बड़ी हवेली - 5 Read Count : 369

Category : Books-Fiction

Sub Category : Horror


वेलकम टू किंघम... 



" मैं काफ़ी दिन से ये जानना चाहती थी कि, आपने एक ऐसी सदी देखी है जो हम सब के लिए बिलकुल अंजान है... हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि आज से 300 साल पहले क्या होता होगा, सभी ताजमहल के इतिहास के बारे में जानते हैं, सभी को ये पता है कि वह एक मोहब्बत की निशानी है लेकिन उसके बनते ही इतिहास बिलकुल पलट गया, औरंगजेब ने अपने ही पिता को बन्दी बना लिया और ख़ुद तख्त पर बैठ गया, क्या औरंगजेब काफ़ी खूंखार था ", एमेलिया ने गाड़ी चलाते हुए कमांडर से प्रश्न किया।

" हा हा हा... हा हा, हमको तो तुम्हारा बात सुनकर हँसी आ गया इतना ज़रा सा बात और इतना घुमा फिराकर पूछा, इतिहास अक्सर जंग जीतने वाले का गवाही देता है, वो कभी इस बात का ज़िक्र नहीं करता है कि इतिहास रचने वाला किस किस्म का इंसान है, हम सभी अपने कर्मों के हिसाब से ही फ़ल भोगता है, औरंगजेब हमारा दोस्त था और हमारे साथ उसका कोई मदभेद नहीं था, हाँ ये बात अलग है कि हर चीज़ में तगड़ा कॉम्पिटिशन देने वाला इंसान था, उसका अपना अलग मजबूरी था, ताजमहल के बनने में काफ़ी शाही ख़ज़ाना खर्च हो गया, ऐसे में बादशाह ने काला ताजमहल बनवाने का ऐलान कर दिया, तो ख़ज़ाने को बचाने और तख्त के लिए चल रहे शाही संघर्ष को रोकने के लिए उसने ऐसा कदम उठाया होगा, जिसने उसे इतिहास में क्रूर शासक बना दिया, ऐसा ही कुछ हिन्दुस्तान की आज़ादी के समय भी हुआ, देश का बंटवारा हो गया और आज तक उसका इल्ज़ाम अंग्रेजों के ऊपर है जबकि इतिहास को अच्छी तरह से देखा जाए तो भारत पर सबसे पहले पुर्तगाल ने चढ़ाई की, पुर्तगाल जिसने दुनिया की सबसे पहली हैंड गन का निर्माण किया, उस गन की बदौलत ही उसने बेशुमार दौलत कमाया, पुर्तगाल के कदम रखते ही जात धर्म को लेकर लड़ाइयां होने लगी और उसका धंधा चल पड़ा उन्ही हैंड गन्स के चलते ही उसने कई युद्ध जीते, विश्व में हर जगह ये खबर फैल गई फ़िर क्या था फ्रेंच और ब्रिटिश भी भारत की खोज में निकल पड़े, अब जब देश के आज़ादी की मुहिम चल रही थी, तो एक ओर अहिंसा वादी और दूसरी ओर हिंसा वादी आज़ादी के सिपाही थे, भारत में तब भी हैंड गन्स और विस्फोटक देश की आज़ादी के लिए लड़ रहे क्रांतिकारियों को बेचने वाले पुर्तगाली ही थे... हम भले ही भारत का आज़ादी से पहले ही मर गया था, पर आत्मा से कोई राज़ कहाँ छुपता है, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया इस बात को लेकर बेहद नाराज़ था क्यूँकि उसके लिए सबसे पहले डिसिप्लिन था, बस इसी वजह से वो भारत की जनता को भी नापसंद था और ब्रिटिश उनका दुश्मन बन गया लेकिन उनका असली दुश्मन पुर्तगाल ही था जो उन्हें आपस में भिड़ा कर अपना हथियार बेचता था... ब्रिटेन अपनी सेना देकर हिफाज़त करवाता था जबकि पुर्तगाल अपना हथियार बेचकर, देश के बंटवारे का आग लगाने का जिम्मेदार भी वही था और अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद भी वह भारत देश में जमा रहा ", कमांडर ने एमेलिया को विस्तार से समझाया ताकि एमेलिया के मन में किसी बात को लेकर शंका न रहे। 


" मैं काफ़ी दिन से एलेक्स की तलाश में हूँ... उसका असली नाम दमित्री फ्रिद है,वह एक रूसी माफिया लॉर्ड है जो यहाँ एलेक्स के नाम से अंडर वर्ल्ड में मशहूर है, दुनिया को दिखाने के लिए वह यहाँ छोटे मोटे धंधे चलाता है, उसकी पकड़ काफ़ी मज़बूत है और अमेरिका तक फैली हुई है, जहाँ से वह कई हथियारों, ड्रग्स, ह्यूमन ट्रैफिकिंग तथा अन्य कई चीजें स्मगल करता है...इसके ख़िलाफ़ ज़्यादा सबूत न मिलने के कारण MI 6 से मदद मांगी गई और हमारा एक स्पेशल एजेंट एलेक्स की गैंग में शामिल हो गया, अब हम एलेक्स उर्फ दमित्री फ्रिद को बे नकाब कर दुनिया के सामने ले आएंगे ", स्पेशल एजेंट हैरिस ने अपने नए सीनियर एजेंट को रिपोर्ट देते हुए कहा। 

" ओह, आई सी... बहुत बढियां, बस एक बात का ख़याल रहे कि कोई चूक न होने पाए, रिपोर्ट में लिखा है दमित्री काफ़ी खतरनाक है इसलिए हमारे उस स्पेशल एजेंट को सतर्क रहने की ज़रूरत है, राष्ट्र की सुरक्षा का मामला है अगर पकड़ में न भी आए तो ख़त्म ही कर देना क्यूँकि ऐसे लोग अगर ज़िंदा रहे तो बहुतों की जानें जा सकती हैं ", नए सीनियर एजेंट ने स्पेशल एजेंट हैरिस को समझाते हुए कहा। 

" इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि किसी किस्म की चूक न हो...उस स्पेशल एजेंट को अपने हिफाज़त में जान लेने और मिशन के लिए आखिरी उचित फैसले को लेने का अधिकार दे रखा है, इस दमित्री ने कई आतंकवादी संगठनों की मदद करने का संगीन जुर्म किया है", स्पेशल एजेंट हैरिस ने अपने सीनियर अधिकारी को बताया। 

" दमित्री का पारिवारिक इतिहास भी क्राइम से जुड़ा हुआ था, ऐसा इस रिपोर्ट में लिखा है, हुआ क्या था विस्तार से बताओ ", उस सीनियर अधिकारी ने स्पेशल एजेंट हैरिस से पूछा। 

" दमित्री फ्रिद के पिता का इतिहास अंडर वर्ल्ड से जुड़ा हुआ था, कहते हैं कि उसकी माँ ब्रिटिश थी और एक स्कूल टीचर थी, उसके पिता को जुआ खेलने कि लत लगी हुई थी, उसने काफ़ी उधारी ले रखी थी जिससे उसे काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ा और एक दिन वह एक गुनाह को अंजाम देने के चक्कर में पुलिस की गोली का शिकार हो गया, उसके बाद उन लेन दारों ने उसकी माँ को परेशान करना शुरू कर दिया, उसने शहर छोड़ने का फैसला किया जिस वजह से उन लेनदारों को लगा कि वह पैसा लेकर भाग रही है, बस इसी भागादौड़ी में उसकी गोली मार कर हत्या कर दी गई और तब से दमित्री गुनाह की दुनिया से जुड़ गया... अपना नाम बदलकर और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान होने के कारण उसने आज तक सबकी आँखो में धूल झोंका है, अब हमारा हाथ उसके गिरेबां के बिलकुल नज़दीक है ", एजेंट हैरिस ने एलेक्स का पूरा इतिहास अपने सीनियर को बताया, जिसे सुनकर वह कुछ देर के लिए गहरी सोच में पड़ गए। 

" ठीक है... कैरी ऑन, इस केस में जो भी प्रोग्रेस हो मुझे तुरंत ही सूचित किया जाए," सीनियर ऑफिसर ने स्पेशल एजेंट हैरिस को ऑर्डर देते हुए कहा, स्पेशल एजेंट हैरिस अपनी रिपोर्ट लेकर उस कमरे से बाहर निकल गया।

हैरिस के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई थी, क्यूँकि मामला ही इतना बड़ा था, देश की सुरक्षा का सवाल था और MI 6 के हाथ से चूक होते ही सब कुछ मिट्टी में मिल जाता। 


उधर एलेक्स इन सभी बातों से बेखबर होकर अपने मेहमानों का अच्छा स्वागत करने की तैयारी में जुटा हुआ था और उसने काफ़ी अच्छा इंतज़ाम कर रखा था, वह किसी चीज़ की कमी बर्दाश्त नहीं करता था और ख़ास तौर पर तब, जब बात पैसों की हो। आज एलेक्स काफ़ी ख़ुश था क्यूँकि अरबों के हथियार बिके थे। 

"मिस्टर क्लिंट क्या आप मेरी ख़ास वाइन पीना पसंद करेंगे, मेरे पास बेहतरीन वाइन कलेक्शन है, बेहद उम्दा", एलेक्स ने मिस्टर क्लिंट से पूछा। 

"हाँ क्यूँ नहीं अगर आपके वाइन स्टॉक में Mateus Rose है तो", मिस्टर क्लिंट ने एलेक्स के सवाल का जवाब दिया। 

"हा हा हा... क्यूँ नहीं मेरे पास Lancers and Reunite जैसे दमदार वाइन भी मौजूद हैं ", एलेक्स ने मिस्टर क्लिंट से कहा और अपने एक आदमी को बोतल लाने का इशारा किया। 


शाम ढल रही थी और कमांडर की चिन्ता बढ़ती जा रही थी, हालांकि अभी काफ़ी समय था उनके पास लेकिन एमेलिया के सुरक्षित किंघम पहुंचने की कमांडर को काफ़ी चिंता थी। 

" अभी और कितना समय लगेगा", कमांडर ने एमेलिया से पूछा। 

"बस अब पहुँच ही गए हैं... कुछ किलोमीटर और बाकी है, क्यूँ इतनी भी क्या जल्दी है", एमेलिया ने कमांडर की बातों का जवाब दिया और उससे हड़ बड़ाने की वजह के बारे में पूछा। 

" कुछ ख़ास बात नहीं है, बस समय से पहुंच जाते तो हम जहाज पर वापस लौट सकता था, इस बात से निश्चिंत हो जाता कि तुम सुरक्षित अपनी आंटी के यहाँ पहुँच गई हो ", कमांडर ने एमेलिया के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा। 

" जहाज की यात्रा के बारे में कुछ बताइए, वहाँ आपके शरीर की देखभाल कौन करता है ", एमेलिया ने कमांडर से पूछा। 

