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Category : Poems

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  • सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेंगे। 
  • छोडो मेंहदी खड़क सम्भालो, खूद ही अपना चीर बचा लो। 
  • द्यूत विछाये बैठे शकूनी,मस्तक सब बिक जायेंगे।
  •   सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेंगे.....
  • कल तक था बस अंधा राजा, अब गूंगा बहरा भी है। 
  • होठ सी दिये है जनता के, और कानो पर पहरा है। 
  • तुम कहो ये अस्रू तुम्हारे, किसको क्या समझायेंगे। 
  • तुम शिष्ठा पालन कर्ता, तुम हुई शारदा विष्णु प्रिया। 
  • अब बनो भवानी भी हे माननीया, तभी मान बच पायेंगे।
  • सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेंगे.....
  •  तुम ही कब तक प्राण तजोगी, बनी पद्मनी जौहर कर। 
  • या कितने प्रण बाधोंगी, इन खूले हुये केशो पर।
  • प्रण साधे ये केश तुम्हारे, भीम कहा से लायेंगे।  
  • सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेंगे..... 
  • धरती बनकर पाले सागर, और पर्वत को गोंद लिया। 
  • जग को अमृत दिया सदा ही, स्वयं गगल का भोग किया।
  •  करो प्रलय संधान की वसुधा, बंद अभी खूल पायेंगे। 
सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेंगे..... 

Comments

  • बहुत बहुत अच्छा

    Mar 05, 2021

  • बहुत ही बढ़िया ❤️❤️❤️

    Mar 05, 2021

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