बड़ी हवेली - 3 Read Count : 366

Category : Books-Fiction

Sub Category : Horror

कमांडर इन एक्शन- 2


लुटेरों का सरदार जहाज पर ज़ोरदार टक्कर लगने की वजह से और अपने जहाजों के छतिग्रस्त हो जाने की वजह से क्रोध में आ जाता है, उसके सारे आदमी जहाज पर फैल जाते हैं। तनवीर की हालत खराब हो जाती है कोहरे में टार्च की रोशनियों को अपनी ओर आता देख कर, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि जहाज के किस हिस्से में जाकर छुपे इतने में कमांडर तेजी से तनवीर को हवा में उड़ा कर ले जाता है, लुटेरे टार्च की रोशनी में जहाज का चप्पा चप्पा छान मारते हैं लेकिन उन्हें किसी के होने का कोई सुराग नहीं मिलता है। कोहरा घना होने के कारण ज़्यादा दूर तक देख पाने असमर्थ लुटेरे अपने ही सिरों के ऊपर उड़ते कमांडर और उसे पकड़ कर लटका हुआ तनवीर नहीं दिखता है। उन्हे अपने साथी जहाज भी दिखाई नहीं देते हैं, वो ये देखकर काफ़ी हैरान हो जाते हैं और इस घटना के बारे में अपने सरदार को बताते हैं।

सरदार भी इस विषय को लेकर काफी चिंतित हो जाता है कि अचानक उसके सारे जहाज कहाँ गायब हो गए, सभी अनुमान लगाते हैं कि हो न हो ये किसी खतरनाक शार्क मछली या किसी समुंद्री जीव का ही काम होगा, जिसे देख उनके सारे साथी जहाज लेकर इधर-उधर हो गए होंगे और कुछ जहाज दुर्घटना ग्रस्त हो गये होंगे, अगर कुछ जहाज इधर-उधर हुए भी होंगे तो सुबह मौसम साफ़ होने पर उनके पास पहुंच ही जाएंगे। ये सोचकर उनके मन को थोड़ी राहत मिली पर उन्हे क्या मालूम था कि कमांडर ने एक भी जहाज नहीं छोड़ा है और न ही उनका कोई साथी बचा है, जो कमांडर से दहशत खा कर समुन्द्र में कूद गए थे वह भी ठंड से जमा देने वाले समुन्द्र के पानी में जम गए होंगे।

"सरदार जब से हमलोग इस जहाज पर आए हैं कुछ अच्छा नहीं हो रहा है, मुझे तो ऐसा लगता है आज का दिन ही सही नहीं था या फिर ये एक मनहूस जहाज है", एक समुंद्री लुटेरा अपने सरदार के सामने अपनी बात को प्रकट करता है।

"ये तो मानना पड़ेगा कि आज का दिन कुछ सही नहीं था पर जहाज को तो बस लूटना था अब ये मनहूस है कि नहीं ये नहीं कहा जा सकता है, लुटेरा बनने के इतने सालों बाद मैंने ऐसा कुछ होते पहली बार देखा है, अब तक जो कुछ भी हुआ था उसमें नुकसान हमारा नहीं बल्कि इस जहाज पर काम करने वालों का हो रहा था पर अब जो हो रहा है उसमें हमारा नुकसान हुआ है, हमारे कुछ साथी जहाज घने कोहरे के कारण रास्ता भटक कर शायद पीछे रह गए और दो तीन जहाज शायद उस समुंद्री जीव के कारण आपस में टक्कर मार कर दुर्घटना का शिकार हो गए, जिसका झटका हम सभी ने इस जहाज पर भी महसूस किया", लुटेरों के सरदार ने अपने बाकि के साथियों को समझाते हुए कहा। 

" ज़रा जहाज के कंट्रोल रूम में जाकर, बिजली के कनेक्शन को चेक करो, आखिर अब तक लाइट क्यूँ नहीं आई, " लुटेरों के सरदार ने अपनी बात जारी रखते हुए अपने साथियों को लाइट चेक करने का दुबारा आदेश दिया। उनमें से दो जहाज के सबसे ऊपर स्थिति कंट्रोल रूम कि तरफ़ बढ़े, जो कैप्टन के कंट्रोल कैबिन से सटा हुआ था, पर उनके वहां तक पहुंचने से पहले ही जहाज की लाइट दुबारा वापस आ जाती है। लुटेरों का सरदार अपने साथियों समेत डाइनिंग हॉल में वापस चला जाता है। लाइट वापस आते ही कमांडर और तन्नू भी जहाज पर वापस अपनी योजना को अंजाम देने के लिए छुप जाते हैं और कुछ देर यूँ ही छुपे रहने के बाद दोनों दबे पांव जहाज के इंजिन रूम की ओर आगे बढ़ते हैं। 


"एक तो घना कोहरा ऊपर से अशांत लहरें ऐसे में हमेशा यही डर लगा रहता है कि कहीं जहाज किसी आइस बर्ग से न टकरा जाएं," चालक दल का सदस्य इंजिन कंट्रोल रूम में अपने एक साथी से कहता है।

"बिलकुल सही कह रहे हो, समुन्द्र का ये हिस्सा जगह जगह पर आइस बर्ग के बड़े बड़े टुकड़ों को अपने में समेटे हुए है", चालक दल का दूसरा साथी उसकी बात पर सहमति जताते हुए कहता है ।

" इस जहाज को सुरक्षित रूप से इसकी मंज़िल तक लेकर जाने की ज़िम्मेदारी तुम्हारी है, फिर चाहे आइस बर्ग आए या कोई दूसरा पहाड़, क्या फर्क पड़ता है, तुमलोग आखिर इतनी तनख्वाह किस बात की ले रहे हो ", चालक दल के उन दोनों बंदियों से AK-47-1948 मॉडल गन लिए एक लुटेरा कहता है। 

