अनहोनी - 2 Read Count : 453

Category : Books-Fiction

Sub Category : Horror

टाइप राइटर - 15



"उस लड़की की काबिलियत और टाइप करने की अच्छी स्पीड देखते हुए उसे नौकरी दे दी गई, उसके परिवार के सदस्य एक दूर दराज के गाँव में रहने के कारण शहर कभी कभी ही आ पाते थे, लड़की को वुड विला में रहने के लिए मिसेस वुड के नज़दीक वाला कमरा दे दिया जाता है, उन दोनों के कमरों के बीच में ही एक स्टडी रूम बना हुआ था, जो दुनियाभर की किताबों से भरा हुआ था, उसे देखते ही कोई भी यह कह सकता था कि परिवार के सदस्यों को पढ़ने लिखने का शौक था, मिस्टर वुड ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की नौसेना में बतौर कैप्टन काम कर चुके थे और उनका ज़्यादा तर जीवन यात्राएं करते हुए ही बीता था, मिसेस वुड उस समय बिल्कुल अकेली रहा करती थीं, मिस्टर वुड उनसे काफ़ी प्रेम करते थे, उन्हें पता था कि उनकी पत्नी बागबानी का शौक रखती हैं और वुड्स विला में काफ़ी ज़मीन है, इसलिए उन्होंने अपनी भारत देश की यात्रा से पहले ही बगीचे में हाथ लगवा दिया था, उन्होंने सब कुछ मिसेस वुड की निगरानी में ही करवाना उचित समझा ताकि वुड्स विला के एक हिस्से को वो अपने हिसाब से आकर दे सकें, मिसेस वुड ने वाकई शानदार काम किया, दुनिया के हर कोने से काले गुलाबों के पौधों को मंगवाया गया, जितना प्रेम मिस्टर वुड को अपनी पत्नी के साथ था उतना प्रेम मिसेस वुड के अंदर नहीं था, अकेलेपन की वजह से उन्हें ये लगने लगा कि उनके पति को उनमें ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है... इस सोच ने उनके मन में एक बदले की भावना को जन्म दिया,  बेशुमार दौलत और दुनिया भर की खुशियां होने के बाद भी अकेलापन झेल रही मिसेस वुड के मन में एक शैतानी ख़्याल ने जन्म लिया... उन्होंने जवान लड़कों को रिझाना शुरू कर दिया, जिससे लंदन में हर जगह उनके चर्चे होने लगे, अब मिसेस वुड हर पार्टी की जान थीं, उनकी उम्र की ही औरतें उनसे और जलने लगीं...लेकिन इन सबका मिसेस वुड पर कोई असर नहीं पड़ा, वह अपनी दुनिया में मग्न थीं, कितने जवान लड़कों के साथ अय्याशी करती थीं , मिस्टर वुड को इस बात की ख़बर हुई अपनी अंतिम समुंद्री यात्रा से लौटने के बाद, जब लंदन के एक क्लब में उनकी मुलाकात अपने पुराने मित्र से हुई थी, उसी ने मिस्टर वुड के कान भर दिए थे, जबकि मिसेस वुड बेहद शातिर थीं वह अपने हर जवान प्रेमी का नग्न मूर्त बनवाती थी सफ़ेद संगमरमर का और उसे अपने बगीचे के एक हिस्से में स्थापित कर देतीं थीं, उसके बाद उनके वह जवान आशिक फ़िर कभी नहीं दिखते थे... कुछ लोगों और वुड्स विला के पुराने नौकरों का कहना था कि मिसेस वुड उन्हें इसकी अच्छी कीमत दे कर हमेशा के लिए अलविदा कह देतीं थीं, पर कुछ लोग ये मानते हैं कि मिसेस वुड उनकी हत्याएं करवा देतीं थीं क्यूँकि मिसेस वुड को काले जादू में दिलचस्पी थी... उन जवान लड़कों का कभी दुबारा पता नहीं चल पाया, मिसेस वुड के लिए ये एक मनोरंजन का तरीका बन गया था और हर संगमरमर की मूर्तियां उनकी जीत कि ट्रॉफी की तरह है जो प्रतियोगिता जीतने के बाद एक खिलाड़ी को मिलती है ", मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा। 


" क्या तुम ड्रिंक लेना पसंद करोगे ", मिसेस वुड ने चार्ल्स से पूछा। चार्ल्स जो थोड़ा परेशान सा लग रहा था, उसके चेहरे का भाव देख कर मिसेस वुड समझ गईं कि उसे किसी बात की चिंता खाए जा रही है इसलिए उसके मुँह से वह राज़ उगलवाने के लिए मिसेस वुड ने शराब का एक पेग पीने की पेशकश की जिससे वह जान सकें कि उसके मन में क्या चल रहा है। 

" नहीं... मैं नहीं पिउँगा , आप शौक फ़र्मा सकती हैं", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा ।

" अब चलो भी इतना बहाना अच्छा नहीं, मैं जानती हूँ कि तुम्हारा पीने का मन है... कम से कम एक पेग तो पी ही सकते हो...इससे कुछ नहीं बिगड़ेगा", मिसेस वुड ने बड़ी चालाकी के साथ चार्ल्स को शराब पीने के लिए मजबूर किया। वह जानती थी चार्ल्स इतनी आसानी से मानने वाला नहीं है इसलिए उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा। 

" अब आप इतना बोल रही हैं तो मैं मना कैसे कर सकता हूँ... चलिए ठीक है मेरे लिए भी एक पेग बना दीजिए", चार्ल्स ने थोड़ा झेपते हुए कहा, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि किस तरह से मिसेस वुड को मना करे। मिसेस वुड ने एक पेग चार्ल्स के लिए भी बना दिया। 

"वैसे इतनी रात में एक अकेली महिला से मिलने का क्या मतलब बनता है... तुम टाइपिस्ट की नौकरी के लिए सुबह भी आकर इंटरव्यू दे सकते थे", मिसेस वुड ने चार्ल्स को शराब का ग्लास पकड़ाते हुए पूछा। 

" व... वो क्या है मैडम मुझे दिन भर काम से फुर्सत नहीं मिलती, फिर काम से आते ही मुझे नाइट क्लास के लिए जाना पड़ता है... आज बड़ी मुश्किल से समय निकाल कर आपसे इस नौकरी के सिलसिले में मुलाकात करने आया हूँ", चार्ल्स ने बड़ी सतर्कता से मिसेस वुड का जवाब देते हुए कहा। 

" ये तो वाकई काबिले तारीफ है कि तुम इतनी मेहनत करते हो पैसे कमाने के लिए... वैसे लंदन का जीवन भी अब महँगा होता जा रहा है, उसे देखते हुए तुम्हें मेहनत करना ज़रूरी भी है ", मिसेस वुड ने शराब की चुस्की लेते हुए चार्ल्स से कहा। 

" ये तो आपने बिल्कुल सही कहा... आज के दौर में अगर लंदन में जीना है तो मेहनत करने से पीछे नहीं हटना है ", चार्ल्स ने मिसेस वुड की बातों का जवाब देते हुए कहा। 

" मैं अगर चाहूँ तो तुम्हारी हर ज़रूरत को पूरा कर सकती हूँ, मेरे पास काफ़ी दौलत है... बस तुम्हें मेरा एक काम करना पड़ेगा ", मिसेस वुड ने चार्ल्स की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कहा। 

" काम... मैं कुछ समझा नहीं मैडम... क्या काम करना होगा", चार्ल्स ने मासूमियत भरे अंदाज़ में मिसेस वुड से पूछा। उसे क्या मालूम था कि मिसेस वुड अपने जाल में फंसाने के लिए दाना डाल रही हैं। वह तो बस मिसेस वुड के सौंदर्य को देख मोहित हो रहा था, उसे बस वुड्स विला का राज़ जानना था, पर उसे क्या मालूम था कि वह खुद एक गहरी साज़िश का शिकार होने जा रहा है। 


" क्या हुआ किस सोच में डूब गई... आगे क्या हुआ... तुमने बताया नहीं", हॉवर्ड ने मार्गरेट से पूछा। 

"आगे जो हुआ उसी के बारे में सोच रही हूँ...मिस्टर वुड को जब राज़ का पता चला तो मिसेस वुड से उनके झगड़े होने लगे, जिन मियां बीवी में इतना प्रेम था उन्ही के रिश्तों में खटास आ गई...विला के पुराने नौकरों का कहना था कि मिसेस वुड ने एक दिन मौका पाकर, अपने प्रेमी के साथ मिलकर मिस्टर वुड को भी मार दिया... जब वह नई टाइपिस्ट विला में नौकरी करने आई तो सब कुछ ठीक ठाक था उसे कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन एक दिन जब विला में वह बिल्कुल अकेली थी उसने मिस्टर वुड के बारे जानने के लिए उनका कमरा खोल अंदर प्रवेश किया, उस कमरे में सब कुछ अपनी जगह पर वैसे ही रखा हुआ था...उस कमरे को देख कर ऐसा लगा कि मानो उसमें सदियों से किसी ने सफ़ाई नहीं की थी, हर जगह मकड़ियों के जाले बने हुए थे, धूल ने हर चीज़ को ढक लिया था, तभी अचानक उस लड़की का पीछे से किसी ने नाम पुकारा, वह पीछे पलटी तो देखा मिस्टर वुड खड़े हुए थे...इससे पहले कि वह डर के कारण चीखती, वह बेहोश हो कर उसी कमरे में गिर पड़ी,जब उसे होश आया तो वह अपने कमरे में थी, मिसेस वुड उसके पास ही खड़ी हुईं थीं और उनके साथ विला के कुछ नौकर भी थे...मिसेस वुड ने उसे डांटा और दुबारा उस कमरे में जाने से मना किया, उस लड़की ने भी उनका गुस्सा शांत करने के लिए माफ़ी मांग ली, लेकिन उस दिन के बाद से उस लड़की का जीवन पूरी तरह से बदल गया, मिस्टर वुड की आत्मा को अब एक शरीर मिल गया था जिसे वह अपने इशारों पर नाचने के लिए मजबूर कर देते थे, उनकी आत्मा उस लड़की के माध्यम से कुछ कहना चाहती थी, वह शायद अपने कातिल तक पहुंचाने में मदद करना चाहती थी जिससे उसे मुक्ति मिल सके," मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा और फिर थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई।

                         To be continued...

                     ©ivanmaximusedwin 



टाइप राइटर - 16



" मैडम, इस विला में मैं जितनी बार भी आया हूँ... मेरे मन में एक ही बात चलती है कि मिस्टर वुड किस किस्म के इंसान रहे होंगे, मुझे इस बात को लेकर काफी उत्सुकता रही है कि आखिर एक अमीर इंसान का जीवन किस किस्म का होता होगा", चार्ल्स ने मौके का फायदा उठाते हुए बड़ी चतुराई के साथ मिस्टर वुड के बारे में पूछा।

" ओ... मिस्टर वुड बेहद रौबिले इंसान थे, उन्हें जो चाहिए होता था तुरंत ही हासिल कर लेते थे, उनके ऊंचे कद, चौड़ी छाती, मस्ती भरी आँखों और कपड़े पहनने के तरीके से उनके ऊपर काफ़ी महिलाएँ मर मिटती थीं, वह बिल्कुल वैसे ही थे जैसा कि एक नौसेना में ऊँचे पद पर कार्यरत अधिकारी को होना चाहिए... उनका ज़्यादातर समय वुड्स विला की चार दीवारी के बाहर ही बीता था, उनकी नौकरी के दौरान उन्हें कभी समय नहीं मिला कि फुर्सत से बैठकर अपनी पत्नी से प्यार भरे दो मीठे बोल बोलें, हालांकि शुरुआत में वह मुझसे काफ़ी प्रेम करते थे लेकिन धीरे धीरे जैसे वक़्त बीतता गया, वह अपना ज़्यादातर समय क्लब और अपनी कुछ महिला मित्रों के साथ बिताने लगा, उन्हें हर रोज़ एक नई महिला के जिस्म की तलाश रहती थी, इस वजह से हम दोनों के बीच झगड़े होने लगे और धीरे धीरे सारा प्यार ख़त्म होने लगा... फिर भी एक महिला का जीवन उसके पति और परिवार के इर्दगिर्द ही घूमता है, इससे ज़्यादा वह और कुछ भी नहीं चाहती है, उसे बस उसका पति इज़्ज़त दे यही उसके लिए सारी दौलत से बढ़कर है लेकिन मिस्टर वुड की अय्याशी की आदत अपनी सारी हदें पार कर चुकी थी और एक दिन उनकी ही महिला को लेकर हुए झगड़े की वजह से उन्होंने काफ़ी पी रखी थी, जिस वजह से उनका पाँव फिसल गया और सिर पर चोट लगने की वजह से मृत्यु हो गई... बुहूहूहूहूहू",मिसेस वुड ने चार्ल्स को अपनी बीती ज़िंदगी के बारे में बताया और फूट फूट कर रोने लगी। यह देख चार्ल्स को बहुत बुरा लगा और उसने अपने मन में मिस्टर वुड को कोसते हुए मिसेस वुड की तरफ़ नर्म रवैया दिखाया, वह उनके नज़दीक गया और एक सभ्य पुरुष की तरह अपनी जेब से एक रूमाल निकाल कर उनकी ओर बढ़ा दिया ताकि वह अपने आँसू पोंछ सकें, मिसेस वुड ने रूमाल ले लिया और अपने बहते आँसुओं को पोंछने लगीं।

" क्या आप एक पेग और पीना पसंद करेंगी मैडम... मैं आपके लिए दूसरा पेग बना देता हूँ, इससे आपका मन थोड़ा हल्का हो जाएगा", चार्ल्स ने मिसेस वुड से पूछा और उनका इशारा पाने के लिए खड़ा रहा, कुछ ही देर में मिसेस वुड ने अपने सिर को हिलाकर हाँ में इशारा किया, चार्ल्स हॉल के एक कोने में बने बार की तरफ़ बढ़ गया और वहाँ रखी स्कॉच की बोतल से दो पेग बना लिए। 


