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Category : Books-Fiction

Sub Category : Science Fiction

इन ब्लैक होल... 


" ओ. के... कैप्टन, अब इस यान की ज़िम्मेदारी आप संभालेंगी, अपने यान को ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण से दूर ही रखें", ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने ब्लैक होल में जाने से पहले कैप्टन रिचा शर्मा से कहा।

" अपना ख़्याल रखें कैप्टन... मैं दूसरे यान पर बिलकुल सतर्क रहूँगी और ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण केंद्र से अच्छी खासी दूरी बनाकर रखूंगी ", रिचा शर्मा ने आर्यन सिन्हा को विश्वास दिलाते हुए कहा। आज सभी एस्ट्रोनॉट्स की आँखें एक बार फिर से नम पड़ गईं थीं क्यूँकि हमारे कुछ जांबाज़ एस्ट्रोनॉट्स ब्लैक होल में प्रवेश करने वाले थे। सभी एक दूसरे से आख़िरी बार मिलने के बाद अपनी अपनी पोजिशन ले लेते हैं। विक्टर एंटनोवाविच और आर्यन सिन्हा यान के हैच को सावधानी पूर्वक एक दूसरे से अलग कर ब्लैक होल के केंद्र में प्रवेश करने के लिए आगे बढ़ते हैं। 


"क्या बात है बहुत गहरी सोच में पड़े हो... स्पेस रिसर्च प्रोजेक्ट का क्या हुआ, तुम्हें पता है न इसके पीछे कितने मुल्कों का पैसा लगा है... अगर ये प्रोजेक्ट कामयाब हो गया तो हम लोग बर्बाद हो जाएंगे", पृथ्वी पर एक अज्ञात शख्स ने अंडर वर्ल्ड के किंग को याद दिलाते हुए पूछा। 

" उसी के बारे में सोच रहा हूँ... आज ब्लैक होल में प्रवेश कर जाएगी इवेंट हॉराइज़न की एस्ट्रोनॉट्स टीम, वैज्ञानिक सुरेश कुमार की योजना बिलकुल बेकार साबित हुई, उल्टा हमारे आदमी रहमान के लेने देने पड़ गए, वो भी भागता फ़िर रहा है... ऐसे में मैंने उसे अंडर ग्राउंड हो जाने की सलाह दी है...अब बस एक ही रास्ता बचा है ", अंडर वर्ल्ड किंग ने उस अनजान शख्स से कहा। 

" वो क्या... कौन सा रास्ता, ऐसा क्या है जो तुम हम सब से छुपा रहे हो, दुनिया के हर माफिया का इस पर पैसा लगा है...हम सबको भी जवाब देना पड़ता है ", उस अनजान शख्स ने अंडर वर्ल्ड किंग की ओर देखते हुए पूछा। 

" अभी नहीं ये बहुत टॉप सीक्रेट है और ये मेरा ही प्लान बी है... मैं हमेशा एक कदम आगे का सोचता हूँ, मुझे सुरेश कुमार पर शुरू से ही ज़्यादा भरोसा नहीं था कि वह सफल हो पाएगा इसलिए मैंने अपने से एक इंटरनेशनल माफिया से इस काम की डील फ़ाइनल कर ली थी, अब बस सही समय का इंतजार करना पड़ेगा, बस ये समझ लो हमारा काम करने के लिए अपना एक साथी इस समय कई अरबों प्रकाश वर्ष दूर है और जब तक वह है हमारी उम्मीद ज़िंदा है ", अंडर वर्ल्ड किंग ने उस अनजान व्यक्ति को अपनी योजना समझाते हुए कहा। 

" इसका मतलब यह है कि हमारा एक साथी इस समय ब्रह्माण्ड में है ", उस अनजान शख्स ने आश्चर्य जताते हुए कहा। 

" हाँ... बिल्कुल और इस को तुम अपने तक दबा कर ही रखोगे नहीं तो पिछली बार की तरह इस बार भी हमारे हाथ कुछ भी नहीं लगेगा, हमारा आदमी इस प्रोजेक्ट को बिल्कुल नाकाम कर देगा ", उस अंडर वर्ल्ड किंग ने अपने ख़ास आदमी से कहा। 


"चेतावनी... चेतावनी",यान के ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण केंद्र में प्रवेश करते ही कंप्यूटर सिग्नल देते हैं। 

" यान का कंट्रोल हाथ से बाहर हो गया है ", ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने कहा। 

" कंट्रोल अब हमारे हाथ में नहीं है... इसलिए कुछ भी करना बेकार है, बेहतर यही होगा कि इसे इसके हाल पर ही छोड़ दें और हमलोग बैठ कर नज़ारे का मज़ा लें", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवाविच ने आर्यन सिन्हा को सलाह देते हुए कहा। 

"ये भी सही है... इसका गुरुत्वाकर्षण बल काफ़ी शक्तिशाली है, हम आसानी से अंदर तक पहुंच जाएंगे ", अब मैं यान को बिल्कुल भी नहीं चला रहा हूँ, ये काफ़ी मज़ेदार अनुभव है और साथ ही दिल दहलाने वाला भी ", ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने विक्टर एंटनोवाविच के सुझाव से सहमत होते हुए कहा। 