" सरदार ने भी जहाज के कैप्टन को डाइनिंग हॉल में बन्दी बना कर रखा है और इन नौसिखीयों को जहाज चलाने के लिए दे दिया है, अगर ये दिशाहीन हो गए तो जहाज लंदन के बजाय अमेरिका पहुँचा देंगे... हा... हा... हा", दूसरे लुटेरे ने इंजिन कंट्रोल रूम में बैठे साथियों से कहा और ठहके मारने लगा। 


" घने कोहरे के कारण कुछ भी देख पाना मुश्किल होता है, इसमें इतना हंसने वाली क्या बात है, कैप्टन के रहने से थोड़ी राहत होती है, उनका तजुर्बा काम आता है," चालक दल के सदस्यों में से एक ने उन लुटेरों से कहा। 

"अबे तो तुमलोगों की भर्ती क्यूँ कर लेते हैं, कुछ सीखो अपने कैप्टन से, इतने सालों से क्या उसके साथ झक मार रहे थे कि पापा आएंगे उंगली पकड़ कर जहाज चलाना सिखाएँगे, पापा जो आकर बेटे की उंगली पकड़कर जहाज चलाना सीखने वाले थे वही उंगली बेटा तुम अपने होटों पर रख कर चुपचाप जहाज चलाओ, नहीं तो हमारी बंदूक बोलती बंद कर देगी, 

यहाँ इनका कोई नौकर बैठा है जो इनके कैप्टन पापा को बुलाकर लाएगा ", एक लुटेरे ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा। 


अचानक उस इंजिन रूम में मौजूद हर सदस्य के कानो में एक अनजान सीटी की मधुर धुन सुनाई पड़ती है, उन सभी को आश्चर्य हुआ, उन लुटेरों में से एक ने उस मधुर धुन का पीछा करना शुरू किया, कुछ देर के लिए वह इंजिन कंट्रोल रूम के बाहर दरवाजे पर खड़ा रहा फिर वह आगे की ओर बढ़ा। घना कोहरा होने के कारण नज़दीक का कुछ भी देख पाना असंभव था, इसलिए वह लुटेरा सिर्फ सीटी की मधुर धुन ही सुनकर उसके पीछे हो लिया। 


"आ... आ ह... आ ईईईईईई", कुछ देर बाद उस लुटेरे की दर्द नाक चीख़ सुनाई पड़ती है, पर इंजिन रूम के काफ़ी दूर होने की वजह से उसके साथियों तक उसकी चीख़ नहीं सुनाई पड़ती है। 


"काफ़ी देर हो गई, अब तक लौटकर नहीं आया, सीटी की आवाज आना भी बंद हो गई", एक लुटेरे ने अपने साथी के न लौटने पर दूसरे लुटेरे से कहा। 

"अरे कुछ नहीं थोड़ी देर बाद लौट आएगा", दूसरे लुटेरे ने उससे ढांढस बंधाते हुए कहा। 

थोड़ी देर बाद इंजिन रूम के बाहर फ़िर से कोई वही सीटी की धुन बजाता है, एक लुटेरा उस सीटी की धुन सुनकर फ़िर से उसके पीछे जाता है। 


उधर डाइनिंग हॉल में सरदार अपने साथियों से कहता है" बहुत देर हो गई अब तक लगैज कंपार्ट्मेंट से कोई वापस नहीं आया, ज़रा जाकर देखना कि उन्हें ऐसा कौन सा ख़ज़ाना मिल गया है जो अब तक कोई भी वापस नहीं लौटा", सरदार अपने साथियों को लेकर काफ़ी चिंतित था उसे उनके न लौटने पर शंका ने घेर लिया था। 


इधर सीटी की आवाज सुन कर लुटेरा पीछे पीछे जहाज के सुनसान कोने में पहुंच जाता है, जहाँ एक दम से सीटी की आवाज आनी बंद हो जाती है," आ ई ईईईईई... या... आ आ ", एक दर्द नाक चीख अब उस सीटी की जगह ले चुकी थी पर ये सीटी बजाने वाले की नहीं बल्कि सीटी की आवाज सुनकर पीछे जाने वाले उस लुटेरे की थी, जिसकी खोपड़ी पकड़ कर कमांडर ने धड़ से अलग कर दिया था।


काफ़ी देर तक इंजिन रूम में बैठे उन लुटेरों के साथियों के न लौटने पर एक लुटेरा काफ़ी चिंतित हो जाता है और अपने बाकी के दो बंदूक धारी साथियों से कहता है "मैं ज़रा देखकर आता हूँ कि क्या माजरा है", और अपने लापता साथियों को ढूंढने इंजिन रूम से बाहर निकल जाता है। 


कुछ दूरी तक आगे बढ़ने के बाद उसे कोई पीछे से पुकारता है "ए किधर को जाता है मैन, अपना साथी लोगों को ढूँढता है क्या," एक भारी सी आवाज़ ने उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और वह उस आवाज़ का चेहरा देखने के लिए पीछे मुड़ा। उसने देखा कि एक खोपड़ी हवा में उड़ रही है और उसकी आँखें लाल रोशनी से चमक रही हैं। ये नज़ारा देख कर उसकी चीख़ निकलने ही वाली थी कि अचानक पीछे से कोई उसका सिर पकड़ कर उसे धड़ से अलग कर देता है। "आ... आ... या" की दर्द नाक दबी हुई पुकार निकलती है, कमांडर का धड़ इतनी फुर्ती से सिर को धड़ से अलग करता है कि वह लुटेरा मदद के लिए भी अपने साथियों को नहीं बुला पाता है। 


उधर लुटेरे लगैज कंपार्ट्मेंट में छान बीन करने के बाद, अपने सरदार के पास उस लगैज कंपार्ट्मेंट इंचार्ज को बेहोश हालत में बरामद करके लाए, उसे होश में लाने के लिए उसके चेहरे पर पानी की छींटे मारी गईं, "नहीं... नहीं... मुझे मत मारो... मैंने कुछ नहीं किया", कंपार्ट्मेंट इंचार्ज होश में आते ही रहम की भीख मांगने लगता है, ये देख हॉल में बैठे सभी लोग आश्चर्य चकित हो जाते हैं और काफ़ी घबरा जाते हैं। 

