कह रहे थे। 

"सही कह रहे हो भाई, जिसने भी ये दुष्कर्म किया है उसे तो मौत के घाट ही उतार देना चाहिए... ऐसा इंसान मानवता के नाम पर धब्बा है और उसे जीने का कोई हक़ नहीं है", भीड़ में खड़े दूसरे व्यक्ति ने पहले वाले का समर्थन करते हुए कहा, वहाँ खड़े सभी लोगों में बदले की भावना ने जन्म ले लिया था। 

" ये काम किसी एक आदमी का हो ही नहीं सकता है... इस वारदात को अंजाम देने के लिए एक से अधिक व्यक्ति की ज़रूरत है, एक साथ एक ही रात में इतने लोगों की हत्या करना एक आदमी के बस की बात नहीं है... तुमने एडवर्ड के घर में हुए दुष्कर्म के बारे में नहीं सुना क्या, वहाँ एडवर्ड की पत्नी तथा उसकी दोनों बेटियों की लाशें नग्न अवस्था में पाईं गईं हैं... गाँव की उन महिलाओं के साथ रात भर दुष्कर्म किया गया और बाद में मौत के घाट उतार दिया गया था...गाँव की कुछ वृद्ध महिलाओं ने उनके शरीर को देखा और बाद में कपड़े पहना दिये, उन महिलाओं का कहना था कि उन दरिंदों ने एडवर्ड के घर की महिलाओं के शरीर बुरी तरह से नोच दिया है अपने नाखूनों से... देख कर साफ़ लग रहा था कि ऐसा केवल हवस के भूखे भेड़िये ही कर सकते हैं, मेरा तो खून खौल रहा है क्यूँकि ये सब कुछ मेरे गाँव में हुआ है ", एक अनजान शख्स ने भीड़ में खड़े बाकी के लोगों से कहा। 

" हो सकता है कि जो तुम कह रहे हो बिलकुल सत्‍य हो, ये अपराध एक से अधिक लोगों ने मिलकर किया हो लेकिन क्या ऐसा कोई भी नहीं है जो उन अपराधियों के बारे कुछ भी जानता हो या उन्हें देखा हो ", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने भीड़ की ओर देखते हुए पूछा। 

"कल रात को मैंने उन्हें देखा... रात क्या लगभग सुबह हो ही चुकी थी, मैं सुबह करीब तीन बजे जोंस के यहाँ जा रहा था... वह मेले में अपना व्यापार बढ़ाने गए हैं और उनके बूढ़े पिता का ख्याल मुझे ही रखना पड़ता है, वे रोज़ाना सुबह चार बजे जाग जाते हैं तथा भूलने की बीमारी होने के कारण कुछ भी कर पाने में असमर्थ हैं इसलिए आज सुबह मैं उनके घर जा रहा था तो मेरी नज़र अचानक उन्ही दो युवकों पर पड़ी जो कुछ दिनों पहले ही यहाँ आए थे और पैट्रिक के बार में उनका अक्सर आना जाना हुआ करता था... उन दोनों ने पीठ पर काफ़ी वज़न लाद रखा था, पहले तो मुझे लगा कि गाँव में कोई काम रहा होगा लेकिन रौशनी हो जाने पर जब मिसेस पास्कल ने सभी गाँव वालों को चीखते हुए इस हत्याकांड के बारे में बताया तो सारा माज़रा समझ में आया ", एक नौजवान लड़के ने गाँव के प्रधान को सुबह हुए हादसे के अभियुक्तों की जानकारी देते हुए कहा। 

" क्या तुम्हें पक्का यकीन है तुमने उन को देखा था...जहाँ तक मुझे ध्यान है वे दो नहीं बल्कि एक ही शख्स था और उससे मेरी एक बार बात भी हुई थी, वह अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पास के शहर में चल रहे मेले का निरीक्षण करने आया था... यही नहीं मैंने उससे रुकने की जगह के बारे में भी जानकारी ली थी ", उस नवयुवक की बात सुनकर बार का मालिक पैट्रिक भीड़ से निकलकर गाँव के प्रधान के सामने आ कर उस नव युवक की ओर देख कर पूछता है। 

" ये भी तो हो सकता है कि वे दोनों पहले से ही योजना बनाकर आए हों और यहाँ आकर अलग हो गए हों... तुम्हारे बार में भी उनमें से एक ही शख्स आया हो जिससे तुम्हारी मुलाकात हुई हो लेकिन उसने अपने साथी की जानकारी छुपा कर रखी हो... ये भी हो सकता है कि दूसरे वाले ने भी ऐसा ही किया हो जिससे वे हमारी नज़रों से बचने में कामयाब हो गए ", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने बार के मालिक पैट्रिक को समझाते हुए कहा। 

" मैं आपसे सहमत हूँ लेकिन अभी हम सबको आगे क्या करना है ये सोचने की जरूरत है... हो सकता है कि हमारे इसी गाँव का कोई शख्स उनसे मिला हो, वे दोनों जिस घर में रुके थे हो सकता है कि उनका मकान मालिक इस हत्याकांड में शामिल हो... ऐसे में हम इस बात को हल्के में नहीं ले सकते हैं, उनमें से एक शायद जॉर्ज के घर रुका था", पैट्रिक ने गाँव के प्रधान रिचर्ड की ओर देखते हुए कहा। 

" नहीं मेरे यहाँ ऐसा कोई शख्स नहीं रुका है... मेरे मेहमान अब भी मेरे घर पर रुके हैं और अब तक तो इस अपराध को करने वाला अपराधी कबका निकल चुका होगा...अब तक तो वह हमारी पकड़ से काफ़ी दूर निकल गया होगा और जैसा कि इस नौजवान लड़के ने बताया है कि उनकी पीठ पर वज़न दार सामान था... तो ऐसे में लूट डालकर कौन सा चोर रुकता है, मेरा ख्याल है कि पैट्रिक को कोई गलत फहमी हुई है ", वहीं पास खड़े जॉर्ज ने पैट्रिक की बात का खंडन करते हुए कहा। 

" तो और कोई शख्स जो यहाँ खड़ा है क्या उनमें से किसी के यहाँ वे दोनों रुके थे या उनमें से कोई एक रुका हो",रिचर्ड ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए पास ही खड़े सभी गाँव के लोगों से पूछा, जवाब आने तक वह कुछ देर के लिए यूँ ही ख़ामोश खड़ा रहा पर किसी की तरफ़ से हाँ में जवाब नहीं मिला। रिचर्ड सारा माजरा समझ गया, अब केवल एक ही घर बचा था और वह घर गाँव से थोड़ी दूर नदी के किनारे था और वह घर किसी दूसरे का नहीं बल्कि उसी मनहूस कुबड़े ओलिवर का था । रिचर्ड ने वहां खड़े कुछ लोगों के कान में फुसफुसा कर ये जानकारी उन्हें दी, कुछ देर के लिए फ़िर से सभी खामोश हो गए और मन में उसी कुबड़े ओलिवर के बारे में विचार करने लगे, वे सभी यही सोच रहे थे कि क्या ओलिवर से इसके बारे में पूछना सही रहेगा या नहीं... कहीं ऐसा न हो उसकी मनहूसियत उनके पीछे पड़ जाए लेकिन अब की बार हालात के आगे सारे मजबूर हो गए क्यूँकि उनके अन्दर क्रोध जन्म ले चुका था... एक तो ओलिवर को सब ऐसे ही मनहूस मानते थे ऊपर से गाँव में हुए हत्याकांड के आरोपियों के उसके घर में रुकने का शक़, अब तो सभी गाँव के मर्दों का गुस्सा और बढ़ गया... उन सभी ने हाथों में हत्यार उठाया और ओलिवर के घर की ओर बढ़ने लगे। देख कर ऐसा लग रहा था कि मानो आज उस कुबड़े की ख़ैर नहीं, सब उसे जान से मार देना चाहते थे। 

                          To be continued... 