"बिलकुल सही कहा कैप्टन... सामने का नज़ारा बेहद आश्चर्यजनक है", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने आर्यन सिन्हा से सहमत होते हुए कहा। 

" वो देखिए क्या अद्भुत नज़ारा है... यान काफ़ी तेजी से चल रहा है और समय ने अपना खेल दिखाना शुरू कर दिया है, ये समय की अनोखी सुरंग है जो ब्रह्माण्ड की विभिन्न किरणों से बनती है, " इंग्लैंड के वैज्ञानिक थॉमस रायली ने विक्टर को इशारा करके दिखाते हुए कहा। 

"आप बिलकुल सही कह रहे हैं यान काफ़ी तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है और चारों तरफ किरणों का अनोखा नज़ारा है ", विक्टर एंटनोवाविच ने थॉमस से सहमत होते हुए कहा। 

" सब कुछ सही रहा तो हम लोग इसके बिल्कुल केंद्र में जाकर रुकेंगे जहाँ से यान हमें कंट्रोल करना पड़ेगा और वह इस समय के मायाजाल रूपी सुरंग के ठीक होरीज़ोंटल होगा... ऐसा लगेगा जैसे यान ने जर्क मारा वह भी बिलकुल आहिस्ता", रूसी वैज्ञानिक मिखेल सेर्गीविच ने सभी टीम मेंबर्स से कहा। 

" कुछ भी कहो ये नज़ारा देखने लायक है...हम किस्मत वाले हैं जो यहाँ तक सुरक्षित पहुंच गए हैं दोस्तों और ब्लैक होल के बाहरी कक्ष से टकराए बिना अब तक सफलतापूर्वक यात्रा कर रहे हैं ", ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने सभी टीम मेंबर्स से कहा। 

"इसका श्रेय तो आपको और विक्टर को जाता है... जिनके हुनर ने आज कमाल कर दिखाया है और यान को सारी दुविधाओं से बचाते हुए यहां तक सुरक्षित पहुँचाया है ", ली जुंग फांग ने अपने दोनों कैप्टन के हुनर की तारीफ करते हुए कहा। 

"अब यान के सभी मीटर भी नॉर्मल हो गए हैं इसका मतलब यह है कि अब ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल कम होने लगा है... हम अपनी मंज़िल के बिल्कुल करीब हैं दोस्तों ", ग्रुप कैप्टन विक्टर ने सभी एस्ट्रोनॉट्स टीम मेंबर्स से कहा। 

"मैं कंट्रोल संभालने के लिए बिलकुल तैयार हूँ... यान की गति भी अब नॉर्मल पड़ने लगी है... बस कुछ ही देर बाद हम एक भव्य नज़ारा देखेंगे, तो तैयार रहो दोस्तों ", ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने बाकि के टीम मेंबर्स से कहा। 

"बिलकुल सही कहा कैप्टन... हम सब ही कुदरत के उसी नज़ारे को देखने के लिए यहां तक आए हैं, ऐसा हैरतअंगेज नज़ारा भला हमेशा देखने को थोड़े ही मिलता है ", थॉमस राइली ने ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा से सहमत होते हुए कहा। 

                       To be continued... 

               ©IVANMAXIMUSEDWIN 

                                    




फ़र्स्ट सिग्नल... 


" अन्दर का नज़ारा बेहद ही शानदार है... ये हमारे सूर्य से कितना बड़ा है," ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने कहा।

"वाकई ये बेहद शानदार, इसमें कोई दो राय नहीं है कैप्टन", रूसी वैज्ञानिक मिखाइल सेर्गीविच ने विक्टर से सहमत होते हुए कहा।

" अब जब हमने इसके अन्दर प्रवेश कर ही लिया है तो यहाँ से हमारा काम शुरू हो जाता है दोस्तों ... हम दो टीमों में बंट कर आगे बढ़ेंगे, मुख्य यान पर थॉमस रायली रुकेंगे और हमारे द्वारा भेजी गई जानकारियां हमारे साथी यान को भेजेंगे, इन्हें सैटेलाईट विज्ञान का भी अच्छा तजुर्बा है," ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने सभी को आदेश देते हुए कहा।

" ब्लैक होल अंदर तक असीम घुमावदार है, अब यहाँ से समय का खेल शुरू होगा... आप लोग अंदर जिस ग्रह या उपग्रह पर उतरेंगे उसका समय अलग - अलग होगा, एक बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी ग्रह पर ज़्यादा देर न रुकें... केवल जानकारियां इकट्ठा कर के तुरंत ही निकलें, वहाँ की गुत्थी सुलझाने में व्यस्त न हो, वर्ना हो सकता है कि मुझे यहाँ पर बुढ़ापे तक इंतजार करना पड़ेगा... इसलिए कृपया कर अपने इस साथी पर तरस खाएँ और जल्द ही लौटने की कोशिश करें ", थॉमस राइली ने मज़ाकिया अंदाज़ में अपने सभी एस्ट्रोनॉट्स साथियों से कहा, वे सभी थॉमस की बात सुनकर मुस्कुराने लगे।

" आप चिंता न करें थॉमस, हम सही समय पर लौट आएंगे और आगे की ओर बढ़ेंगे, " चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने मुस्कुराते हुए थॉमस को दिलासा देते हुए कहा।