" प्रोफेसर का लड़का तनवीर और उसका दोस्त अरुण ही हमारे साथ लंदन तक का सफर तय कर रहा है और सफ़र में हमारा कॉफिन का हिफाज़त भी करता है, दोनों काफ़ी अच्छा लड़का है और ठीक तुम्हारी तरह ही उन दोनों का भी ये दूसरा जन्‍म है, तनवीर (तन्नू) ही आज से तीन सौ साल पहले वही सिक्ख लुटेरा इंद्रजीत था जिसने हमारा गर्दन धड़ से अलग किया था और मुगल शासक शाहजहाँ का ख़ज़ाना लूट लिया था हालाँकि उसका साथी हरप्रीत उससे पहले ही मर गया था और वह भी हमारे साथ जहाज पर अरुण के रूप में यात्रा कर रहा है ", कमांडर ने एमेलिया को सबकुछ विस्तार पूर्वक समझाया। 

" तो आपको कभी गुस्सा नहीं आता है उन दोनों पर ", एमेलिया ने कमांडर से पूछा। 

" हा हा हा...आता है जब दोनों बात नहीं सुनता है लेकिन अब जब दोनों अपना सब कुछ छोड़कर हमारा मदद कर रहा है ताकि हमारा शरीर मुक्ति पा सके, तो अब हम सब एक दूसरे को समझने लगा है", कमांडर ने एमेलिया की बात सुनकर ठहका लगाया और उसे सारी बातें समझाई। 


ऐसे ही बातें करते करते समय कब कट गया दोनों को पता भी नहीं चला, हेनरी तो कार की पिछली सीट पर बेहोश पड़ा था सफ़र में क्या हो रहा है, कहाँ जा रहा है उसे किसी बात का पता नहीं था, तीनों आखिर अपनी मंज़िल तक पहुंच ही गए, रास्ते में एक साइन बोर्ड पर लिखा था "वेलकम टू किंघम"। अब कमांडर ने राहत की साँस ली। 

एमेलिया ने गाड़ी को अपनी आंटी के घर की तरफ मोड़ दिया। कुछ ही देर बाद वह सभी एमेलिया की आंटी के घर पहुँच गए, एमेलिया ने कार को घर के गैराज के बाहर ही पार्क कर दिया। कमांडर ने हेनरी के शरीर में प्रवेश कर लिया था और दोनों घर के दरवाजे पर खड़े थे, एमेलिया ने कॉल बेल बजाई, कुछ ही देर बाद एमेलिया की आंटी ने दरवाजा खोला और मेहमान को देखते ही हैरान रह गई। उन्होंने एमेलिया को गले लगा लिया और कुछ देर तक वैसे ही खड़ी रहीं मानो सदियों की कसर उतार रहीं हों, फिर दोनों एक दूसरे से अलग हुए, उन्होंने हेनरी की तरफ़ आश्चर्य से देखा। एमेलिया अपनी आंटी को देखते ही समझ गयी कि उनके मन में क्या चल रहा है। 

" ये हेनरी हैं मेरी सहेली जेनिफर के भाई... मैं इन्हीं की कार में यहाँ तक आई थी, इन्हें दरअसल यहाँ कुछ काम था और ये पहली बार किंघम आए हैं, तो मैंने इनसे कहा कि आप आज मेरे मेहमान बनकर यहीं रुक जाइए, कल सुबह निकल जाइएगा...आई होप, आपको कोई ऐतराज़ नहीं होगा आंटी। 

"अरे नहीं... नहीं, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, तुम्हारे मेहमान मेरे लिए ख़ास हैं, आइए अंदर आइए", एमेलिया की आंटी ने हेनरी से कहा। तीनों हॉल की तरफ़ बढ़ गए। एमेलिया के अंकल ने उसे देखते ही गले लगा लिया। 

"ओह, हॉव आर यू माइ डियर... काफ़ी समय बाद मिल रहे हैं... देखो तुम कितनी बड़ी हो गई हो, आज इतने सालों बाद अंकल की याद आई है ", एमेलिया के अंकल ने उससे कहा। 

" हाँ, वाकई काफ़ी समय बीत गया है... लेकिन आप बिलकुल भी नहीं बदले, वैसे के वैसे ही हैंडसम दिख रहे हैं", एमेलिया ने अपने अंकल से कहा, फिर उन्हे साथ खड़े हेनरी से मिलवाया, दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और अंकल ने हेनरी का स्वागत किया। फिर तीनों बैठकर बातें करने लगे।

देखते ही देखते समय और बीतता गया, सभी के चेहरे पर खुशी बिखरी हुई थी क्यूँकि सब काफ़ी दिनों बाद मिल रहे थे। हेनरी उर्फ कमांडर की आत्मा को भी उन्होंने काफ़ी अपना पन दिखाया। एमेलिया की आंटी ने कमांडर उर्फ हेनरी के लिए गेस्ट रुम में रुकने का इंतजाम करवा दिया था। कमांडर ने हेनरी को उस कमरे में सोने के लिए छोड़ने से पहले एमेलिया से कह दिया था कि सुबह तक वह जागने वाला नहीं है जब तक कमांडर उसके शरीर में प्रवेश नहीं करेगा हेनरी का शरीर हरकत में नहीं आएगा इसलिए एमेलिया उसकी बिलकुल भी चिंता न करे, बस हेनरी के बैग से एक मिलियन पाउंड गिनकर अलग कर ले, बाकी पैसा उसी सूटकेस में छोड़ दे। सुबह होते ही कमांडर वापस हेनरी के शरीर में प्रवेश कर जाएगा और हेनरी कि आत्मा की सहायता से उसके बॉस के अड्डे तक पहुंच जाएगा। एमेलिया के लिए ख़तरा था इसलिए कमांडर ने सुबह उसे ले जाना मुनासिब नहीं समझा। उसे हीरे की हिफाज़त करने के लिए अपनी आंटी के घर पर ही रुकना था। 

                          To be continued... 

                     ©ivanmaximusedwin



गहरी चाल... 


अगली सुबह तेज़ बारिश, कड़क दार चमकती बिजलियों और तेज़ तूफान के साथ जहाज लंदन पोर्ट पहुंचता है। 

"लो भाई आखिर लंदन पहुंच ही गए, ऐसी लंदन की यात्रा किसी ने नहीं की होगी जो हम दोनों ने तय की, शुक्र है कि साथ में कमांडर था वर्ना लुटेरों ने तो लंदन पहुचने ही नहीं देना था", अरुण ने लंदन पोर्ट को नज़दीक आता देख राहत की साँस भरते हुए तनवीर से कहा। 

"ये बात तो बिलकुल सही कह रहे हो अगर उस रात कमांडर उन लुटेरों को ठिकाने नहीं लगता तो शायद लंदन नहीं कहीं और पहुंच जाते, सबसे बड़ी बात कमांडर ने उस रात इतनी सफ़ाई से लुटेरों का चीर फाड़ कर कुछ को समुन्द्र में फेंक दिया जिससे जहाज के सभी कर्मचारियों को ये बिलकुल शक़ नहीं हुआ कि ये काम मैंने नहीं किया होगा ", तनवीर ने अरुण की ओर देखते हुए कहा। दोनों डेक पर खड़े होकर आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी वहाँ जहाज का कैप्टन पहुंच जाता है। 

" आखिर लंदन पहुंच ही गए, क्यूँ तनवीर मज़ा आया समुंद्री यात्रा का "कैप्टन ने तनवीर से मुस्कराते हुए पूछा। 

" मज़ा तो बहुत आया बस अब ऊपर वाले से दुआ है कि वापसी के समय फिर से कोई लुटेरों का झुण्ड न मिल जाए", अरुण ने लपक कर तनवीर के बदले कैप्टन को जवाब दिया। 

" हा... हा... हा, डरो नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा और अगर होता है तो साथ में तनवीर तो है ही, हमारा हीरो हम सबको बचाने के लिए तो यह अकेला ही काफ़ी है, देखा नहीं किस तरह से इसने लुटेरों को अकेले पछाड़ दिया, मुझे तो बहुत गर्व महसूस होता है ये सोचकर कि तनवीर इस यात्रा में हमारे साथ ही था और इस हिम्मत वाले लड़के से मेरी मुलाकात हुई", कैप्टन ने प्रसन्नता पूर्वक अरुण और तनवीर से कहा। फिर कैप्टन अपनी बात को आगे जारी रखते हुए दोनों से पूछते हैं " अच्छा अब आगे का क्या प्लान है, कैसे डॉक्टर ज़ाकिर तक उनका ताबूत पहुंचाओगे, इसमें मैं तुम दोनों की मदद कर सकता हूँ "। 

" मदद तो आपसे लेनी ही पड़ेगी क्यूँकि लंदन हम लोगों के लिए एक अनजान शहर है, ये लीजिए डॉक्टर ज़ाकिर का पता", कैप्टन से इतना कहते ही तनवीर अपनी जेब से एक पर्ची निकाल कर कैप्टन को दे देता है जिस पर डॉक्टर का पता लिखा था। 

कैप्टन उन दोनों के लिए लंदन में डॉक्टर ज़ाकिर के पास पहुंचने का इंतज़ाम करवा देते हैं, साथ ही अपने क्रू मेंबर्स के साथ दोनों के रुकने का भी इंतजाम करवा देते हैं। अब बस डॉक्टर ज़ाकिर के साथ एक आखरी मुलाकात के लिए अरुण, तनवीर और कमांडर काफ़ी उत्सुक थे, अरुण और तनवीर को इस बात की उत्सुकता थी कि ऐसा कौन सा राज़ था जो कमांडर अपने सीने में इतने सालों से दफ़न किए हुए था और इसका डॉक्टर ज़ाकिर से क्या लेना देना था, पर उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट था लंदन का बदलता मौसम जिसने उन्हें अपना परिचय जहाज के लंदन पोर्ट पहुंचते ही दे दिया था। 

जहाज के पोर्ट पहुंचते ही तनवीर और अरुण बाकी कर्मचारियों के साथ आराम करने अपने कमरों में चले, कमांडर का ताबूत तन्नू के कमरे में ही रखवा दिया गया था। कैप्टन ने अरुण और तनवीर से डॉक्टर ज़ाकिर कि मुलाकात करवाने के लिए उनकी यूनिवर्सिटी में फ़ोन किया तो पता चला कि डॉक्टर ज़ाकिर किसी विशेष काम से किंघम की ओर गए हैं, किंघम एक छोटा सा गांव है इंग्लैंड का, वहाँ से लौटने में उन्हें काफ़ी देर हो सकती है। कैप्टन ने तनवीर और अरुण तक इस खबर को पहुँचवा दिया। 


"मुझे दमित्री फ्रिद को किसी भी हाल में इस बार रंगे हाँथ पकड़ना पड़ेगा, इस बार कोई भी चूक नहीं होनी चाहिए, याद रहे कि इस बार वह आर्म्स की बहुत बड़ी डील करने वाला है, आज सारा माल उसके गोदाम से निकलेगा, उनके निकलते ही चेक पोस्ट पर उन्हें पकड़ लिया जाएगा लेकिन उससे पहले ही मैं चाहता हूँ कि तुम कोई हँगामा खड़ा कर के दमित्री को उसके आदमियों से दूर कर दो ताकि उसे गिरफ्तार करना आसान हो जाए...तुम्हारी मदद के लिए एक टीम रवाना हो गई है, अब तक इस खुफिया मिशन को तुमने बखूबी अंजाम दिया है, अब हम अपनी मंज़िल से ज़्यादा दूर नहीं हैं इसलिए होशियार रहना ", MI 6 के स्पेशल एजेंट हैरिस ने एलेक्स की गैंग में मौजूद अपने खुफिया एजेंट से फ़ोन पर बात की। 