" फ़िर आगे क्या हुआ... क्या मिस्टर वुड की आत्मा अपने कातिल का पता लगा पाई, क्या उसे इंसाफ़ मिला", हॉवर्ड ने जिज्ञासा पूर्वक मार्गरेट से पूछा, वह कहानी में इतना खो गया था कि उसे मार्गरेट का उदास चेहरा भी न दिखा, उसके ऊपर तो वुड्स विला के राज़ को जानने का भूत सवार था। 

" मिस्टर वुड के कमरे में हुए हादसे के बाद से ही बार बार मिस्टर वुड की आत्मा उस लड़की के शरीर पर कब्ज़ा करने लगी, शुरुआत में तो विला के नौकरों और मिसेस वुड को लगा कि उस लड़की को शायद दौरे पड़ते हैं, पर एक दिन अचानक जब मिसेस वुड किसी काम के सिलसिले बाहर गयीं थीं तो मिस्टर वुड ने मौके का फायदा उठाकर उस लड़की के शरीर को अपने कब्ज़े में ले लिया, वह लड़की मिस्टर वुड के कमरे में एक बार फिर से चली गई लेकिन इस बार वह अपने से नहीं बल्कि मिस्टर वुड की आत्मा के सहयोग से गई थी... कमरे में दाखिल होते ही वह एक पुरानी पड़ी अलमारी के पास जाती है, उसे खोल कर उसके अन्दर से एक ओइजा बोर्ड निकालती है, उस ओइजा बोर्ड के इस्तेमाल से भटकती हुई आत्माओं से संपर्क किया जाता था, वह लड़की उस ओइजा बोर्ड को मेज़ पर रखती है और उसे बड़े ध्यान से देखने लगती है, समय ने उस बोर्ड के ऊपर भी धूल की चादर चढ़ा रखी थी जबकि वह बोर्ड एक अलमारी में रखा हुआ था, वह नादान लड़की उस बोर्ड पर जमीं धूल को अपने हाथ से साफ़ करती है... धूल साफ़ होते ही अचानक एक ठंडी हवा का झोंका उस लड़की से टकराता है, उसे ऐसा लगता है कि कोई उसे छू कर गुज़रा, वह कोई और नहीं बल्कि ख़ुद मिस्टर वुड की आत्मा थी, जिसने उस लड़की के शरीर को छोड़कर उस लड़की के सामने प्रकट होने के लिए ऐसा किया था, मिस्टर वुड की आत्मा उस लड़की को कुर्सी पर बैठने के लिए कहती है, लड़की यह दृश्य देखकर काफ़ी सहम गई थी इसलिए उसने वही करना बेहतर समझा जो उससे मिस्टर वुड की आत्मा ने कहा...फिर मिस्टर वुड की आत्मा उस बोर्ड की तरफ़ इशारा करती है, वह लड़की उस ओइजा बोर्ड को ध्यान से देखती है, उस बोर्ड के बाएँ हिस्से पर खून की कुछ बूंदे लगीं थीं, जो लगभग सूखने के बाद काले रंग की पड़ गई थीं लेकिन फिर भी कोई भी उसे देखते ही कह देता कि वह इंसानी खून की बूँदे हैं जिन्हें साफ़ किया गया था पर फ़िर कत्ल अपना निशान छोड़ ही देता और ऐसा ही कुछ उस ओइजा बोर्ड पर लगे खून के धब्बे बयां कर रहे थे, उस लड़की को मिस्टर वुड की आत्मा ने बताया कि बोर्ड पर लगे खून के धब्बे किसी और के नहीं बल्कि ख़ुद मिस्टर वुड के हैं... उनकी मृत्यु सिर पर चोट लगने की वजह से हुई थी, किसी को कत्ल का सुराग़ न मिले इसलिए क़त्ल बहुत सोच समझ कर किया गया था और सिर पर चोट पीछे से दी गई थी, जिस समय उन्हें मारा गया वह उसी ओइजा बोर्ड को ध्यान से देख रहे थे या फिर ये कह लें उस रहस्यमयी ओइजा बोर्ड को समझने की कोशिश कर रहे थे ", मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा और फिर से थोड़ी देर के लिए मौन हो गई। 


" कुछ अपने प्रकाशित होने वाले नॉवेल के बारे में बताइए मैडम, कुछ जानकारी मिले तो लिखने में मैं भी आपकी सहायता कर सकता हूँ, यकीन मानिए मुझे भी लिखने का बेहद शौक है ", चार्ल्स ने मिसेस वुड का मूड अच्छा करने के लिए बात को पलटते हुए कहा। 

" ओ... चार्ल्स तुम कितने सभ्य हो, रहमदिल होने के साथ ही तुम्हें महिलाओं को इज़्ज़त देना अच्छे से आता है, मुझे बड़ी खुशी होगी अगर तुम नॉवल लिखने में मेरी मदद करते हो... मेरी कहानी को समझने से पहले तुम मुझे एक बात बताओ, क्या तुम आत्माओं पर विश्वास करते हो", मिसेस वुड ने चार्ल्स की तारीफ करते हुए उससे आत्माओं की दुनिया में विश्वास करने या न करने का सवाल भी पूछ लिया। 

" हाँ... मैडम बिल्कुल विश्वास करता हूँ, अगर आप परमात्मा में विश्वास करती हैं तो आत्मा में भी विश्वास होना ही चाहिए क्यूँकि अच्छाई और बुराई से भरे हुए इंसान के अंदर कई राज़ ऐसे छुपे होते हैं जिसके बारे में कोई भी नहीं जानता है", चार्ल्स ने मिसेस वुड के सवाल का जवाब देते हुए कहा। 

" ये तो बहुत ही अच्छी बात है कि तुम आत्माओं पर विश्वास करते हो, मैं तुम्हें अपने नॉवल की कहानी के स्रोत को दिखाना चाहती हूँ, अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ न हो तो... उस स्रोत से ही हर बार मुझे एक नई कहानी की प्रेरणा मिलती है, मैं उसे लेकर आती हूँ, तब तक तुम एक एक पेग और बना दो, प्लीज ", मिसेस वुड ने चार्ल्स से शराब का एक एक पेग और बनाने को कहा और हॉल से उठकर एक कमरे की तरफ चली गईं। चार्ल्स एक और पेग बनाने के लिए हॉल में स्थित बार की तरफ़ बढ़ा, वह अपने मन में यह सोच ही रहा था कि ऐसा कौन सा स्रोत है जिसे मिसेस वुड अपनी कहानी के लिए इस्तेमाल करती हैं। चार्ल्स के मन में इस राज़ के बारे में जानने की तीव्र इच्छा ने जन्म ले लिया था और वह पेग बनाकर मिसेस वुड के लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। 

                         To be continued... 

                   ©ivanmaximusedwin



टाइप राइटर - 17



" आगे क्या हुआ मार्गरेट... तुम किस सोच में पड़ गई, क्या मिस्टर वुड का कातिल पकड़ा गया, उस लड़की का क्या हुआ", हॉवर्ड ने सोच में पड़ी मार्गरेट से पूछा। उसकी जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी, वह अंत तक की कहानी सुनना चाहता था मगर मार्गरेट बीच बीच में अपनी ही सोच में डूब जाती थी, शायद उसे किसी बात की चिंता सता रही थी। हॉवर्ड इस बात से बिलकुल अंजान था।

" मिस्टर वुड की आत्मा जो उस ओइजा बोर्ड से जुड़ी हुई थी, उसे अब एक जीवित शरीर मिल गया था, जिसके अंदर वह कभी भी आ जा सकती थी, उसने कई बार मिसेस वुड के सामने उस लड़की के शरीर में प्रवेश किया और पुरानी बातें याद दिलाईं, पहले तो मिसेस वुड ने उसकी बातों पर यकीन नहीं किया, उन्हे लगा कि उनकी टाइपिस्ट उनकी जासूसी कर उन्हें परेशान कर रही है, लेकिन धीरे- धीरे जब घर के नौकर एक एक कर डर के कारण नौकरी छोड़कर जाने लगे तो उन्हें इसकी गहराई समझ में आई, उन्होंने उसी ओइजा बोर्ड का इस्तेमाल कर मिस्टर वुड की आत्मा पर काबू पा लिया और उसका इस्तेमाल कर उस लड़की की हत्या कर दी जिसके लिए तुम दोनों कॉफिन लेकर आए थे", मार्गरेट ने हॉवर्ड को आगे की कहानी सुनाते हुए कहा।

" तो क्या उस दिन उसी लड़की के लिए कॉफिन मँगवाया गया था ", हॉवर्ड ने हैरानी से पूछा। 

" हाँ और उस लड़की ने मिस्टर वुड के साथ हुए हादसे के बारे में जान लिया था, उसे पता चल चुका था कि मिस्टर वुड के साथ क्या हुआ था और वह लड़की अकेली नहीं थी जिसका शिकार किया गया था, उससे पहले भी कई टाइपिस्ट उस हादसे का शिकार हुईं थीं, इस गार्डन में जो महिला एंजेल की मूर्तियां देख रहे हो ये उन्ही टाइपिस्ट की हैं जिन्हें सच जानने की कीमत चुकानी पड़ी... वही सच जो मिस्टर वुड से जुड़ा है," मार्गरेट ने हॉवर्ड को विला का राज़ बताया, जिससे सुनते ही हॉवर्ड के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। 

" और उस टाइप राइटर का क्या राज़ है जो चार्ल्स के घर में है... वह इस विला से कैसे जुड़ा है ", हॉवर्ड ने मार्गरेट से पूछा। 

" वह टाइप राइटर जो चार्ल्स के घर में है दरअसल मिस्टर वुड का टाइप राइटर था, जो उस समय वहीं रखा हुआ था जब मिस्टर वुड के सिर पर पीछे से वार किया गया था, उनके सिर से खून की कुछ बूंदे उस ओइजा बोर्ड तथा टाइप राइटर पर पड़ी थीं, उस टाइप राइटर को मिसेस वुड ने बेच दिया पर ओइजा बोर्ड मिसेस वुड का अपना होने की वजह से आज तक इसी विला में मौजूद है और वह इंसान से जुड़ने का एक ज़रिया हैं उन आत्माओं के लिए जिनके खून का जिम्मेदार ये वुड्स विला है, ये तो एक इत्तेफाक है कि वह चार्ल्स के घर पहुँच गया इतने सालों के बाद जबकि उसे मिस्टर वुड के एक अमीर दोस्त ने खरीदा था, उसके कुछ सालों के बाद ही उनकी मौत हो गई ", मार्गरेट ने हॉवर्ड को सारी बातें बताईं और फिर कुछ देर के लिए खामोश हो गई, उसकी बातों को सुनकर हॉवर्ड भी कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। 


" ये देखो चार्ल्स ये है वो ज़रिया जिससे जुड़ कर मैं आत्माओं को बुलाती हूँ और वह मेरी कहानियाँ लिखने में मदद करतीं हैं", मिसेस वुड ने चार्ल्स को अपना ओइजा बोर्ड दिखाते हुए कहा। उन्होंने उसे सामने टेबल पर ही रख दिया था ताकि चार्ल्स उसे अच्छी तरह से देख सके। चार्ल्स ने उन्हें स्कॉच का ग्लास पकड़ाया और उस ओइजा बोर्ड को देखने लगा । चार्ल्स ने उसे अच्छी तरह से देखा, उसे ये जानकर हैरानी हो रही थी कि मिसेस वुड उस मामूली से बोर्ड को इतनी अहमियत दे रही थीं, यहाँ तक कि वो उसे अपनी कहानी का ज़रिया भी बता रही थीं। 

"क्या ये वाकई में काम करता है...मैं ये देखने के लिए उत्सुक हूँ कि ये कैसे काम करता है" चार्ल्स ने उत्सुकता दिखाते हुए मिसेस वुड से पूछा।

"ये बेहद आसान है... मैं तुम्हें दिखा सकती हूँ कि ये कैसे काम करता है, बस तुम्हें एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा इससे काम लेने से पहले ", मिसेस वुड ने चार्ल्स की जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा।

" एक बात... कौन सी एक बात, मैं कुछ समझा नहीं", चार्ल्स ने उत्सुकता पूर्वक मिसेस वुड से पूछा। 

" देखो जब भी इस बोर्ड के द्वारा किसी आत्मा से संपर्क होता है और वह प्रकट होती है तो उसका स्वागत करना ज़रूरी होता है ये एक तरीका है ये प्रकट करने का कि आप उस आत्मा को इज़्ज़त दे रहे हैं वर्ना आत्मा नाराज़ हो अगर आपका संपर्क आत्मा से हुआ तो ऊपर दायीं ओर लिखे 'Yes' पर संकेत मिलेगा और अगर इर्दगिर्द मौजूद आत्मा को न में जवाब देना है तो बोर्ड पर ऊपर बायीं ओर लिखे 'No' पर संकेत मिलेगा, वहीं आत्मा से सारी जानकारी लेने के बाद उन्हें धन्यवाद देकर ही विदा करना पड़ता है, नहीं तो फिर हमेशा के लिए वह आत्मा हमारी दुनिया में ही भटकती रहती है, इसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता इसलिए इस बोर्ड पर सबसे नीचे 'गुड बॉय' लिखा है, इस बोर्ड को इस्तेमाल करने के लिए ये एक नियम जानना बहुत जरूरी है ", मिसेस वुड ने खास जानकारी चार्ल्स को देते हुए कहा। 