" तो ठीक है साथियों, अब हम दो टीमों में बट जाएंगे जिसमें मैं और ली जुंग फांग... उसी तरह से दूसरे टीम में कैप्टन आर्यन सिन्हा और मिखाइल सेर्गीविच होंगे, जानकारियां इकट्ठा कर के सही समय पर लौटें और अपने किसी भी साथी को पीछे न छोड़ें", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने सभी टीम मेंबर्स को एक बार फिर से याद दिलाते हुए कहा।


" पता नहीं अंदर क्या चल रहा होगा... वो सभी इस वक़्त क्या कर रहे होंगे, आपकी क्या राय है ", ब्लैक होल के बाहर रुके यान पर कैप्टन रिचा शर्मा ने रज़िया खाँ से पूछा।

" जब तक वे सभी सैटेलाईट को ऑन करके सिग्नल नहीं भेजते हैं कुछ भी कहना मुश्किल है... हम बस पॉज़िटिव सोच सकते हैं लेकिन फिर भी हम इंसानों को चिन्ता लगी रहती है, हमें तो ये तक नहीं मालूम है कि वे सभी अन्दर तक पहुंचें भी हैं या नहीं... इसलिए लेट्स होप फॉर द बेस्ट", स्वीडन की सैटेलाईट विशेषज्ञ रज़िया खाँ ने कैप्टन रिचा शर्मा को दिलासा देते हुए कहा।

" आप बिल्कुल सही कह रहीं हैं रज़िया... इस समय हम सभी को उनकी चिन्ता सता रही, जब तक उनकी तरफ़ से कोई सिग्नल नहीं आता हमें इसी तरह से चिंता सताती रहेगी, " भारतीय वैज्ञानिक अनीता जार्ज ने रज़िया खाँ से सहमत होते हुए कहा।

"ब्लैक होल अन्दर से असीम घुमावदार होता है, उन्हें सिग्नल भेजने में काफ़ी वक़्त लगेगा, याद रहे कि हमारे समय और उनके समय में काफ़ी फ़र्क रहेगा, इसलिए हमें सब कुछ अच्छा होने उम्मीद करनी चाहिए... हमें अपने साथियों को कुछ वक़्त देना चाहिए", रज़िया खाँ ने अपने बाकि के टीम मेंबर्स से कहा। 

" मुझे तो लगता है कि सभी सही सलामत होंगे और अपनी आगे की योजना पर काम कर रहे होंगे", इंग्लैंड की तारकीय विशेषज्ञ कैथरीन ब्राउन ने कहा। 


" जब तक हमें अपने एस्ट्रोनॉट्स की तरफ़ से कोई सिग्नल नहीं मिल जाता कुछ भी कहना मुश्किल है, याद रहे वे सभी ऐसी जगह गए हैं जिसका वैज्ञानिक केवल अनुमान लगाते हैं लेकिन कभी कोई वहां तक गया नहीं है...तो अब हम सभी को उनके द्वारा भेजे जाने पहले सिग्नल का इंतजार है उसी के बाद ये फैसला होगा कि वे सभी सही सलामत ब्लैक होल की बाहरी कक्ष 'इवेंट हॉराइज़न' को पार कर के उसके अंदर प्रवेश करने में सफल हो पाएँ हैं... उससे पहले कुछ भी कहना मुश्किल है ", पृथ्वी पर भारतीय स्पेस सेंटर में हिमांशु चट्टोपाध्याय ने अपने सीनियर अधिकारी को रिपोर्ट देते हुए कहा। पृथ्वी पर भी सभी एस्ट्रोनॉट्स को लेकर चिंतित थे, उनकी तरफ़ से अब तक कोई संदेश प्राप्त नहीं हुआ था। 

" तुम बिल्कुल सही कह रहे हो... जब तक उनकी तरफ से कोई संदेश प्राप्त नहीं होता यह चिंता का ही विषय है लेकिन एक तरफ इस बात की खुशी है कि तुम्हारे द्वारा बनाया गया पोर्टल कामयाब निकला, पोर्टल द्वारा उनकी सफ़ल यात्रा ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया, मानव इतिहास में इससे ज़्यादा तेज़ सफ़र कभी नहीं किया गया होगा, बहुत से देशों ने इसकी बधाई दी है और मैंने तो सुना है कि कई देशों ने इसका इस्तेमाल करने के लिए निवेदन भी किया है... ब्रह्माण्ड में एक पोर्टल द्वार ही काफ़ी है दुनिया भर के यानों को विभिन्न क्षेत्रों में भेजने के लिए, आज कल यही चर्चा का विषय बना हुआ है ", हिमांशु के सीनियर ने उससे कहा, वह इस बात को लेकर काफ़ी ख़ुश थे। 