"डरो नहीं तुमने ऐसा क्या देख लिया", जहाज का कैप्टन अपने घबराए हुए साथी से पूछता है। 

" तू चुप कर, ए तू बता मेरे साथियों को उस कंपार्ट्मेंट में किसने मारा और ऐसा क्या हुआ था वहां", लुटेरों का सरदार क्रोध में आकर जहाज के कैप्टन को चुप रहने को कहता है फिर कंपार्ट्मेंट इंचार्ज से लगैज कंपार्ट्मेंट में हुए हादसे के बारे में पूछता है। 

"वहाँ उस कंपार्ट्मेंट में मौत का खौफनाक साया है, वह इतना खतरनाक और ताकतवर था कि उसके आगे तुम्हारे साथियों के हत्यार बेकार साबित हो गए और उस साये ने एक एक कर के तुम्हारे सभी साथियों का शिकार कर दिया, ऐसा लग रहा था कि मानो शेर ने जंगल में शिकारियों का शिकार करने मन पहले से ही बना रखा था, मैं उसका चेहरा तो ठीक से नहीं देख पाया लेकिन उसकी मौजूदगी बदन के सारे रौंगटे खड़े करने के लिए काफ़ी थी, उसने तुम्हारे साथियों के अन्दर इतनी दहशत पैदा कर दी थी कि वह सभी उसके सामने टिक पाने में असमर्थ थे ", लगैज कंपार्ट्मेंट के इंचार्ज ने डाइनिंग हॉल में मौजूद लुटेरों के सरदार से कहा। डाइनिंग हॉल में मौजूद अरुण उसकी बातें सुनकर सारी कहानी समझ जाता है, वह लगैज इंचार्ज किसका ज़िक्र कर रहा था ये भी उसकी समझ में आ जाता है। 

" ऐसा कौन सा आदमी पीछे रह गया, जो इस जहाज में सबसे खतरनाक साबित हो रहा है, कहीं उसी ने तो हमारे छोटे जहाज नहीं भटका दिए लेकिन जहाज से नीचे उतरकर वह ऐसा कैसे कर सकता है", लुटेरों के सरदार ने अपने साथियों से आश्चर्य जताते हुए कहा। 


उधर इंजिन रूम में भी हलचल मच गई थी, एक एक करके सारे लुटेरे लपता हो रहे थे, बाकि के दो इस बात से हैरान थे उनके साथी गए तो गए कहाँ, अगर शौच क्रिया भी कर रहे होंगे तो इतना समय नहीं लगेगा, लेकिन इस कार्य के लिए भी कोई नहीं निकला था, पर वो तो गुमनाम सीटी की आवाज सुनकर उसके पीछे गए थे, अब उन लुटेरों को शक़ होने लगा था कि कोई तो है जो आज रात शिकार की योजना बनाए बैठा है, अब सभी के मन में दहशत समा चुकी थी फ़िर चाहे इंजिन रूम में हो या डाइनिंग हॉल में हो, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उस जहाज पर 300 साल पुराने शिकारी ने घात लगा रखी थी। एक ऐसा शिकारी जिसने 300 साल पहले चालीस के चार कर दिए थे, 300 साल पहले भले ही वह मात खा गया हो लेकिन अब वह एक घायल शेर की तरह था जो पहले से ज्यादा खतरनाक बन चुका था और आज की रात वो फिर से शिकारियों का शिकार कर रहा था, एक ऐसा शिकारी जिसे मौत भी पूरी तरह से परास्त नहीं कर पायी थी। आज रात वो सब पर भारी पड़ने वाला था और इस बात का प्रमाण सभी के चेहरों पर साफ़ दिख रहा था क्यूँकि खौफ़ से सभी के चेहरे फीके पड़ चुके थे और लुटेरों के सरदार का डर से गला सूख चुका था, अब उसकी अकड़ निकल चुकी थी क्यूँकि उसे पता चल चुका था कि उससे भी ज्यादा अकड़ू शख्स इस जहाज पर मौजूद था जो किसी भी किस्म के समझौते के लिए तैयार होने वाला नहीं था और इस बात का प्रमाण साफ़ दिख रहा था, जहाज पर हर तरफ लुटेरों की लाश बिखरी पड़ी थी जिन्हें बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया गया था। 

                

डर से कांपते हाथों में अपनी बंदूक पकड़े हुए एक लुटेरा इंजिन रूम से बाहर निकलता है, उसके चेहरे से भय साफ़ झलक रहा था, फिर भी थोड़ी हिम्मत जुटा कर उसने इंजिन रूम की सीढ़ियाँ उतरी। घने कोहरे के कारण वह भी ठीक से देखने में असमर्थ था। डेक पर चलते हुए वह जहाज के आगे के हिस्से में पहुंचता है। कुछ दूर चलते ही घने कोहरे में कमांडर अपनी जलती  लाल आँखो के साथ प्रकट होता है "हा... हा... हा... हा," उस लुटेरे की डर से पतलून वहीं गीली हो जाती है, "ओह! तुम तो कुछ ज़्यादा ही डर गया मैन," कमांडर ने भारी स्वरों में हँसते हुए कहा और तुरन्त ही उसके धड़ ने उठा कर उसे समुंद्र की गहराइयों में फेंक दिया, समुंद्र का पानी उसे ठंड से जमा देने वाला था। 

अब इंजिन रूम में एक ही लुटेरा और कुछ चालक दल के सदस्य बचे थे। तन्नू ने बिना मौका गंवाए उस लुटेरे पर छलाँग लगा दी, तन्नू इसी घात में बैठा हुआ था कि कब लुटेरों के दल का आखिरी सदस्य इंजिन रूम में अकेले मौजूद रहेगा। उसे कमांडर ने ऐसा करने का आदेश देते हुए इंजिन रूम की सीढ़ियों के ठीक नीचे ही छुपे रहने को कहा था। अब जहाज में मौजूद चालक दल के कुछ सदस्यों ने भी हिम्मत दिखाते हुए तनवीर का साथ दिया है और उस लुटेरे पर काबू पा लिया। उसे इंजिन रूम में ही बुरी तरह पीट कर बन्दी बना लिया गया था। 