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द डॉलमैन - 13


"मिस्टर एडवर्ड... मिस्टर एडवर्ड ज़रा सुनिए," एडवर्ड के गाँव का एक नौजवान युवक भागते हुए उसकी ओर बढ़ रहा था, उसके स्वरों में दर्द का भाव छुपा हुआ था और वह लगातार एडवर्ड को आवाज़ लगा रहा था जिससे मेले में मौजूद एडवर्ड का ध्यान उसकी तरफ़ आकर्षित हो सके, वहाँ काफ़ी भीड़ मौजूद थी और एडवर्ड के स्टाल को जनता लगभग घेरे हुए थी, इस साल उसके खिलौने पिछले साल से अधिक मात्रा में बिके थे। एडवर्ड उस युवक की ओर ध्यान से देखता है, वह लड़का उसके पड़ोस में रहता था।

"क्या हुआ राबर्ट... तुम इतने घबराए हुए क्यूँ हो, एक काम करो स्टॉल के पीछे से अन्दर आ जाओ... आराम से यहीं बैठकर बातें करेंगे," एडवर्ड ने मेले में भीड़ के शोरगुल में अपने पड़ोस में रहने वाले जवान लड़के राबर्ट से कहा। 

" ठीक है... मैं आता हूँ", राबर्ट ने एडवर्ड की बात से राज़ी होते ही जवाब दिया। वह भीड़ में से निकलकर पीछे के रास्ते से स्टाल के अन्दर प्रवेश कर लेता है। 

" अब बताओ क्या बात है जिसे बताने के लिए तुम इतनी दूर भागते हुए आये हो", एडवर्ड ने उसके स्टॉल में प्रवेश करते ही उसकी ओर देखते हुए पूछा, राबर्ट घबराया हुआ सा प्रतीत हो रहा था... मानो उसकी समझ में नहीं आ रहा हो कि बात कहाँ से शुरू करनी है। 

"मुझे पता नहीं क्या कहना चाहिए मिस्टर एडवर्ड... ये बात आपके लिए जाननी बहुत ज़रूरी है लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि कहाँ से शुरुआत करूँ, ये बात आपके परिवार के साथ जुड़ी है", राबर्ट ने हिचकिचाते हुए एडवर्ड की ओर देखते हुए कहा। 

"क्या हुआ राबर्ट... ज़रा खुल कर बताओ, क्या मेरे परिवार में सब कुशल मंगल हैं, आखिर ऐसा क्या है जिसे तुम बताने में इतना समय लगा रहे हो ", एडवर्ड ने राबर्ट के परेशान चेहरे की ओर देखते हुए पूछा। 

" बात ही कुछ ऐसी है मिस्टर एडवर्ड... अगर आप सुनेंगे तो आपके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी," राबर्ट ने एडवर्ड की बात का जवाब देते हुए कहा। 

" अब ज़्यादा भूमिका मत बाँधो राबर्ट... मुझे बहुत ही घबराहट हो रही है, साफ़ - साफ़ बताओ कि माजरा क्या है, क्या मेरे घर पर मेरा परिवार सुरक्षित है या किसी किस्म की कोई अनहोनी हो गई है ", घबराए हुए एडवर्ड ने एक बार फिर राबर्ट से पूछा। 

" मैं वही बताने जा रहा हूँ मिस्टर एडवर्ड... कल रात आपके घर में कुछ लुटेरे घुस आए और सारा सामान लूटने के बाद आपके परिवार की तीनों स्त्रियों को मौत के घाट उतार दिया...बुहुहुहू ", नौजवान राबर्ट ने एडवर्ड को रात हुए हादसे के बारे में बताया और फूट फूट कर रोने लगा। 

" हे मेरे प्रभु... ये क्या हो गया, मैं तो बर्बाद हो गया... अब मेरा कुछ भी नहीं बचा...अब मैं किसके सहारे जीउँगा... बुहुहुहू ", परेशान एडवर्ड भी उसकी बातों को सुनकर अपने बहते आंसुओं को रोक नहीं पाया और उसके मुँह से दर्द भरे अल्फाज़ निकले।

"आप को पता नहीं है मिस्टर एडवर्ड लेकिन ऐसा केवल आपके साथ ही नहीं हुआ है बल्कि तीन घर और हैं जिनमें इसी तरह डकैती डाली गई है... हमारे गाँव में ऐसी घटना पहली बार घटित हुई है, हर तरफ़ अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है... सभी ऐसा करने वाले को कड़े से कड़ा दंड देना चाहते हैं पर उससे पहले मृत परिजनों का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहा है इसलिए आपका वहाँ होना बहुत ज़रूरी है, उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए... आप जाइए मैं यहाँ सब कुछ संभाल लूँगा ", राबर्ट ने एडवर्ड को सारी जानकारी देते हुए कहा। उसकी बात मानकर अपने स्टाल के एक सहायक को लेकर एडवर्ड अपने गाँव की ओर रवाना हो जाता है।


" मैं तो कहता हूँ कि आज इस मनहूस का किस्सा तमाम कर ही देते हैं... हो सकता है कि यह भी उनका ही साथी हो और हम सबसे ईर्ष्या के कारण इसने ऐसा किया हो", ओलिवर के घर की ओर बढ़ती भीड़ में से एक शख्स ने प्रधान से कहा। 

" हम किसान हैं हत्यारे नहीं... उसे भी अपनी बात रखने का एक मौका देते हैं, हम बिना तहकीकात किए उसे सज़ा नहीं दे सकते हैं... यह मानवता के विरुद्ध है ", गाँव के प्रधान ने चलते हुए उस शख्स की ओर देख कर कहा। 

" ये मत भूलो कि पूरा गाँव इस मनहूस कुबड़े से परेशान है और हमारे पास तो सबूत भी मौजूद है कि वह उन्ही को अपने घर में रखे हुए था जिन्होंने गाँव में ऐसा दुष्कर्म किया है... हो सकता है कि इसे भी लूट से हिस्सा मिला हो, मैं बता रहा हूँ कि इससे अच्छा मौका फ़िर कभी नहीं मिलेगा इससे छुटकारा पाने के लिए ", उस शख्स ने गाँव के प्रधान की ओर देख कर कहा, उसकी बातों से ऐसा लग रहा था कि आज ओलिवर नहीं बचने वाला है, एक तो वह पहले से ही मनहूस होने का धब्बा अपने ऊपर लेकर जी रहा था ऊपर से ऐसी त्रासदी गाँव में हो गई और बदकिस्मती से इस घटना को अंजाम देने वाले भी उसी के घर में रुके हुए थे जिससे गाँव वालों का गुस्सा और भड़का हुआ था। 

" हाँ ये सही कह रहा है... इस ओलिवर नाम की मनहूसियत से हमेशा के लिए छुटकारा पा लेते हैं, इससे पहले भी हम गाँव वाले इसकी मनहूसियत का कई बार शिकार हो चुके हैं... इस बार इसका काम हमेशा के लिए तमाम कर देते हैं", उसी भीड़ में मौजूद दूसरे शख्स ने भी पहले वाले का समर्थन करते हुए कहा। अब गाँव के आधे से ज्यादा लोग यही बातें दोहराने लगे की ओलिवर का सफाया कर दो, गाँव का प्रधान रिचर्ड अब दबाव में आ चुका था क्यूँकि भीड़ का क्रोध अत्यधिक बढ़ चुका था, उसने खुद को खामोश रखना ही उचित समझा। थोड़ी ही देर में वे सभी ओलिवर के घर पहुँच गए। 

"ओलिवर बाहर निकल...कहाँ छुपा बैठा है, बाहर निकल",उस भीड़ में से एक शख्स ने चिल्लाते हुए कहा, उसकी बातें सुनकर अन्दर बैठा ओलिवर सहम सा गया और घर के अन्दर से बाहर निकला, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर माजरा क्या है... इससे पहले की वह कुछ समझ पाता भीड़ ने उसे चारों तरफ़ से घेर लिया और उस पर लाठी और घूंसे चलने लगे, ओलिवर मदद के लिए चिल्लाता रहा और साथ ही उन सबसे ऐसा करने की वजह भी पूछता रहा पर किसी ने कुछ नहीं कहा... सभी बिना उसका कसूर बताए उसे बुरी तरह से पीटते रहे... इससे भी वहाँ मौजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ उनमें से कुछ ने तेज धार हथियारों से उस पर वार कर उसे लहूलुहान कर दिया, ओलिवर एक मांस के टुकड़े की तरह वहां पड़ा हुआ था और क्रोधित जनता उसपे वार पर वार किए जा रही थी। ओलिवर ने काफ़ी देर पहले ही दम तोड़ दिया था लेकिन जनता ने अपने क्रोध शांत होने तक उस पर वार किया और जब सभी थक के चूर हो गए तो मृत पड़े ओलिवर को वैसे ही छोड़कर चले गए। 

                         To be continued... 