" क्यूँ नहीं आखिर पोर्टल द्वार का निर्माण तो मानवता के कल्याण के लिए किया गया है... अगर कोई देश इससे यात्रा करना चाहता है तो यह भारत देश के लिए गौरव की बात है, बस एक बार हमारे एस्ट्रोनॉट्स अपना मिशन सफलता पूर्वक पूरा करके वापस लौट आएं तो पोर्टल द्वार सभी देशों की सेवा के लिए खोल दिया जाएगा... इससे हमारे देश को आर्थिक लाभ भी मिलेगा और हम सभी भारतीय वैज्ञानिकों का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा ", हिमांशु चट्टोपाध्याय ने मुस्कुराते हुए अपने सीनियर को पोर्टल द्वार के इस्तेमाल की अनुमति देने के संबंध में कहा। यह बात बिल्कुल सही थी कि पोर्टल द्वार का निर्माण मानव इतिहास का एक अजूबा ही था, एक ऐसा अजूबा जिसकी कल्पना आज तक पृथ्वी का हर वैज्ञानिक केवल करता आया था लेकिन हिमांशु ने इसे सही साबित कर दिया था, जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा पर हिमांशु को अपने पोर्टल द्वार की सफलता की खुशी नहीं बल्कि अपने उन एस्ट्रोनॉट्स की चिंता ज़्यादा थी जो इस समय अपनी जान जोखिम में डाल कर ब्लैक होल नामक चक्रव्यूह के अंदर गए थे... और अब उनकी तरफ़ से कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई थी। हिमांशु को इस बात की चिंता थी कि इस इवेंट हॉराइज़न मिशन का आगे क्या होगा अगर उनकी तरफ़ से कोई सिग्नल नहीं मिलता है। मानव इतिहास के इस पहले सिग्नल जिसे ब्लैक होल के अन्दर से भेजा जाना था उसका सभी को बेसब्री से इंतजार था फिर चाहे पृथ्वी हो या अंतरिक्ष। 

                     To be continued... 

               ©IVANMAXIMUSEDWIN 



सिग्नल रिसीव्ड... 


" हम शटल पर सवार हो गए हैं और मुख्य यान छोड़ने की तैयारी में हैं", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने मुख्य यान पर बैठे थॉमस से कहा।

"यहाँ पर भी सब कुछ कंट्रोल में है कैप्टन... सैटेलाईट को सिग्नल देने के लिए ऑन कर लिया है, आप सभी अपना ख़्याल रखें...आपकी यात्रा मंगलमय हो ", मुख्य यान को चलाते हुए थॉमस ने अपने सभी एस्ट्रोनॉट्स साथियों से कहा जो स्पेस शटल्स पर सवार होकर ब्लैक होल की यात्रा पर निकलने वाले थे। टीम की योजना के हिसाब से दो शटल अलग - अलग दिशा में निकल कर नज़दीकी ग्रह पर उतरते और सही समय पर सारी जानकारियां मुख्य यान को देते जो एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम की मदद से ब्लैक होल के बाहर खड़े यान तक सारी जानकारियां पहुँचाता पर इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण था समय जो इनके लिए ब्लैक होल में थम सा गया था। सिग्नल भेजने के लिए सैटेलाईट को चालू कर दिया गया था, करीब दो दिन बाद ब्लैक होल के बाहर खड़े यान को थॉमस ब्राउन द्वारा भेजा गया पहला सिग्नल मिलता है। 


"मुझे स्क्रीन पर उनका सिग्नल दिख रहा है...साथियों हमारे जांबाज़ एस्ट्रोनॉट्स सही सलामत हैं, उनके द्वारा भेजा गया पहला सिग्नल मिला है, मैं बेस पर रिपोर्ट कर देतीं हूँ", ब्लैक होल के बाहर खड़े यान की कैप्टन रिचा शर्मा ने अपने यान पर उपस्थित सभी एस्ट्रोनॉट्स साथियों से कहा। 

" ये तो कमाल की ख़बर है कैप्टन... मैं कंप्यूटर को सैटेलाईट से कनेक्ट कर देती हूँ तो हम प्रोग्राम मिशैंका द्वारा इस ऑपरेशन को संचालित कर पाएँगे, इससे हम समय से थोड़ा तेज़ कम्युनिकेट कर पाएंगे", सैटेलाईट विशेषज्ञ रज़िया खाँ ने अपने यान की कैप्टन से कहा। उन्होंने अपने कंप्यूटर को सैटेलाईट से कनेक्ट कर दिया और मेन स्क्रीन पर प्रोग्राम मिशैंका की शुरुआत हो गई। 

" अब कुछ ही समय बाद मिशैंका हमारे साथी यान से भी जुड़ जाएगी जो ब्लैक होल के अन्दर है... आगे क्या होता है ये देखने में मज़ा आएगा", इंग्लैंड की वैज्ञानिक कैथरीन ब्राउन ने अपने साथियों से कहा। 

"मैं तो उनके द्वारा भेजी गई जानकारियां मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूँ ", भारतीय वैज्ञानिक अनिता जॉर्ज ने अपने साथियों से कहा। मिशैंका के प्रोग्राम से कनेक्ट होते ही हमारे एस्ट्रोनॉट्स को काफी सहायता मिलने वाली थी। आने वाले हर मुमकिन ख़तरे का जायज़ा लेना ही मिशैंका का कार्य था। 