" क्या ये वाकई काम करता है, मुझे तो अब भी यकीन नहीं हो रहा है... मैं एक बार देखना चाहूंगा कि आप इसका किस तरह से इस्तेमाल करती हैं, प्लीज़... अगर आपको कोई ऐतराज़ न हो तो एक बार इसका इस्तेमाल करके दिखाइए ", चार्ल्स ने आशंका जताते हुए मिसेस वुड से एक बार उस ओइजा बोर्ड को इस्तेमाल करने का अनुरोध किया।

" ठीक है मैं तुम्हें दिखाउंगी कि इसका किस तरह से इस्तेमाल करना है, बस तुम अपनी ड्रिंक ख़त्म कर लो पहले", मिसेस वुड ने चार्ल्स से कहा और अपने ग्लास को होठों से लगा लिया। चार्ल्स भी अपना ग्लास खाली करने में जुट गया और उसके खाली होते ही उसने उसे टेबल पर एक तरफ़ रख दिया।

" मैडम मैं तो पूरी तरह से तैयार हूँ, इस बोर्ड का करिश्मा देखने के लिए ", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा ।

"आओ सबसे पहले इस बोर्ड से जुड़े इस छोटे से लकड़ी के टुकड़े पर अपनी एक उंगली रखो, इस टुकड़े पर एक छेद बना हुआ है, जब हम अपने सवाल उस आत्मा से पूछेंगे तो यही लकड़ी का टुकड़ा हमें उस छोटे से जवाब देगा, ये उस अक्षर या नंबर के पास जाकर रुकेगा जिन्हें आत्मा अपना जवाब देने के लिए इस्तेमाल करेगी ", मिसेस वुड ने चार्ल्स को बोर्ड के बारे में समझाते हुए कहा। चार्ल्स उनकी बातों को समझ गया और उसने उनके नज़दीक आकर उस बोर्ड से जुड़े उस ख़ास लकड़ी के टुकड़े पर अपनी एक उंगली रख दी। मिसेस वुड ने उस ओइजा बोर्ड की विधि शुरू कर दी। 

" ऐ, भटकती आत्माओं हमारे पास आओ, अगर तुम हमें सुन सकती हो", मिसेस वुड ने पहली बार पुकारा, कोई जवाब नहीं मिला। 

" ऐ भटकती आत्माओं अगर तुम हमें सुन सकती हो तो हमारे पास आओ, क्या इस समय यहाँ कोई मौजूद है", मिसेस वुड ने दूसरी बार पुकारा, पर इस बार भी निराशा ही हाथ लगी क्यूँकि बोर्ड ने हाँ या न में अब तक कोई जवाब नहीं दिया था। 

"ऐ भटकती आत्मा अगर हमें सुन सकती हो तो अपने होने का संकेत हमें यहाँ आकर दो... क्या यहाँ कोई आत्मा मौजूद है ", मिसेस वुड ने तीसरी बार पुकारा पर इस बार उनकी पूकार शायद किसी आत्मा ने सुन ली थी इसलिए वह लकड़ी का टुकड़ा जिस पर मिसेस वुड और चार्ल्स ने अपनी उँगलियाँ रखी थी अपने आप आगे बढ़ कर 'Yes' की ओर इशारा कर रहा था जो इस बात का सबूत था कि उस कमरे में आत्मा मौजूद थी। चार्ल्स यह देखकर घबरा सा गया था। 

"ख़ट ख़ट ख़ट", तभी अचानक दरवाजे पर किसी ने ज़ोर से तीन बार दस्तक दी। 

                    To be continued... 

                 ©ivanmaximusedwin 



टाइप राइटर - 18



दरवाजे पर ज़ोर की दस्तक सुनते ही मिसेस वुड और चार्ल्स के अंदर दाहशत समा जाती है, उन दोनों के चेहरों का रंग डर के कारण बिल्कुल सफ़ेद पड़ चुका था। दिल की धड़कन बढ़ चुकी थी और माथे से पसीने की कुछ बूंदे बह रही थीं, 

"इस वक़्त कौन हो सकता है", मिसेस वुड ने दबी हुई आवाज़ में चार्ल्स से कहा। 

"हो सकता है विला का कोई नौकर आया हो", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा ।

"पर इस समय तो कोई नौकर विला में नहीं हैं, रोज़ाना शहर से ही काम करने आते हैं",मिसेस वुड ने चार्ल्स को बताया। 

"तो फिर कौन हो सकता है ", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा, फिर उसके मन में एक बार हॉवर्ड का भी ख़याल आया लेकिन उसने सोचा कि वह ख़ुद विला के अंदर नहीं आएगा, क्यूँकि दोनों ने छुप कर वुड्स विला का राज़ पता लगाने की योजना बना रखी थी। यह तो चार्ल्स की बदकिस्मती थी कि वह मिसेस वुड की नज़रों से बचने में नाकाम रहा। 

"मुझे तो बहुत डर लग रहा है", मिसेस वुड ने चार्ल्स से कहा। 

"आप घबराए नहीं, मैं जाकर देखता हूँ कौन है",चार्ल्स ने मिसेस वुड को दिलासा देते हुए कहा ।

" कहीं ओइजा बोर्ड की वजह से तो नहीं", मिसेस वुड ने डरते हुए कहा। 

"अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है... आप बेकार में परेशान हो रही हैं, रूकिए मैं जाकर देखता हूँ कौन है", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा ।

" थोड़ा संभल कर जाना... तुम", मिसेस वुड ने चार्ल्स से कहा। 

चार्ल्स धीरे धीरे दरवाज़े की ओर बढ़ता है, वह मेहमान का चेहरा देख सके इसलिए एक हाथ में कैंडल स्टैंड पकड़ रखा था, जिसपर तीन मॉमबत्तियाँ जल रही थीं। हॉल में इतना सन्नाटा था कि चार्ल्स के कदमों की आहट को आराम से सुना जा सकता था, ऐसे में फिर से तीन बार ज़ोर की दस्तक दरवाजे पर होती है "ख़ट ख़ट ख़ट", चार्ल्स दस्तक सुनते ही कुछ पल के लिए वहीं पर जम जाता है, डर ने जैसे उसके पाँव में बेड़ियाँ डाल दी हों, फिर भी किसी तरह से हिम्मत करके वह फिर से दरवाजे की तरफ़ बढ़ता है। उसके मन में यही ख़याल बार बार आ रहा था कि अगर वह डर गया तो मिसेस वुड भी डर जाएंगी, उसे अब ख़ुद से ज़्यादा मिसेस वुड की चिंता सता रही थी, वह मिसेस वुड जिन्हें वह ठीक से जानता तक नहीं था, जिनसे यह उसकी दूसरी मुलाकात थी, फिर भी चार्ल्स के मन में मिसेस वुड के लिए अपनेपन सा एहसास था, ऐसा या तो मिसेस वुड की दुख भरी कहानी सुन कर हुआ था या चार्ल्स के मन में इस हमदर्दी की वजह कुछ और ही थी... ये तो चार्ल्स ही बेहतर जनता था, पर आज रात उसने अपने मन में ठान लिया था कि वह मिसेस वुड को कुछ भी नहीं होने देगा। वह अब दरवाजे के बिल्कुल नज़दीक पहुँच चुका था, उसने अपने एक हाथ से दरवाजे की कड़ी खोली और दरवाजे के एक पलड़े को पीछे की तरफ सरकाया। "चर्ररररररर" की भयंकर आवाज़ के साथ दरवाजा खुला। 

" अरे हॉवर्ड, तुम यहाँ क्या कर रहे हो", चार्ल्स ने हॉवर्ड को दरवाजे पर खड़ा देखा तो उससे पूछा। 

"चार्ल्स... तुम अभी मेरे साथ चलो", हॉवर्ड ने चार्ल्स से कहा, उसके स्वर बिलकुल बदले हुए थे, वह बहुत डरा हुआ था। 

" अरे ठीक है, चल रहा हूँ... इतनी जल्दी क्या है", चार्ल्स ने हॉवर्ड से पूछा। 

" बस तुम मेरे साथ चलो चार्ल्स... अभी," हॉवर्ड ने चार्ल्स से कहा, वह अपनी ज़िद पर अड़ा हुआ था। 

" अरे मगर हुआ क्या है, कुछ तो बताओ, मुझे कहाँ ले जाना चाहते हो", चार्ल्स ने एक बार फिर हॉवर्ड से पूछा। 

" मैं तुम्हें सब कुछ समझा दूँगा रास्ते में... पर इस वक़्त तुम यहाँ से चलो ", हॉवर्ड ने चार्ल्स से कहा, वह चार्ल्स से लगातार वहाँ से चलने की बात कह रहा था। 

" ठीक है मैं चलता हूँ तुम्हारे साथ, पर ज़रा मिसेस वुड को तो बता दूँ और अपनी हैट भी ले लेता हूँ... आओ तुम भी अंदर आ जाओ ", चार्ल्स ने हॉवर्ड से कहा। 

" मैं कहीं नहीं जाऊंगा, तुम बस मेरे साथ चलो, यहाँ पर रहना ठीक नहीं है, जल्दी यहां से निकलो", हॉवर्ड ने चार्ल्स से कहा। चार्ल्स उसकी बात सुनकर अपने मन में सोचने लगा कि " आखिर इसे हो क्या गया है, ये इस कद्र व्यवहार क्यूँ कर रहा है, इसकी पलकें भी नहीं झपक रहीं हैं और ये एक टक बस मुझे ही देखे जा रहा है, ये ऐसा पहले तो नही था जब मैं इसे यहाँ लेकर आया था, आखिर इसे हो क्या गया है, कहीं इसने किसी भूत को तो नहीं देख लिया जो ये इस कद्र घबराया हुआ है, आखिर यहाँ ऐसा क्या है जो ये मुझे यहाँ से चलने के लिए कह रहा है, हम लोग तो वुड्स विला का राज़ पता करने आए थे, पर कुछ पता चलने से पहले ही ये यहाँ से निकलने के लिए परेशान है, कहीं इसे उस राज़ के बारे में पता तो नहीं चल गया इसलिए ये यहाँ से निकलने के लिए हड़बड़ा रहा है, अगर ऐसा है तो मुझे इसका साथ देना चाहिए... मैं जाकर मिसेस वुड से कोई बहाना बना देता हूँ ", चार्ल्स ने अपने मन में यह बातें सोचने के बाद हॉवर्ड का ही साथ देने का फैसला किया और वह हॉवर्ड को बाहर दरवाजे पर खड़ा कर के मिसेस वुड से अलविदा कहने अंदर चला गया। 


" मैं अब आप से इजाज़त लेना चाहूंगा, मिसेस वुड ", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा ।

" क्या हुआ तुम कहीं जा रहे हो क्या, दरवाजे पर कौन था", मिसेस वुड ने चार्ल्स से पूछा। 

"वह हॉवर्ड है... मेरा दोस्त, मुझे लेने आया है, वह विला के बाहर ही खड़ा था, मुझे ज़्यादा देर होने पर लेने आ गया, " चार्ल्स ने बड़ी कुशलता से झूठ बोलते हुए मिसेस वुड से बहाना बनाया। 

" अब तुम्हारा दोस्त तुम्हें लेने आया है तो मैं रोक नहीं सकती हूँ, पर अभी ओइजा बोर्ड की विधि अधूरी रह गई है", मिसेस वुड ने चार्ल्स से कहा। 

" हम फिर कभी इसे पूरा कर लेंगे... अच्छा, गुड नाइट मिसेस वुड, आशा करता हूँ आपकी रात अच्छी बीते", चार्ल्स ने मिसेस वुड से कहा और कैंडल स्टैंड टेबल पर रख कर, अपना हैट लेकर वहाँ से चला गया। 

" ऐसी क्या बात है हॉवर्ड... तुम मुझे बताते क्यूँ नहीं हो, क्या वह बात वुड्स विला से जुड़ी है ", चार्ल्स ने वुड्स विला के बगीचे से आगे बढ़ते हुए हॉवर्ड से पूछा, पर हॉवर्ड ने उससे एक शब्द भी नहीं कहा, वह सीधे चला जा रहा था, चार्ल्स की बातों का उस पर कोई असर नहीं हो रहा था। 

चार्ल्स इसी तरह उससे दो तीन बार पूछता है, पर हॉवर्ड को वुड्स विला से बाहर निकलने की जल्दी थी, उसे किसी भी हाल में उस मनहूसियत से भरे हुए विला से बाहर निकलना था। चार्ल्स हॉवर्ड के इस व्यवहार से बुरी तरह क्रोधित हो गया था, हॉवर्ड न तो उसे कुछ बता रहा था और न ही उससे बातें कर रहा था। चार्ल्स ने हॉवर्ड के इस किस्म के व्यवहार को पहली बार देखा था, पर ऐसा वहाँ हॉवर्ड ने क्या देख लिया होगा जो उसे परेशान कर रहा है, इस बात से चार्ल्स और ज़्यादा चिंतित था। 

                            To be continued... 