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द डॉलमैन - 14


" हे प्रभु... हे मेरे प्रभु, ये क्या हो गया... मेरा तो सब कुछ बर्बाद हो गया, मैं लुट गया.... बुहुहुहू...मेरी पत्नी और मेरी बेटियों के साथ ये कैसा अनर्थ हो गया, मैं उस दरिंदों को छोड़ूंगा नहीं जिन्होंने ऐसा घिनौना काम किया है... मेरी फूल जैसी मासूम बेटियों को भी कितने दर्द का सामना करना पड़ा होगा... मेरे पास अब जीने का कोई सहारा नहीं बचा... बुहुहुहू ", दुखी एडवर्ड अपनी मृत पड़ी पत्नी और बेटियों की लाशें देख कर अपने दर्द को लफ़्ज़ों में बयां करता है, उसका रोना सुनकर वहाँ मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू छलक जाते हैं... ये घड़ी ही ऐसी थी जिसमें सभी अपनी रंजिश भुलाकर एक दूसरे के ग़म को बाँटने में लगे हुए थे। सभी गाँव वाले उन लोगों को दिलासा दे रहे थे जिनके घरों में लूट और हत्याओं को अंजाम दिया गया था।

" हौसला रखो एडवर्ड... अगर तुम ही टूट जाओगे तो तुम्हारे परिवार का अंतिम संस्कार कैसे होगा, इसलिए ख़ुद को संभालने की कोशिश करो", गाँव के एक बुजुर्ग ने एडवर्ड के कंधे पर हाथ रख कर उसे समझाते हुए कहा।

"कैसे ख़ुद को संभाला सकता हूँ भाई... जब इतना बड़ा हादसा हो गया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी...अब मेरे जीने का कोई सहारा भी नहीं रहा फ़िर किस तरह से ख़ुद को संभाल सकता हूँ ", एडवर्ड ने रोते हुए उस बुज़ुर्ग की बात का जवाब देते हुए कहा।

"हम जानते हैं कि तुम्हारे साथ बहुत दुखद हादसा हुआ है मेरे भाई लेकिन ऐसे भावनाओं में बहना किसी समस्या का हल नहीं है...हम गाँव वालों ने तो उन हत्यारों की बहुत तलाश की लेकिन वे हमारे हाथों से बच गए... पर हमने उनके एक साथी को मौत के घाट उतार दिया है और जल्द ही बाकी भी पकड़े जाएंगे ", पास ही खड़े दूसरे व्यक्ति ने भी एडवर्ड को दिलासा देते हुए अपनी बात कही, उसकी बातों को सुनकर जैसे एडवर्ड की आँखों में चमक सी आ गई थी... उसके बदला लेने की तीव्र इच्छा ने जैसे उसके कान खड़े से कर दिए हों, वह सारी बातें जानने को बेताब हो रहा था।

" क्या मैं जान सकता हूँ कि वह शख्स कौन था जो मारा गया है... क्या वह इसी गाँव का था", एडवर्ड ने जिज्ञासा पूर्वक वहाँ मौजूद लोगों से पूछा। 

"वह कोई और नहीं बल्कि कुबड़ा ओलिवर था, जिसने उन लूट और हत्या करने वालों का साथ दिया था...हम सभी ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया, एक तरह से मनहूसियत से पीछा छूटा ", वहाँ मौजूद एक शख्स ने उसे जवाब देते हुए कहा। एडवर्ड उसकी बातों को सुनकर कुछ देर के लिए खामोश सा हो गया... उसे इस बात का यकीन नहीं हो रहा था कि ओलिवर उनका साथी था क्यूँकि ओलिवर की असलियत अगर कोई अच्छे से जानता था तो वह एडवर्ड ही था।

"क्या आप सभी को पूरा यकीन है कि वह इस वारदात को अंजाम देने के बारे में पहले से ही जानता था...उसने अपनी सफ़ाई में क्या कहा," एडवर्ड ने वहां मौजूद लोगों से एक बार फिर से पूछा। 

"हमने उसे बोलने का कोई मौका ही कहाँ दिया...उसके घर से बाहर निकलते ही सभी गाँव वाले उस पर टूट पड़े और उसकी सफ़ाई सुनता कौन... हमारे लिए इतना ही काफ़ी था कि वह उन हत्यारों से मिला हुआ है और अच्छा ही हुआ, वह मुआ ओलिवर हम गाँव वालों के लिए पहले से ही बहुत बड़ा सिरदर्द था... एक मनहूसियत से पीछा छूटा ", वहाँ खड़ी भीड़ में मौजूद एक नौजवान शख्स ने जोश के साथ एडवर्ड को सारी बातों की जानकारी दी। 

" उफ्फ! ये क्या हो गया... ऐसा कैसे हो सकता है, ओलिवर कभी इतना नीचे नहीं गिर सकता था, अगर इन सभी को पता चला कि वह मेरे लिए गुप्त रूप से खिलौने बनाया करता था तो ये लोग हो सकता है मुझे भी मौत के घाट उतार दें... इसलिए अभी कुछ भी बोलना मुनासिब नहीं होगा", एडवर्ड ने उस नौजवान लड़के की बातें सुनकर खुद से ही मन में कहा, उसे इस बात का डर था कि उसका खिलौने बनवाने वाला राज़ सभी के सामने खुल जाएगा और वहाँ मौजूद सभी लोग क्रोधित होकर उसे भी मार डालेंगे इसलिए मौके की नज़ाकत को समझते हुए उसने खामोश रहने में ही अपनी भलाई समझी। कुछ ही देर बाद वहां पादरी का आगमन होता है, वहाँ मौजूद मृत सदस्यों को अंतिम विदाई देने के लिए... एक बार फिर से रोने धोने का माहौल बन जाता है, सभी रोते हुए अपने मृत सदस्यों को विदाई देते हुए पास के कब्रिस्तान पहुँचते हैं और उन सभी मृत सदस्यों के शवों को गाड़ने की प्रथा प्रारंभ होती है बाइबल के कुछ संदेशों के साथ। 


वहाँ से वापसी करते समय एडवर्ड गाँव वालों की नज़रों से बच कर छोटी पहाड़ी के नीचे स्थित ओलिवर के निवास की ओर बढ़ता है। एडवर्ड कुछ ही देर बाद ओलिवर के घर पहुंचता है लेकिन वहाँ का नज़ारा देख कर एडवर्ड की रूह दहल जाती है... कुछ भूखे भेड़िये उसके मृत पड़े शरीर को नोच रहे थे, ओलिवर एक मांस के टुकड़े समान प्रतीत हो रहा था और भूखे भेड़िये उसके शरीर का हर अंग नोच नोच कर खा रहे थे, इससे पहले कि एडवर्ड भी उन भेड़ियों की नज़र में आता उसने वहाँ से निकलने में ही भलाई समझी और सीधा अपने घर की ओर रवाना हो गया। 

"उफ्फ! ये तो बहुत बड़ा नुकसान हो गया... ओलिवर एक अच्छा इंसान था और सालों से मेरे लिए खिलौने बनाया करता था... उसकी बस इतनी सी शर्त थी कि वह रात में अपने समय के हिसाब से काम करेगा और किसी को काम के वक़्त आकर दखलंदाजी नहीं करनी है... इसलिए मैंने उसे अपने छोटे कारखाने की चाभी दे दी थी ताकि उसे आने जाने में तकलीफ न हो... हर बार खिलौने बनाने का पैसा मैं इसी कारखाने में छोटी पोटली में रख कर छोड़ देता था इससे उसे भी आर्थिक मदद मिलती थी, अब इस गाँव में और कौन सी मुसीबत आने वाली है ये तो वक़्त ही बताएगा, पर इस समय मेरे ऊपर तो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है ", एडवर्ड ने घर में अकेले ही ख़ुद से बातें करते हुए कहा। 


धीरे - धीरे समय बीतता है और इस दुखद घटना को बीते हुए लगभग एक हफ्ता पूरा हो जाता है... एडवर्ड ने अब अपने खिलौनों का व्यापार बंद ही कर दिया था, ओलिवर द्वारा बनाए गए आखिरी खिलौने तक मेले में बेच दिए थे अपने गांव के कुछ लड़कों की सहायता से क्यूँकि इस हादसे के बाद से एडवर्ड लगभग टूट ही चुका था और उसने खुद खिलौने बेचने से मना कर दिया था लेकिन गाँव के कुछ नौजवान लड़कों ने बाकी बचे खिलौनों को बेचा और मुनाफे की रकम का बंटवारा कर लिया जिसमें एडवर्ड का भी हिस्सा था... एडवर्ड के लाख मना करने के बावजूद भी उन्होंने उसे उसके हिस्से का पैसा दे दिया। जिस तरह से जीवन में हर दुख की घड़ी के बाद सुख के पल आते हैं, ठीक उसी तरह से गाँव के प्रधान रिचर्ड के यहाँ उसके पाँच साल के बेटे का जन्मदिन मनाया जा रहा था... उस दुखद हादसे के बाद गाँव में आज खुशी की लहर थी, पूरे गाँव की सड़कों को दुल्हन की तरह सजाया गया था और सुबह से ही जलसे का माहौल था... वक़्त बीतता है और शाम हो जाती है लेकिन खाना पीना, नाच गाना यूँ ही चलता रहता है, जहाँ एक ओर गाँव के सारे वयस्क खाने पीने का लुत्फ़ उठा रहे थे... वहीं बचे भी अपने खेल में लगे हुए थे, अंधेरा लगभग हो ही चुका था और बच्चे आपस में खेल का लुत्फ उठा रहे थे कि तभी अचानक गाँव के प्रधान के लड़के की नज़र एक अनजान साये पर पड़ती है... वह अपना खेल छोड़कर उस अनजान साये को देखे जा रहा था, वह साया उसे अपनी ओर आने का इशारा करता है और वह पाँच साल का नासमझ बच्चा उसके पीछे चल देता है... गाँव के लोग अपनी मौज मस्ती में इस कद्र खोये हुए थे कि किसी की नज़र उस बच्चे पर नहीं पड़ती है और वह सब कुछ भूल कर उस डरावने साये की ओर बढ़ता चला जा रहा था। 

                            To be continued... 