" आप बिलकुल परेशान न हों, ये काम मैं बहुत आसानी से कर दूँगा, आज ही ये काम हो जाएगा, बस मुझे बैक अप टीम का इंतजार रहेगा ", उधर से फ़ोन पर हैरिस का खुफिया एजेंट बोलता है। 

"टीम वहाँ पहुचते ही तुम्हें इशारा मिलेगा उसी हिसाब से काम करना", स्पेशल एजेंट हैरिस ने अपने एजेंट को आदेश दिया। 

" ठीक है मैं टीम का इंतजार करूंगा ", हैरिस के एजेंट ने उससे कहा। 

" याद रखना मुझे एलेक्स उर्फ दमित्री फ्रिद मुझे ज़िन्दा चाहिए, इस बात का ध्यान रखना कि उसे कुछ भी नहीं होना चाहिए ", स्पेशल एजेंट हैरिस ने अपने जूनियर एजेंट को समझाते हुए कहा। 

"ठीक है काम हो जाएगा ", हैरिस के स्पेशल एजेंट ने कहा और फ़ोन काट दिया। 


"आज डॉक्टर ज़ाकिर यहाँ पहुँचने वाला है, याद रखना आज वह ज़िंदा बचकर नहीं जाना चाहिए... बस एक बार उससे उस ख़ज़ाने के हीरों का पता चल जाए उसके बाद उसे खत्म कर दिया जाएगा, उससे पहले उसे पता नहीं चलना चाहिए कि लंदन के अंडर वर्ल्ड का किंग कौन है... मार्टिन आज हम सबके हाँथ बेशकीमती हीरे लगने वाले हैं",  एलेक्स ने अपने आदमियों को समझाते हुए कहा, फिर मार्टिन से हीरों की बात कही। 

" ये बात तो तुम सही कह रहे हो, अगर डॉक्टर ज़ाकिर के पास एक बेशकीमती हीरा हो सकता है तो उसके पास बादशाह शाहजहाँ के ख़ज़ाने के और भी हीरे मौजूद होंगे... हम इस मौके को गंवा नहीं सकते हैं", मार्टिन ने एलेक्स की बात से सहमत होते हुए कहा। 

"डॉक्टर ज़ाकिर बेहद शातिर इंसान है... उसे किसी बात का शक़ न होने पाए, मार्टिन उससे बहुत सोच समझ कर सवाल करेगा और एक बार उससे ख़ज़ाने के उन हीरों का पता चल जाए, मेरा इशारा पाते ही उसे खत्म कर देना ", एलेक्स ने अपने आदमियों को समझाते हुए कहा। 

"ये काम तो हो जाएगा लेकिन याद रखो आज हेनरी भी आने वाला होगा... उसका क्या करना है ", मार्टिन ने एलेक्स को याद दिलाते हुए कहा। 

" एक बार हेनरी यहाँ पहुँच गया तो उससे पहले लंदन में किए गए कारनामों के बारे में पूछना है, ये भी पता करना होगा कि वह हीरा उसके पास है या नहीं ", एलेक्स ने मार्टिन से कहा और कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। 


" पता नहीं वह हीरा इस वक़्त कहाँ होगा... कमांडर ने अपना काम पूरा किया होगा या नहीं, मैंने सारी रात ड्राइविंग की है और अब मैं एलेक्स से ज़्यादा दूर नहीं हूँ, एक बार मैं उसके अड्डे पर पहुँच जाऊँ तो इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर को ऑन कर दूँगा और ये कमांडर या हीरे को ट्रैक कर लेगा... क्यूँकि वह हीरा कमांडर की आत्मा से जुड़ा हुआ है इसलिए उसे भी ये डिटेक्टर आसानी से ट्रैक कर सकता है, बस कोई चूक न हो तो मैं उस हीरे को हासिल कर लूँगा, अगर हीरा वहाँ मौजूद नहीं भी हुआ तो भी ये डिटेक्टर कमांडर की आत्मा को तो ट्रैक कर ही लेगा, बस उसी के ज़रिए उस हीरे तक पहुंच जाऊंगा ", डॉक्टर ज़ाकिर अपनी किंघम तक की यात्रा के दौरान ख़ुद से बात करते हैं। उन्हे उस हीरे की चिंता सता रही थी और सताती भी क्यूँ न, अगर वह हीरा उनके हाथों से निकल गया तो डॉक्टर ज़ाकिर की भी मौत उन्ही हालातों में होने वाली थी जिन हालात में उन्होंने उस हीरे का सहारा लेकर कमांडर की आत्मा से अपने टीम मेंबर्स और दुश्मनों को मरवाया था। 


उधर एमेलिया की आंटी के यहाँ कमांडर की आत्मा पहुंच कर हेनरी के शरीर में प्रवेश कर लेती है। एमेलिया ने कमांडर के कहे अनुसार सूट केस से एक मिलियन पाउंड पहले ही गिनकर अलग कर रखे थे, बस वह हेनरी के कमरे से बाहर निकलने का इंतजार कर रही थी। 

"आपको नींद तो अच्छे से आई न... कोई परेशानी तो नहीं हुई", एमेलिया की आंटी एंजेला ने हेनरी के गेस्ट रुम से बाहर निकलते ही पूछा। 

"" जी बिल्कुल, नींद बहुत अच्छे से आई और किसी चीज़ की कोई दिक्कत नहीं हुई ", कमांडर की आत्मा ने हेनरी के शरीर के अंदर से एंजेला को जवाब दिया। 

" आइए अब हमारे साथ नाश्ता कर लीजिए ", एंजेला ने हेनरी से कहा। वह सभी डाइनिंग टेबल पर बैठ कर सुबह का नाश्ता कर रहे थे। सभी काफी खुश नज़र आ रहे थे। किसी को शक़ न हो इसलिए हेनरी ने भी उनकी बात मान ली और नाश्ता करने के लिए टेबल से लगी एक कुर्सी खिसका कर बैठ गया। 

" आप नाश्ते के साथ क्या लेना पसंद करेंगे, जूस, कॉफी या मिल्क टी", एंजेला ने हेनरी से पूछा। 

" जूस ही बेहतर रहेगा", हेनरी ने एंजेला को जवाब दिया। हेनरी के कहते ही उसने एक ग्लास में अपने ही बगीचे के ताजे फलों का रस दिया। 

"यही तो फ़ार्म हाउस होने का फायदा है, हर चीज़ ताज़ी मिल जाती है, खुद का उगाया हुआ अनाज, फल, सब्जियां, दूध इत्यादि, क्यूँ एमेलिया तुम्हारा क्या ख़याल है", एमेलिया के अंकल मिस्टर थॉमस ने उससे पूछा। 

"हाँ, क्यूँ नहीं अंकल, शहरों के मुकाबले यहाँ की चीज़ें ज़्यादा शुध्द हैं ", एमेलिया ने मिस्टर थॉमस की बात से सहमति जताई। 

" केवल खाने की वस्तुएँ ही शुध्द नहीं है, यहाँ के मौसम तथा वातावरण भी शुद्ध है... और यहाँ हवा में ही ताज़गी सी है", हेनरी ने दोनों की बातों के बीच में सबसे कहा। 

" लगता है यहाँ की ताज़ी हवा का जादू आप पर भी चल गया है मिस्टर हेनरी", एंजेला ने हेनरी की देख कर मुस्कुराते हुए कहा। एंजेला की इस बात पर सभी को हंसी आ गई। 

" वैसे बाहर का मौसम काफ़ी खराब हो गया है, ऐसा लगता है कि आज तेज़ तूफ़ान आएगा... बच्चों ने भी तेज कड़क दार चमकती बिजली को देख अपने कमरे से बाहर निकलने से मना कर दिया है, वह शायद डर से गए हैं... ऐसे में आप काम के सिलसिले में बाहर जा रहे हैं, क्या काम इतना ज़रूरी है ", मिस्टर थॉमस ने हेनरी से पूछा। 

" आप बिलकुल परेशान न हों मुझे कुछ नहीं होगा, बस एक ज़मीन की खरीद के सिलसिले में पार्टी से मिलना है, ये बहुत ज़रूरी है नहीं तो ऐसे खराब मौसम में जाना इतना ज़रूरी न होता... इसमें मेरे क्लाइंट के काफ़ी पैसे फँसे हुए हैं ", हेनरी उर्फ कमांडर की आत्मा ने बड़ी कुशलता से मिस्टर थॉमस को झूठी कहानी पर यकीन करने के लिए मजबूर कर दिया। 

" ओह! अगर पैसों की बात है तो हम आपको रोकेंगे नहीं, लेकिन ये किंघम है और आप ज़मीन को खरीदने जा रहे हैं... आपके पास अपनी सुरक्षा के लिए कोई हथियार भी नहीं हैं", मिस्टर थॉमस ने हेनरी से कहा। 

" क्या यहाँ ज़मीन खरीदना इतना बड़ा सिरदर्द है", हेनरी ने अनजान बनते हुए मिस्टर थॉमस से पूछा। 

" लगता है आप यहां पर पहली बार आए हैं... ये किंघम है यहाँ लोग बातें कम करते हैं गोलियां ज़्यादा चलाते हैं और कई बार तो पैसे लेकर भी गोली मारने से पीछे नहीं हटते हैं, मेरी पहचान के सभी किसानों के पास अपनी बन्दूकें हैं सुरक्षा के लिए, यहाँ केवल बंदूक का ही कानून चलता है, मैं अगर आपकी जगह होता तो बिना बंदूक के बाहर नहीं निकलता ", मिस्टर थॉमस ने हेनरी को आगाह करते हुए कहा। जहाँ मिस्टर थॉमस और एंजेला इस बात को लेकर चिंतित नज़र आ रहे थे वहीं एमेलिया उनकी बातों को सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी, उसकी ये हँसी सबके सामने न दिख जाए इसलिए उसने अपने हाथ से होंठों को ढक लिया था। वह वहाँ बैठकर यही सोच रही थी कि अब अंकल और आंटी को क्या पता कि जिससे वह ये सब कुछ बता रहे हैं वह इस काम में माहिर है, उसके लिए किसी की भी जान लेना महज चुटकी बजाने के बराबर है, वह एक ऐसा शिकारी है जिसे मौत भी पूरी तरह से हरा नहीं पाई। 

                           To be continued... 

                  ©IVANMAXIMUSEDWIN



आखिरी मुलाकात... 