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टाइप राइटर - 19



चलते - चलते चार्ल्स और हॉवर्ड वुड्स विला से काफ़ी दूर निकल आए थे, इस बीच चार्ल्स ने कई बार हॉवर्ड की खामोशी तोड़ने की कोशिश करी पर हॉवर्ड के मुँह से एक शब्द नहीं निकला, वह तो बस सीधे चला जा रहा था।

"अब तुम मुझे गुस्सा दिला रहे हो हॉवर्ड... तुम मुझे बताते क्यूँ नहीं हो तुमने अंदर वुड्स विला में क्या देखा, अगर तुम्हें याद न हो तो याद दिला दूँ कि हम विला में एक मक़सद से गए थे, हमने तय किया था कि आज रात वुड्स विला के राज़ के बारे में पता कर के रहेंगे, पर लगता है कि तुम्हें किसी खास बात का पता चला है और वह तुम मुझे नहीं बताना चाहते हो ", चार्ल्स ने क्रोधित स्वरों में हॉवर्ड से कहा।

पर हॉवर्ड चलता ही जा रहा था, चार्ल्स की किसी बात का उस पर कोई असर नहीं हुआ। उसने अपनी गति और बढ़ा दी, चार्ल्स को भी उसके साथ तेज़ी से चलना पड़ गया क्यूँकि चार्ल्स उसे बिना वुड्स विला के बारे में जाने बगैर उसे जाने नहीं दे सकता था।

"और कितनी भी तेज़ चल लो हॉवर्ड, तुम मुझसे पीछा नहीं छुड़ा सकते हो... तुम्हें मुझे बताना ही पड़ेगा कि वुड्स विला में क्या हुआ था, तुम अचानक ही कहाँ लापता हो गए थे और तुम्हें किस बात का पता चला है जो इतनी तेजी से डर के भागे जा रहे हो... जवाब दो हॉवर्ड", चार्ल्स ने एक बार फिर से हॉवर्ड से पूछा पर हॉवर्ड पर किसी बात कोई असर नहीं हो रहा था।

अब तक दोनों काफ़ी दूर निकल आए थे और शहर के चौराहे पर दोनों को एक बग्घी खड़ी दिखी जिस पर कोचवान सवार था, वह घोड़ा गाड़ी उनसे अब भी काफ़ी दूर थी।

" हॉवर्ड अब तो हम दोनों काफ़ी दूर निकल आए हैं, अब तुम्हें वुड्स विला से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है... मैं हूँ न तुम्हारे साथ और अब तो शहर तक पहुंच ही गए हैं, वह सुनसान विला काफ़ी पीछे रह गया है दोस्त, अब तो मुझे बता दो कि तुमने वहाँ ऐसा क्या देखा था", चार्ल्स ने एक बार फिर बात घुमा कर हॉवर्ड से वुड्स विला के बारे में जानने की कोशिश करी पर इस बार भी वह नाकाम रहा, हॉवर्ड अपनी चुप्पी तोड़ने को तैयार नहीं था, चार्ल्स इस बात पर बुरी तरह से झुंझला चुका था, हॉवर्ड का इस किस्म का व्यवहार उसने पहले कभी नहीं देखा था, उसका दोस्त हॉवर्ड तो उससे बहुत प्यार करता था और उसे हर बात बताया करता था, शहर में लोग इन दोनों की दोस्ती की मिसाल दिया करते थे, पर आज अचानक ऐसा क्या हो गया जो हॉवर्ड इस तरह से बदल गया या फिर ये किसी बात से डर गया है, चार्ल्स के मन में ये विचार बार बार जन्म ले रहे थे पर हॉवर्ड अपनी चुप्पी तोड़ने को तैयार नहीं था।

कुछ ही देर में दोनों उस बग्घी के नज़दीक पहुँचते हैं, हॉवर्ड भारी आवाज़ में कोचवान को चार्ल्स के घर का पता बता कर उससे चलने को पूछा, कोचवान चलने को तैयार हो गया। दोनों उस घोड़ा गाड़ी में सवार हो गए, उनके बैठते ही कोचवान ने गाड़ी बढ़ा दी और तय की गई मंज़िल की ओर चलने लगी। चार्ल्स को इस बात की बड़ी हैरानी हो रही थी कि हॉवर्ड ने उसके घर का पता बताया जबकि आज रात दोनों का हॉवर्ड के घर पर रुकने का प्रोग्राम था। हॉवर्ड के चुप्पी तोड़ते ही चार्ल्स को खुशी महसूस हुई, उसे इस बात की उम्मीद नज़र आ रही थी कि हॉवर्ड शायद उसे उसके घर जाने के बाद सारी बातें बताने वाला है। चार्ल्स से भी ज़्यादा इंतज़ार नहीं हो रहा था, वह भी जल्दी घर पहुँच कर इस पहेली को सुलझाना चाहता था। चार्ल्स ने अब अपने मन में सोचा कि इस समय हॉवर्ड से कुछ भी पूछना मुनासिब नहीं होगा, घर तो चल ही रहे हैं वहीं सारा राज़ खुल जाएगा, इस समय एक तीसरा इंसान भी मौजूद है जो उनकी बातों को सुन सकता है।

कोचवान रात में खाली सड़क पर बड़े आराम से अपनी बग्घी चला रहा था, कुछ ही देर बाद सभी चार्ल्स के अपार्टमेंट के नीचे पहुंचते हैं, गाड़ी से उतरते ही चार्ल्स कोचवान को उसकी तय की गई रकम चुकाता है और हॉवर्ड के साथ अपने फ्लैट की ओर चल पड़ता है। चार्ल्स बड़ी फुर्ती के साथ सीढ़ियों पर चढ़ता है क्यूँकि उसे हॉवर्ड से सारी बातें जानने की उत्सुकता थी। हॉवर्ड उसके पीछे पीछे सीढ़ियाँ चढ़ रहा था। फ्लैट के दरवाजे पर पहुँचते ही चार्ल्स अपनी जेब से चाबी निकाल कर दरवाजे को खोलता है, घर में प्रकाश के लिए लालटेन जला देता है और साथ ही कुछ मॉमबत्तियाँ भी जिससे घर में अच्छा खासा प्रकाश हो जाता है, थोड़ी देर बाद वहां हॉवर्ड भी पहुंचता है। वह अपना हैट और ओवर कोट स्टैंड पर टाँग देता है जो मुख्य दरवाजे के एक ओर स्थित था, फिर वह धीरे धीरे कमरे के अंदर प्रवेश करते समय हर चीज पर अच्छी तरह से निगाह डालता है, उसे कमरे में एक ओर चार्ल्स का खरीदा हुआ टाइप राइटर नज़र आता है, वह उस टाइप राइटर के नज़दीक जाता है और उसे छू कर देखता है। चार्ल्स उसकी इस हरकत को देख कर बड़ा हैरान होता है, वह कमरे में हर चीज़ को इस तरह से देख रहा था जैसे चार्ल्स के घर में पहली बार आया हो और टाइप राइटर पर नज़र पड़ते ही आँखों में चमक सी आ गई थी जैसे किसी चीज़ को बहुत दिनों बाद देख रहा हो।

"अब बताओ भी हॉवर्ड तुमने वहाँ ऐसा क्या देख लिया जो इतनी जल्दी भाग आए... मुझे मिसेस वुड एक ख़ास विधि के बारे में बता रही थीं, धीरे धीरे शराब के नशे में वह मुझे वुड्स विला का सारा राज़ बता देंती अगर तुमने बीच में आकर हमें डिस्टर्ब न किया होता तो," सारी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए चार्ल्स ने हॉवर्ड को एक बार फिर से टोका।

" नाम मत लो उस औरत का ", हॉवर्ड की चीख से सारा कमरा गूँज उठा, हॉवर्ड का चेहरा गुस्से से बुरी तरह लाल पड़ चुका था और आँखें खून उगल रही थीं। मिसेस वुड का नाम सुनते ही जैसे उसके अंदर बिजली सी दौड़ गई हो।

" ठ... ठीक है नाम नहीं लूँगा लेकिन तुमने मुझे बताया नहीं कि तुमने वहाँ ऐसा क्या देख लिया जो इतनी बुरी तरह से भाग आए, क्या तुम्हें वुड्स विला का राज़ पता चल गया", चार्ल्स ने उत्सुकता पूर्वक हॉवर्ड से पूछा। चार्ल्स को हॉवर्ड का यह व्यवहार देख कर आश्चर्य हुआ। 

" वुड्स विला का राज़... वुड्स विला का राज़, सिर में दर्द पैदा कर दिया वुड्स विला के राज़ को पूछते-पूछते, अब कान खोलकर सुन ले, ये जो तू टाइप राइटर उठा कर लाया है ये मेरा है और मैं तेरा दोस्त हॉवर्ड नहीं हूँ... मैं हूँ मिस्टर वुड और ख़बरदार जो मुझे अपना दोस्त बुलाया तो ", हॉवर्ड ने कठोर शब्दों में चार्ल्स से कहा और उसके कहते ही फ्लैट का मुख्य दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया, जिसे देख चार्ल्स के होश से उड़ गए, डर से उसके हाँथ पाँव जम से गए थे, दिमाग बिल्कुल सुन्न पड़ गया था, कुछ भी सोचने समझने की शक्ति नहीं थी चार्ल्स को ऐसा प्रतीत हो रहा था। ये कैसी बला थी जो चार्ल्स के साथ इतनी दूर तक चलकर उसके घर तक पहुंच गई थी और वह चार्ल्स से क्या चाहती थी, यही ख़याल चार्ल्स के मन में भी चल रहा था। हॉवर्ड के इस व्यवहार ने उसे बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। 

                       To be continued...

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टाइप राइटर - 20 



"हा हा हा... हा हा हा, ओह! चार्ल्स... डियर चार्ल्स, मैंने तुम्हें कहा था न कि ओइजा बोर्ड के अपने कुछ नियम हैं, पर तुमने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया, जिस आत्मा को एक बार ओइजा बोर्ड के इस्तेमाल से बुलाते हैं उसे वापस भेजने के लिए 'गुड बाय' कहते हैं नहीं तो हमेशा के लिए आत्मा वहीं अटक जाएगी...अब तुम्हें कौन समझाए जिसके साथ तुम गए हो वह मेरे पति मिस्टर वुड की आत्मा थी तुम्हारा दोस्त हॉवर्ड नहीं और तुम्हारा दोस्त हॉवर्ड इस समय बगीचे में मरा पड़ा है क्यूँकि तुम्हारे दोस्त को तुमसे वुड्स विला के अंदर आते समय अलग करने वाली मार्गरेट भी दरअसल मिस्टर वुड की ही आत्मा थी, उसी ने तुम्हारे दोस्त हॉवर्ड को मारा है ", मिसेस वुड वुड्स विला में आईने के सामने ख़ुद से बातें कर रही थीं, उन्हें शराब का नशा काफ़ी हो गया था और शायद यही वजह थी कि उनके मुँह से सच निकल रहा था," अब तुम्हारे दोस्त हॉवर्ड और तुम्हारा भी संगमरमर का पुतला बनवा कर वुड्स विला के बगीचे की रौनक बढ़ाई जाएगी, मिस्टर हॉवर्ड की लाश का पता तब तक नहीं चलेगा जब तक कि मेरे वफादार कारीगर उसका पुतला नहीं बना देते हैं... वह भी एक एंजेल के रूप में नज़र आएगा विला में पर अफसोस तुम इस नज़ारे को नहीं देख पाओगे, ओह! मुझे बड़ा दुख हो रहा है ये सोचकर, पर साथ ही इस बात की खुशी भी है कि मिस्टर हॉवर्ड मेरे बगीचे के 52 नंबर के एंजेल बनेंगे और उसके मरते ही मुझमें जवानी एक बार फिर से वापस आ गई है और अब मैं फिर से किसी 25 साल की लड़की से कम नहीं लग रही हूँ... यही तो मेरी जवानी का राज़ है जवान और कुँवारों की मौत मेरी उम्र बढ़ा देती है ", मिसेस वुड ने झूमते हुए कहा और ख़ुद को अच्छी तरह से आईने में देखने लगीं, वह वाकई गज़ब की सुंदर दिख रही थी, उसके चेहरे पर मौजूद झुर्रियां भी गायब हो चुकीं थीं और उनके यौवन में एक नया निखार आ चुका था।


उधर चार्ल्स के अपार्टमेंट में कोहराम मचा हुआ था क्यूँकि हॉवर्ड उर्फ़ मिस्टर वुड की आत्मा ने घर की हर चीज़ अस्त व्यस्त कर दी थी और चार्ल्स के लिए एक परेशानी का कारण बन गई थी। ऐसी परेशानी जिससे वह चाह कर भी पीछा नहीं छुड़ा सकता था और न कहीं दूर भाग सकता था।  देखते ही देखते चार्ल्स की नज़रों के सामने ही उसका दोस्त हॉवर्ड मिस्टर वुड का रूप ले लेता है, चार्ल्स यह देखकर बुरी तरह से चौंक जाता है। 