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द डॉल मैन - 15



वह अनजान डरावना साया उस मासूम बच्चे को लगातार अपनी ओर आने का इशारा कर रहा था, रात के अंधेरे में उसे ठीक तरह से देख पाना नामुमकिन था, ऊपर से उसने काला लिबास पहन रखा था जो ज़मीन को अच्छी तरह से छू रहा था और उसके चेहरे को भी पूरी तरह से ढक रहा था... उसे देखते ही डर का एहसास हो रहा था लेकिन वह बच्चा अपने मासूम अंदाज़ में उस साये के साथ भी दोस्ती करना चाहता था, जिसे वह जानता भी नहीं था और न ही उसने उसे पहले कभी देखा था। उस बच्चे को देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो उस साये ने उस पर कोई जादू कर दिया हो जिस वजह ने उस बच्चे को अपने दोस्तों के साथ होने के बजाय उस साये के पीछे जाने पर मजबूर कर दिया था। वह अपने नन्हे कदमों से धीरे - धीरे उसकी ओर बढ़ता है और वह साया उसे उस स्थान से दूर ले जाने के लिए धीरे - धीरे पीछे हटता है... देखते ही देखते वह बच्चा उस साये के नज़दीक पहुंच कर रुक जाता है और उस साये की ओर देखने लगता है। उस बच्चे को रुका हुआ देख वह साया अपने काले लम्बे लिबास में से एक गुड्डा निकलता है और उस बच्चे को दिखाते हुए ललचाता है... वह गुड्डा बेहद ही खूबसूरत और प्यारा सा दिख रहा था, किसी भी छोटे बच्चे को ललचाने के लिए वह बिलकुल उपयुक्त था और उसे देखते ही वह मासूम बच्चा एक बार फिर से उसके पीछे जाने को तैयार हो जाता है। कुछ ही देर में वे दोनों काफ़ी दूर निकल आते हैं, तब वह साया एक जगह रुक जाता है और नीचे उस बच्चे की ओर झुकता है, फिर अचानक ही वह उस बच्चे को एक झटके में उठाता है और उनके ऊपर काले बादलों का बवंडर सा बन जाता है जिसके ज़रिए वह उस मासूम बच्चे को लेकर ग़ायब हो जाता है... सब कुछ बिलकुल जादू सा प्रतीत हो रहा था, वह बच्चा पलक झपकते ही गायब हो जाता है बस वह गुड्डा वहीं पर गिरा हुआ था, जिसे शायद जानबूझकर छोड़ दिया गया था निशानी के तौर पर।


" रिचर्ड मुझे माइकल कहीं नहीं दिखा... मैंने आसपास के सारे इलाकों में देख लिया लेकिन वह मुझे कहीं नहीं मिला," गाँव का एक शख्स जंगल में रिचर्ड के बेटे की तलाश करके उसके पास वापस लौट कर कहता है, गाँव के सभी लोग प्रधान के बेटे को ढूंढने में लगे हुए थे। सभी में इस बात की खलबलि मची हुई थी कि वह पाँच साल का मासूम बच्चा आखिर कहाँ लापता हो गया, हर कोई अपनी भरपूर कोशिश कर रहा था उस बच्चे को ढूंढ कर वापस लाने की। 

" मैंने इलाके का चप्पा - चप्पा छान मारा मगर मेरे हाथ कुछ भी नहीं लगा... समझ में नहीं आता है कि वह इतना ज़रा सा बच्चा आखिर कहाँ लापता हो गया, ऐसा हादसा पहली बार हुआ है इस गाँव में", वहीं खड़ा दूसरा व्यक्ति उस पहले वाले की बात सुनकर गाँव के प्रधान की ओर देखते हुए कहता है। 

" मुझे लगता है किसी जंगली जानवर का काम होगा... नहीं तो उस मासूम बच्चे से किसी को क्या दुश्मनी हो सकती है... ऐसा पहले कभी नहीं हुआ ", वहीं भीड़ में मौजूद तीसरे शख्स ने अपनी राय सबके सामने रखते हुए कहा। 

" रिचर्ड... मिस्टर रिचर्ड...मुझे कुछ मिला है, मिस्टर रिचर्ड ", एक युवक भागते हुए रिचर्ड के घर की ओर बढ़ रहा था, उसके हाथ में वही वस्तु थी जिसके बारे में वह चिल्ला कर गाँव के प्रधान को बता रहा था, कुछ ही देर में वह उसके घर के अंदर प्रवेश कर लेता है, वहाँ मौजूद भीड़ उसे बीच में से अंदर जाने का रास्ता दे देती है ये सोचकर कि लगता है कोई विशेष जानकारी है। वह गाँव के प्रधान के सामने प्रस्तुत होता है और दूर से भागते हुए आने के कारण वह नज़दीक ही टेबल पर रखे ग्लास का सारा पानी पी लेता है। उसके बाद उसे राहत का अनुभव होता है और उसके साथ ही वह आगे बताना जारी रखता है, "मैं तुम्हारे बेटे को अपने घर के पीछे वाले जंगल में ढूँढ रहा था कि तभी मेरी नज़र एक छोटे बच्चे के जूते से बने कदमों के निशानों पर पड़ी... जंगल के उस इलाके में नमी से भरी मिट्टी होने के कारण वहाँ कदमों के निशान आसानी से बन जाते हैं, मैंने देखा कि वे निशान जंगल में कुछ दूर तक फैले हुए थे फ़िर अचानक एक जगह पर आकर ख़त्म हो गए... मुझे समझते देर नहीं लगी कि वहीं से वह बच्चा ग़ायब हुआ होगा या किसी ने उसे उठा लिया होगा... पर ताज्जुब की बात यह है कि वहां किसी दूसरे व्यक्ति के कदमों के निशान मौजूद नहीं थे और न ही किसी जानवर के, वहीं पर मुझे ये गुड्डा नीचे पड़ा हुआ मिला ", उस नौजवान युवक ने रिचर्ड तथा गाँव वालों को सारी बातें विस्तार पूर्वक बताई तथा वह गुड्डा रिचर्ड की ओर बढ़ाया जो उसके हाथ में था। रिचर्ड उस गुड्डे को अपने हाथ में लेकर देखता है, वह बेहद ही प्यारा और खूबसूरत था, बनाने वाले ने काफ़ी मेहनत से बनाया होगा ऐसा प्रतीत हो रहा था उस गुड्डे को देख कर, पर यह समय इन बातों को सोचने का नहीं था, इसलिए उस गुड्डे पर एक नज़र डालने के बाद रिचर्ड ने उस युवक की ओर देखा। 

"प्लीज़ क्या तुम हमें उस जगह पर लेकर चल सकते हो जहाँ से तुम्हें ये गुड्डा मिला और मेरे बेटे माइकल के कदमों के निशान दिखे थे... हम सब वहीं से एक बार फिर से तलाश  करेंगे, हो सकता है कि वह कहीं आसपास ही हो पर हम ठीक से ढूँढ नहीं पा रहे हैं", रिचर्ड ने उस युवक से निवेदन करते हुए कहा, उसके मन में अब भी उम्मीद की किरण ज़िंदा थी और उसे लग रहा था कि उसका बेटा उसे मिल जाएगा। एक बाप की पीड़ा का ख्याल रखते हुए सभी गाँव वाले प्रधान के साथ मिलकर उसी दिशा में जंगल की ओर जाते हैं जहाँ पर उस नौजवान युवक को वह गुड्डा मिला था ज़मीन पर पड़ा हुआ और उस बच्चे के कदमों के निशान भी दिखे थे... सभी के मन में इस बात को लेकर दुबारा उम्मीद जगी हुई थी कि वह खोया हुआ मासूम बच्चा फ़िर से मिल जाएगा, काफी देर तक तलाश करने के बाद भी उनके हाथों निराशा ही लगती है, गाँव के प्रधान रिचर्ड का बेटा किसी को नहीं मिलता है, सब निराश होकर वापस अपने गाँव में लौट जाते हैं। 