" मैं कैप्टन रिचा शर्मा आप सबको ये सूचना देते हुए बेहद खुश हूँ कि हमारे साथियों का ब्लैक होल से पहला सिग्नल मिला है और वे सुरक्षित हैं... रज़िया खाँ ने एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम चालू कर दिया है जिससे हम उनसे सीधा संपर्क कर पाएंगे और उनके साथ ही ब्लैक होल का आँखों देखा हाल भी देख पाएंगे ", कैप्टन रिचा शर्मा ने पृथ्वी पर भारतीय स्पेस सेंटर में हिमांशु चट्टोपाध्याय को ऑन स्क्रीन मिशन के प्रोग्रेस की रिपोर्ट देते हुए कहा। 

" बहुत ही अच्छी खबर दी है कैप्टन...उनके द्वारा भेजे जाने वाले पहले सिग्नल का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, इस बात की तो पुष्टि हो गई कि वे सभी सही सलामत हैं और अपने मिशन के अगले चरण की तैयारी कर रहे होंगे...अब हम सभी को एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम के प्रोग्राम मिशैंका द्वारा हर जानकारियां आसानी से मिलेंगी और ब्लैक होल के दबाव का समय पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा, अगर हम दो यान न भेजते तो हमें इस पहले सिग्नल की जानकारी पृथ्वी पर कई सालों बाद मिलती... हो सकता है तब तक आप और मैं दोनों ही सर्विस से रिटायर हो गए होते,"हिमांशु चट्टोपाध्याय ने मज़ाकिया अंदाज़ में कैप्टन रिचा शर्मा से मेन स्क्रीन पर कहा। हिमांशु चट्टोपाध्याय की बहुत बड़ी चिंता अब खत्म हो चुकी थी और वह अपने एस्ट्रोनॉट्स को लेकर बिलकुल निश्चिंत हो चुका था। भारतीय स्पेस सेंटर में इस खबर के मिलते ही ख़ुशी की लहर सी दौड़ जाती है, सभी काफ़ी उत्साहित हो गए थे। 


"कंप्यूटर दिखा रहे हैं कि इस ग्रह पर फ्रीज़िंग टाईम है... यही नहीं एक दिन करीब एक साल लम्बा है और उसी तरह रात भी... ऐसा इसलिए क्यूँकि ये ग्रह एक ही जगह स्थिर है, ये पृथ्वी की तरह सूर्य की परिक्रमा नहीं कर रहा है," रूसी वैज्ञानिक मिखाइल ने ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा से कहा। 

" मैं इसके कक्ष में प्रवेश करने के लिए बिलकुल तैयार हूँ... क्या आप तैयार हैं या फिर कोई ऐसी जानकारी है जो मुझे जानना ज़रूरी है लैंड करने से पहले ", ग्रुप कैप्टन आर्यन सिन्हा ने शटल को उड़ाते हुए मिखाइल से पूछा।

" ज़रा सावधानी से कक्ष में प्रवेश करें कैप्टन क्यूँकि अगर फ्रीज़िंग टाईम है तो यहाँ के बादल भी जमें हुए होंगे जिस वजह से हमारा यान भी क्षतिग्रस्त हो सकता है... बस और कोई विशेष जानकारी नहीं है", मिखाइल ने कैप्टन आर्यन सिन्हा को चेतावनी देते हुए कहा। आर्यन सिन्हा अब उस ग्रह के कक्ष के बिल्कुल नज़दीक था और ग्रह के अन्दर प्रवेश करने ही वाला था। 


" इस ग्रह पर काफ़ी हलचल सी हो रही है... कंप्यूटर स्क्रीन पर साफ़ दिखाई पड़ रहा है, क्या यहाँ उतरना उचित होगा", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी एस्ट्रोनॉट्स ली जुंग फांग से पूछा। 

" ऐसा इलैक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड के कारण प्रतीत हो रहा है... आई यम शियोर वहाँ ज़मीन ज़रूर होगी लेकिन ये हैरान करने वाली बात है कि इस तरह से कंप्यूटर पर इन मैग्नेटिक फील्ड की हलचल दिख रही है मानों ये गैसों के बादल हों और बवंडर ला रहे हों", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने अपने साथी विक्टर एंटनोवॉविच से कहा। 

" तो मैं इस ग्रह के कक्ष में प्रवेश करने के लिए बिलकुल तैयार हूँ... आपका क्या कहना है, ऐसा कुछ इससे पहले कभी देखा नहीं है, क्या इसमें प्रवेश करना सही रहेगा ", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी वैज्ञानिक से पूछा। 

"आप बिलकुल निश्चिंत होकर कक्ष में प्रवेश करें कैप्टन... आगे जो भी होगा देखा जाएगा, अगर हमें लैंड करने के लिए ज़मीन नहीं मिली तो हम वापस लौट चलेंगे, लेकिन एक बार तो इसे करीब से देखना बनता है वर्ना इतना दूर आना बेकार हो जाएगा", ली जुंग फांग ने हिम्मत बंधाते हुए अपने साथी एस्ट्रोनॉट से कहा, एक वैज्ञानिक होने के नाते उसके अंदर इस बात को जानने की जिज्ञासा ज़्यादा थी कि उस ग्रह पर और क्या - क्या है। 

                             To be continued... 

                  ©IVANMAXIMUSEDWIN 


डाइवर्ज़न... 