" देख... ये देख मैं ही हूँ मिस्टर वुड...वुड्स विला का भूत और हत्यारा, जिसे ढूंढने के लिए तू और तेरा दोस्त वुड्स विला गए थे लेकिन ये कहानी वुड्स विला से शुरू नहीं होती है, बात उन दिनों की है जब मैं एक कुँवारा, जवान और खूबसूरत ऑफिसर था ब्रिटिश नौ सेना का, उन दिनों ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का राज फैला हुआ था और अक्सर ही मुझे जहाज लेकर यात्रा करनी पड़ती थी, एक बार अपनी यात्रा के दौरान मुझे साउथ अफ्रीका जाना पड़ा जहाँ मेरी मुलाकात क्लारा से हुई, वह बेहद खूबसूरत और अकर्षक थी, उसके पिता का देहांत हो चुका था, वो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों में से एक थे, क्लारा अपनी माँ मिसेस ईवा ब्राउन के साथ रहती थी, मिस्टर ब्राउन अपने देहांत से पहले ही भारत से साउथ अफ्रीका भेजे गए थे, क्लारा से मेरी पहली मुलाकात क्लब में हुई थी  जहाँ रिटायर अधिकारी और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े लोग ही आ जा सकते थे, वहाँ वह अपने कुछ दोस्तों के साथ मज़े कर रही थी, उसके अंदर अजीब सी कशिश थी जो मुझे उसकी ओर खींच रही थी, मैंने उस रात उसका पीछा किया ताकि उसके घर का मुझे पता चल सके, अगले ही दिन मैं उसके घर उसकी माँ से उसका हाथ मांगने पहुँचा, पहले तो उसकी माँ मिसेस ब्राउन थोड़ा झिझक रहीं थीं क्यूँकि मैं इंग्लैंड का रहने वाला और पहली बार ही क्लारा से मिला, फिर मुझे एक ही नज़र में प्यार भी हो गया, यह बात उन्हें कुछ अजीब लग रही थी, मैं उनकी उलझन समझ गया और मैंने उनसे कहा कि मुझे कोई जल्दी नहीं है वह इस सिलसिले में अच्छे से विचार कर सकती हैं, मेरे पास अब भी एक महीना था, फिर जहाज के साथ सेना की टुकड़ी लेकर लंदन वापस आना था, मिसेस ब्राउन ने यह बात क्लारा के सामने रखी, क्लारा को ये बात बहुत अजीब लगी इसलिए उसने मुझसे मिलने का फैसला किया और सीधा ऑफिसर रेजिडेंस पहुँची जहां से उसे मेरे क्वार्टर का पता चला, वह मुझसे मिली तो मैं उसकी सुंदरता को देखकर खो सा गया, वह यह देखकर शर्मा सी गई और इस तरह हमारे प्यार की शुरुआत हुई, क्लारा से मुझे काफ़ी उम्मीदें थीं क्यूँकि उसके सिवा मेरा कोई न था इसलिए हमने शादी के बाद मिसेस ब्राउन को भी अपने साथ रखने का फैसला किया, शादी के बाद हम सब लंदन आ गए और वुड्स विला में एक साथ रहने लगे, शुरुआत में सब कुछ बिलकुल सही चल रहा था, पर एक दिन जब मैं अचानक ही घर पहुंचा तो दोनों माँ बेटी को एक दूसरे से लड़ते हुए पाया, दोनों एक दूसरे से किसी बात पर नाराज़ थीं, मैं कुछ देर के लिए दरवाज़े पर ही रुक गया और उनकी बातें सुनने लगा, उनकी बातों से मुझे पता चला कि क्लारा उनकी अपनी बेटी नहीं है बल्कि उनकी बड़ी बहन कैथरीन की है जिसके पिता ने दोनों माँ बेटी को अपनाने से इंकार कर दिया था और क्लारा के पैदा होने से पहले ही उसकी माँ को छोड़कर चले गए थे, कोई नहीं जानता था कि वह कौन हैं, कुछ का कहना था कि वह बहुत सिद्ध पुरुष थे और तंत्र मंत्र जादू टोने में माहिर थे, क्लारा की माँ कैथरीन को भी इन सब चीजों में दिलचस्पी थी और इसी वजह से दोनों के बीच नज़दीकी बढ़ती गयी, देखते ही देखते दोनों और करीब आ गए फ़िर क्लारा के जन्म की ख़बर पाते ही उसके पिता ने उसकी माँ को अपनाने से मना कर दिया था, क्लारा की माँ ने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया और साथ ही सीखे हुए जादू टोने से अपने प्यार को भी पाने की कोशिश की, जब क्लारा पेट में थी तो ओइजा बोर्ड के सहारे आत्माओं को बुलाया करती थी और उनसे अपना काम करवाया करती थी, प्यार में ठोकर खाई हुई कैथरीन के मन में अब बदले की भावना ने जन्म ले लिया था और उसने आत्माओं द्वारा क्लारा के असली पिता से बदला लेने का मन बना लिया था, उसने अपनी तंत्र विद्या का इस्तेमाल कर के ओइजा बोर्ड की सहायता से एक शक्तिशाली आत्मा को बुलाया और काम हो जाने पर अपनी आत्मा उसे सौंपने की पेशकश रखी...ये क्लारा की किस्मत ही थी कि जिस दिन उस आत्मा ने उसके पिता की जान ली ठीक उसी समय उसकी माँ ने उसे जन्‍म दिया, नहीं तो वह आत्मा माँ बेटी दोनों को अपने साथ ले जाती... अब चूँकि क्लारा की माँ कैथरीन ने क्लारा के पेट में होते हुए ओइजा बोर्ड और काले जादू का इस्तेमाल किया था इसी वजह से क्लारा के अंदर भी कुछ शक्तियां मौजूद थीं जिनसे वह कुछ भी कर सकती थी और करवा सकती थी ", मिस्टर वुड की आत्मा ने कठोर शब्दों में चार्ल्स से कहा और उसे सारी कहानी शुरूआत से सुनाने लगे। 

                           To be continued...

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टाइप राइटर - 21


मिस्टर वुड की आत्मा चार्ल्स को कहानी सुनाना जारी रखती है " उस दिन जब मैंने दोनों माँ बेटी की बातें सुनी तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई, क्लारा की माँ उसकी मौसी थीं जबकि उसकी असली माँ जन्म देते ही चल बसीं थीं, ये सारी बातें जानते हुए भी मैंने सबकुछ नज़रअंदाज़ कर दिया क्यूँकि मुझे क्लारा से मोहब्बत थी या ये कह लो मैं पूरी तरह से उसके वश में था इसलिए उसकी बुराई पर भी मैंने पर्दा डाल दिया, क्लारा की मौसी उसे अक्सर काले जादू को इस्तेमाल करने से मना करती थी लेकिन क्लारा ने उनकी एक न सुनी, उस पर तो जैसे जुनून सवार था और एक दिन उस वुड्स विला की चार दीवारी के बीच में वह हादसा हो गया जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया, अचानक ही क्लारा की मौसी के गुज़र जाने की खबर मिली... मैं अपनी यात्रा के बीच में से वापस आ गया क्यूँकि मुझे लगा कि क्लारा को मेरे सहारे की जरूरत पड़ेगी लेकिन सब कुछ बदल चुका था, क्लारा को अपनी मौसी के गुज़र जाने की कोई तकलीफ नहीं थी, उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे कुछ हुआ ही न हो, ऐसा प्रतीत होता था कि क्लारा ने ही काले जादू का प्रयोग कर के उस ओइजा बोर्ड की सहायता से आत्मा बुलाकर अपनी मौसी का कत्ल किया हो, कुछ दिनों बाद मुझे एक विशेष कार्य से फ़िर जहाज लेकर जाना था लेकिन मैंने किसी को अपने लौटने की ख़बर सही से नहीं दी, मुझे अपनी पत्नी पर शक़ होने लगा था, मैं ये देखना चाहता था कि मेरी गैरमौजूदगी में वुड्स विला में क्या क्या होता है, तो अपनी योजना के मुताबिक जब मैं वापस आया तो मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की बाहों में अपनी पत्नी को पाया, यह दृश्य देखकर मेरे हाँथ पाँव जम गए थे, मेरा सबसे करीबी दोस्त और मेरी पत्नी जिनके बारे में मैं कभी अपने सपने में भी नहीं सोच सकता था कि वे दोनों मुझे धोखा देंगे लेकिन इंसान की नियत बिगड़ते देर नहीं लगती है, उस समय मैंने कुछ भी करना मुनासिब नहीं समझा क्यूँकि मैं अपनी पत्नी क्लारा के सामने बेबस सा हो जाता था, उसकी शक्तियों के आगे मुझे घुटने टेकने पड़ते थे, ऐसा उसके द्वारा किए गए काले जादू की वजह से था, समय और बीतता गया मेरा दोस्त क्लारा की मदद करता था नौजवान लड़के लड़कियों को उसका शिकार बनाने में, ऐसा क्लारा ने एक विधि के तहत किया था जिसमें अंधेरी दुनिया में काली शक्तियों के स्वामी ने उसे अपनी दुल्हन के रूप में स्वीकार कर लिया था और उसे सदा जवान रहने की शक्ति दी, बस शर्त यही थी कि उसे कुँवारे लड़के और लड़कियों की बलि चढ़ानी पड़ेगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो धीरे धीरे क्लारा की बढ़ती उम्र के साथ मृत्यु भी हो जाएगी... क्लारा ने अपने हुस्न के जाल में कितने जवान लड़कों को फँसाया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया, टाइपिस्ट की नौकरी का झांसा देकर कितनी जवान लड़कियों को भी मौत के घाट उतार दिया, लेकिन किसी को इस बात का पता नहीं चल पाया कि वह सभी हत्याकांड था, क्लारा ने इस बात का विशेष ध्यान रखा था वह काली शक्तियों के स्वामी को उनकी बलि आत्माओं द्वारा ही चढ़ाती थी जिन्हें वह अपने ओइजा बोर्ड के इस्तेमाल से ही बुलाती थी, इन सभी बातों का खुलासा मेरे सामने धीरे धीरे होने लगा... मुझे आज भी वह बरसात की रात याद है जब मेरा झगड़ा क्लारा से हुआ था, मैंने उसे याद दिलाया कि उसे मैंने अपने दोस्त की बाहों में देखा था जिससे उसका क्रोध और बढ़ गया, मैंने उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया था, वह झगड़ने के बाद कमरे से बाहर चली गई, मैं अपने इसी टाइप राइटर पर एक सरकारी चिट्ठी टाइप कर रहा था, जिसके टाइप होते ही मैं उसे स्थानीय दरोगा के पास भेजने वाला था पर इससे पहले कि वह लेटर टाइप हो पाता किसी ने भारी चीज़ से मेरे सिर के पीछे एक ज़ोरदार वार किया, प्रहार इतनी ताकत से किया गया था कि मेरी मृत्यु उसी समय हो गई, मैंने प्रहार करने वाले को देखा वो कोई और नहीं बल्कि मेरा करीबी मित्र था जिसने क्लारा का हर जुर्म में साथ दिया था, तभी मुझे एहसास हुआ कि कोई मंत्रों की शक्ति से मेरी आत्मा को अपने बस में कर रहा है वो कोई और नहीं बल्कि मेरी पत्नी क्लारा थी जिसे मैंने दिलो जान से प्यार किया था, उस दिन मुझे उसकी दरिंदगी का सही से एहसास हुआ, इसी टाइप राइटर पर मेरे खून की कुछ बूंदें गिरी हुईं थीं जिसके बारे में शायद मेरे दोस्त को भी नहीं पता था... वह टाइप राइटर क्लारा ने बड़ी कुशलता से मेरे उसी दोस्त को बेच दिया जिसने मेरी हत्या की थी, अब क्लारा के पास मेरी आत्मा बंधक थी जिससे वह कुछ भी करवा सकती थी ऐसे में उसके लिए मेरा दोस्त बेकार ही साबित हो रहा था, उसके कुछ ही महीने बाद दोनों मियाँ बीवी की कार एक्सिडेंट में मृत्यु हो गई और तभी से यह टाइप राइटर हर जगह घूम रहा है और क्लारा के अंधेरी दुनिया के स्वामी के लिए बलि ढूंढने का काम कर रहा है जिससे न सिर्फ़ केवल उसकी शक्तियां बढ़ती हैं बल्कि क्लारा का सौंदर्य भी बढ़ता है और वह भी शक्तिशाली हो जाती है...अब इस बार ये टाइप राइटर तुम्हारे पास है तो इसका मतलब यही है कि तुम्हारी भी नरबली चढ़ानी पड़ेगी अंधेरी दुनिया के उस स्वामी को जिसके लिए हम सब काम करते हैं ", मिस्टर वुड चार्ल्स से कहते हैं और उनके कहते ही चार्ल्स को सांसे लेने में तकलीफ होने लगती है और पल भर में चार्ल्स की मृत्यु हो जाती है। दोनों दोस्तों की जान वुड्स विला के राज़ को जानने में चली जाती है। 


" ज़रा आप इसे देखेंगे, प्लीज़... मुझे ये टाइप राइटर बेचना है, आप इसकी कितनी कीमत दे सकते हैं", एक अनजान शख्स एक दुकानदार के पास उसी टाइप राइटर को लेकर आता है, वह उसे बेचना चाहता था, दुकानदार उस टाइप राइटर को अच्छी तरह से देखता है और दोनों के बीच सौदा तय हो जाता है, वह शख्स जो ये टाइप राइटर लेकर आया था सौदा तय हो जाने के बाद मुस्कुराते हुए उस दुकान से बाहर निकल जाता है, एक बार फिर से उस टाइप राइटर का खूनी खेल शुरू होने की तैयारी में था, वह अपने मालिक का इंतजार कर रहा था ताकि कोई उसे खरीदे और एक बार फिर से वुड्स विला के राज़ को जानने के लिए इच्छुक व्यक्ति की बलि चढ़ा सके। 


"वाह क्या ज़बर्दस्त कहानी थी, सुनकर मज़ा आ गया और रौंगटे भी खड़े हो गए, इस कहानी पर तो बढियां हॉरर फिल्म बन सकती है... मुझे तो कहानी बेहद पसंद आई, लेकिन एक बात समझ में नहीं आई कि मिस्टर वुड की आत्मा ने टाइपिस्ट एलिजाबेथ का रूप लेकर हॉवर्ड को क्यूँ धोखा दिया, वह उसे भी सच बता कर मार सकता था लेकिन उसने कहानी इतनी लम्बी क्यूँ घूमाई ", अपनी कार चलाते हुए रमेश ने अपनी गर्लफ्रेंड जेनिफर से पूछा। 

"ज़रा सोचो, टाइप राइटर किसने खरीदा था, उस टाइप राइटर को खरीदते ही चार्ल्स के पीछे काली शक्तियां पड़ चुकीं थीं, हॉवर्ड और चार्ल्स एक साथ वुड्स विला में घुसे थे जबकि हॉवर्ड को बाहर बगीचे में ही रुकना पड़ा, राज़ का पता चलते भी मौत निश्चित ही थी दोनों की, तो टाइप राइटर खरीदने की वजह से केवल चार्ल्स को ही वुड्स विला के राज़ का पता चला हॉवर्ड को नहीं ", जेनिफर ने रमेश को अच्छे से समझाते हुए कहा। 

" कहानी काफ़ी मज़ेदार और रोमांच से भरपूर थी, देखो अब भी हम दोनों को काफ़ी लम्बा सफ़र तय करना है तो क्यूँ न इसी तरह की एक और कहानी हो जाए, जिससे सफ़र भी देखते ही देखते कट जाए और बोरियत भी महसूस न हो ", रमेश ने जेनिफर के सामने बात को घुमाते हुए एक और कहानी सुनाने की पेशकश रखी। 

" ठीक है, मैं एक नई कहानी सुनाने को तैयार हूँ बस मेरी शर्त वही रहेगी... तुम कार की स्पीड मध्यम रखोगे और नज़रें सड़क पर ही जमाए रहोगे नहीं तो फिर से कोई तुम्हारी कार के नीचे आ जाएगा जैसे वह काला बिल्ला आ गया था", जेनिफर ने रमेश की बात मानते हुए उसे एक नई कहानी सुनाने का निर्णय लिया। 

                      To be continued... 