इस हादसे के बाद गाँव में सभी लोग अपने बच्चों को लेकर थोड़ा ज़्यादा सतर्क हो जाते हैं...वक़्त बीतते देर नहीं लगती और बीते वक़्त के साथ इंसान पुरानी बातों को भी भूल जाता है, ऐसा ही कुछ गाँव के लोगों के साथ भी हुआ, उन्हें भी अपने पुराने ज़ख्मों को भूलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगता है। 

" बच्चे काफ़ी निराश हो चुके हैं जब से एडवर्ड ने खिलौने बनाना छोड़ दिया है...फिर माइकल के साथ हुए हादसे को भी तो कोई नहीं भूल पाया है, अच्छा होता कि ऐसे समय में एडवर्ड खिलौने बनाकर बेच रहा होता, कम से कम छोटे बच्चों का थोड़ा मन बहल जाता लेकिन उस बेचारे के साथ भी ऐसा हादसा हुआ है कि उसने खुद ही सारी चीजों से दूरी बना ली है... उसका ग़म शायद ही कोई बांट पाए ", गाँव के एक वृद्ध सदस्य ने अपने साथी से बात करते हुए कहा, दोनों चाय की दुकान पर बैठकर चाय तथा शतरंज की बाजी का लुत्फ़ उठा रहे थे और साथ ही गाँव की समस्याओं पर चर्चाएं कर रहे थे। 

" ठीक कहते हो... अब एडवर्ड पहले वाला एडवर्ड नहीं रहा, वह काफ़ी बदल चुका है, न किसी से मिलता है और न ही कोई बात करता है... बस अपने में खोया हुआ सा रहता है, शायद वह उस हादसे को अब भी नहीं भूल पाया है, पता नहीं ऊपर वाला अच्छे लोगों की ही परीक्षा क्यूँ लेता है जबकि बुरा इंसान मज़े में जीवन बिताता है ", शतरंज की चाल चलते हुए दूसरे शख्स ने अपने साथी से सहमत होते हुए कहा। 

" मिस्टर रिचर्ड... मिस्टर रिचर्ड... जल्दी बाहर आइए मिस्टर रिचर्ड, एक बहुत बड़ा हादसा हो गया है, आपको जल्दी मेरे साथ चलना होगा...मिस्टर रिचर्ड ", वे दोनों वृद्ध चाय की दुकान पर शतरंज खेलते हुए बातें कर ही रहे थे कि तभी अचानक चाय की दुकान से एक युवक चिल्लाते और भागते हुए गुज़रता है, वह गाँव के प्रधान रिचर्ड को ही आवाज़ लगा रहा था जिसका घर उस चाय की दुकान के नज़दीक ही था। उसे चिल्लाता हुआ देख कर आस पास के लोग भीड़ इकट्ठा कर लेते हैं, इससे पहले कि वह गाँव के प्रधान को कुछ बता पाता सभी उससे हादसे के विषय में पूछने लगे। थोड़ी ही देर में गाँव का प्रधान रिचर्ड घर के बाहर निकलता है और उस युवक के सामने आ कर खड़ा हो जाता है परिस्थिति को अच्छी तरह से समझने के लिए। 

"क्या बात है एंथनी... तुम इतने घबराए हुए से क्यूँ लग रहे हो सब कुछ ठीक तो है न या फिर से कोई अनहोनी घटित हो गई है", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने उस युवक की ओर देखते हुए पूछा। 

" मिस्टर रिचर्ड एक बुरी खबर है... कल रात को लूथर परिवार के साथ एक हादसा हो गया, उनकी तीन साल की बेटी अपने कमरे से गायब हो गई, अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है, सब लोग जंगल में पागलों की तरह से ढूँढ रहे हैं लेकिन मिस्टर लूथर का कहना है कि बच्ची के घर से बाहर निकलने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है क्यूँकि रात को सोने से पहले ही उन्होंने सारे खिड़की दरवाजे ख़ुद ही बंद किए थे, फिर वह तीन साल की बच्ची घर के बाहर कैसे निकल सकती है... सुबह दोनों मियाँ बीवी ने उसके कमरे में जाकर देखा तो वह वहाँ मौजूद नहीं थी और उसके बिस्तर पर एक गुड्डा मिला था, जो लगभग वैसा ही था जब आपका बेटा गायब हुआ था... मुझे माफ़ करें मिस्टर रिचर्ड लेकिन आपको मेरे साथ ही चलना पड़ेगा ", उस युवक ने रिचर्ड को अपनी बात विस्तार पूर्वक बताई फ़िर उससे अपने साथ चल कर देखने का अनुरोध किया, उस युवक की बातें सुनकर जैसे वहाँ मौजूद सभी लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई हो, वे सभी चकित हो कर रह जाते हैं, गाँव का प्रधान रिचर्ड बिना कोई मौका गंवाए उस युवक के साथ चल देता है और उनके साथ ही वहाँ मौजूद भीड़ भी लूथर के घर की ओर चल देती है। 

                       To be continued...

               ©IVANMAXIMUSEDWIN 



द डॉल मैन - 16



"पता नहीं मेरी बच्ची कहाँ लापता हो गई, हर जगह ढूँढ लिया लेकिन कहीं नहीं मिली... पता नहीं मेरी फूल जैसी बच्ची के साथ क्या हुआ होगा, बुहुहुहू", लूथर परिवार के घर पर पहुँचे गाँव के प्रधान और कुछ गाँव वालों के सामने मिसेस लूथर अपना दुखड़ा रोती हैं। रिचर्ड तथा कुछ गाँव वालों ने घर की अच्छी तरह से छानबीन की लेकिन उस बच्ची का कोई सुराग हाथ नहीं लगा, उन्हें मिला तो बस एक गुड्डा, जिसे रिचर्ड ने सबूत के तौर पर अपने पास रख लिया ताकि बाद में उस गुड्डे से तुलना करके देख सके।

"मुझे समझ में नहीं आता है कि आखिर हमारे इस गाँव में किस मनहूसियत ने कदम रख दिया है जिस वजह से इतने संकटों का सामना करना पड़ रहा है... आखिर हमारी खुशियों को किसकी नज़र लग गई है", गाँव के एक बुज़ुर्ग व्यक्ति ने रिचर्ड की ओर देखते हुए कहा, वह शायद रिचर्ड से किसी हल की उम्मीद कर रहा था, पर रिचर्ड भी किसी नतीजे तक पहुंच पाने में नाकाम ही रहता क्यूँकि ऐसा हादसा उस इलाके में पहली बार हुआ था।

" लूथर तुम्हें इस मुश्किल घड़ी में ख़ुद को संभालना होगा क्यूँकि अगर तुम टूट जाओगे तो तुम्हारे परिवार भी इसका असर पड़ेगा... मैं तुम्हारा दर्द समझता हूँ और कुछ दिनों पहले ही मुझे भी इस पीड़ा का सामना करना पड़ा था, मैं जानता हूँ कि ये तुम्हारे लिए आसान नहीं होगा पर फ़िर भी तुम्हें धैर्य से काम लेना पड़ेगा ", रिचर्ड ने ग़म में डूबे हुए मिस्टर लूथर के कंधों पर हाँथ रखते हुए कहा, रिचर्ड उसका दर्द कम करने की कोशिश कर रहा था, एक अच्छे प्रधान होने का फर्ज़ निभा रहा था और ऐसे अवसर पर किया भी क्या जा सकता था, गाँव का प्रधान रिचर्ड अपनी बात जारी रखता है," थाने में भी पहले से ही हुए जघन्य हत्या कांड और बलात्कार का केस दर्ज है... तहकीकात चल ही रही है, तुम भी हमारे साथ चलो लूथर, इसकी जानकारी भी उन्हें दे देते हैं... वैसे मेरी पहचान का एक जासूस भी है, क्यूँ न शहर से उसे भी इस केस की तहकीकात करने के लिए निवेदन किया जाए, उसके पास काफ़ी तजुर्बा है... तुम्हें हमारे साथ आना ही होगा, गाँव की महिलाएँ तुम्हारी पत्नी के साथ रहेंगी, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी ", रिचर्ड ने लूथर से अपने साथ चलने का अनुरोध करते हुए कहा, लूथर उसके साथ चलने को तैयार हो गया... कुछ ही देर बाद गाँव के कुछ तूजर्बे कार पुरुषों की भीड़ पास के पुलिस थाने की ओर चल दी। 