अब तन्नू ने उन चालक दल के सदस्यों में से तीन सदस्यों को लेकर डाइनिंग हाल की तरफ़ बढ़ा, हॉल के सामने ही लुटेरे से छीनी हुई बंदूकों से गोलियां चलाईं और छुप गए। लुटेरों के सरदार को यह सोच कर जान में जान आई कि यह किसी इंसान का ही काम है, एक मामूली इंसान का उसने दरवाजा खुलवाकर अपने साथियों से मुकाबला करवाया, 20 लुटेरे उस डाइनिंग हॉल में थे जो अपने सरदार के कहने पर जहाज के कर्मियों को बन्दी बनाए हुए थे। 

डाइनिंग हॉल का दरवाजा खुलते ही दो लुटेरों ने आगे बढ़कर गोलीबारी शुरू कर दी। 


तन्नू और कुछ लुटेरों ने भी गोलियां चलाना शुरू कर दिया, दोनों तरफ से लगातार गोलियों की बौछार होने लगी। तन्नू और उसके साहायकों के पास गोलियां कम होने के कारण, वो लोग गोलियां चलाते हुए धीरे धीरे जहाज के डेक की ओर बढ़ने लगे, लुटेरों के सरदार ने उन्हें पीछे हटता देख गोलियां चलाते हुए आगे बढ़ना शुरू कर दिया। जैसे ही लुटेरे डेक पर पहुँचे, तन्नू और उसके साहायकों ने गोलियां चलाना बंद कर दिया और सुरक्षित स्थान पर जाकर छुप गए। एकदम से घने कोहरे में आने के कारण लुटेरे कुछ भी देख पाने में असमर्थ थे, सरदार ने अपने पंद्रह लुटेरों को जहाज पर हत्यारे को खोज निकालने के लिए फैल जाने का इशारा किया बाकि के पांच अब भी डाइनिंग हॉल में सभी को बन्दी बनाए हुए थे। 

"धाएँ...धाएँ...धाएँ...आ ईईई...या...आ...आ", स्मिथ एंड वेस्सों मॉडल 60 - 1965 रिवॉल्वर से तीन गोलियां चलने के बाद एक दर्द नाक चीख़ ने कुछ लुटेरों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, वह सभी घटना स्थल पर पहुंचे और वहां मुड़ी हुई गर्दन के साथ उनके साथी की लाश पड़ी हुई थी। 

" ये किसने किया होगा, इसकी तो बहुत बुरी हालत हो गई है, इतनी बेदर्दी से तो कोई बहुत ताकतवर इंसान ही मार सकता है", एक लुटेरे ने अपने बाकि के साथियों से कहा, कुछ ही देर में लुटेरों का सरदार भी वहां पहुंचा, उसने लाश की तफ्तीश की और अपने साथियों से हत्या करने वाले को ढूंढने को कहा।

सभी उस बड़े से जहाज में उस अज्ञात हत्यारे को ढूंढने लगे, किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि उनके साथ हो क्या रहा है। 


"धाएँ...धाएँ... धाएँ... धाएँ... आ... ईईईईई ईईईआ", एक बार फिर से रेमिंग्टन 870 - 1951 मॉडल पंप एक्शन शॉट गन के धमाकों के बाद फिर से एक खतरनाक चीख़ सुनाई पड़ती है और दुबारा सब घने कोहरे की चादर को चीरते हुए अपने साथी के पास पहुंचते हैं उसका सिर धड़ से उखाड़ दिया गया था और उसके पेट को चीरकर उसकी अतड़ियों को बाहर निकाल दिया गया था, इस नज़ारे को देख कर सबकी आंखें खुली की खुली रह गई, उन सबको इस बात की हैरत हुई कि कोई निहत्था ऐसा कैसे कर सकता है। फिर भी सबने हिम्मत न हारते हुए हत्यारे को तलाश करना जारी रखा। 

दो हत्याएं डेक पर हो जाने से लुटेरों के सरदार को डर सा लगने लगा था, उसने अपने साथियों को अब जोड़ों में तलाश करने का आदेश दे दिया था। उसके आदेश का पालन करते हुए लुटेरे जहाज में हत्यारे की तलाश करना शुरू कर दिया। 

उधर तन्नू ने मौका पाते ही चालक दल के सदस्यों के साथ, एक बार फिर से डाइनिंग हॉल की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया था, उसने जहाज पर ही लुटेरों की मौत के बाद उनके हत्यार छुपा कर रखे हुए थे और उनकी सहायता से अब वह एक बार और डाइनिंग हॉल में कब्ज़ा जमाने वाले थे। 


इधर कमांडर ने आज रात ठान लिया था कि उसे अपने हाथ लगने वाला एक भी लुटेरा नहीं छोड़ना है। 

"एक तो इतनी ठंड ऊपर से से इस अज्ञात हत्यारे ने नाक में दम कर रखा है", एक लुटेरे ने तलाश करते समय अपने दूसरे साथी से कहा। 

"हाँ यार बेमतलब का इस जहाज पर कदम रखा सरदार ने, ये एक मनहूसियत से भरा हुआ जहाज है या फिर इस जहाज पर कोई मनहूस साया है जो हम सब पर कहर बरसाए हुए है ", दूसरे लुटेरे ने अपने पहले वाले साथी से कहा। 

" तुम्हें क्या लगता है कि ऐसा काम कौन करेगा, किसी भूत प्रेत या फिर किसी जानवर का हाथ होने की वजह से ही ऐसा हो सकता है, " पहले वाले लुटेरे ने अपने दूसरे साथी से कहा। 