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द डॉल मैन 



जेनिफर ने रमेश को कहानी सुनाना प्रारंभ किया "अब जो मैं कहानी सुनाने जा रही हूँ इसे ध्यान से सुनना, इस कहानी में दर्द भी है, डर भी है और साथ ही ढेर सारा रहस्य भी...यह कहानी सन् 1872 की है जब नॉटिंघम में एक प्रसिद्ध खिलौने वाला रहता था, उनका नाम एडवर्ड था और वह 60 साल के हट्टे-कट्टे बुज़ुर्गों में से थे, उनके खिलौने बच्चों के बीच एक ख़ास आकर्षण का केंद्र बन जाते थे, उनके खिलौने केवल नॉटिंघम में ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी काफ़ी प्रसिद्ध थे, वह जहाँ भी जाते उनके खिलौने खरीदने की मांग लगी रहती थी। उनके खिलौनों में अपना ही अलग सा आकर्षण था जो उन्हें देखता था वह खुद को रोक नहीं पाता था, हर किस्म के गुड्डे गुड़ियों और लकड़ियों से बने जानवर उनके खिलौनों में शामिल थे जिन्हें देख बच्चों का मन उन्हें लेने के लिए ललचा जाता था, उस शहर तथा आसपास और भी खिलौने वाले थे पर उनके खिलौने एडवर्ड के मुकाबले उतने नहीं बिकते थे जिस कारण उन्हें एडवर्ड से ईर्ष्या होती थी, इन्ही खिलौने को बेचने की वजह से एडवर्ड एक पूंजीपति बन गया था और अपने गाँव का सबसे रईस व्यक्ति भी, सभी के मन में यह ख़याल बार बार आता था कि आखिर एडवर्ड के ही खिलौने इतने क्यूँ बिकते हैं किसी और के क्यूँ नहीं ", 


"आज तो सारे ही खिलौने बिक गए लगता है तभी इतने खुश दिखाई दे रहे हो... तुम नहा धोकर आराम से बैठो, आज मैंने डिनर में तुम्हारा मनपसंद चिकेन सूप बनाया है," एडवर्ड की पत्नी कैथरीन ने उससे कहा, उसका पति पास के गांव में खिलौने बेचकर आया था, कैथरीन पचास साल की एक खूबसूरत हट्टी-कट्टी महिला थी, उसकी उम्र का उस पर ज़्यादा असर नहीं दिखाई पड़ता था। 

" अरे वाह... बच्चे सो गए क्या, मैं अपनी दोनों राजकुमारियों के लिए नए कपड़े लेकर आया और तुम्हारी ड्रेस भी टेलर के यहाँ से छुड़ा कर ले आया हूँ, ये देखो ", एडवर्ड ने अपने बड़े झोले से कैथरीन को उसकी ड्रेस निकाल कर देते हुए अपनी 19 साल की जुड़वां बेटियों के बारे में पूछा। 

" वाह... बहुत बढ़िया तुम्हें याद था कि आज टेलर ये ड्रेस देने वाला था, ये कितनी सुंदर सिली है देखो, तुम्हें नहीं लगता ", कैथरीन ने एडवर्ड की देखते हुए पूछा और मुस्कुराने लगी। 

"ओह! स्वीट हार्ट... तुम कुछ भी पहनकर निकलो कहर ही ढाती हो, इस ड्रेस में तो गाँव के सारे मर्द गिर पड़ेंगे ", एडवर्ड ने शरारत भरे अंदाज़ में अपनी पत्नी को जवाब दिया। 

" तुम भी न एडवर्ड हद करते हो ", कैथरीन ने शर्माते हुए एडवर्ड से कहा। 

"अच्छा मैं बेटियों को उनकी ड्रेस देकर सरप्राइज करके आता हूँ... चलो तुम भी चलो साथ में, मिलकर सरप्राइज करेंगे दोनों को ", एडवर्ड अपनी पत्नी कैथरीन से कहता है और दोनों दबे पाँव अपनी बेटियों के कमरे की ओर बढ़ने लगते हैं। दोनों कमरे के नज़दीक आकर दरवाज़े को खोलते हैं, दोनों बहनें मिलकर कहानी की किताब पढ़ रहीं थीं। कमरे में दाखिल होते ही कैथरीन और एडवर्ड को देख उनकी बेटियाँ दोनों को घेर लेती हैं और अपने दोनों के प्रति अपना स्नेह दिखाती हैं। एडवर्ड द्वारा लायी गयी ड्रेस दोनों को बहुत पसंद आती हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान बिखर जाती है जिसे देख उनके माता पिता के मन भी प्रफुल्लित हो उठता है। आखिर उनकी दोनों बेटियां एलिजाबेथ और कैरोलिना ही उनकी आँखों के दो तारे थे, जिन्हें खुश देखने के लिए एडवर्ड और कैथरीन कुछ भी कर सकते थे। 

"वाह... पापा ये ड्रेस तो बहुत ही सुंदर है, इसमें तो मैं बिलकुल राजकुमारी लगूँगी", कैरोलिना ने अपनी ड्रेस को देखते ही अपनी खुशी अपने पिता से व्यक्त की। 

"हाँ बिलकुल... ये ड्रेस वाकई में बहुत सुंदर है, ओह पापा आप कितने अच्छे हैं, इस ड्रेस के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ", एलिजाबेथ ने भी अपनी खुशी का इज़हार अपने पिता से किया। 

" चलिए अब आप नहा धोकर आइए, जब तक मैं डिनर लगाती हूँ... क्या तुम दोनों मेरी मदद करना चाहोगी, डिनर टेबल पर लगाने में ", कैथरीन ने एडवर्ड से कहा और अपनी बेटियों से डिनर डाइनिंग टेबल पर लगाने में मदद करने के लिए पूछा। 

"हाँ क्यूँ नहीं मॉम, हमें खुशी होगी", एलिजाबेथ ने अपनी माँ से कहा और दोनों बेटियां उसके पीछे किचन की ओर चल दीं। 


उन्ही के गाँव में एक नाटा कुबड़ा आदमी रहता था जिसे सभी मनहूस मानते थे, वह देखने में भी कुछ ख़ास नहीं था। गाँव के सारे बच्चों के बीच में उसकी दाहशत थी, वे उसे देखते ही भाग जाते थे, केवल बच्चे ही नहीं बल्कि गाँव की महिलाएँ भी उसे देखते ही अपना रास्ता बदल लेती थीं। उसका नाम ओलिवर था और कुरूपता के कारण वह जीवन भर अकेला ही रहा। उसकी कुटिया गाँव से थोड़ा हटकर नदी के किनारे थी। अकेलापन दूर करने के कारण उसे शराब की बुरी लत लग गई थी और गाँव की ओर वह ज़्यादातर इसी वजह से आता जाता था। कोई नहीं जानता था कि रोज़ी रोटी चलाने के लिए वह क्या करता है और शराब पीने के लिए उसके पास पैसे कहाँ से आते हैं पर गाँव का पुराना आदमी होने की वजह से उसे किसी ने गाँव से कभी निकाला नहीं। गाँव काफ़ी खुशहाल था जहाँ सुख सुविधाओं की सारी चीजें उपलब्ध थीं , उस गाँव में कभी चोरी और लूटपाट की वारदातें नहीं हुआ करती थीं। 


"सुना है पास के गाँव में एक भव्य समारोह होने वाला है, क्या तुम अपने खिलौने वहाँ भी ले जाकर बेचोगे," कैथरीन ने एडवर्ड से रात को सोने से पहले बिस्तर पर लेटते ही पूछा। 

"हाँ, इस बारे में मैं भी सोच रहा हूँ... ये एक अच्छा अवसर है जहाँ मेरे काफ़ी खिलौने बिकेंगे, इस मेले में दूर दूर से लोग आएंगे ", एडवर्ड ने अपनी पत्नी को जवाब देते हुए कहा। रात काफ़ी हो चुकी थी और फिर सुबह ही एडवर्ड को खिलौने बनाने की तैयारी में जुटना था। अभी काफ़ी काम पड़ा हुआ था, पहले खिलोनों को बनाना था और फिर उन्हें मेले में ले जाकर बेचना था, इसलिए एडवर्ड जल्द ही सो गया ताकि सुबह की तैयारी कर सके। 


सुबह होती है और हमेशा कि तरह अपने सुबह के ब्रेकफास्ट के बाद एडवर्ड अपने घर से पत्नी और बेटियों से विदा लेकर अपने गोदाम की ओर जाता है जो उसके घर से बस कुछ ही दूरी पर स्थित था, वह गोदाम का ताला खोलकर अंदर प्रवेश करता है तो देखता है कि हर जगह नए खिलौने बनकर तैयार रखे हुए हैं, एडवर्ड को ये देख कर काफ़ी आश्चर्य होता है कि केवल रात भर में ही कोई इतने खिलौने कैसे बना सकता है, पर एडवर्ड के लिए ये कोई नई बात नहीं थी, वह ऐसे कई बार चौंक चुका था क्यूँकि ऐसा कई बार पहले भी हो चुका था। हर एक खिलौने को देख कर यही प्रतीत होता था कि बनाने वाले ने पूरी श्रद्धा से बनाएं हैं जिनमें कोई भी कमी मौजूद नहीं थी।                   

                   TO BE CONTINUED... 

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द डॉल मैन - 2


मार्विन और डेनियल दो चोर उचक्के थे और एक लूट में पकड़े जाने के बाद जेल में सज़ा काट रहे थे, बस दो ही दिनों में वह दोनों जेल से रिहा होने वाले थे, पर उससे पहले ही एक खतरनाक योजना को अंजाम देने की तैयारी में थे। 

" अब कुछ ही दिनों में हम जेल से रिहा होने वाले हैं, तुमने आगे का कुछ सोचा है मार्विन, जेल से निकलने के बाद तुम क्या करने वाले हो", मार्विन के साथी डेनियल ने उससे पूछा।

" कहीं तुम्हारे ऊपर इस जेलर की बातों का असर तो नहीं हो गया, नहीं तो ऐसा सवाल कभी न पूछते... करना क्या है जो आज तक करते आए हैं वही करेंगे, जेल से निकलने के बाद एक लम्बा हाथ मारेंगे और क्या, " मार्विन ने डेनियल की बातों का जवाब देते हुए कहा।

"कुछ सोचा है आगे क्या करना है... अब यहाँ इस शहर में हाथ मारना बहुत ही खतरनाक हो गया है, किसी दूसरे शहर में कोशिश करें तो कैसा रहेगा ", डेनियल ने मार्विन को सुझाव देते हुए कहा।

" बात तो तुम सही कह रहे हो, पिछली बार जब हम चोरी करने गए थे तो उसी समय सिपाहियों ने धर दबोचा, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे उन्हें उस लूट की पहले से ही खबर दे दी गई हो, अब इस शहर में तो हमारा कामयाब हो पाना नामुमकिन है... कोई नया शहर ढूँढ कर ही उसमें हाथ साफ़ किया जा सकता है, एक बार यहाँ से बाहर निकलें तो देखते हैं किस्मत कहाँ लेकर जाती है ", मार्विन ने डेनियल की बात से सहमत होते हुए कहा।


" ओह! यहाँ तो एक रात में ही इतने सारे खिलौने बन गए हैं, ये सभी एक से बढ़कर एक हैं, चलो एक काम तो हुआ, अब इन्हें संभाल कर रख देता हूँ, पास के गाँव में जो समारोह होने वाला है, वहाँ ले जाकर बेच दूँगा, किसी को इस बात की भनक नहीं लगने पाएगी कि यह खिलौने किसने बनाए हैं...मुझसे जलने के कारण कोई मेरे इस छोटे से करखाने में काम करने को तैयार नहीं होता है, मुझे पता है कि मुझे इन्हें बनाने वाले की किस तरह से मदद करनी है, पर फिलहाल इन सभी खिलोनों को संभाल कर रख देता हूँ", एडवर्ड ने बने बनाए खिलोनों को देख कर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए खुद ही से कहा। खिलौनों को संभाल कर रखने के बाद वह सीधा अपने घर की ओर चला गया, एडवर्ड ने आज तक ये राज़ सबसे छुपा कर रखा था कि उसके लिए खिलौने कौन बनाता है, यहां तक कि उसने ये राज़ आज तक अपनी पत्नी को भी नहीं बताया था, सभी को ये लगता था कि एडवर्ड ख़ुद ही अपने हाथों से खिलौने बनाता और बेचता है, पर असली बात तो कुछ और ही थी। 


"तुम मेरा पैसा कब लौटा रहे हो ओलिवर ... तुम्हें पैसा लिए हुए काफ़ी समय बीत गया है और अब तक तुमने रकम नहीं चुकाई है, मैं अब और ज़्यादा इंतज़ार नहीं कर सकता हूँ, ये मेरी तुम्हें आखिरी चेतावनी है, इसके बाद मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाऊंगा ", एक सेठ ने कुबड़े ओलिवर से अपने पैसों को माँगते हुए कहा। 