" आप लोगों के गाँव की कहानी वाकई दर्दनाक है...मुझे किसी भी नतीजे तक पहुंचने से पहले एक बार आपके गाँव आना ही पड़ेगा, तभी किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाऊँगा...आप कह रहे थे कि जिस जगह से बच्चे ग़ायब हुए हैं वहाँ पर आपको गुड्डे मिले हैं, मुझे उन गुड्डों को भी देखना है, हो सकता है कि वे हमें उस व्यक्ति तक पहुँचा दें जो इन सभी अपहरण को अंजाम दे रहा है... मुझे कल एक ख़ास केस के सिलसिले में कमिश्नर से मिलना है, मैं परसों आपके गाँव पहुंच जाऊंगा ", लंदन के मशहूर प्राइवेट जासूस क्लार्क ने गाँव के प्रधान रिचर्ड तथा गाँव के अन्य तजुर्बे कार लोगों को आश्वासन देते हुए कहा। 

" आपका हम सभी को बेसब्री से इंतजार रहेगा...अब इस समस्या से आप ही निजात दिला सकते हैं, हम सभी बेहद परेशान हैं, सारे गाँव के लोग दहशत के साये में जी रहे हैं...ऐसे में आप ही हम सबकी आखिरी उम्मीद हैं", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने जासूस क्लार्क को सारी समस्याओं की जानकारी देते हुए उससे इस केस को निपटाने का एक बार फिर से निवेदन किया। 

" आप लोगों ने इसके बारे में पुलिस को भी जानकारी दी होगी, उन्होंने इसके बारे में क्या कहा... इस केस से संबंधित कोई सुराग मिला या नहीं, अगर आप लोग चाहें तो मैं कमिश्नर से इस केस का ज़िक्र कर सकता हूँ... इससे मुझे इस केस से जुड़े हर अहम सबूत मिल जाएंगे और पुलिस डिपार्टमेंट पर थोड़ा दबाव भी बना रहेगा इस केस को जल्द से जल्द सुलझाने का ", क्लार्क ने रिचर्ड की ओर देखते हुए पूछा, वह इस केस से जुड़ी हर जानकारी इकट्ठा करना चाहता था। 

" अगर आप ऐसा कर सकें तो हमारे ऊपर बहुत बड़ा एहसान होगा...इससे तो हमारी समस्या और आसान हो जाएगी, हमें कोई ऐतराज नहीं है अगर आप इसका ज़िक्र कमिश्नर से करते हैं, हम आपके आभारी रहेंगे... अच्छा अब हमें इजाज़त दीजिए, हम सभी आपके गाँव आने का इंतजार करेंगे", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने क्लार्क से कहकर वहाँ से विदा लेने की तैयारी की और उसके साथ ही गाँव के सभी लोग वहाँ से निकल गए, उनके जाते ही क्लार्क कुछ देर तक यूँ ही बैठा हुआ इस अजीब से केस के बारे में सोचता रहा लेकिन उसे किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले एक बार गाँव जाना ज़रूरी था। 


"ऐसा लगता है कि ये गुड्डा मैंने पहले भी कहीं देखा है... अगर मैं ग़लत नहीं हूँ तो ऐसा गुड्डा एडवर्ड बनाया करता था, क्यूँ न उससे भी इसके बारे में एक बार जानकारी ले ली जाए... हो सकता है कि दोनों बच्चों के अपहरण से जुड़ा कोई सुराग हाथ लग जाए... मैं शीघ्र ही एडवर्ड के घर तक जाता हूँ, उसे अभी वहीं होना चाहिए ", अपने घर में बैठा रिचर्ड उस गुड्डे को बड़े ध्यान से देख ही रहा था कि उसके मन में एक विचार उठता है जिसके बाद वह सीधा एडवर्ड के घर की ओर रवाना होता है। वह एडवर्ड के घर के पहुंचता है और उसके दरवाजे पर दस्तक देता है, थोड़ी देर बाद परेशान सा एडवर्ड दरवाजे को खोलता है और रिचर्ड को बाहर खड़ा देख अंदर आने को कहता है। 

"कैसे आना हुआ रिचर्ड", रिचर्ड के घर में प्रवेश करते ही एडवर्ड ने उससे आने का कारण पूछा। 

" मैं यहाँ तुमसे कुछ पूछने आया हूँ... आज कल गाँव में क्या हो रहा है इन बातों से तो तुमने एकदम मुँह ही मोड़ लिया है... मैं तुमसे बस ये जानने आया हूँ कि इस गाँव में हुए बच्चों के अपहरण के बारे में तुम्हारी क्या राय है, तुम्हें क्या लगता है कि ये किसने किया होगा ", रिचर्ड ने एडवर्ड की ओर देखते हुए पूछा। 

" मैंने इसके बारे में गाँव के कुछ नौजवानो से सुना तो है लेकिन मुझे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि ये किसने किया होगा...मुझे इस बात को जानकर भी बहुत दुख हुआ कि ग़ायब हुए बच्चों में से एक तुम्हारा लड़का था ", एडवर्ड ने रिचर्ड के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा। 

" तो तुम्हें ये भी पता होगा कि जहां से दोनों बच्चे ग़ायब हुए हैं वहाँ से दो गुड्डे बरामद हुए हैं, जिनका लालच देकर ही शायद उन्हें बहलाया गया हो... लो तुम भी इन्हें गौर से देखो ", रिचर्ड ने गुड्डे एडवर्ड की ओर बढ़ाते हुए कहा, एडवर्ड ने उन दोनों गुड्डों को रिचर्ड के हाथों से ले लिया और उन्हें ग़ौर से देखने लगा। उन गुड्डों को देखते ही उसे ये समझने में देर नहीं लगती है कि वे बिलकुल ओलिवर द्वारा बनाए गए गुड्डों जैसे दिखते थे... एडवर्ड सारा माजरा समझ गया और उसे रिचर्ड के आने का कारण भी पता चल गया। 

" मैं सब समझ गया... तुम यहाँ किसलिए आए हो, ये गुड्डे देखने में बिलकुल वैसे ही हैं जैसे मेरे गुड्डे हुआ करते थे, पर अब तो मैंने खिलौने बना कर बेचना बंद कर दिया है", एडवर्ड ने रिचर्ड की ओर देखते हुए कहा। 

"हो सकता है तुमने खिलौने बनाना और बेचना छोड़ दिया हो लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि ये बिलकुल तुम्हारे द्वारा बनाए जाने वाले गुड्डों में से हैं... आस पास के इलाकों में भी इतने बेहतरीन गुड्डे कोई नहीं बना सकता है... मैं तुम्हारे पास बड़ी उम्मीदों के साथ आया हूँ, तुम अगर इसके बारे में कुछ भी जानते हो तो उसे हमारे साथ अवश्य बाँटना, कल ही एक मशहूर प्राइवेट जासूस आने वाले हैं इसी केस के सिलसिले में, मैं चाहता हूँ कि तुम उन्हें सारी बातें बताओ अगर तुम कुछ भी जानते हो तो ", रिचर्ड ने एडवर्ड को ज़ोर देते हुए कहा। 

" कहीं तुम्हें मुझ पर तो शक़ नहीं है... हो सकता है कि तुम्हारे मन में इस बात का शक़ हो रहा हो कि तुम्हारे बच्चे को गायब करवाने में मेरा ही हाथ है... एक बात बताना रिचर्ड क्या ओलिवर के साथ किए गए हत्याकांड की जानकारी पुलिस को दी है या उस बात को तुम सबने मिलकर दबा दिया है ", एडवर्ड ने रिचर्ड की ओर देखते हुए एक प्रश्न पूछ डाला जिसका जवाब देने से पहले रिचर्ड को सांप सा सूँघ जाता है। 

" न... न... नहीं, इस मामले का ओलिवर से क्या लेना देना है, वैसे भी गाँव वालों के लिए वह एक मनहूस इंसान था और पुलिस को इस बात की जानकारी न देने का फैसला सभी गाँव वालों का था मेरे अकेले का नहीं... तुम भी किसी से इस बात का ज़िक्र न करना इसी में तुम्हारी भलाई है वर्ना गाँव वालों का गुस्सा तो तुम जानते ही हो... तुम्हें भी इस गाँव में कोई रहने नहीं देगा इसलिए बेहतर यही होगा कि तुम हम सबका साथ दो और अगर इन गुड्डों के बारे में कुछ जानते हो तो इसकी जानकारी हमारे साथ बाँटो ", रिचर्ड ने धमकी भरे अंदाज़ में एडवर्ड की ओर देखते हुए कहा। 

" ठीक है इन गुड्डों को यहीं छोड़ दो... मैं इनकी अच्छी तरह से जांच पड़ताल करूंगा और अगर कोई काम की जानकारी हाथ लगती है तो मैं तुम्हें इसकी सूचना अवश्य दूँगा ", एडवर्ड ने रिचर्ड की बात मानते हुए कहा और उसने रिचर्ड को विश्वास दिलाया कि अगर कोई भी सुराग़ उसके हाथ लगता है तो वह उसे अवश्य बताएगा। 

                          To be continued... 