" मुझे इसमें जानवर की कोई उम्मीद नहीं लगती है क्यूँकि कोई भी जानवर इतना होशियार कभी नहीं हो सकता है कि अपने शिकार पर पूरी योजना के साथ हमला करे, मुझे तो कोई ताकतवर इंसान ही लगता है क्यूँकि भूत आजकल के ज़माने में कहाँ होते हैं", दूसरा लुटेरा अपने पहले साथी से कहता है। 

इतने में उनके सामने कमांडर का सिर प्रकट होता है, जिसकी जलती लाल आँखो को देख कर उन लुटेरों की हालत नाजुक हो जाती है, डर ने ठंड में भी उनके माथे से पसीना बहा दिया था। कमांडर के धड़ ने बिना मौका गंवाए एक लुटेरे को उसके पीछे से उठाकर समुन्द्र में फेंक दिया और अगले के कुछ समझ पाने से पहले अपने धारदार नाखूनों वाले पंजों को उसके गले में घुसेड़ दिया। "आ... आ... ग", के दबे हुए दर्द नाक स्वर उसकी पीड़ा को साफ़ बता रहे थे, खून की तेज धारा उसके गले से बहना शुरु हो चुकी थी और उसके शरीर ने कमांडर के जानलेवा वार के सामने दम तोड़ दिया। 

समुंद्र के पानी में लुटेरे को फेंकने से हुई आवाज का उसके कुछ साथियों ने पीछा किया और घटना स्थल तक पहुँचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, उनके दोनों साथी जान से हाँथ धो बैठे थे। लुटेरे हैरत में पड़ गए कि यह सब कुछ उनके साथ क्या हो रहा है, इससे पहले कि कोई समझ पाता एक बार फिर से 

थाॅम्पसन सबमशीन गन्स - 1918 मॉडल की गोलियों की आवाज़ सुनाई पड़ती है "तड़... तड़... तड़ तड़ तड़ तड़ तड़... आ... आ... बचाओ... आ", साथ ही एक दर्द नाक मदद की पुकार भी सुनाई पड़ती है, जिसे सुन सब उस दिशा में भागते हैं पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 


धीरे धीरे कमांडर इसी तरह हर लुटेरों को जहाज पर ख़त्म कर रहा था, लुटेरों का सरदार अब बुरी तरह झुंझला चुका था, हर तरफ उसके साथियों की लाशें ही बिखरी हुई थी, जहां भी लुटेरों का सरदार कोहरे के बादलों को चीरते हुए जा रहा था। लुटेरों की संख्या लगातार घटती जा रही थी। 

"ये सब हो क्या रहा है इस जहाज पर, एक के बाद एक सभी लोग इतनी बुरी तरह कैसे मर सकते हैं, ये मेरी समझ में नहीं आ रहा है ", लुटेरों के सरदार ने गुस्से से आग बबूला हो कर कहा, उसके मन में एक अनजान भय ने जन्म ले लिया था, जिससे निकल पाना उनके लिए नामुमकिन था। 

उधर तन्नू ने डाइनिंग हॉल में मौका पाते ही अरुण को एक ओर हो जाने का इशारा किया, अरुण के बात मानते ही तन्नू ने उन पांच लुटेरों पर हमला कर दिया, गोलीबारी की आवाज़ सुनते ही डेक पर जहाज के पिछले हिस्से से भागते हुए बचे लुटेरे डाइनिंग हॉल की ओर बढ़ने लगे। तन्नू और उसके साथियों ने मिलकर लुटेरों का जम कर मुकाबला किया। हर तरफ से हताश लुटेरे भागते हुए आगे पीछे हो गए जिसका कमांडर ने भरपूर फायदा उठाया और एक एक कर अपने सरदार के पीछे भागने वाले लुटेरों की बची कूची संख्या भी खत्म हो गई, लुटेरों के सरदार को जब यह एहसास हुआ तो पीछे पलट कर देखने लगा "अरे ये क्या हुआ मेरे सारे साथी कहाँ लापता हो गए, कोई भी नज़र नहीं आ रहा है, कहाँ मर गए सब के सब, कहीं उसी अज्ञात हत्यारे ने तो नहीं मार दिया सबको", उन लुटेरों के सरदार ने अपने आप से पूछा। अब यह जानकर कि वह अकेला बचा है उसकी हालत बुरी तरह खराब हो गई थी, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे, एक ओर उसके सारे साथी मौत के घाट उतार दिए गए थे और दूसरी तरफ डाइनिंग हॉल से लगातार गोलियों की आवाज़ सुनाई पड़ रही थी। 

"क्या हुआ चक्कर में पड़ गया क्या" कमांडर ने भारी स्वरों में लुटेरों के सरदार से पूछा। 

"क... क...कौन है, सामने आओ", लुटेरों के सरदार ने डर से अपनी रेमिंग्टन 870 - 1951 मॉडल पंप एक्शन शॉट गन इधर-उधर हर दिशा में घुमा कर देखा और उस अज्ञात आवाज़ से पूछा। 

"निकल गया सारा हेंकड़ी तुम्हारा ", कमांडर ने एक बार फिर उससे अपनी भारी आवाज़ में कहा। 

"धाएँ... धाएँ ...मैं कहता हूँ कौन है इधर, सामने क्यूँ नहीं आता है, मैं गोली मार दूँगा, धाएँ... धाएँ", लुटेरों के सरदार ने आवाज़ देने वाले को कोहरे के कारण न देख पाने की वजह से हवा में डर से इधर उधर ग़लत दिशा में फायर करते हुए कहा। 

"टप... टप... टप", करके तीन बूंदे खून की उस सरदार के गालों पर गिरती हैं, वह उन्हें चेहरे से साफ करके ऊपर की ओर देखता है। 


कमांडर ठीक उसके सिर के ऊपर हवा में उड़ रहा था, उसके खूनी पंजों से लुटेरों के रक्त की बूंदे टपक रही थी, दृश्य इतना भयानक था कि लुटेरों का सरदार देखते ही डर से जम सा गया। कमांडर का सिर अपने धड़ से अलग हो कर सरदार के ठीक सामने आकर उसकी आँखों में आँखें डालकर देखता है।