" मैं जल्द ही आपके पैसे लौटा दूँगा ऑस्कर... आपको कोई कार्यवाही करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, मेरे पास बहुत जल्द पैसे आने वाले हैं, आपके पैसे भी आपको मिल जाएंगे ", ओलिवर ने सेठ ऑस्कर को विश्वास दिलाते हुए कहा। 

"ठीक है ओलिवर, मैं तुम्हें इस बार तो छोड़ रहा हूँ मगर अगली बार तुम्हें पैसे न देने की कीमत चुकानी पड़ सकती है... इस बात को ध्यान में रखना ", ऑस्कर ने ओलिवर को चेतावनी देते हुए कहा। ओलिवर की शराब पीने की आदत के कारण ही उसे उधारी लेनी पड़ी और आज इतने लोगों के बीच शर्मिंदा भी होना पड़ा। निराश ओलिवर अपना सिर नीचे किए अपने घर की ओर बढ़ता है।


देखते ही देखते वक़्त बीतता है, मार्विन और डेनियल जेल से रिहा होते हैं। उन दोनों के चेहरों पर कोई पछतावा नहीं था और न ही हरकतों में ज़्यादा सुधार हुआ था। वह दोनों जेल से निकलते ही सीधा शहर से बाहर निकल कर एक बार में पहुँचते हैं और दो बियर का ऑर्डर देते हैं, बार टेंडर मग में बियर निकाल उन्हें देता है। 

"अब बताओ किधर की ओर चलना है", फ़ुर्सत से बियर का मग होठों से लगाते हुए डेनियल ने मार्विन से पूछा। 

"सोच रहा हूँ इस बार किसी छोटे शहर में चला जाए...जहाँ हमें कोई पहचानता न हो, जहाँ पकड़े जाने का भी खतरा कम हो, ऐसी जगह पर हम कुछ दिन रुक कर उस इलाके का अच्छी तरह से निरीक्षण कर सकते हैं और मौका पाते ही कुछ घरों को लूट भी सकते हैं, जब तक हमारे बारे में पता चलेगा तब तक हम लोग कीमती माल बेचकर बहुत दूर निकल चुके होंगे... बोलो क्या कहते हो ", मार्विन ने डेनियल को अपनी योजना समझाते हुए उससे उसकी राय के बारे में पूछा। 

" मुझे तो तुम्हारी योजना अच्छी लगी, मैं तो तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूँ, मगर किस ओर चलने की सोच रहे हो," डेनियल ने मार्विन से सहमत होते हुए उससे दिशा के बारे में पूछा। 

"मैंने सुना है नॉटिंघम के आसपास के इलाके काफ़ी समृद्ध हैं, क्यूं न वहीं चलकर अपनी किस्मत का फैसला किया जाए, उन क्षेत्रों में हमें कोई पहचानने वाला भी नहीं होगा,"मार्विन ने डेनियल के सामने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा। 

"तो फिर ठीक है... यह तय रहा कि हम अपनी बियर के खत्म होते ही नॉटिंघम की ओर रवाना होंगे और बड़ा हाथ मारते ही वहाँ से नौ दो ग्यारह हो लेंगे... नॉटिंघम के नाम ", अपना बियर मग हवा में उठा अपना भाव प्रकट करते हुए डेनियल ने मार्विन से कहा। 


"अच्छा कैथरीन अब मैं निकलता हूँ, पास के गाँव में समारोह शुरू होने से पहले पहुँचकर अपने स्टॉल का प्रदर्शन करना है नहीं तो फिर काफ़ी भीड़ हो जाएगी जिससे खिलौने ले जाकर स्टॉल में लगाते हुए दिक्कत होगी, वो तो गाँव के मुखिया को अच्छी रकम देकर मेले में ही खिलौने की प्रदर्शनी लगाने के लिए स्टॉल बुक कर लिया था, अब वहाँ ज़्यादा से ज़्यादा खिलौने बिकेंगे ",अपना ओवर कोट पहनते हुए एडवर्ड ने अपनी पत्नी कैथरीन से कहा। वह अपने खिलौने बेचने पास के क्षेत्र में निकल रहा था, इस बात से अनजान कि एक अनजान ख़तरा उनकी ओर बढ़ रहा था और ऐसे ही उस छोटे शहर के कई और लोग भी अनजान थे, वे सभी पास के क्षेत्र में हो रहे समारोह का लुत्फ़ उठा रहे थे, ये समारोह करीब दस दिन चलने वाला था और इन्ही दस दिनों में सब कुछ बदलने वाला था। 

                           To be continued... 

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द डॉल मैन - 3



अपनी तय की गई मंज़िल पर पहुंच कर डेनियल और मार्विन अपने लिए रुकने की उचित जगह को ढूंढते हैं , बहुत ढूंढने के बाद उन्हें नदी के किनारे एक घर दिखता है, वह किसी और का नहीं बल्कि कुबड़े ओलिवर का था जिससे पूरा गांव दूर रहने में ही अपनी भलाई समझता था,

"मार्विन मुझे ये घर अपने काम के लिए उचित लग रहा है, देखो ये बाकी घरों से काफ़ी दूर है," डेनियल ने मार्विन को घर की तरफ इशारा करके दिखाते हुए कहा।

"हाँ, बात तो तुम सही कह रहे हो... ये घर बाकी घरों से काफ़ी दूर है और जंगल भी बगल में है, हम अपना लूटा हुआ माल यहाँ छुपा भी सकते हैं और सही समय पर निकाल कर उसे बेच भी सकते हैं, किसी को कानो कान ख़बर नहीं लगेगी कि ये कांड किसने किया था, अब बस उस घर में चलकर देखते हैं कि कितने लोग रह रहे हैं, रास्ते में आते समय मारे हुए बटुओं से हम मालिक को रुकने के लिए कुछ पैसे दे देंगे एडवांस के तौर पर जिससे उसे हम पर शक़ भी नहीं होगा, हम उसे झाँसा दे देंगे कि हम पास के गांव में होने वाले समारोह को देखने आए हैं लेकिन हमें कहीं रुकने की जगह नहीं मिली इसलिए आपके यहाँ पूछने चले आए ", मार्विन ने डेनियल से सहमत होते हुए उसे सारी योजना समझाते हुए कहा।

" बात तो पते की कह रहे हो... बस घर में ज़्यादा लोग न हों और मालिक तैयार हो जाए हमें रोकने के लिए ", डेनियल ने मार्विन की योजना से सहमत होते हुए कहा।

" तो चलकर पूछ ही लेते हैं ", मार्विन ने डेनियल से कहा और दोनों छोटी पहाड़ी से नीचे नदी के किनारे उस घर के नज़दीक पहुँचे, दोनों रास्ते भर हर जगह को अच्छी तरह से देखते हुए ओलिवर के घर पर पहुँचे थे। घर के करीब पहुंचकर मार्विन ने उसके दरवाजे को खटखटाया। कुछ देर बाद दरवाज़ा खुला और ओलिवर को देखते ही दोनों पहले तो चौंक गए, फिर थोड़ा संभलते हुए उसे सारी बातें बताने का निर्णय किया। 

"हम मुसाफिर हैं और पास के इलाके में होने वाले समारोह को देखने आए हैं, हम रुकने की जगह ढूँढ रहे थे मगर कहीं कोई कमरा खाली नहीं मिला, निराश होकर लौट ही रहे थे इतने में आप का मकान देखा तो बड़ी उम्मीदों के साथ आपसे पूछने चले आए... आप जितना किराया मांगेंगे हम देने को तैयार हैं और कुछ अडवांस भी देने को तैयार हैं ", मार्विन ने बड़ी होशियारी से अपनी बात ओलिवर को समझाई। 

" कहाँ से आ रहे हैं आप लोग ", ओलिवर ने उन दोनों से सवाल किया और अपने मन ही मन सोचने लगा कि उसके पास अच्छा मौका है कुछ पैसे कमाने और लिया हुआ कर्ज़ चुकाने का। 

" लंदन से... वहाँ हमारा छोटा सा व्यापार है, बहुत सुना है पास के इलाके में होने वाले समारोह के बारे में तो सोचा इस बार चलकर देख ही लेते हैं अगर पसंद आया और देखा कि व्यापार का अच्छा ज़रिया है तो अगले साल अपना भी माल वहाँ बेचेंगे", डेनियल ने मार्विन का साथ देते हुए कुबड़े ओलिवर को चकमा देते हुए कहा। 

" ठीक है... मैं तैयार हूँ तुम दोनों को रहने के लिए जगह देने को, पास का समारोह तो दस दिन चलने वाला है और आज पहला दिन है, उस हिसाब से मैं पूरे दस दिनों का किराया लूँगा, मंज़ूर हो तो बोलो... निकालो पचास पाउंड एडवांस और खाना पास के गांव में ही खाना पड़ेगा, अगर बना सको तो रसोई में सारा सामान मौजूद है क्यूँकि मैं घर में बहुत कम खाता हूँ इसलिए बनाने का झंझट नहीं लेता ", कुबड़े ओलिवर ने उनसे कहा और दस दिनों का किराया भी तय कर लिया। मार्विन और डेनियल उसकी सारी शर्तो को मान गए। 


" इस बार सालाना समारोह में ज़्यादा भीड़ है...क्यूँ एडवर्ड तुम्हारा क्या कहना है ", एडवर्ड के स्टाल पर उसके एक पहचान वाले ने कहा। 

" ठीक कह रहे हो जैकब, इस बार पिछले साल से ज्यादा लोग आए हैं, हर साल भीड़ बढ़ती ही जा रही है, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में इस समारोह की चर्चा होती आयी है और इसलिए लगातार भीड़ बढ़ती ही जा रही है, इस बार कई नए व्यापारियों ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए यहां स्टॉल बुक किए हैं, इससे लोगों के बीच ज़्यादा उत्तेजना फैलती है", एडवर्ड ने जैकब की बातों से सहमत होते हुए कहा। 

" इस साल तुम्हें भी खिलौने बेचने के लिए दो नौजवानो को किराए पर रखना पड़ा, देखो तुम्हारे स्टॉल पर भी कितने बच्चों की भीड़ जमा है ", जैकब ने एडवर्ड से कहा, दोनों मित्र स्टॉल के तम्बू में कुर्सियों पर बैठे हुए थे और किराए पर रखे दोनों लड़कों के काम को देख रहे थे, उन दोनों नौजवानो का इंतज़ाम भी जैकब ने करवाया था जो एडवर्ड का अच्छा मित्र भी था और एडवर्ड को दस दिनों के लिए उसी के यहाँ रुकना था, अपना सारा माल बेचने के लिए, उसके बाद ही वह अपने घर जा सकता था जो पास के शहर में था। 


शाम होते ही रात के खाने का इंतजाम करने दोनों मित्र डेनियल और मार्विन निकले, 

"सारे इलाके को अच्छे से देख लेना, हमें उस घर में लूट डालने में ज़्यादा आसानी होगी जिनके मालिक मौजूद नहीं हैं, इलाके के चौराहे से हम दोनों अलग अलग दिशा में निकलेंगे और फिर बाद में सब कुछ पता करने के बाद इसी रास्ते पर मिलेंगे, जितने लोगों से बात करना उनसे होशियारी से सारी बातें उगलवा लेना, पर ख़ुद पर शक़ मत होने देना और किसी को ये पता नहीं चलना चाहिए हम दोनों एक दूसरे को जानते हैं ", मार्विन ने आगे की योजना डेनियल को समझाते हुए कहा। दोनों ने होशियारी से उस पूरे इलाके की अच्छी तरह से पड़ताल की और अपने खाने पीने का इंतजाम करके  सीधा नदी के किनारे ओलिवर के घर की ओर बढ़ने लगे। किसी को उनपर शक़ नहीं हुआ और होता भी कैसे वे दोनों थे ही इतने शातिर मुजरिम जिनके अंदर ज़रा भी दया नहीं थी। 

                         To be continued... 