"मैं तो आप से कहूँगा कि अपनी सुरक्षा के लिए, आप मेरी हैंड गन और कुछ बुलेट्स रख लें, मैं दुआ करूंगा कि आपको इन्हें चलाने की ज़रूरत न पड़े लेकिन अपनी हिफाज़त के लिए ऐसा करना ही सबसे उचित रहेगा", थॉमस ने हेनरी के सामने एक पेशकश रखी, जो हेनरी की सुरक्षा से जुड़ी थी। 

" अब छोड़ो भी थॉमस, तुम तो हमारे मेहमान को डरा रहे हो, हर किसी के साथ बुरा होगा कोई ज़रूरी तो नहीं है, ये किंघम इतनी बुरी जगह भी नहीं है, आखिर हमलोग यहाँ इतने सालों से रह ही रहे हैं ", एंजेला ने अपने पति थॉमस और बाकी लोगों से कहा। 

" हाँ, ये सही है कि किंघम एक सुंदर, प्यारा सा गाँव था लेकिन जब से इस पर माफिया की नज़र पड़ी है सब कुछ बदल गया है, जिस गाँव में लोग मिल जुलकर रहते थे वहीं अब खून खराबा होने लगा ", थॉमस ने आगे सबको बताया। 

" मैंने भी कई बार न्यूज़ पेपर में पढ़ा है, अब किंघम पर अंडर वर्ल्ड का सिक्का चलता है, लंदन से दूर इस शांत इलाके में कई अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है, ऐसी जगह सबसे सुरक्षित होती है अपराध से जुड़े लोगों के लिए... मेरा ख्याल है आपको अंकल की सलाह मान लेनी चाहिए और एक हैंड गन अपने साथ सुरक्षा के तौर पर ले जाना चाहिए, मैं आपसे उसे लंदन में वापस ले लूँगी और अंकल का कभी आना हुआ तो उन्हे दे दूंगी ", एमेलिया ने हेनरी को हैंड गन लेने पर मजबूर करते हुए कहा। 

" हाँ, ये ठीक रहेगा... वैसे भी मुझे अगले महीने लंदन जाना है, मैं वहीं एमेलिया से मिलते हुए इसे ले लूँगा ", थॉमस ने एमेलिया से सहमत होते हुए कहा। 

" ठीक है अब जब आप लोग इतना कह रहे हैं तो मुझे हैंड गन अपनी सुरक्षा के लिए लेकर जाने में कोई ऐतराज़ नहीं है, मैं उसे सुरक्षित एमेलिया को लंदन में सौंप दूँगा ", हेनरी उर्फ़ कमांडर की आत्मा ने उनसे कहा। थॉमस अपना नाश्ता ख़त्म कर चुके थे, वह उठे और सीधा अपने स्टोर रूम में गए, वहां से एक लकड़ी की अलमारी से एक Ruger Single Six Convertible .22/22 Magnum निकाली और साथ ही उसकी बुलेट का कार्टरिज निकाल कर हेनरी को दिया। थॉमस से गन लेने के बाद हेनरी अपने अड्डे पर निकलने के लिए तैयार था, एमेलिया उसे बाहर तक छोड़ने के लिए आती है। 

"अपना ख़याल रखना और वापसी करते हुए सावधान रहना, वापसी में तुम्हारे पास ज़्यादा कीमती सामान रहेगा, अब उस श्रापित हीरे की नई मालकिन तुम हो, साथ ही तुम्हारे पास एक मिलियन पाउंड भी रहेंगे तो ज़रा ध्यान रखना," कमांडर ने एमेलिया से कहा और कार स्टार्ट कर के अपने सफ़र पर रवाना हो गया, उसके पास हेनरी के बॉस को देने के लिए चार मिलियन पाउंड से भरा हुआ छोटा सूट केस भी था, उसके निकलने से पहले एमेलिया ने भी उसे होशियार रहने को कहा। 


" ओहो! यहाँ इतना जाम क्यूँ लगा है, कितनी देर से एक ही जगह पर रुके हैं, आगे आख़िर हुआ क्या है जो हाइवे पर इतना जाम लगा दिया है, लगता है मुझे कार से बाहर निकल कर देखना ही पड़ेगा", डॉक्टर ज़ाकिर ख़ुद से कहते हैं और कार से बाहर निकल कर पता करने की कोशिश करते हैं कि आगे आखिर चल क्या रहा है। उन्हे कुछ दूरी पर एक चेक पोस्ट नज़र आता है जिसे विशेष कारणों से वहां लगाया गया था, किंघम की ओर आने जाने वाली हर गाड़ियों की अच्छी तरह से तलाशी ली जा रही थी। डॉक्टर ज़ाकिर सारा माजरा समझ गए। 

"इसमें तो काफ़ी समय बीत जाएगा लेकिन अब किया भी क्या जा सकता है, पता नहीं यहाँ किंघम में ऐसा क्या चल रहा है जो इतनी चेकिंग चल रही है, ऐसा तो तभी होता है जब किसी आतंकवादी हमले या किसी खतरनाक ऑपरेशन को अंजाम देने की धमकी मिलती है... बुरे फँसे", डॉक्टर ज़ाकिर ने ख़ुद से कहा और सब कुछ पता करने के बाद अपनी कार में वापस जाकर बैठ गए। 


" बॉस खबर मिली है कि हाईवे पर दोनों ओर तगड़ी चेकिंग चल रही है," एलेक्स के एक आदमी ने उसे सूचित किया। 

" ऐसा क्या हो गया है यहाँ, क्या किसी आतंकवादी हमले की ख़बर मिली है या किसी ने हमारी मुखबिरी तो नहीं कर दी, पता करते रहो... ये तो अच्छा हुआ कि हथियारों की डिलीवरी कल रात में ही करवा दिया और उन्हें फौरन रवाना करवा दिया, जिसकी खबर मेरे कुछ ख़ास लोगों को ही थी, अब तक तो बार्डर के आसपास पहुंच ही गए होंगे, अपने सारे आदमियों को और ज़्यादा सतर्क रहने को कह दो ", एलेक्स ने अपने उस आदमी की बात सुनकर मार्टिन की ओर देखकर उससे कहा, फिर अपने आदमी से सतर्क रहने को कहा। 

" ये तो तुमने काफ़ी चतुराई दिखाई है कि माल को रात में ही रवाना कर दिया, नहीं तो लेने के देने पड़ जाते ", मार्टिन ने एलेक्स की बात सुनकर उससे कहा। दोनों बैठकर इसी विषय पर बातें कर रहे थे कि अचानक वहाँ एलेक्स का एक आदमी भागता हुआ आया। 

"बॉस... बॉस, वो हेनरी आ गया है और इस समय हमारे पहले चेक पोस्ट से एंट्री मांग रहा है ", एलेक्स के आदमी ने उससे कहा। 

" ये तो बहुत ही अच्छी खबर है... उसे फौरन एंटर करने की अनुमति दे दो, हम उससे बात करने के लिए बेताब हैं", एलेक्स ने अपने उस आदमी को आदेश देते हुए कहा। एलेक्स से आदेश मिलते ही उसके आदमी ने वायरलेस पर सिक्यूरिटी को आदेश दिया और उन्होंने हेनरी की कार को अंदर प्रवेश करने की अनुमति भी दे दी। अंदर प्रवेश करते ही कमांडर उर्फ़ हेनरी ने कार को लॉक किया और सीधा अड्डे के अंदर प्रवेश किया, हर कोई हेनरी से अच्छी तरह से वाकिफ़ था इसलिए उन्होंने उसकी तलाशी नहीं ली क्यूँकि किसी को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि हेनरी भी गद्दारी कर सकता है। वह सीधा एलेक्स के कक्ष की ओर बढ़ने लगा और उसके एलेक्स के कक्ष में प्रवेश करते ही एलेक्स अपनी कुर्सी से उठ कर उसका स्वागत करने के लिए आगे बढ़ा। 

" वाह हेनरी वाह, आखिर तुमने हीरे का सौदा कर ही लिया", एलेक्स ने उसे गले लगाते हुए कहा। 

"हाँ, बॉस पूरे चार मिलियन पाउंड में सौदा तय किया है", हेनरी ने उससे कहा और उसकी तरफ वह छोटा सूटकेस बढ़ा दिया। एलेक्स ने उससे वह सूटकेस लिया और मार्टिन के साथ उसे खोलकर अच्छी तरह से देखने लगा। उसने अपने एक आदमी को पैसे गिनने के काम में लगा दिया, उसने भी पैसे गिनने के बाद एलेक्स से सब कुछ ठीक होने की खबर दी, पैसे पूरे थे। एलेक्स ने अपने एक ख़ास आदमी को वह सूटकेस ले जाकर तिजोरी में रखने का आदेश दिया, उस आदमी ने उसके आदेश पर अमल करते हुए सूटकेस अपने साथ ले गया। 

"हाँ, तो हेनरी मुझे सब कुछ विस्तार से बताओ क्या हुआ... हमें ख़बर मिली है कि जिनके साथ तुमने हीरे की डील पक्की की थी वह सभी आश्चर्यचकित रूप से मौत के घाट उतार दिए गए हैं, वे आख़री बार तुमसे ही मिले थे ऐसा उनके कुछ बचे हुए लोगों का कहना है, जैसे मार्क के ऑफिस की वो सेक्रेटरी, जिसने यह सूचना दी कि मार्क से आखरीबार मिलने वाले शख्स तुम ही थे... कहीं ऐसा तो नहीं कि उससे सौदा तय करके पैसा लेने के बाद भी तुमने हीरा उसे नहीं दिया और अब भी वह हीरा तुम्हारे पास ही है", एलेक्स ने बड़ी होशियारी के साथ बात को घुमाते हुए हेनरी से पूछा। 

" नहीं बॉस ऐसा कुछ नहीं है, अगर ऐसा होता तो क्या मैं मार्क से पैसा लेने के बाद वहां से नौ दो ग्यारह न हो जाता फिर मैं उसकी बताई हुई वर्क शॉप पर वह हीरा देने ही क्यूँ जाता जब पैसे और हीरा दोनों ही मेरे पास था" ", हेनरी ने अपनी सफाई देते हुए एलेक्स को जवाब दिया। 

"तुम्हारा कुछ कहना है लेकिन लंदन में मार्क के वर्क शॉप को भी किसी ने तहस-नहस कर शमशान में बदल दिया, उसके बारे में तुम्हारा क्या कहना है... यह भी तुम्हारे वहां जाने के बाद ही हुआ", मार्टिन ने हेनरी को याद दिलाते हुए कहा। 

"आप लोग मुझ पर बेकार में शक़ कर रहे हैं, ज़रा सोचिए कि अगर मैं वर्क शॉप में कोई भी हरकत करता तो मारा जाता...वहाँ इतने हथियार बंद लोग मौजूद थे और मैं अकेला, आप खुद ही सोचिए क्या मैं इतने लोगों को लुढ़का कर इस तरह आपके साथ बैठा होता, ऐसा किसी के लिए भी करना नामुमकिन है ", हेनरी ने बड़ी कुशलता के साथ दोनों से झूठ बोल दिया और उसके झूठ पर दोनों कुछ देर के लिए सोचने पर मजबूर हो गए थे। 

" तो तुम्हारे हिसाब से वहां लंदन में क्या हुआ होगा जो इतने लोग मारे गए ", एलेक्स ने एक बार फिर हेनरी से लंदन वाले सिलसिले पर सवाल किया। 

" मुझे तो लगता है बॉस किसी ने मेरा पीछा किया है और यह सब एक प्लान के तहत किया है ताकि हम सबमें फूट पड़ जाए... इससे हमारी गैंग भी कमज़ोर हो जाएगी और हम आपस में ही लड़ पड़ेंगे ", हेनरी ने एक बार फिर से चतुराई दिखाते हुए दोनों को जवाब दिया। 