" य... य... ये क्या बला है, सिर अलग है धड़ अलग है", लुटेरों का सरदार उस भयानक दृश्य को देखकर डर से कांपते हुए कहता है। 


"हम है कमांडर ब्राड शॉ, हमने हमारा समय में तुम्हारा जैसा कितना लुटेरा लोगों को ठिकाने लगाया है जिसका तुमको अंदाज़ा भी नहीं है, अच्छा खासा जहाज लंदन जा रहा था, तुम घुसपैठियों का दल जबर्दस्ती चढ़ कर हमारा यात्रा खराब किया, अब देर होगा या नहीं, अंग्रेजी हुकूमत अपना समय का पाबंदी के वास्ते जाना जाता था और रहेगा, 300 साल बाद लंदन जा रहा था हम और तुम इधर लूटने चला आया", कमांडर ने अपनी आंखों से निकलती तेज़ लाल किरणें उस लुटेरे की आँखो से टकराई और उसे हवा में उठाने लगा, देखते ही देखते लुटेरा हवा में टंग जाता है। फिर कमांडर का धड़ जो हवा में उड़ रहा था नीचे आता है और उस लुटेरे के दोनों पैरों को पकड़ लेता है। तब कमांडर का कटा सिर उससे कहता है "तीन सौ साल से इस पृथ्वी पर सबसे बड़ा लुटेरा भी हम ही था जिसने बेशकीमती कोहिनूर लुटा था मुग़ल सल्तनत से और सबसे बड़ा शिकारी भी हम ही था जिसने केवल नौ लोगों का सहारा लेकर चालीस लुटेरों का चार कर दिया था, आज उन्हीं दस लोगों का ताकत हमारा शरीर के अन्दर मौजूद है, जिसका नमूना हमारा धड़ दिखाने वाला है ", कमांडर का धड़ लुटेरों के सरदार के दोनों पैरों को चीर देता है।

" आ... ईईईई ",  लुटेरों के सरदार की ज़ोरदार चीख़ निकल जाती है, उसके शरीर से तेज़ खून की धारा बहने लगती है और शरीर दो हिस्सों में बंट जाता है। कमांडर उसे एक दर्द नाक अंत देता है, ऐसा दर्द नाक अंत जिसकी पीड़ा का एहसास शायद कोई नहीं करना चाहेगा। 


उधर तन्नू भी जहाज के चालक दल के तीन सदस्यों के साथ मिलकर डाइनिंग हॉल में लुटेरों को ढेर कर देता है, तन्नू को सारे बन्दी सदस्य कंधे पर उठा लेते हैं, सभी को लग रहा था तनवीर ने ही अकेले अपने दम पर जहाज के सारे लुटेरों को ढेर किया है। सब लोग खुशी से नाच गा रहे थे, कोई भी ये नहीं जानता था कि कमांडर ने ये काम किया है क्यूँकि कमांडर सबके सच्चाई जानने से पहले वापस लगेज कंपार्ट्मेंट में जा चुका था और अपने ताबूत में आराम फरमाने के लिए चला गया। 


 नाइट्स इन लंदन - 



"वो आ रहा है... वो आने वाला है... मुझे बचाओ... वो आने वाला है... वो... वो", नींद में सो रही सुंदर एमेलिया कुछ बड़बड़ा रही थी, जिसे सुन उसके पास सो रही मिशेल उसे हिलाकर जगाती है। 

"क्या हुआ एमेलिया कौन आने वाला है, तुम नींद में ये क्या बड़बड़ा रही हो ", मिशेल ने एमेलिया को नींद से जगाते हुए कहा। उससे एमेलिया की हालत देखी नहीं जा रही थी, एमेलिया पसीने से नहा रही थी और बिस्तर पर हाँथ पाँव मार रही थी। मिशेल से ये सबकुछ देखा नहीं गया और उसने एमेलिया को नींद से जगाना ही उचित समझा। एमेलिया और मिशेल साथ ही यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं बस दोनों के विषय अलग हैं, एमेलिया साईंस की स्टूडेंट है तो वहीं मिशेल इतिहास की, दोनों हॉस्टल में एक ही रूम में रहते हैं और पढ़ाई में बढ़िया हैं। सब कुछ ठीक ही था पर कुछ दिनों से एमेलिया को डरावने सपने आ रहे हैं और मिशेल इस बात को लेकर काफी परेशान थी इसलिए आज उसने एमेलिया को नींद से जगाने का निर्णय लिया। एमेलिया ने अपनी आँखे खोली और सामने मिशेल को बैठा हुआ पाया, 

"क्या तुम ठीक हो, तुम्हारी हालत तो बहुत खराब हो रखी है, कोई भी परेशानी हो मुझे बेझिझक बता सकती हो, मैं तुम्हारी मदद करूंगी", मिशेल ने एमेलिया से हमदर्दी जताते हुए कहा और उसकी पीठ धीरे धीरे सहलाने लगी। 

"फ़िर से वही सपना आया था, एक अनजान साया मेरा पीछा कर रहा था और मैं अपनी जान बचा कर भाग रही थी लेकिन फिर भी वह मेरा पीछा नहीं छोड़ता है और मुझे पकड़ लेता है, मैं उसका चेहरा ठीक से नहीं देख पाई लेकिन उसकी भारी आवाज़ मैं अब तक नहीं भूल पाई, उसने मुझसे कहा" मैं आने वाला हूँ एमेलिया... मैं तुम्हारे पास लौटकर आ रहा हूँ", बस उसके बाद मैं अपनी पूरी ताकत के साथ उसका मुकाबला करती हूँ और ख़ुद को बचाने की कोशिश करती हूँ, फिर इतने में तुम्हारी आवाज़ सुनाई पड़ी और मेरी नींद खुल गई", एमेलिया ने मिशेल को सारी बातें बताईं और अपना सिर पकड़ कर बैठ गई। 