" अब हम इस ग्रह के कक्ष में प्रवेश कर चुके हैं... बस कुछ ही देर में लैंड करने वाले हैं,मुख्य यान पर सब कैसा चल रहा है थॉमस," ग्रुप कैप्टन विक्टर ने अपने यान को ब्लैक होल में स्थित एक ग्रह के कक्ष में प्रवेश करवाते हुए कहा।

" आप ये मैसेज क्यूँ भेज रहे हैं कैप्टन... थॉमस तक इन्हें पहुंचने में काफ़ी लम्बा समय लग जाएगा... इस ग्रह के कक्ष में प्रवेश करते ही हमारे शटल और मुख्य यान के समय में काफ़ी बदलाव हो गया होगा, हवा का दबाव काफ़ी कम होने के कारण हमारे द्वारा भेजे जाने वाले सारे संदेश देर से पहुंचेंगे... तो ऐसे में क्या संदेश भेजना सही है, हम लैंड करके भी तो संदेश भेज सकते हैं ", ग्रुप कैप्टन विक्टर के साथी एस्ट्रोनॉट चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने पूछा, उन्हें इस समय संदेश भेजना उचित नहीं लगा या फिर शायद उन्हें इस बात का डर था कि विक्टर का ध्यान भटकते ही दुर्घटना हो सकती है।

" ऐसा कुछ नहीं है... ली, मैं तो ये चेक कर रहा था कि क्या स्मार्ट कम्युनिकेशन सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है... अगर शुरुआत हो गई होगी तो प्रोग्राम मिशैंका द्वारा हमें एक दूसरे से संपर्क करने में ज़्यादा आसानी होगी और हमें यहाँ मौजूद हर मुमकिन खतरे की जानकारी मिलती रहेगी... पर लगता है कि अब तक हम इस सिस्टम से जुड़ नहीं पाये हैं ", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा।

" ओह, तो ये बात है... हम मुख्य यान पर रुक कर भी तो इस सिस्टम के शुरू होने का इंतजार कर सकते थे, उसके बाद ही ब्लैक होल में आगे बढ़ते...आपको नहीं लगता कि हमें इसी प्लान पर फोकस करना चाहिए था", ली जुंग फांग ने ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच को अपनी राय देते हुए उनकी सहमति के बारे में पूछा।

" वैसे बात तो आप बिलकुल सही कह रहे हैं लेकिन अगर हम लोग ऐसा करते तो हम अपने बनाए हुए शेड्यूल से पीछे चलते और पता नहीं हमें कितना वक़्त लग जाता कम्युनिकेशन सिस्टम के शुरू होने में... इसलिए हम सभी ने आगे बढ़ने का फैसला किया, इसके बारे में केवल मुझे और कैप्टन आर्यन सिन्हा के अलावा सिर्फ कैप्टन रिचा शर्मा को पता था... इस प्रोजेक्ट में खरबों डॉलर लगे हैं, इसलिए हमें इसे तय किए गए वक़्त में ही अंजाम देना था ", ग्रुप कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच ने चीन के वैज्ञानिक साथी ली जुंग फांग को सारी बातें समझते हुए कहा। 

" लगता है हमारे साथियों ने हमारे लिए काफ़ी सरप्राइजेज़ प्लान किए हैं... आगे और भी कुछ ऐसा है जिसके बारे में हमें जानने की आवश्यकता है क्यूँकि यहाँ केवल आप यान चालकों का दल ही नहीं बल्कि हमारे जैसे वैज्ञानिकों ने भी अपनी जान जोखिम में डाल रखी है, इस मिशन की कामयाबी के लिए... तो हमें भी सारी बातें जानने का हक़ बनता है ", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने ऐतराज जताते हुए विक्टर की बातों का जवाब दिया, उसे ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई कि केवल चालक दल के सदस्यों को ही योजना में अपने तरीके से काम करने का हक़ दिया गया था जबकि इस स्पेस रिसर्च प्रोग्राम में कई वैज्ञानिक भी थे और उन्हें भी सारी बातें जानने का अधिकार था। 

"आप नाराज़ न हो ली... मैं जानता हूं कि ऐसा नहीं करना चाहिए था लेकिन हम सभी मजबूर थे क्यूँकि हमें ऊपर से ऑर्डर मिले थे, जिनका पालन करना हमारा कर्तव्य था पर अब आगे इस मिशन पर ऐसा कुछ भी नहीं होगा, ये मेरा आपसे वादा है क्यूँकि यहाँ अब हमें कोई भी आदेश देने वाला नहीं है... हम सभी को एक दूसरे का साथ देते हुए चलना है और इसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है ", ग्रुप कैप्टन विक्टर ने चीन के अपने वैज्ञानिक साथी ली जुंग फांग को अश्वासन दिलाते हुए कहा। 

" चलिए सही है... मैं आपकी बात मान लेता हूँ लेकिन इस बात को न भूलें कि इस मिशन पर हम वैज्ञानिकों का जीवन भी दाव पर लगा है... वे भी मानवता की भलाई की खातिर यहाँ अरबों प्रकाश वर्ष दूर आए हैं, वो भी अपना सब कुछ छोड़कर... उनका भी हर बात जानने का उतना ही हक़ है जितना इस मिशन पर चालक दल को, कृपया आगे से कोई भी बात हम सबसे न छुपाएँ, ये ज़िंदा रहने में काफ़ी काम आने वाला है ", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने समझाते हुए अंतरिक्ष यान विशेषज्ञ विक्टर एंटनोवॉविच से कहा। 