"मेरे ख़याल से एलेक्स तुम्हारा आदमी बिल्कुल सही कह रहा है... इसका लंदन वाले हादसे से कोई लेना देना नहीं है, हो सकता है कि इसका पीछा किया गया हो या ये भी हो सकता है कि डॉक्टर ज़ाकिर ने तुम्हें हीरा देने के बाद किसी से तुम्हारा ही पीछा करवाया हो, नहीं तो ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता है कि इतनी गोलीबारी के बीच में इसे एक भी गोली न लगे," मार्टिन ने हेनरी की बात से सहमत होते हुए एलेक्स से कहा, एलेक्स उसकी बातों को सुनकर कुछ देर के लिए गहरी सोच में पड़ गया। 

" मुझे लगता है कि तुम सही हो वर्ना ऐसा तो बिल्कुल नामुमकिन है कि इसे एक भी गोली न लगे, ये काम किसी पुराने दुश्मन, खुफिया एजेंट या डॉक्टर ज़ाकिर का भी हो सकता है... बस एक बार वो इंसान हाथ लग जाए, मैं उसे ज़िंदा नहीं छोड़ने वाला हूँ", एलेक्स ने मार्टिन और हेनरी की ओर देखते हुए कहा। 

" तुम इस बात को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हो कि आज ही किंघम की ओर आने जाने वाले हाइवे पर चेक पोस्ट का इंतजाम है, हो सकता है ये इसी मसले से जुड़ा हो और हम लोग बेमतलब हेनरी पर शक़ कर रहे हैं जबकि ये वफादारी के साथ हीरे का सौदा करके रकम तुम्हारे पास लेकर आया है... अगर ये गद्दार होता तो कब का भाग गया होता ", मार्टिन ने एक बार फिर से अपनी बात कहकर एलेक्स को सोचने पर मजबूर कर दिया। 


अपने साथियों द्वारा दूर से फ़लेयर गन का इशारा पाते ही एलेक्स के गिरोह में शामिल MI6 के एजेंट जेम्स ने अपनी घड़ी का टाइमर सेट किया, उसके ऐसा करते ही एलेक्स के अड्डे पर जगह जगह लगाए गए टाइम बम सक्रिय हो जाते हैं और दो मिनट बाद विस्फोट करने के लिए एक्टिवेट हो जाते हैं। इस बात से अनजान एलेक्स और उसके साथी अपनी ही समस्याओं में उलझे हुए थे, इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता और इस नतीजे पर पहुंच पाता कि वह गद्दार कौन है कि तभी अचानक कान के पर्दे फाड़ देने वाला एक विस्फोट होता है "कड़ड़ड़ड़ड़बूम", एलेक्स के गोदाम में पहला बम फटता है, जिसके फटते ही वहाँ मौजूद सभी लोगों के अन्दर दाहशत फैल जाती है। बम का पहला धमाका होते ही बाहर खड़े सिक्यूरिटी के लोग सक्रिय हो जाते हैं और अंदर मौजूद एलेक्स की सिक्यूरिटी में लगे लोग अपने हथियार बाहर निकाल कर एलेक्स के इर्दगिर्द खड़े हो जाते हैं ताकि उसकी हिफाज़त कर सकें कि तभी अचानक "बूम... बाम", दो विस्फोट और होते हैं, दोनों विस्फोट इतने ज़बर्दस्त थे कि वहाँ मौजूद सभी लोग अंदर से हिल गए थे और उनके कान सुन्न पड़ चुके थे, इसी मौके का फायदा उठाकर हेनरी के अंदर मौजूद कमांडर की आत्मा मार्टिन और एलेक्स को अपने पीछे आने का इशारा करता है। मार्टिन और एलेक्स के साथ कुछ सुरक्षा कर्मी उसके पीछे सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए दौड़ लगा देते हैं। तभी अचानक MI6 का स्पेशल एजेंट जेम्स उस कमरे में दाखिल होता है, "धाँय... धाँय... धाँय धाँय... धाँय...धाँय", ताबड़ तोड़ फ़ायरिंग करके वहां मौजूद छ: लोगों को ढेर कर देता है, जवाब में ज़िंदा बचे दो लोग अपनी आधुनिक मशीन गनों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर देते हैं "तड़ तड़ तड़... तड़ तड़ तड़ तड़... तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ ", पर एक भी गोली निशाने पर नहीं लगती है, जेम्स बड़ी फुर्ती के साथ वहां मृत पड़े एक सुरक्षा कर्मी की गन उठाता है और "धाँय धाँय... धाँय धाँय", दोनों को वहीं ढेर कर देता है, पर उसे उसका शिकार एलेक्स कहीं भी नहीं दिखता है, वह उसकी तलाश में आगे बढ़ता है। जेम्स की बैक अप टीम पहुंच चुकी थी और बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से दो दो हाथ कर रही थी, अब एलेक्स चारों तरफ़ से घिर चुका था, उसके भाग निकलने का कोई रास्ता नहीं था। 

"देखा मैंने कहा था कि कोई तो गद्दार हमारे गिरोह में मौजूद है और हम लोग बेकार में हेनरी पर शक़ कर रहे थे, अब यहाँ से कैसे निकला जाए ये सोचो", मार्टिन ने एलेक्स से कहा और खिड़की से बाहर झाँक कर बच निकलने का रास्ता देखने लगा। 

"बाहर इतनी फ़ायरिंग के बीच से निकल पाना असंभव है... हमें बच निकलने का कोई और रास्ता ढूँढना पड़ेगा ", एलेक्स ने अपने साथियों और मार्टिन से कहा। 

" इस ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी बहुत पहले से हो रही होगी और उन्हें तुम्हें रंगे हाथों पकड़ने के लिए काफ़ी इंतज़ार करना पड़ा होगा, कल जो हथियारों की डील हुई है ये मामला कहीं न कहीं उससे जुड़ा हुआ लगता है ", मार्टिन ने एलेक्स को याद दिलाते हुए कहा। 

"ये वक़्त इन बातों को सोचने का नहीं है... ये सोचो कि हम सब यहाँ से बाहर कैसे निकलेंगे, हम हमेशा के लिए तो इस कमरे में नहीं छुप सकते हैं ", एलेक्स ने मार्टिन से कहा। 

तभी अचानक हेनरी ने थॉमस द्वारा दी गई हैंड गन निकाली और " धाँय... धाँय धाँय... धाँय धाँय धाँय  ", उस कमरे में मौजूद सभी सुरक्षा कर्मियों को ढेर कर देता है सिवाय मार्टिन और एलेक्स के। 

" य... ये क्या किया तुमने, हमारे ही साथियों को मार दिया", एलेक्स के मुँह से चीख निकल पड़ती है। 

"इसका मतलब यह है कि तुम भी उन सरकारी कुत्तों के साथ मिलकर हमारा नुकसान कर रहे हो", मार्टिन ने हेनरी की ओर देखते हुए कहा। 

" हम किसी के साथ नहीं मिला है, हम केवल उस हीरे से जुड़ा है जिसका सौदा तुमलोगों ने किया था ", कमांडर की आत्मा भारी स्वरों में दोनों से कहती है, जिसे सुनकर दोनों की रूह काँप उठती है। 

" क... क... कौन हो तुम, तुम हेनरी तो नहीं हो सकते हो, तुम्हारी आवाज़ अचानक कैसे बदल गयी, ये सब क्या चल रहा है ", एलेक्स ने कांपते हुए स्वरों में हेनरी उर्फ़ कमांडर की आत्मा से पूछा। 

"जो हीरा डॉक्टर ज़ाकिर ने तुम्हें दिया था वह तीन सौ साल पुराना इतिहास अपने अंदर समेटे हुए है, हम कमांडर ब्रैड शॉ है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का कमांडर जिसने तीन सौ साल पहले मुग़ल बादशाह शाहजहाँ का लूटा हुआ ख़ज़ाना ढूँढा था पर अफसोस है कि हमको उसी समय अपने खून से इसका कीमत चुकाना पड़ा, वह हीरा उस वक़्त हमारी ही जेब में था और जब डॉक्टर ज़ाकिर ने ख़ज़ाना ढूँढा तब उसे ख़ज़ाने के साथ हमारा अधगला लाश भी मिला, उस वक़्त भी वह हीरा हमारे कोट के जेब में था, डॉक्टर ज़ाकिर ने वही हीरा अपने पास रख लिया और अपने दुश्मनों का सफ़ाया करने के लिए उसका इस्तेमाल किया क्यूँकि उस हीरे के साथ हमारा आत्मा जुड़ा हुआ था ", कमांडर की आत्मा ने एलेक्स और मार्टिन को सब कुछ विस्तार से बताया और इसी बीच अपनी गन को दुबारा लोड कर लिया। 

" क... क... क्या मतलब है तुम्हारा, तुम हेनरी नहीं कोई और हो ", मार्टिन ने थरथराते हुए स्वरों में कमांडर से पूछा। 

" हाँ, हम कमांडर ब्रैड शॉ ही है... वो कमांडर ब्रैड जो 300 साल पहले भी शिकारी था और आज भी है, ये तुमलोगों का खुशकिस्मती है कि तुम्हारा सामना हमारा शरीर से नहीं बल्कि आत्मा से है... अगर शरीर मौजूद होता तो आज तुम लोगों को गन से नहीं मारना पड़ता, हमारा शरीर ही एक हथियार है जिसके अंदर दस लोगों का इलेक्ट्रो मैग्नेटिक पावर है, हम और हमारा नौ साथी जिन्होंने मिलकर चालीस लुटेरों के चार कर दिए थे, हम कमांडर था इसलिए उन सभी का आत्मा हमारा शरीर से जुड़ा है"..." धाँय ",  कमांडर ने एलेक्स और मार्टिन को अपने शरीर की जानकारी दी और एक गोली मार्टिन की खोपड़ी में चला दी, जिसे देख एलेक्स चौंक गया। 

" अरे... य... य,ये क्या कर दिया , देखो मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, मैं तो यहाँ का नहीं हूँ और मैं तो तुम्हें जानता भी नहीं हूँ, उस हीरे के बारे में मुझे डॉक्टर ने कुछ नहीं बताया था, उसने मुझे भी धोखा दिया... हाँ, उसी ने हम दोनों को धोखा दिया है कमांडर, तुम जो भी हो मैं इस मामले में बेकसूर हूँ, मेरी तुमसे कोई दुश्मनी नहीं है, मुझे जाने दो ", एलेक्स ने कमांडर की आत्मा से के सामने ख़ुद की सफाई देते हुए अपनी जान की भीख मांगी। 