"चिन्ता की कोई बात नहीं है कल सुबह ही हम दोनों अच्छे मनोचिकित्सक से मिलेंगे, मैं तुम्हारी परेशानी अच्छी तरह से समझती हूँ, कल के बाद तुम थोड़ा आराम महसूस करोगी, अच्छा चलो अभी सो जाओ, सुबह जल्दी उठना पड़ेगा  ", मिशेल ने एमेलिया का हौसला बढ़ाते हुए अपनी दोस्ती का परिचय दिया और उसे आराम से सो जाने की सलाह दी। एमेलिया ने मिशेल की सलाह मान ली और आराम से सो गई। 

अगली सुबह दोनों जाने माने मनोचिकित्सक डॉक्टर स्मिथ के यहाँ पहुँचे, कुछ पेशंट्स को देखने के बाद एमेलिया का नंबर आया, मिशेल भी उसके साथ ही थी और डॉक्टर के कैबिन तक साथ ही रही। कैबिन के अंदर प्रवेश करते ही दोनों डॉक्टर के सामने रखी टेबल से लगी दोनों कुर्सियों पर बैठ गईं। कैबिन काफ़ी बड़ा था जिसके बायीं ओर डॉक्टर की टेबल से लगा हुआ आराम दायक लाउंज भी रखा था जो शायद पेशंट्स के लिए ही था। कमरे के हर कोने में हरे पाम के सुन्दर पौधे लगे हुए थे, दायीं तरफ एक बड़ी वॉल शेल्फ पर बड़ा सा एक्वेरियम रखा हुआ था जिनमें रँग बिरंगी मछलियों का भंडार था। 

"कहिए मिस एमेलिया क्या परेशानी है आपको", डॉक्टर स्मिथ ने एमेलिया की ओर देखते हुए पूछा। 

"डॉक्टर आपने कैसे पहचाना की ये एमेलिया है, आप तो इससे पहले कभी हम लोगों से नहीं मिले फ़िर आपको कैसे पता चला कि यही एमेलिया," इससे पहले कि एमेलिया कोई जवाब दे पाती मिशेल ने डॉक्टर से पलट कर एक सवाल कर डाला जो था तो काफ़ी हैरान करने वाला क्यूँकि मिशेल सही थी। 

" हा हा हा... हा हा हा, मैं आपको सारी बातें समझाता हूँ, देखिए मैं एक मनोचिकित्सक हूँ और मेरा काम है पेशंट को देखते ही समझ जाना कि वह क्या सोच रहा है और जिस तरह से आप दोनों कैबिन में आईं थीं, मैंने ये देखा कि आप की नज़र मेरे कैबिन के चारों ओर हर चीज़ों पर पड़ी, मैं देखते ही समझ गया कि आप पेशंट के साथ हैं और मेरे पास पेशेंट की वेटिंग लिस्ट है जिसमें एमेलिया का नाम लिखा है, बस उसी हिसाब से पहचान लिया एमेलिया कौन है, तो अब ज़रा मुद्दे पर आ जाएं बताइए क्या परेशानी है ", डॉक्टर स्मिथ ने दोनों को अच्छी तरह से समझाया और एमेलिया से उसकी तकलीफ के बारे में पूछा । 

" कई रातों से डॉक्टर साहब मैं एक ही सपना बार बार देख रही हूँ, जिसमें मैं ख़ुद की जान बचाती हूँ, एक अनजान साया मेरे पीछे लगा है पर लाख कोशिशों के बाद भी मैं उसका चेहरा ठीक से नहीं देख पाती हूँ, वह बार बार मुझसे यही कहता है कि मैं आने वाला हूँ... मेरे सिर में ज़ोर का दर्द भी हो जाता है कभी कभी जब नींद टूटती है लेकिन यह सपना मेरा  पीछा नहीं छोड़ता है ", एमेलिया ने डॉक्टर स्मिथ की ओर देखते हुए सारा माजरा समझाया। 

" आपका बचपन कैसा बीता था, मिस एमेलिया ", डॉक्टर ने एमेलिया से सारी बातें सुनने के बाद उसके बचपन के बारे में पूछा। 

" मैं पोलपररो कॉर्न वॉल, इंग्लैंड से हूँ,मैं एक समृद्ध परिवार से हूँ, पोलपररो कॉर्न वॉल में मेरे पिता के पास अच्छी खासी जायदाद है जिसकी इकलौती वारिस मैं ही हूँ, बचपन से ही मैं एक होनहार छात्रा रही हूँ, मुझे स्कूल के दिनों से ही साईंस में काफ़ी पुरस्कार मिल चुके हैं, स्कूल के दिनों में सब कुछ ठीक ही था पर चौदह साल की उम्र में मुझे स्कूल में खेलते समय सिर पर चोट आई थी उसके बाद से ही हर रात मैं एक हिंदुस्तानी पुरुष का चेहरा अपने सपने में देखती रही थी जो मेरे बाइस वर्ष के हो जाने तक मेरा पीछा करता रहा और अब कुछ दिनों पहले ही मुझे एक अनजान साया दिख रहा है जिसकी लाल चमकदार आँखो के सिवा और कुछ भी नहीं दिखता है, वह मुझे अपनी ओर खींचता है जैसे मुझसे कुछ कहना चाहता हो ", एमेलिया ने विस्तार से डॉक्टर को अपने बचपन के बारे में बताया, जिसे सुनकर डॉक्टर कुछ देर के लिए एक गहरी सोच में डूब गया और कुछ देर बाद अपनी खामोशी को तोड़ते हुए बोला          " मुझे लगता है मिस एमेलिया कि आपको बचपन में सिर पर चोट लगने के कारण ही ऐसी चीजें दिख रही हैं, ऐसे केसेस मेरे पास पहले भी आ चुके हैं, आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं है, मैं कुछ दवाइयां लिख देता हूँ इससे आपको थोड़ा आराम मिलेगा और हाँ, दिमाग पर जोर बिलकुल भी मत डालिए, इन सब बातों के बारे में ज़्यादा सोचकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, दवाइयां समय पर लीजिए और तीन दिन बाद फिर से चेक अप के लिए आइए ", डॉक्टर ने स्मिथ ने अपने तजुर्बे का इस्तेमाल करते हुए दोनों युवतियों को यह बात मानने के लिए मना लिया कि वह एक काबिल डॉक्टर हैं और एमेलिया के मामले में बिलकुल सही भी हैं। दोनों डॉक्टर से दवाइयों का पर्चा लेकर उन्हें धन्यवाद करते हुए कैबिन से निकलकर चलीं जाती हैं। 