" एक काम करते हैं इस छोटे ग्रह का एक बार चक्कर लगाते हैं... उसके बाद उचित जगह देख कर लैंड करेंगे, हो सकता है कि तब तक हम अपने एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से जुड़ जाएं और प्रोग्राम मिशैंका की मदद से अपने साथियों से सीधा संपर्क कर सकते हैं", रूसी अंतरिक्ष यान विशेषज्ञ विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी एस्ट्रोनॉट को सुझाव देते हुए कहा। 

" वैसे आइडिया बुरा नहीं... क्यूँकि हमारे लिए तो समय बिल्कुल अनुकूल है लेकिन हमारे साथियों के लिए काफ़ी पीछे है, इससे हमें थोड़ा फायदा मिलेगा और हम हमारे स्मार्ट कम्युनिकेशन सिस्टम से जुड़ने में भी कामयाब हो सकते हैं क्यूँकि इस ग्रह को इसके कक्ष के अंदर प्रवेश करने से पहले कंप्यूटर स्क्रीन पर देख कर लग रहा था कि यहाँ इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड का काफ़ी असर था, जो कि कंप्यूटर स्क्रीन पर साफ़ दिख रहा था लेकिन यहाँ इसके कक्ष में प्रवेश करने के बाद ऐसा कुछ भी हमें नहीं दिख रहा है, ये चौकाने वाली बात है... मेरा ख्याल है कि यह प्लान काम कर जाएगा और हम कामयाब हो जाएंगे, तो फिर देर किस बात की है इसी प्लान के ऊपर काम करते हैं, हमारे पास अब भी तय किए गए समय से काफ़ी वक़्त बचा हुआ है ", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने रूसी अंतरिक्ष यान विशेषज्ञ विक्टर एंटनोवॉविच से सहमत होते हुए कहा, उन दोनों को अपने द्वारा बनाई हुई इस नयी योजना पर काफ़ी भरोसा था। उन्हे पूरा यकीन था कि वे दोनों स्मार्ट कम्युनिकेशन सिस्टम से जुड़ जाएंगे लेकिन उससे जुड़ने में कितना वक़्त लगेगा इस बात का अन्दाज़ा उन्हें भी नहीं था। वे दोनों तो केवल सब कुछ बेहतर होने की उम्मीद कर सकते थे और इसी उम्मीद पर दोनों ने मिलकर इतना बड़ा फैसला लिया था।

                         To be continued... 

                ©IVANMAXIMUSEDWIN 



डाइवर्ज़न - 2


"ये क्या हो रहा है...अब ये शटल मेरे कंट्रोल में नहीं है, ये कैसे हो सकता है, मुझे कोई सुरक्षित जगह देख कर इसे लैंड करना पड़ेगा", रूसी अंतरिक्षयान विशेषज्ञ विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी ली जुंग फांग से कहा, वे शटल पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे, अचानक ही उस ग्रह के साउथ ईस्ट एरिया की ओर बढ़ने पर उन्हे हल्के झटके का एहसास होता है और शटल पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाता है।

" कोई हैरत की बात नहीं है कैप्टन... ये मैग्नेटिक फील्ड के कारण हुआ होगा, जिसके संपर्क में आते ही इस शटल पर हमारा कंट्रोल नहीं रहा... इसे किसी तरह से लैंड करने की कोशिश कीजिए, हो सकता है कि इंजिन में कोई खराबी आ गई हो और इसी वजह से हम कंट्रोल खो चुके हैं", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने विक्टर को सुझाव देते हुए कहा।

" आप बिलकुल सही कह रहे हैं, ऐसा ही हुआ होगा... मैं किसी तरह से इसे लैंड करने की कोशिश करता हूँ, फिर उसके बाद इसके इंजिन को चेक करता हूँ ", विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी की बात मानते हुए कहा, वे दोनों अब शटल को लैंड करने की तैयारी में जुट गए थे। थोड़ी सी मशक्कत के बाद वे सुरक्षित अपने शटल को लैंड कर देते हैं और उससे बाहर निकलने की तैयारी करने में जुट जाते हैं। 

" मैं जाकर इंजिन को चेक करता हूँ... कहीं उसमें कोई खराबी तो नहीं, आप जाकर इस ग्रह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा कर लीजिए", विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी ली जुंग फांग से शटल से बाहर निकलते ही कहा। 

" आइडिया बुरा नहीं है लेकिन मैं पहले आपकी सहायता करूंगा... जानकारियों को इकट्ठा करने का काम हम बाद में भी कर सकते हैं, पहले इस यान का इंजिन चेक कर लेते हैं क्यूँकि इसमें काफ़ी समय लग सकता है और आपको सहायता की ज़रूरत भी पड़ सकती है", चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग ने विक्टर एंटनोवॉविच को समझाते हुए कहा। 

" ठीक है चलिए पहले इसका इंजिन चेक कर लेते हैं ", विक्टर ने ली जुंग फांग से सहमत होते हुए कहा और दोनों मिलकर इंजिन को खोलकर देखते हैं। 

" ये तो बिल्कुल सही है... मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि ये अचानक से बंद क्यूँ पड़ गया," विक्टर ने इंजिन को खोलते हुए ली जुंग फांग से कहा। 