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द डॉल मैन - 4


"क्या हुआ डेनियल... कुछ काम की खबर हाथ लगी है क्या, तुम्हें इस इलाके में किसी ने पहचान तो नहीं लिया जो तुम इतनी गहरी सोच में डूबे हो", मार्विन ने कुबड़े ओलिवर के घर पर शराब पीते हुए अपने साथी डेनियल से पूछा।

"नहीं पहचाना तो किसी ने नहीं, आज खाने का इंतजाम करते समय मैंने एक फूलझड़ी को बाज़ार में सामान खरीदते हुए देखा... उसकी नज़रों ने दिल पर वार कर दिया, बहुत दिन हो गए किसी महिला के साथ मस्ती किए हुए, सोच रहा था कि क्यूँ न इस लूट में उसपर भी हाँथ साफ़ कर लूँ", डेनियल ने अपने बुरे इरादे अपने दोस्त मार्विन के समक्ष रखा।

" ओहो... चोरी ऊपर से सीना जोरी, मुझे तुम्हारी योजना पसंद आई और क्या पता चला उस हसीना के बारे में ", मार्विन ने डेनियल से सहमत होकर उस हसीना के बारे में पूछा।

" ज़्यादा कुछ नहीं, बस उस दुकानदार से उसका नाम पता चला, वह उसे एलिजाबेथ बुला रहा था, फिर मैंने उसका पीछा किया और उसका घर देख लिया, वह इस इलाके में रइसों की गिनती में आती है, पहनावे से भी अच्छे परिवार की दिखती है... उसके घर लूट डालने पर हम लोगों को काफ़ी माल मिलने की उम्मीद है ", डेनियल ने आज की घटना विस्तार से मार्विन को समझाई।

" बहुत अच्छे मेरे मिट्टी के शेर... कल ही से उसकी जानकारी निकालने के काम पर लग जाओ, मौका मिलते ही घर के सारे माल के साथ मालिक की बेटी पर भी हाथ साफ़ कर लिया जाएगा, उसके घर में कितने सदस्यों की संख्या है ये भी पता कर लेना ताकि बाद में कोई मुश्किल खड़ी न हो", मार्विन ने डेनियल की तारीफ़ करते हुए उसे आगे की योजना के बारे में समझाया।

" बिलकुल ऐसा मौका भला हाथ से कैसे जाने दे सकता हूँ, कल ही उसकी और उसके परिवार का इतिहास तुम्हारे सामने होगा ", डेनियल ने विश्वास दिलाते हुए मार्विन से कहा और शराब पीने लगा। वह दोनों मित्र बैठकर खा पी रहे थे कि तभी अचानक ओलिवर अपने घर में दाखिल होता है। ओलिवर उन्हें पीता हुआ देखता है तो उसके भी मुँह में पानी आने लगता है पर फिर भी वह खुद में थोड़ा संयम रखता है, अब कैसे न रखता आखिर था तो घर का मालिक, उसे अपने किराएदारों के सामने अपनी इज़्ज़त बना के रखनी थी। चतुर मार्विन उसे देख सब कुछ समझ जाता है और डेनियल की ओर इशारा करते हुए कहता है "अरे, हम लोग अकेले ही बैठे हैं, अपने मकान मालिक को तो हमने पूछा ही नहीं...अरे भाई साहब आप भी हमारा साथ दीजिए, आइए और बढ़िया टर्की खाइए, साथ ही इस बढ़िया वाइन का भी मज़ा लीजिए", डेनियल भी गर्दन हिला कर हाँ में इशारा करता है। 

"अरे नहीं भाई, आप लोग खाइए पीजिए ", ओलिवर ने अपना मन मारते हुए उन दोनों से कहा। 

" अरे आइए न, हम सभी रात का खाना साथ ही खाते हैं ", डेनियल ने भी मार्विन का साथ देते हुए ओलिवर की ओर इशारा करते हुए कहा। 

" चलिए आप लोग जब इतना प्यार जता के कह रहे हैं तो, मैं भी साथ देने को तैयार हूँ ", ओलिवर ने उन दोनों से कहा और उनके सामने बैठ गया। 

"ये हुई न बात मेरे भाई... खाने पीने में शर्माना नहीं चाहिए, अब तो हम सब एक ही छत के नीचे इस थैंक्स गिविंग टेबल पर बैठे हैं, एक भाई की तरह तो फिर कैसा शर्माना ", मार्विन ने ओलिवर की ओर देखते हुए कहा। 

" क्यूँ नहीं हम सब भाई ही हुए और आप ने तो हमारी इतनी सहायता भी की है, रुकने के लिए जगह दी है... आपका तो हम पर एहसान है ", डेनियल ने भी मार्विन का साथ देते हुए ओलिवर से कहा। 

" अरे भाई अब इंसान ही तो इन्सान के काम आता है और मैंने कोई एहसान नहीं किया, एक अच्छे इंसान होने का फर्ज़ निभाया है ", ओलिवर ने शर्माते हुए शराब का ग्लास उठा उन दोनों से कहा। 

" ये बात आपने सही कही कि इंसान ही इंसान के काम आता है, इसमे भी कोई शक़ नहीं की आप एक भले इंसान हैं जिसका एक बड़ा दिल भी है ", मार्विन ने भी चापलूसी दिखाते हुए कहा। 

" धन्यवाद, आप लोगों का की आप लोगों ने मुझे खाने के लिए आमंत्रित किया, इसमें कोई शक नहीं कि आप दोनों का भी दिल बड़ा है, वर्ना आज कल कोई मुफ़्त में दारू नहीं पिलाता है ", ओलिवर ने भी आभार प्रकट करते हुए उन दोनों की ओर देखकर कहा। 

"अरे धन्यवाद कैसा... आप हमारे बड़े भाई की तरह हैं, आपके घर में हम लोग रह रहे हैं, बड़े भाई अगर इन छोटे भाईयों से कोई गलती हो जाए तो माफ़ करना ", मार्विन ने ओलिवर की ओर देखते हुए कहा। 

" अरे नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है, आप लोग आराम से यहाँ रहें और यूँ ही खाते पीते मस्त रहें... बस किराया कम नहीं होगा क्यूँकि मेरी अपनी भी कुछ मजबूरियाँ हैं ", ओलिवर ने उन दोनों की ओर देखते हुए कहा।

"अरे नहीं बड़े भाई ऐसा बिलकुल नहीं होगा, हम लोग अपनी ज़ुबान के पक्के हैं, जो कह दिया सो कह दिया, आपका किराया कम नहीं होगा... हमारे पास इतने पैसे हैं कि किराया देते हुए रोज़ खा पी सकते हैं, आखिर इज़्ज़तदार नागरिक हैं", मार्विन ने अपनी सफाई देते हुए ओलिवर से कहा। 

" तब तो हमारा भाईचारे का रिश्ता बर्करार रह सकता है, लीजिए एक पेग और बनाइए, इस बात पर ", ओलिवर भी कम न था उसने भी चतुराई दिखाते हुए उन दोनों से कहा। सबके बीच बातचीत का दौर यूँही चलता रहता है, उन तीनों की महफिल काफ़ी देर तक चलती रहती है। खाना पीना ख़त्म होने के बाद सभी अपने कमरे में चले जाते हैं। रात थोड़ी और बीतती है, घर के पीछे की ओर जंगल से भेड़ियों की रोने की आवाज़ सुनाई पड़ने लगती है।

अचानक ही मार्विन का नशा चीटकते ही उसकी नींद टूटती है, वह उन जंगली भेड़ियों की आवाज़ को साफ़ सुन सकता था और लेटे हुए दुबारा नींद आने का इंतजार करता है कि तभी उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई देती है। वह खुद को रोक नहीं पाता है और बिस्तर से उठकर दरवाज़े की ओर बढ़ता है। 

                            To be continued... 

                 ©IVANMAXIMUSEDWIN



द डॉल मैन - 4



"क्या हुआ डेनियल... कुछ काम की खबर हाथ लगी है क्या, तुम्हें इस इलाके में किसी ने पहचान तो नहीं लिया जो तुम इतनी गहरी सोच में डूबे हो", मार्विन ने कुबड़े ओलिवर के घर पर शराब पीते हुए अपने साथी डेनियल से पूछा।

"नहीं पहचाना तो किसी ने नहीं, आज खाने का इंतजाम करते समय मैंने एक फूलझड़ी को बाज़ार में सामान खरीदते हुए देखा... उसकी नज़रों ने दिल पर वार कर दिया, बहुत दिन हो गए किसी महिला के साथ मस्ती किए हुए, सोच रहा था कि क्यूँ न इस लूट में उसपर भी हाँथ साफ़ कर लूँ", डेनियल ने अपने बुरे इरादे अपने दोस्त मार्विन के समक्ष रखा।

" ओहो... चोरी ऊपर से सीना जोरी, मुझे तुम्हारी योजना पसंद आई और क्या पता चला उस हसीना के बारे में ", मार्विन ने डेनियल से सहमत होकर उस हसीना के बारे में पूछा।

" ज़्यादा कुछ नहीं, बस उस दुकानदार से उसका नाम पता चला, वह उसे एलिजाबेथ बुला रहा था, फिर मैंने उसका पीछा किया और उसका घर देख लिया, वह इस इलाके में रइसों की गिनती में आती है, पहनावे से भी अच्छे परिवार की दिखती है... उसके घर लूट डालने पर हम लोगों को काफ़ी माल मिलने की उम्मीद है ", डेनियल ने आज की घटना विस्तार से मार्विन को समझाई।

" बहुत अच्छे मेरे मिट्टी के शेर... कल ही से उसकी जानकारी निकालने के काम पर लग जाओ, मौका मिलते ही घर के सारे माल के साथ मालिक की बेटी पर भी हाथ साफ़ कर लिया जाएगा, उसके घर में कितने सदस्यों की संख्या है ये भी पता कर लेना ताकि बाद में कोई मुश्किल खड़ी न हो", मार्विन ने डेनियल की तारीफ़ करते हुए उसे आगे की योजना के बारे में समझाया।

" बिलकुल ऐसा मौका भला हाथ से कैसे जाने दे सकता हूँ, कल ही उसकी और उसके परिवार का इतिहास तुम्हारे सामने होगा ", डेनियल ने विश्वास दिलाते हुए मार्विन से कहा और शराब पीने लगा। वह दोनों मित्र बैठकर खा पी रहे थे कि तभी अचानक ओलिवर अपने घर में दाखिल होता है। ओलिवर उन्हें पीता हुआ देखता है तो उसके भी मुँह में पानी आने लगता है पर फिर भी वह खुद में थोड़ा संयम रखता है, अब कैसे न रखता आखिर था तो घर का मालिक, उसे अपने किराएदारों के सामने अपनी इज़्ज़त बना के रखनी थी। चतुर मार्विन उसे देख सब कुछ समझ जाता है और डेनियल की ओर इशारा करते हुए कहता है "अरे, हम लोग अकेले ही बैठे हैं, अपने मकान मालिक को तो हमने पूछा ही नहीं...अरे भाई साहब आप भी हमारा साथ दीजिए, आइए और बढ़िया टर्की खाइए, साथ ही इस बढ़िया वाइन का भी मज़ा लीजिए", डेनियल भी गर्दन हिला कर हाँ में इशारा करता है। 

"अरे नहीं भाई, आप लोग खाइए पीजिए ", ओलिवर ने अपना मन मारते हुए उन दोनों से कहा। 

" अरे आइए न, हम सभी रात का खाना साथ ही खाते हैं ", डेनियल ने भी मार्विन का साथ देते हुए ओलिवर की ओर इशारा करते हुए कहा। 

" चलिए आप लोग जब इतना प्यार जता के कह रहे हैं तो, मैं भी साथ देने को तैयार हूँ ", ओलिवर ने उन दोनों से कहा और उनके सामने बैठ गया। 

"ये हुई न बात मेरे भाई... खाने पीने में शर्माना नहीं चाहिए, अब तो हम सब एक ही छत के नीचे इस थैंक्स गिविंग टेबल पर बैठे हैं, एक भाई की तरह तो फिर कैसा शर्माना ", मार्विन ने ओलिवर की ओर देखते हुए कहा। 

" क्यूँ नहीं हम सब भाई ही हुए और आप ने तो हमारी इतनी सहायता भी की है, रुकने के लिए जगह दी है... आपका तो हम पर एहसान है ", डेनियल ने भी मार्विन का साथ देते हुए ओलिवर से कहा। 

" अरे भाई अब इंसान ही तो इन्सान के काम आता है और मैंने कोई एहसान नहीं किया, एक अच्छे इंसान होने का फर्ज़ निभाया है ", ओलिवर ने शर्माते हुए शराब का ग्लास उठा उन दोनों से कहा। 

" ये बात आपने सही कही कि इंसान ही इंसान के काम आता है, इसमे भी कोई शक़ नहीं की आप एक भले इंसान हैं जिसका एक बड़ा दिल भी है ", मार्विन ने भी चापलूसी दिखाते हुए कहा। 

" धन्यवाद, आप लोगों का की आप लोगों ने मुझे खाने के लिए आमंत्रित किया, इसमें कोई शक नहीं कि आप दोनों का भी दिल बड़ा है, वर्ना आज कल कोई मुफ़्त में दारू नहीं पिलाता है ", ओलिवर ने भी आभार प्रकट करते हुए उन दोनों की ओर देखकर कहा। 

"अरे धन्यवाद कैसा... आप हमारे बड़े भाई की तरह हैं, आपके घर में हम लोग रह रहे हैं, बड़े भाई अगर इन छोटे भाईयों से कोई गलती हो जाए तो माफ़ करना ", मार्विन ने ओलिवर की ओर देखते हुए कहा। 

" अरे नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है, आप लोग आराम से यहाँ रहें और यूँ ही खाते पीते मस्त रहें... बस किराया कम नहीं होगा क्यूँकि मेरी अपनी भी कुछ मजबूरियाँ हैं ", ओलिवर ने उन दोनों की ओर देखते हुए कहा।

"अरे नहीं बड़े भाई ऐसा बिलकुल नहीं होगा, हम लोग अपनी ज़ुबान के पक्के हैं, जो कह दिया सो कह दिया, आपका किराया कम नहीं होगा... हमारे पास इतने पैसे हैं कि किराया देते हुए रोज़ खा पी सकते हैं, आखिर इज़्ज़तदार नागरिक हैं", मार्विन ने अपनी सफाई देते हुए ओलिवर से कहा। 

" तब तो हमारा भाईचारे का रिश्ता बर्करार रह सकता है, लीजिए एक पेग और बनाइए, इस बात पर ", ओलिवर भी कम न था उसने भी चतुराई दिखाते हुए उन दोनों से कहा। सबके बीच बातचीत का दौर यूँही चलता रहता है, उन तीनों की महफिल काफ़ी देर तक चलती रहती है। खाना पीना ख़त्म होने के बाद सभी अपने कमरे में चले जाते हैं। रात थोड़ी और बीतती है, घर के पीछे की ओर जंगल से भेड़ियों की रोने की आवाज़ सुनाई पड़ने लगती है।

अचानक ही मार्विन का नशा चीटकते ही उसकी नींद टूटती है, वह उन जंगली भेड़ियों की आवाज़ को साफ़ सुन सकता था और लेटे हुए दुबारा नींद आने का इंतजार करता है कि तभी उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई देती है। वह खुद को रोक नहीं पाता है और बिस्तर से उठकर दरवाज़े की ओर बढ़ता है। 

                          To be continued...

                  ©IVANMAXIMUSEDWIN 

                                 


  



                               













                               


 

Comments

  • Super thriller and suspense continues, God bless you dear writer.

    Feb 20, 2021

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