                 ©IVANMAXIMUSEDWIN 



द डॉल मैन - 17


"आइये ...आइये ... हमारे गाँव में आपका स्वागत है, सफ़र में कोई परेशानी तो नहीं हुई", गाँव के बाहर सराय में रिचर्ड ने अपने तजुर्बेकार साथियों के साथ क्लार्क का बग्घी से उतरते ही स्वागत किया।

"नहीं कोई तकलीफ नहीं हुई...आपका गाँव यहाँ से कितनी दूर है... अगर ज़्यादा दूरी न हो तो मैं पैदल चल कर जाना ज़्यादा पसंद करूँगा, इससे आस पास के इलाकों की अच्छी तरह से जानकारी मिल जाएगी", क्लार्क ने रिचर्ड का अभिनंदन स्वीकार करते हुए उससे हाथ मिलाकर कहा।

"यहाँ से ज़्यादा दूर नहीं है... पैदल चल कर जाने तक की दूरी है, इस सराय में आस पास के इलाकों तक जाने वाली हर घोड़ा गाड़ी रुकती है, इसलिए हमारे गाँव में अक्सर मेहमानों का आना जाना होता रहता है, इससे गाँव का व्यापार भी अच्छा चलता है... आइये, मैं आपको चलते हुए आसपास के क्षेत्रों को भी दिखाता हूँ ", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने क्लार्क से कहा और अपने साथ चलने का इशारा किया, गाँव के एक युवक ने उसका सामान पकड़ लिया और क्लार्क अपना हाथ खाली होते ही छड़ी घुमाते हुए रिचर्ड के साथ गाँव की ओर चल देता है।

"मैंने आपके गाँव के केस का ज़िक्र कमिश्नर से किया था, हम दोनों ने इस बात को लेकर सहमत थे कि आपके गाँव में हुई लूट और ये अपहरण किसी एक गिरोह या आदमी के काम नहीं हो सकते हैं...ये अलग अलग अपराधियों से जुड़े हुए हैं, सबसे पहले ये बताइए क्या लूट के अपराधियों को किसी ने देखा था... हालांकि इससे ज़्यादा मदद तो नहीं मिलेगी क्यूँकि वे भेष बदल कर भी इस वारदात को अंजाम दे सकते हैं लेकिन थोड़ी बहुत झलक से भी कुख्यात मुजरिमों से उनका हुलिया मिलाया जा सकता है, तो कोई ऐसा शख्स जिसने उन अधिकारियों को देखा हो उससे मेरी मुलाकात करवाइए ", क्लार्क ने चलते हुए रिचर्ड की ओर देखते हुए पूछा ।

" हाँ... है न...गाँव के बार के मालिक पैट्रिक ने उनमें से एक को देखा है, आप चाहें तो मैं आपको उसके बार में ले चलता हूँ ", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने क्लार्क की बात का जवाब देते हुए कहा।

" ठीक है तो गाँव पहुँचते ही सबसे पहले उससे मिलने चलते हैं... हो सकता है कि उसकी जानकारी हमारे कुछ काम आ जाए ", क्लार्क ने गाँव के प्रधान रिचर्ड से कहा और सभी आपस में बातचीत करते हुए गाँव की ओर बढ़ने लगे, रिचर्ड ने क्लार्क को आस पास के सारे इलाके दिखाए जिन्हें क्लार्क देखना चाहता था। 


" आओ... आओ रिचर्ड, धन्य भाग्य हमारे जो आप यहाँ पधारे, बताओ मैं किस तरह से तुम्हारी सेवा करूं... क्या पियोगे बियर, वोदका, स्कॉच या रम", पैट्रिक ने अपने बार में प्रवेश करते ही रिचर्ड की ओर देखते हुए पूछा। 

"दरअसल हम तुमसे एक ज़रूरी बात करने आए हैं... इनसे मिलो ये हैं क्लार्क लंदन के एक मशहूर प्राइवेट डिटेक्टिव, हमारे गांव के केस के सिलसिले में कुछ पूछताछ करने आए हैं... अगर तुम खाली हो तो एक जगह बैठकर कुछ बातें करते हैं", रिचर्ड ने पैट्रिक द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा। 

" ठीक है... बातें तो होती ही रहेंगी लेकिन उससे पहले ये हमारे गाँव के मेहमान हैं जो हमारी सहायता करने आए हैं इसलिए बिना ख़ातिर दारी किए मैं जाने नहीं दूंगा... तो बताइए क्या पियेंगे आप ", पैट्रिक ने रिचर्ड की बातें सुनकर क्लार्क से हाथ मिलाते हुए पूछा। 

"भई... आप जब इतना अनुरोध कर रहे हैं तो गला तर करने के लिए एक एक बियर काफ़ी है ", क्लार्क ने पैट्रिक द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा और उसका जवाब पाते ही पैट्रिक ने अपने एक मुलाज़िम को इशारा किया तथा तीनों एक टेबल के सामने बैठ गए, कुछ ही देर बाद पैट्रिक के बार में काम करने वाला मुलाज़िम एक बड़ी सी ट्रे में भरे हुए तीन बियर मग्स को ले आया और उन तीनों के सामने रख दिया। 

" हाँ, तो बताइये कि आप क्या जानना चाहते हैं", पैट्रिक ने क्लार्क की ओर देखते हुए पूछा। 

"मैंने सुना है कि आपने उस लूट के अपराधियों में से एक को देखा है... अगर आप मुझे उसका हुलिया बताएँ तो मैं यहीं बैठे हुए उसका स्केच बना सकता हूँ, इससे हमारे इस केस में काफ़ी मदद मिल सकती है ", क्लार्क ने पैट्रिक की बात का जवाब देते हुए कहा। 

"अरे केवल देखा ही नहीं साहब, मैंने तो उससे बात भी की थी, उसने बताया था कि वह मेला देखने के इरादे से आया था ताकि अपना व्यापार बढ़ा सके...लेकिन हमें क्या मालूम था कि वह इतने बड़े अपराध को अंजाम देने के इरादे से यहाँ आया है... मैं अभी आपको उसका हुलिया विस्तार पूर्वक बताता हूँ, आप अपनी स्केच बुक निकाल लें", पैट्रिक ने क्लार्क की ओर देखते हुए कहा और विस्तार से उसे मार्विन के हुलिये का विवरण देने लगा, क्लार्क ने भी अपनी स्केच बुक निकाल कर उसका हुलिया बनाना शुरू कर दिया, कुछ देर बाद ही उसका स्केच बनकर तैयार हो गया जिसे लेकर क्लार्क और रिचर्ड वहाँ से निकल गए पैट्रिक का शुक्रिया अदा करके। 


"स्केच तो बनकर तैयार हो गया है, अब बस आप मुझे उस जगह ले चलिए जहाँ से आपका लड़का ग़ायब हुआ था... हो सकता है कि हमें कोई सुराग मिल जाए और उस अपहरण करने वाले तक पहुंचने में सफलता मिल जाए", क्लार्क ने गाँव के प्रधान रिचर्ड से पैट्रिक के बार से बाहर निकलते ही कहा... उसकी बातें सुन कर रिचर्ड के अंदर फ़िर से एक बार ग़ायब हुए अपने लड़के के दुबारा वापस मिलने की उम्मीद सी जागी। वह उसे उत्सुकता के साथ उस जगह पर लेकर गया जहाँ से उसका लड़का ग़ायब हुआ था। क्लार्क ने अच्छी तरह से हर जगह कि छानबीन की । 