" ये इंग्लैंड है कमांडर का देश, हम ब्रिटिश ईस्ट इंडिया के ज़माने से लॉ एंड ऑर्डर कायम रखता आया है और आज भी रखेगा, हम अच्छे से जानता है कि तुम कौन है, सिर्फ तुम्हारे बारे में ही नहीं दमित्री बल्कि तुम्‍हारा बाप दादा और उसका बाप दादा के बारे में भी, लेकिन तुम अब तक हमको अच्छा से समझा नहीं... हम वो शिकारी है जिसने अपने शिकार को कभी ज़िन्दा नहीं छोड़ा और अगर आज तुम ज़िन्दा बच गया तो फिर कल कितनों का जान लेगा, कल डॉक्टर का शिकार तो हमारा शरीर करेगा पर तुमको हम आज ही सज़ा  देगा, अब अगर हम चाहता तो तुमको हार्ट अटैक या किसी और तरीके से भी मार सकता था लेकिन जहाँ इतना गोलीबारी हो रहा वहाँ एक आद गोली इधर उधर भी चल सकता है... धाँय ", कमांडर ने एलेक्स को समझाते हुए कहा और एक गोली उसकी खोपड़ी के आर पार कर दी, वह सूखे पत्ते की तरह ज़मीन पर गिर पड़ा। एलेक्स के खत्म होते ही हेनरी किसी तरह छुप छुपा कर एलेक्स के अड्डे से निकल गया। MI 6 का स्पेशल एजेंट जेम्स सारी बाधाओं को पार करके उस कक्ष तक पहुँचा जहाँ एलेक्स और मार्टिन छुपे हुए थे पर उसके हाथ निराशा ही लगी, अड्डे से निकलते ही सुरक्षित जगह पर कमांडर ने हेनरी के शरीर को मुक्त किया और मुक्त होते ही वह मूर्छित हो कर गिर पड़ा। 


लम्बे जाम के बाद डॉक्टर ज़ाकिर किसी तरह एलेक्स के अड्डे पर पहुंचता है, जहाँ की रंगत पूरी तरह से बदल चुकी थी, हर तरफ़ पुलिस और खुफिया एजेंसी के लोग मौजूद थे 

डॉक्टर ज़ाकिर को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था, एलेक्स का अड्डा हर जगह से राख़ का ढेर बन गया था, हर तरफ कड़ी सिक्यूरिटी होने के कारण डॉक्टर ने वहां रुकना मुनासिब नहीं समझा इसलिए उसने अपनी गाड़ी वहां के स्थानीय बार की तरफ़ घुमा दी और बार में कुछ वक़्त के लिए रुक गया। 


"अच्छा आंटी अब मैं निकलती हूँ... मुझे लंदन वापस जाना पड़ेगा, कल यूनिवर्सिटी में पेपर हैं", अपनी छोटी बहनो की बर्थडे पार्टी हो जाने के बाद एमेलिया ने अपनी आंटी एंजेला से कहा। 

"ओह! अगर ऐसी बात है तो मैं तुम्हें रोक नहीं सकती हूँ, पर तुम जाओगी कैसे तुम्हारी कार तो तुम्हारी सहेली के भाई लेकर गए हैं... एक काम करो तुम मेरी कार ले जाओ ", एंजेला ने एमेलिया से कहा। 

" हाँ, ये ठीक रहेगा जल्दी पहुँच भी जाऊँगी", एमेलिया ने अपनी आंटी से कहा और उनसे उनकी कार की चाबी ले ली। निकलते समय सभी ने एमेलिया को गले मिलकर अलविदा कहा । एमेलिया ने एक मिलियन पाउंड और वह हीरा सुरक्षित एक बैग में रख लिया था। वह कार लेकर हाईवे की ओर निकल पड़ती है। 


" लगता है वह हीरा मेरे हाथ से अब निकल चुका है, एक ओर एलेक्स के मरने की खुशी है और दूसरी तरफ हीरे को खोने का ग़म, हीरे को पाना अब असंभव ही लगता है क्यूँकि एलेक्स को या तो पुलिस ने मार दिया होगा या गिरफ्तार कर लिया होगा, अब ये तो कल के समाचार पत्रों के ज़रिए ही पता चलेगा, यहाँ की जनता तो सदमे में चली गई है इतने धमाकों के बाद, यहाँ बार में जिससे भी पूछा सबने यही कहा कि किसी ऑपरेशन के तहत हुआ है, चारों ओर मीडिया के लोग मौजूद हैं, क्या एलेक्स इतना बड़ा मुजरिम था...ख़ैर अब तो अपनी चिंता करनी चाहिए, अब तो हीरा हाथ से निकल चुका है ", डॉक्टर ज़ाकिर ने खुद से कहा, बार में बैठ कर कुछ लोगों से शराब पीते हुए हादसे के बारे में बातचीत की थी पर कोई ख़ास जानकारी नहीं मिली, उन्हें एलेक्स से ज़्यादा उस हीरे की चिंता थी जो अब उनसे काफ़ी दूर निकल चुका था एमेलिया के ज़रिए और किंघम अब काफ़ी पीछे छूट गया था। कुछ देर बाद डॉक्टर ज़ाकिर ने भी लंदन की तरफ़ वापस जाने में ही भलाई समझी और उन्होंने अपनी कार हाइवे की तरफ़ ले ली। 


"बूम, स्क्रिंइइइइच," टायर के फटते ही एमेलिया ने कार के ब्रेक लगाए, उसने कार को सुरक्षित सड़क से दूर एक किनारे पर खड़ा कर दिया। उसने कार की डिक्की भी खोलकर देखी पर कोई एक्सट्रा टायर्स मौजूद नहीं थे, उसने सोचा कि किंघम ज़्यादा दूर नहीं है, अगर वह किसी से लिफ़्ट मांग ले तो लंदन सही वक़्त पर पहुंच जाएगी और वहाँ से अंकल को कार उठाने के लिए फ़ोन भी कर देगी नहीं तो सुबह पेपर देने में दिक्कत होगी इसलिए कार से अपना बैग लेकर वह हाईवे पर आगे बढ़ने लगी, कई कार से लिफ़्ट मांगी मगर किसी ने नहीं रोका, वह इसी तरह आगे बढ़ती रही। 



उधर डॉक्टर ज़ाकिर किंघम से निराश हो कर के लौट ही रहे थे कि अचानक एक लड़की ने उनसे सुनसान हाई वे पर लिफ्ट मांगी। बरसात होने के कारण हाई वे पर ज़्यादा गाड़ियां नहीं थी, पर इतनी बरसात में ये अनजान लड़की सुनसान हाई वे पर क्या कर रही थी ये चिंता उन्हें सता रही थी। अपनी इस उलझन को दूर करने के लिए उन्होंने गाड़ी रोक दी, "क्या आप लंदन की ओर जा रहे हैं, अगर हां तो क्या आप मुझे वहां तक की लिफ्ट दे देंगे प्लीज ", लड़की ने कतराते हुए डॉक्टर से पूछा। 

"वाय नॉट, अंदर आइए, मैं भी उसी ओर जा रहा हूँ", डॉक्टर ने गाड़ी का दरवाज़ा खोलते हुए लड़की को अंदर आने का अमन्त्रण देते हुए कहा। लड़की कार में बैठ गई और डॉक्टर ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए लंदन की यात्रा दुबारा शुरू कर दी। 

"आप इतनी रात में अकेले सफ़र कर रही हैं, आपको डर नहीं लगता ", लम्बी खामोशी के बाद डॉक्टर ने ख़ामोशी को तोड़ते हुए लड़की से पूछा। 

"अंधेरे के मुसाफिर रात से नहीं डरते", लड़की ने मुस्कुराते हुए डॉक्टर को जवाब दिया। 

"हा... हा... हा... गुड सेंस ऑफ ह्यूमर, आई लाइक दैट ", डॉक्टर ने लड़की की बात सुनते ही अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। 

"अच्छा क्या आप डेस्टनी पर भरोसा करते हैं", अनजान लड़की ने डॉक्टर से पूछा। 

" नहीं मैं ख़ुद पर यकीन करता हूं, किसी भी चीज़ को पाने के लिए ख़ुद पर भरोसा होना ज़रूरी है, डेस्टनी नाम की कोई भी चीज़ नहीं होती", डॉक्टर ज़ाकिर ने उस लड़की को जवाब दिया। 

" अगर मैं ये कहूँ कि मेरा आपसे मिलना भी एक डेस्टिनी थी, आप इंडियन हैं न, उस हिसाब से आपका इंडिया से यहाँ आना भी एक डेस्टिनी थी, तब आपका जवाब क्या होगा ", उस अनजान लड़की ने अपनी बातों का सबूत देते हुए डॉक्टर से एक गहराई भरा प्रश्न पूछा। डॉक्टर ज़ाकिर कुछ देर के लिए सोच में पड़ गए फ़िर एक नतीजे पर जाकर उस लड़की की ओर देखते हुए बोले " आपका नाम क्या है मिस, मेरा नाम ज़ाकिर है और मैं यहाँ की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पुरातत्व विभाग का एक प्रोफेसर भी हूँ, मैं कई सालों से लंदन में हूँ लेकिन आपसे कभी मुलाकात नहीं हुई तो फिर आप इसे डेस्टिनी कैसे कह सकती हैं", डॉक्टर ने अपने तजुर्बे का इस्तेमाल करते हुए उस लड़की से ही पलट कर सवाल कर दिया। 

" मेरा नाम एमेलिया है और मैं पोलपररो , कॉर्नवाल , इंग्लैंड से हूँ, मैं भी ऑक्सफोर्ड की ही स्टूडेंट हूँ लेकिन मैं साईंस पढ़ती हूँ, मैंने आपको इससे पहले कई बार कैंपस में देखा है क्यूँकि मेरी फ्रेंड मिशेल आपकी स्टूडेंट है, डेस्टिनी की बात इसलिए छेड़ी क्यूँकि हम दोनों ही ऑक्सफोर्ड से जुड़े हैं और हम दोनों कि मुलाकात भी लंदन के हाई वे पर हुई," लड़की ने अपना परिचय देते हुए डॉक्टर को विस्तार से समझाया। 

" मिशेल जॉनसन राइट, हाँ मैं उस बच्ची को जनता हूँ, तो तुम उसकी सहेली हो, अब मेरी समझ में सारी बात आई, अच्छा लगा तुमसे मिलकर एमेलिया ", डॉक्टर ने सारी कहानी समझ कर एमेलिया से मिलने पर अपनी खुशी को व्यक्त किया । 

"मैं अगर आपसे ये कहूँ कि मैं 14 साल की उम्र से आपको और इस रात के सफर को अपने सपने में देखती आ रही हूँ तब आप क्या कहेंगे ", एमेलिया ने डॉक्टर से एक ऐसा सवाल किया जिससे डॉक्टर के चहरे की हव्वाइयां उड़ गईं थीं और अब उनके माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई थीं। 

"मैं कुछ समझा नहीं मैं तो बस पिछले कुछ सालों पहले ही 

यहाँ आया हूँ और तुम तो यहीं इंग्लैंड की रहने वाली हो फ़िर तुम मुझे सपने में कैसे देख सकती हो", डॉक्टर ने नासमझी का बहाना कर के एमेलिया से सवाल कर दिया। 

"मैं जब 14 साल की थी तब से अपने सपने में आपको और एक बड़े ताबूत को देखती आई हूँ, ऐसा लगता है जैसे मेरा उस ताबूत से कोई गेहरा संबंध है हर एक पल जो यहाँ इस वक़्त बीत रहा है ये सब कुछ मैं पहले से ही अपने सपने में देखती आई हूँ , क्या आप किसी ऐसे ताबूत के बारे में जानते हैं ", एमेलिया ने एक बार फिर से अपने सपने के बारे में कहते हुए डॉक्टर से एक अविश्वसनीय प्रश्न पूछ डाला। डॉक्टर का चेहरा सफेद पड़ चुका था उनके माथे से पसीने की कुछ बूंदे बहने लगती हैं जिन्हे वह अपने कोट की जेब में रखे रुमाल को निकाल कर पोछते हैं क्यूँकि उनके ज़हन में एक बार फिर से कमांडर ब्रैड शॉ के सिर कटे भूत का ताबूत घूम जाता है। वही  300 साल पुराना बर्फ में जमा हुआ कमांडर जिसने शाह जहाँ के ख़ज़ाने को हासिल करने में डॉक्टर की टीम को नाकों चने चबवा दिए थे। दहशत और खौफ़ का दूसरा नाम कमांडर ब्रैड शॉ जिसने डॉक्टर की जान बख्श दी थी लेकिन उनके टीम के सभी सदस्य एक एक कर मारे गए थे, पर उस ख़ज़ाने की खोज ने डॉक्टर को काफ़ी नाम और शौहरत दी थी । 

