
बचकानी बातें
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Category : Poems
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तेरी ये बचकानी बातें , तेरी वो बचकानी बातें ।।हर रोज जगाया करती मुझको वो शैतानी बातें ।तेरी ये बचकानी बातें .........हंसना और शर्माना तेरा करती दिल पे घातें ।पीछे मुड़ फिर आगे बढ़ती हो जाती बरसातें ।जुल्फ हटे गालों से खुले हजारों दिल मे खाते ।तेरी ये बचकानी बातें .........अधरों की लाली से झलके , चाहत की बारातें ।माथे की सिकुड़न तेरी सब कह जाती जज़्बातें ।तेरे ही यादों से अब तक जिंदा अपनी रातें ।तेरी ये बचकानी बातें .........फूलों को ही सहनी पड़ती काटों की आघातें ।पंखुड़ियों से चलती जिनके प्यार वफ़ा के नाते ।मिट्टी अपनी खुद करती है उस कंकड़ से बातें ।तेरी ये बचकानी बातें .........संगम वाली चाय प्रिये हम जाम समझ पी जाते ।हँस करके तू जान पुकारे जीते जी मर जाते ।गर तेरा जो साथ मिले हम खुद संगम हो जाते ।तेरी ये बचकानी बातें .........✍ धीरेन्द्र पांचाल
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