"मुझे यहां एक छोटे बच्चे के जूतों के निशान के अलावा कुछ लोगों के जूतों के निशान भी दिख रहे हैं...लेकिन वे दूसरे निशान वापस गाँव की तरफ़ ही जाते हैं जबकि बच्चे के जूतों के निशान यहीं से गायब हो जाते हैं", क्लार्क ने नमी भरी मिट्टी में जूतों के निशान को अच्छी तरह से जांचते हुए कहा। 

" दरअसल वे जूतों के निशान हमारे ही हैं... यहाँ तक पहुँच कर ही मेरा बेटा गायब हो गया था, इसकी जानकारी मुझे गाँव के एक युवक ने दी थी और तभी हम सब यहाँ तलाशने पहुँचे लेकिन हमारे हाथ कुछ भी नहीं लगा... उस अपहरण करने वाले के पैरों के निशान तब भी हमें नहीं मिले थे, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो उसने हवा में चलते हुए मेरे बेटे को उठा लिया हो ", गाँव के प्रधान रिचर्ड ने जूतों के निशान के बारे में जानकारी देते हुए क्लार्क से कहा। 

" जितना सोचा था ये मामला उससे भी ज्यादा पेचीदा मालूम पड़ता है...मैं अब उन गुड्डों को देखना चाहता हूँ जो बच्चों के ग़ायब होने के बाद मिले थे ", क्लार्क ने रिचर्ड की ओर देखते हुए कहा। 

" हाँ... हाँ... चलिए मैं आपको दिखाता हूँ... वे दोनों गुड्डे मैंने एडवर्ड को दे दिए थे, वो इस इलाके का मशहूर खिलौने बनाने वाला है, मुझे लगा कि वह इस मामले के बारे में उचित जानकारी दे सकता है... मैं आपको उसके पास ले चलता हूँ", रिचर्ड ने क्लार्क से कहा और दोनों एडवर्ड के घर की ओर चल दिए। 


" आओ रिचर्ड कैसे आना हुआ", अपने घर का दरवाजा खोलते ही एडवर्ड ने रिचर्ड को अन्दर आने का इशारा करते हुए पूछा। 

" ये क्लार्क हैं प्राइवेट डिटेक्टिव जो इस केस को संभाल रहे हैं... इनकी सहायता लंदन पुलिस भी लेती है अनसुलझे केस को सुलझाने में, ये खासतौर पर बच्चों के अपहरण के मामले की छानबीन करने आए हैं और घटना स्थल पर बरामद हुए गुड्डों को देखना चाहते हैं इसलिए मैं इन्हें तुम्हारे पास ले आया हूँ ", रिचर्ड ने एडवर्ड को सब कुछ विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा। 

" ओ... आपसे मिलकर अच्छा लगा, मैं अभी उन गुड्डों को लेकर आता हूँ ", एडवर्ड ने क्लार्क से हाथ मिलाते हुए विनम्रता पूर्वक कहा और अंदर के कमरे से उन गुड्डों को लाने चला गया। कुछ ही देर बाद वह उन गुड्डों को लाकर क्लार्क के हाथों में सौंप देता है। 

" इन गुड्डों को तो देखने पर पता चलता है कि इन्हें बेहद कुशलता और बारीकी से बनाया गया है... इसमें कोई दो राय नहीं है कि बच्चे इन्हें देखकर ख़ुद को रोक नहीं पाएंगे, दोनों की बनावट भी बिलकुल एक जैसी है... हो सकता है कि ये एक ही कारख़ाने में बने हों और एक ही कारीगर द्वारा इस काम को अंजाम दिया गया है... अगर आप लोगों को बुरा न लगे तो आज मैं इन्हें अपने पास रखना चाहूंगा, इनकी अच्छी तरह से जांच पड़ताल करूंगा", क्लार्क ने एडवर्ड और रिचर्ड से कहा, वह उन गुड्डों को देखते ही उनकी सुंदरता से आकर्षित हो गया था। 

" नहीं... नहीं... भला हमें क्या ऐतराज हो सकता है, आज आप हमारे ही गाँव में रुके हैं इसलिए आप आराम से इनकी जांच करें... वैसे आपके रुकने का अच्छा इंतजाम मैंने पैट्रिक के होटल में करवा दिया है, आप आराम से वहां अपना काम कर सकते हैं, कोई आपको परेशान नहीं करेगा", रिचर्ड ने क्लार्क की ओर देखते हुए कहा। 

" ओह ये तो आपका बड़प्पन है कि आप मेरी सुविधाओं के लिए इतना कुछ कर रहे हैं... वैसे एडवर्ड मुझे रिचर्ड बता रहे थे कि आप भी खिलौने बनाते थे और इस इलाके तथा आसपास के इलाकों में आपसे बेहतर खिलौने कोई भी नहीं बना सकता था... आपका इन गुड्डों के बारे में क्या कहना है ", क्लार्क ने एडवर्ड की ओर देखते हुए पूछा। 

" मैं बनाया करता था बेहतरीन खिलौने लेकिन उस हादसे ने मेरा सब कुछ छीन लिया... मेरी पत्नी और बेटियों का बलात्कार करके मौत के घाट उतार दिया गया, मैं भी अब टूट सा गया हूँ... किसके सहारे जीता इसलिए मैंने खिलौने बनाना और बेचना बिल्कुल बंद ही कर दिया, वैसे मैंने इन गुड्डों की अच्छी तरह से जांच की थी और ये पाया कि इनकी गर्दन के पीछे के हिस्से में D अक्षर ख़ुदा है तथा दूसरे वाले गुड्डे पर O, जो इनके बालों को हटाते ही नज़र आता है... ऐसा कोई तभी करता है जब वह अपनी कोई निशानी किसी चीज़ पर छोड़ना चाहता हो, इससे उसकी उस चीज़ मालिकाना हक का प्रदर्शन होता है, हो सकता है कि उस अपहरण करने वाले का नाम इन्हीं अक्षरों से शुरू होता हो ", एडवर्ड ने क्लार्क के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा। क्लार्क ने तुरन्त ही एडवर्ड के बताए हुए चिन्ह को उन गुड्डों के गर्दन से बाल हटाकर देखा तो बिल्कुल वैसा ही पाया जैसा एडवर्ड ने बताया था। 

" मुझे ये जानकर बेहद दुख हुआ कि आप भी उस घटना का शिकार हुए हैं... खैर अभी तो मै आपसे इजाज़त लेना चाहूंगा, अगर ज़रूरत पड़ी तो हम फिर मिलेंगे", क्लार्क ने एडवर्ड से हाथ मिलाया और जाने की अनुमति ली। 


"D और O आखिर इससे क्या याद दिलाना चाह रहा है वह अपहरण करने वाला... ऐसा कुछ तो है जो ये गाँव वाले मुझसे छुपा रहे हैं, ख़ैर मैं भी इस गुत्थी को सुलझा कर ही रहूँगा, कल मैं इस गाँव और आसपास के इलाकों को ख़ुद अकेले ही जाकर देखूँगा, फिलहाल किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है, हो सकता है कि अपराधी इन्हीं गाँव वालों में से कोई हो ", क्लार्क ने होटल के कमरे में ख़ुद से ही कहा, उसे गाँव के लोगों पर शक़ हो रहा था और होता भी क्यूँ न, गाँव में कोई भी दूध का धुला तो था नहीं और ये बात तो एडवर्ड भी जानता था इसलिए वह खामोश रहने में ही अपनी भलाई समझता था। ओलिवर के साथ हुए हत्याकांड के बाद वह थोड़ा ज़्यादा ही परेशान रहने लगा था। 

शाम ढलते देर नहीं लगी और अंधेरे ने अंधकार की चादर में सब कुछ ढक लिया था...जंगल से भेड़ियों के रोने की आवाज साफ़ सुनाई पड़ रही थी। उसी अंधकार में अपने घर के पिछवाड़े बने गार्डन में जॉनसन की चार साल की बेटी अपने खिलौने के साथ आँख मिचौली खेल रही थी कि तभी अचानक वह अपने पीछे खड़े अनजान साये को देख कर सहम सी उठती है... वह उससे काफ़ी दूरी पर था और उसका चेहरा काले कपड़े से ढका हुआ था जो उसकी ही पोशाक का हिस्सा था। वह साया उसे अपनी ओर आने का इशारा करता है। 

                          To be continued... 

                ©IVANMAXIMUSEDWIN 













                                         











                            

Comments

  • great sir...😍😍😍❤️❤️❤️

    Apr 15, 2021

  • Excellent, mind-blowing ,Sir ❤️❤️

    Apr 15, 2021

  • May 29, 2021

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