"मैं ऐसे किसी ताबूत के बारे में नहीं जानता हूँ, आई यम सॉरी", डॉक्टर ने बात को टालते हुए एमेलिया से खेद प्रकट किया। 

"कोई बात नहीं मैं समझ सकती हूँ, हो सकता है आप उस ताबूत से न जुड़े हो लेकिन मैं फिर भी आपको पहले अपने सपने में देख चुकी हूँ", एमेलिया ने डॉक्टर की बात पर सहमति जताते हुए अपनी बात कही। 

" ऐसा होता है मिस, कई बार ऐसे केसेस के बारे में अखबारों में छप चुका है, इसे पूर्वाविभास कहा जाता है, अगर ऐसा है तो आपको किसी अच्छे स्पेशलिस्ट से परामर्श करना चाहिए ", डॉक्टर ने बड़ी चतुराई से अपने राज़ के बारे में छुपाते हुए एमेलिया को एक मुफ़्त की सलाह दे डाली। 

" मुझे कई लोगों ने पहले भी इसकी सलाह दी है, इसलिए मैं जल्दी इसका ज़िक्र किसी से नहीं करती हूँ लेकिन जब से यूनिवर्सिटी में आपको देखा तब से मुझे अपने सपने के ऊपर यकीन होने लगा, पर आज आपसे मुलाकात होने पर मैं ख़ुद को रोक नहीं पायी और आपसे इसका ज़िक्र कर दिया, आई यम सॉरी अगर आपको बुरा लगा हो तो ", एमेलिया ने अपनी सफाई देते हुए डॉक्टर से माफ़ी मांग ली। 

" अरे कोई बात नहीं, बल्कि मुझे खुशी हुई कि तुमने इसका मुझसे ज़िक्र किया, लेकिन मुझे किसी ताबूत के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तुम्हें ख़ुद का ख्याल रखना चाहिए अगर इस किस्म की शक्ति मिली है, कई बार दिमागी रूप से परेशान होने पर बड़े हादसे भी हो जाते हैं", डॉक्टर ज़ाकिर ने एमेलिया के प्रति सहानुभूति जताते हुए उससे ख़ुद का ख्याल रखने को कहा। लेकिन एमेलिया की बातों ने डॉक्टर को अंदर से हिला कर रख दिया था, उन्होंने जो सुना उस पर विश्वास करना शायद मुश्किल था लेकिन फिर भी एक सत्य था जिसे झुठलाया नहीं जा सकता है क्यूँकि डॉक्टर उस ताबूत के बारे में जानते थे जिसके अंदर कमांडर ब्रैड शॉ का शरीर रखा हुआ था। मगर डॉक्टर इस बात से अनजान थे कि उस लड़की एमेलिया का कमांडर ब्रैड शॉ के साथ क्या संबंध था और शायद ख़ुद 22 साल की एमेलिया भी ये नहीं जानती थी कि उसके जीवन में इतनी उथल पुथल क्यूँ मची हुई थी, इन सभी सवालों का जवाब बस एक ही शख्स दे सकता था और वह था ख़ुद कमांडर। 

उधर तनवीर और अरुण भी अपना पहला दिन लंदन में डॉक्टर की वापसी के इंतजार में बीता देते हैं। सुबह करीब 10:00 बजे यूनिवर्सिटी से कैप्टन को फोन आता है कि डॉक्टर वापस यूनिवर्सिटी कैंपस में आ चुके हैं। कैप्टन ये सूचना तनवीर और अरुण को देते हैं, उनके यूनिवर्सिटी तक पहुंचने के लिए एक कारगो वैन का भी इंतजाम करवा देते हैं ताकि कमांडर के ताबूत को लेकर जाने में उन्हे ज़्यादा तकलीफ न हो। 

दोनों यूनिवर्सिटी पहुंचते ही डॉक्टर से मिलते हैं, डॉक्टर ज़ाकिर अपने दोस्त प्रोफेसर के बेटे तनवीर को देख हैरान रह जाते हैं, वह तनवीर को गले लगा लेते हैं और उससे आने की वजह पूछते हैं। तनवीर उन्हें बिना कमांडर के बारे में बताए उनसे मिलने का बहाना बना देता है। डॉक्टर उसे अपने घर की चाबी दे देते हैं ताकि दोनों आराम कर सकें क्यूँकि उन्हें यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने थे, दोनों से अपना काम ख़त्म होते ही घर पर इत्मीनान से बातें करने का वादा कर दोनों से विदा लेते हैं। 

उधर एमेलिया अपने कुछ दोस्तों के साथ डॉक्टर से मिलने के लिए पुरातत्व विभाग की ओर बढ़ ही रही थी कि अचानक उसकी नज़र बाहर खड़ी कारगो वैन पर पड़ती है, वह उसके नज़दीक जाती है और विंडो से पीछे रखे ताबूत को देखती है। एमेलिया उसे देख आश्चर्य में पड़ जाती है क्यूँकि ये वही ताबूत था जिसका सपना वह पिछले आठ सालों से देखती आई थी। 

तन्नू और अरुण के बाहर निकलते ही वह उन दोनों से मिलती है जिससे उसे पता चलता है कि दोनों डॉक्टर के मेहमान हैं और उनसे मुलाकात करने भारत से आये हुए हैं। वह उन दोनों से ताबूत के विषय में भी पूछती है पर दोनों उसे पुरातत्व विभाग के डॉक्टर ज़ाकिर की संपत्ति बता कर बात को टाल देते हैं और वहां से डॉक्टर के अपार्टमेंट की ओर चल देते हैं । 

अब एमेलिया को डॉक्टर पर शक़ हो गया था क्यूँकि जब उसने ताबूत के बारे में पूछा था तो डॉक्टर ने साफ़ इंकार कर दिया था, लेकिन दोनों लड़को की बातें सुनकर ऐसा लगता है कि डॉक्टर उस ताबूत के बारे में बहुत पहले से ही जानते थे फिर भी उससे झूठ बोला। अब एमेलिया ने यूनिवर्सिटी बंद होने के बाद डॉक्टर का पीछा करने का मन बना लिया था। 


तनवीर और अरुण डॉक्टर के अपार्टमेंट पहुंच कर ताबूत को एक सुरक्षित स्थान पर रख देते हैं जहाँ डॉक्टर की नज़र उस पर न पड़े और उसके बाद दोनों कैप्टन को फ़ोन पर ये सूचना दे देते हैं कि आज रात डॉक्टर ज़ाकिर ने उन्हें अपना मेहमान बनाकर अपने घर पर ही रुकने का न्योता दिया है। कैप्टन सारी बातें समझ जाता है, बस उन्हें अगले दिन समय पर लंदन पोर्ट पहुंचने को कहता है क्यूँकि जहाज भारत के लिए दुबारा रवाना होने वाला था। दोनों कैप्टन को विश्वास दिला देते हैं कि समय पर दोनों कल लंदन पोर्ट पहुंच जाएंगे। 

डॉक्टर ज़ाकिर के यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद ही अपनी कार से एमेलिया ने उनका पीछा किया। डॉक्टर इस बात से बिलकुल अनजान थे कि कोई उनका पीछा कर रहा है, वह मार्केट से अपने मेहमानों के लिए खाने की कुछ विशेष सामग्री लेकर सीधा अपने अपार्टमेंट पहुंचे। वहाँ तनवीर और अरुण पहले से ही डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे। 

"लंदन पहुंचने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई," डॉक्टर ने अपने अपार्टमेंट के एक कोने में स्थित बार से वाइन का एक पेग बनाते हुए उनसे पूछा। 

"नहीं कोई खास तकलीफ नहीं हुई, हमलोग विदेश के दौरे पर निकले ही थे कि हमने सोचा आपसे भी मिलते चलें", तनवीर ने बड़ी सतर्कता से डॉक्टर को जवाब दिया। 

" चलो अच्छा है, इसी बहाने थोड़ा मन भी बहल जाएगा, अम्मी कैसी हैं", डॉक्टर ने अपनी राय प्रकट करने के बाद तनवीर से उसकी अम्मी की तबीयत के बारे में भी पूछ लिया। 

" अम्मी की हालत पहले से काफ़ी अच्छी है, अब उनका ख्याल रखने के लिए हवेली पर ही इंतजाम करवा दिया गया है जिससे काफ़ी अच्छे नतीजे मिलें हैं ", तनवीर ने डॉक्टर ज़ाकिर को अपनी अम्मी की तबीयत के बारे में बताया। 

इसी तरह से बातचीत करने में काफ़ी वक़्त बीत गया और रात का खाना खाने के बाद दुबारा तीनों गप्पे मारने चिमनी के पास बैठ गए। बाहर एक सुरक्षित स्थान पर खड़ी एमेलिया अंदर का सारा हाल देख और सुन रही थी। 

"ठक... ठक... ठक", किसी के भारी कदमों की आहट उनका ध्यान अपनी ओर खींचती है। 

"ये कौन हो सकता है ऊपर के कमरे में, कोई और भी है क्या तुम दोनों के साथ", डॉक्टर आश्चर्य जताते हुए तनवीर और अरुण से पूछते हैं। 

"यहाँ हम है कमांडर ब्रैड शॉ, बहुत सालों बाद दुबारा मुलाकात हो रहा है ", कमांडर ऊपर से सीढ़ियाँ उतरते हुए नीचे की ओर आता है, उसका सिर उसके हांथ में था और आँखो से तेज अंगार की तरह लाल रोशनी चमक रही थी। 

जैसे ही कमांडर का सामना डॉक्टर ज़ाकिर से होता है, डॉक्टर के चेहरे की रंगत उड़ जाती है माथे पर चिंता की लकीरें उभर आती हैं और डर से डॉक्टर कांप रहे थे। 

बाहर खड़ी एमेलिया भी खिड़की से ये दृश्य देख कर चौंक गई थी, डर से उसकी चीख़ न निकल जाए इसलिए उसने अपने हांथों से मुँह को ढक रखा था। 

"तनवीर ज़रा बाहर खड़े मेहमान को अन्दर तो लेकर आओ", कमांडर के इतना कहते ही तीनों खिड़की की ओर देखते हैं जहाँ एमेलिया कमांडर को देखते ही डर से पलट कर खड़ी हुई थी। अरुण बिना मौका गंवाए एमेलिया को घर के भीतर लेकर आता है। एमेलिया को देखते ही कमांडर कहता है "वही चेहरा, वही दिल को लुभाने वाला हुस्न, वही आँखो की गहराई जिनमें डूब जाने का मन करता है, कैसी हो एमेलिया, मुझे पहचाना", कमांडर एमेलिया के गालों को सहलाते हुए उससे बड़े प्यार से पूछता है। 