" जहाँ तक मेरा तजुर्बा कहता है कि ये इंजिन खराब नहीं हुआ है बस मैग्नेटिक फील्ड के संपर्क में आने से बंद पड़ गया है... अगर इस ग्रह पर मैग्नेटिक फील्ड मौजूद है तो समझो कोई भी इलेक्ट्रॉनिक चीज़ काम नहीं करेगी... हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं", ली जुंग फांग ने कैप्टन विक्टर एंटनोवॉविच को समझाते हुए कहा। 

" इसका मतलब यह है कि हम अपने साथियों के साथ भी कोई संपर्क नहीं बना सकते हैं...हमारा स्मार्ट कम्युनिकेशन सिस्टम भी इस ग्रह के मैग्नेटिक पावर के आगे बेकार है तो हमारे साथियों तक हमारी जानकारी कैसे पहुँचेगी, उन्हें कभी पता चलेगा या नहीं कि हम दोनों मुसीबत में हैं ", विक्टर एंटनोवॉविच ने अपने साथी वैज्ञानिक की ओर देख कर कहा, वे दोनों ही इस बात को लेकर काफी चिंतित हो गए थे क्यूँकि वह पृथ्वी पर नहीं बल्कि ब्लैक होल के एक ग्रह पर थे और उनके लिए हर एक पल महत्वपूर्ण था। 

" आपकी बात मैं समझ रहा हूँ... समय यहाँ काफ़ी कीमती है लेकिन अब किया भी क्या जा सकता है, हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है यहाँ से बाहर निकलने का", ली जुंग फांग ने अपने रूसी साथी से सहमत होते हुए कहा। 

"जब हम यहाँ फँस ही गए हैं तो क्यूँ न इस ग्रह पर ऐसी जगह देखी जाए जहाँ पर मैग्नेटिक फील्ड का कोई असर न हो... हो सकता है कि हम मिशैंका द्वारा अपने साथियों से संपर्क स्थापित करने में कामयाब हो सकें और वे यहाँ हमारी मदद के लिए पहुंच जायें", रूसी अंतरिक्ष यान विशेषज्ञ विक्टर एंटनोवॉविच ने चीन के वैज्ञानिक ली जुंग फांग को सुझाव देते हुए कहा। 

" योजना काफ़ी अच्छी है... चलिए इसी पर काम करते हैं, हो सकता है कि हम उनसे संपर्क स्थापित करने में कामयाब हो जायें और वे हमारी मदद के लिए यहाँ तक पहुँच जाएँ", ली जुंग फांग ने विक्टर एंटनोवॉविच से सहमत होते हुए कहा और दोनों शटल यान को छोड़कर आगे की ओर बढ़ने लगे, एक ऐसी जगह की तलाश में जहाँ पर मैग्नेटिक फील्ड का कोई असर नहीं था, पर क्या दोनों अपने मकसद में कामयाब हो पाएंगे ये तो वक़्त ही बताएगा, वक़्त जिसकी कीमत इस ब्लैक होल में सबसे अधिक थी... समय कितना बलवान हो सकता है इसका पता ब्लैक होल में आने के बाद ही चलता है... समय धन से भी ज्यादा कीमती है; क्योंकि यदि धन को खर्च कर दिया जाए तो यह वापस प्राप्त किया जा सकता है हालांकि, यदि हम एक बार समय को गंवा देते हैं, तो इसे वापस प्राप्त नहीं कर सकते हैं। समय के बारे में एक सामान्य कहावत है कि, “समय और ज्वार-भाटा कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करते हैं।” यह बिल्कुल पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की तरह ही सत्य है, अर्थात्, जिस तरह से पृथ्वी पर जीवन का होना सत्य है, ठीक उसी तरह से यह कहावत भी बिल्कुल सत्य है। समय बिना किसी रुकावट के निरंतर चलता रहता है। यह कभी किसी की प्रतिक्षा नहीं करता है। समय पृथ्वी पर सबसे कीमती वस्तु है, इसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है। यदि एकबार यह चला जाए, तो कभी वापस नहीं आता। यह हमेशा आगे की ओर सीधी दिशा में चलता है और न कि पीछे की ओर। इस संसार में सब कुछ समय पर निर्भर करता है, समय से पहले कुछ भी नहीं होता है। कुछ भी करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है।


यदि हमारे पास समय नहीं है, तो हमारे पास कुछ भी नहीं है। समय को नष्ट करना इस पृथ्वी पर सबसे बुरी चीज मानी जाती है क्योंकि, समय की बर्बादी हमें और हमारे भविष्य को बर्बाद करती है। हम कभी भी बर्बाद किए हुए समय को फिर से प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यदि हम अपना समय बर्बाद कर रहे हैं, तो हम सब कुछ नष्ट कर रहे हैं। 

                           To be continued... 

                  ©IVANMAXIMUSEDWIN 






                                        

Comments

  • What a story Sir , what a story, I wait for each and every part to be published . Let me tell you this is an extraordinary writing . No Indian writer has courage to attempt such topic. This is an extraordinary approach. I love such science fiction thrillers ❤️❤️

    Apr 20, 2021

  • superb sir...

    Apr 20, 2021

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