
प्यार के किस्से
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Category : Poems
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मिले थे कल जो तुमसे हम , उसी बाजार के किस्से ।लिखूंगा आज कागज पर , हमारे प्यार के किस्से ।पलटकर देखता था मैं ,इरादे नेक थे अपने ।थोड़ी शैतानियां भी थी ,थोड़े एहसास थे अपने ।तलाशा अंजुमन में भी , तेरे दीदार के किस्से ।लिखूंगा आज कागज पर , हमारे प्यार के किस्से ।हसरतें मिटती कहाँ थीं ,मामला तब दिल का था ।बोतलें टिकती कहाँ थीं ,कश्मकश महफ़िल में था ।कह रहा था नाव से मझधार के किस्से ।लिखूंगा आज कागज पर , हमारे प्यार के किस्से ।तड़पना लाजमी था पर ,मुझे मालूम था इतना ।सफर कांटों का भी होगा ,गुलाबों का जतन जितना ।तबियत से लिखूंगा मैं तेरे रुख़सार के किस्से ।लिखूंगा आज कागज पर , हमारे प्यार के किस्से ।✍️ धीरेन्द्र पांचाल
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