एमेलिया जो एक ओर कमांडर के सिर कटे भूत को देख कर घबरा सी गई थी, वह कमांडर के छूते ही ख़ुद को खोया हुआ सा महसूस करने लगी थी। 

" लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं, मैंने कई बार सपने में वो ताबूत देखा था, पर यह सब क्या हो रहा है ये मेरी समझ के बाहर है", एमेलिया ने हैरत जताते हुए कमांडर से कहा। 

"कोई बात नहीं मेरी जान हम तुम्हें समझाता है, तुम्हें 14 साल की उम्र से ये सपने इसलिए आ रहे हैं क्यूँकि यह तुम्हारा भी दूसरा जन्म है ठीक हमारे दोस्त तनवीर और अरुण की तरह, तुमने अपना पिछला जन्म केवल हमारा इंतज़ार में बिता दिया था, आज से ठीक 300 साल पहले", इतना कहते ही कमांडर एमेलिया के सिर पर उंगली लगाता है और उसे सब कुछ याद आने लगता है, उसका सिर भारी हो जाता है जिसके कारण उसके सिर में दर्द होने लगता है। सब कुछ याद आने के बाद वह एक सोफ़े पर अपना सिर पकड़ कर बैठ जाती है। कमांडर फ़िर डॉक्टर की ओर देखकर कहता है "तुम्हें याद है वो रात जब तुम ख़ज़ाना मिलने के बाद वापस जा रहा था और रास्ते में एक बार पड़ाव डाला गया था, ये उसी दिन का बात है जब प्रोफेसर ने हमारा सिर धड़ से अलग कर एक संदूक में रख दिया था, तुमको इस बात पर यकीन था कि हम तब भी तुमको मार सकता है इसलिए तुमने एक चाल खेला अपना साथी लोगों के साथ, ख़ज़ाने का हीरा सबमें बांट कर तुमने अपना मौत को टाल दिया, यही नहीं उसी रात हमारा सिर कपड़े का बटुआ से निकाल कर संदूक में ऐसे ही रख दिया ताकि हम प्रोफेसर को मार सके और तुम्हारा जान बच जाए, इससे तुम पर कोई शक भी नहीं करता और तुम्हारा ईमानदारी भी बना रह जाता क्यूँकि तुमने सबको हीरे जो बांट दिये थे, हम अगर चाहता तो तब भी तुमको मार सकता था लेकिन हम तुम्हारा भविष्य देख चुका था कि तुम लंदन आएगा और एमेलिया से तुम्हारा मुलाकात होगा ", कमांडर कमरे में मौजूद डॉक्टर को देख कर कहता है और सभी डॉक्टर को बुरी तरह से देखने लगते हैं। 

कमांडर अपनी बात जारी रखता है " वो हम ही था जो एमेलिया को उसके 14 साल के हो जाने के बाद से लगातार एक ही सपना दिखा रहा था ताकि वह लंदन में तुमसे मिले और हमारा लंदन आने पर वह बिना मौका गंवाए हमसे एक आखरी मुलाकात कर सके, हम पहले भी बताया था कि यह याददाश्त के खेल का जिम्मेदार वीनस ग्रह ही होता है जो इंसानो से जुड़ा रहता है, ये पृथ्वी जिसपर हम अपना घर बनाते हैं और अपना जागीर समझते हैं दरअसल एक विशाल घड़ी है जिसके दो कांटे होते हैं आदमी और औरत, इसी घड़ी के कांटे अगर कहीं किसी समय में अटक जाए तो वह उसी समय से बंधकर रह जाते हैं जैसा कि हम, जो न जीवित ही है और न मृत, पर फिर भी हम इंतज़ार किया ताकि सही समय आने पर हम सारा राज़ खोल सके, हमारा जीवन का आज मकसद पूरा हो गया जिस मोहब्बत को हम अपना फर्ज़ के आगे छोड़ आया था विधाता ने एक बार फिर से उससे एक आखरी मुलाकात करने का मौहलत हमको दिया था और डॉक्टर तुमको तो अपना साथी लोगों का कर्ज़ चुकाना है जिन्हें तुम अपना खुदगर्जी में धोखा दे दिया था, तो चलो तैयार हो जाओ ", इतना कहते ही कमांडर अपने सिर को धड़ से जोड़ता है और तेज लाल प्रकाश निकलता है जिसे देख सब आंखों को बंद कर लेते हैं, पर शायद डॉक्टर का दिल कुछ ज़्यादा ही कमज़ोर था इसलिए कमांडर के कुछ करने से पहले ही दहशत के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता है और वह वहीं गिर पड़ते हैं। 

इस नज़ारे को देख सभी को हैरत होती है फिर कमांडर तन्नू की ओर देख कर कहता है "आज तुम्‍हारा मदर बिलकुल सही हो गया होगा और उर्मिला का फ़ादर भी आज़ाद हो जाएगा, अब तुम आराम से उन हीरों को खर्च कर सकता है," फ़िर कमांडर एमेलिया की तरफ़ देख कर हाँथ बढ़ाता है और उसे अपनी बाहों में भरकर कहता है "तुमको हम एक कविता सुनाता है जब हम हिमालय के पहाड़ों पर अकेले घूमता था तो तुमको याद करते हुए इसे कई बार दोहराता था, हमको आज भी याद है जब तुमने हमको एक गुलाब देकर मोहब्बत का इज़हार किया था उसी पल को याद करके ये कविता बनाई थी, 

बाद मुद्दत के फिर याद आई तेरी कहानी,

वो तेरा शर्माना,

मुझे देख शर्मा के छुप जाना,

वो तेरी प्यारी प्यारी मीठी बातें,

तेरे बिन तारे गिन गुज़ारी मैंने कई रातें ।

जब टटोला अपने गुज़रे पलों की परछाई को,

सोचा शायद दूर कर सकूँ अपनी तन्हाई को,

बेचैन मन से ढूँढी मैंने एक किताब पुरानी,

जिसमें थी तेरी एक मोहब्बत की निशानी,

कुछ पन्ने पलटते ही एक सूखा गुलाब नज़र आया,

ऐसा लगा मानो आज भी साथ ही है तेरा साया,

उस गुलाब की थी कुछ पंखुड़ियाँ मुरझाई सी,

न जाने तेरे बिन मैंने कितनी सादियां बिताई थी।

फ़िर याद आया, वो मेरा तेरी गलियों का चक्कर काटना,

तेरी एक झलक पाने के लिए अपना सारा दिन बिताना,

वो तेरा मुझसे छुप छुप कर मिलने आना,

दुबारा मिलने का वादा करके चले जाना।

अगर बेदर्द ज़माने कि दीवारें कभी खड़ी न होतीं,

तो मैं भी न रोता, तू भी न रोती,

और हमारी अधूरी मोहब्बत भी मुकम्मल होती।

बाद मुद्दत के फिर याद आई तेरी कहानी,

दिल में दर्द सा उठा,

और इन आँखो में भर गया खारा पानी", कमांडर की आँखें भी नम पड़ गईं थीं और साथ ही उस कमरे में मौजूद सभी की आँखो से खारा पानी छलक रहा था, कुछ देर बाद ही कमांडर एमेलिया की बाहों में ही राख़ बनकर उड़ गया और उसके गायब होते ही एक 300 साल पुरानी गाथा का अंत हुआ, एक ऐसी कथा समाप्त हो गई जिसने मौत को भी ख़ुद पर हावी होने नहीं दिया। कमांडर ब्रैड शॉ राउडी का नाम भले ही इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में न लिखा गया हो लेकिन उस अकेले ने ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया के पाँव भारत में तब जमाने में मदद की जब यहाँ मुग़ल सल्तनत का सिक्का जमा हुआ था। जब भी कभी कोहिनूर का ज़िक्र होगा तो कमांडर ब्रैड शॉ वह पहला शख्स होगा जिसने कोहिनूर को मुग़ल सल्तनत के नाक के नीचे से निकाला था। जाते जाते कमांडर ने तन्नू से किए अपने वादे को पूरा किया डॉक्टर ज़ाकिर को मार कर उसने उन हीरों को मुक्त कर दिया जो तनवीर के पास थे । उसने एमेलिया का ही राज़ सबसे छुपा रखा था अगर कमांडर सबको ये पहले ही बता देता तो शायद तनवीर और अरुण उसकी लंदन आने में कभी सहायता नहीं करते। एमेलिया ने एक जन्म सिर्फ लंदन में कमांडर का इंतजार करते हुए बिता दिया था अब कमांडर का ये फर्ज़ बनता था कि वह एक आखरी मुलाकात उससे करे और सारे राज़ से पर्दा हटा दे नहीं एमेलिया को सारा जीवन एक ही सपने और अंधकार में बिताना पड़ता। 


" लो दोस्तों तुम्हारी मंज़िल आ गई है, हम लंदन पोर्ट पहुंच गए हैं", एमेलिया ने तनवीर और अरुण से कहा। वह अपनी कार से उन दोनों को लंदन पोर्ट तक छोड़ने के लिए आई थी। सभी कार से बाहर निकलते हैं। तनवीर और अरुण आखरी बार एमेलिया से हाँथ मिलाते हैं। 

"तुमलोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा, साथ ही यह भी जानकर खुशी हुई कि हम तीनों का तीन सौ साल पुराना इतिहास भी था, दुआ करूँगी कि तुम्हारी भारत तक की यात्रा मंगलमय हो", एमेलिया ने उनसे आखिरी बार कहा। 

अरुण और तनवीर उससे विदा लेकर जहाज पर चढ़ गए जो बस निकलने की ही तैयारी में था। जहाज के डेक से उन्होंने आखिरी बार हाँथ हिलाकर एमेलिया को गुड बॉय किया। एमेलिया ने भी हाथ हिलाकर उन्हें रुखसत किया फिर अपनी कार में सवार हो गई, जहाँ उसने अपने पर्स से हीरा निकाला और उस पर अपना अँगूठा फिराया। 

"तो अलविदा कह दिया उन दोनों को", कमांडर की आत्मा ने कार में प्रकट होते ही कहा। 

"हाँ, वह दोनों चले गए और अब सब कुछ बदल चुका है, अब हम दोनों एक ही हैं, तुम्हारे शरीर ने डॉक्टर ज़ाकिर से बदला ले लिया और मुक्त हो गया, पर इस श्रापित हीरे की वजह से तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे ", एमेलिया ने कमांडर की आत्मा से कहा। 

"हाँ, अब उस हीरे की मालकिन तुम हो और हम तुम्हारा जिन्न, तो बोलो क्या हुक्म है मेरे आका... हा हा हा ", कमांडर ने एमेलिया से कहा और दोनों ज़ोर ज़ोर से हसने लगे। 

किसी ने सच ही कहा है शरीर मिट जाता है पर आत्मा कभी नहीं मिटती है। 

                                 THE END 

                                      OR

                         THE BEGINNING... 

                  ©IVANMAXIMUSEDWIN 

Comments

  • Story is coming to an awesome end. Awesome pen work , excellent and educational story. Keep up this spirit.

    Mar 07, 2021

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