"आज तुम्हें लेक्चर के लिए कुछ देर तो नहीं हो गई मिशेल", डॉक्टर ज़ाकिर ने मिशेल की ओर देखते हुए पूछा। 

"दरअसल डॉक्टर आज मेरी रूम मेट की तबीयत खराब थी, इसलिए थोड़ी देर हो गई," मिशेल ने डॉक्टर ज़ाकिर के पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया पर उन्हे डॉक्टर के पास एमेलिया को दिखाने वाली बात नहीं बताई। डॉक्टर ज़ाकिर उसकी समस्या को समझ गए और उससे बस आगे से समय का ध्यान रखने की बात पर ही ज़ोर देते हुए एक छोटा सा लेक्चर दिया। 


रात होती है एमेलिया और मिशेल खाना खाने के बाद कुछ देर के लिए पढ़ाई करने लगते हैं, बाहर काफ़ी ठंड है और कोहरा छाया हुआ है, दूर दूर तक कुछ भी देख पाना संभव नहीं है।  एमेलिया अपनी स्टडी टेबल पर बैठकर एक नज़र खिड़की से बाहर देखती है, खिड़की पर लगे शीशे पर ओस की बूँदें जम गईं थीं। बाहर का कुछ भी देख पाना संभव नहीं था सिवाए ओस की उन बूँदों के, इतने में खिड़की पर उन ओस की बूँदो से एक अज्ञात शक्ति लिख देती है "आई यम कमिंग फॉर यू", एमेलिया इसे देख कर हैरान हो जाती है, क्यूँकि लिखने वाले ने खिड़की पर उल्टा लिखा था जो एमेलिया को इस ओर से सीधा नज़र आ रहा था। एमेलिया ने न तो लिखने वाले का चेहरा देखा और न ही उन लिखने वाले हांथों को देखा, वह लेखनी तो जैसे अपने आप खिड़की के शीशे पर छप सी गई थी। वह इसे देख कर घबरा सी जाती है पर फिर भी एमेलिया ने इसके बारे में मिशेल को बताना मुनासिब नहीं समझा क्यूँकि वह पढ़ाई करने में मशरूफ थी और एमेलिया उसे अपनी वजह से ज़्यादा परेशान नहीं करना चाहती थी। उसे लगा कि यह उसका वहम भी हो सकता है क्यूँकि लेखनी कुछ देर तक रहने के बाद अपने आप ही मिट गई। एमेलिया को डॉक्टर की दी हुई दवाइयों का ख़याल आया उसे लगा कि उसने रात का डोज़ नहीं खाया है इसलिए वह स्टडी टेबल से उठकर सीधा अपने पर्स में से एक गोली निकालकर खा लेती है और पास ही रखे जग से एक ग्लास पानी निकाल कर पी लेती है। फिर वह वापस स्टडी टेबल पर बैठकर पढ़ने लगती है। एमेलिया इस बात को बिलकुल नज़र अंदाज़ कर देती है कि उसने कुछ देर पहले ही खिड़की के शीशे पर एक असम्भव सी घटना को घटित होते देखा था और अब वह अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाए हुए थी। 

कुछ देर बाद जब वह पढ़ते पढ़ते थक जाती है तो एक बार अंगड़ाई लेती है और फिर से उसका ध्यान अपने आप उसी खिड़की के शीशे पर जाता है, एक बार फिर से खिड़की पर छप जाता है "आई हैव वेटड टू लॉन्ग, नाऊ आई यम कमिंग फॉर यू", एमेलिया यह देखकर एक बार फिर से भय का अनुभव करने लगती है, इस बार वह थोड़ा ज़्यादा ही डर गयी थी और यही वजह थी कि उसने इस बार अपने पीछे दूसरी तरफ मुँह किए बैठी मिशेल को यह दिखाने का निर्णय किया, पर अफसोस जैसे ही वह मिशेल की ओर पलटी, खिड़की के शीशे पर लिखा सब कुछ मिट चुका था। इसलिए उसने यह देखकर मिशेल से कुछ भी नहीं कहा और इस बात को अपने अंदर ही दफ़न कर लिया। एमेलिया अब इसे लेकर कुछ देर के लिए सोच में पड़ गयी थी कि आखिर ऐसा क्यूँ हो रहा है, क्या खिड़की पर जो कुछ भी छप रहा है मेरा वहम है या ऐसा सचमुच में हो रहा है। एमेलिया इस विषय को लेकर कुछ ज़्यादा ही गंभीर हो गई थी। वह कुछ देर के लिए अपनी स्टडी टेबल पर इसी के बारे में सोचती रही, फिर कुछ देर बाद अपना टेबल लैम्प स्विच ऑफ कर के सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेट गई। इसी विषय पर सोचते सोचते उसे नींद आ जाती है।  


"अब कैसा महसूस कर रही हो", सुबह एमेलिया की आँख खुलते ही मिशेल ने उससे पूछा। 

"पहले से बेहतर महसूस हो रहा है, रात को भी आराम की नींद आई", एमेलिया ने मिशेल को जवाब दिया। 

"ये कल तुम्हारे लिए एक लेटर आया था किंघम इंग्लैंड से, हॉस्टल इंचार्ज कल देर से लौटीं थीं इसलिए कल नहीं दे पायीं, उन्होंने आज सुबह ही आकर इसे दिया, लो पढ़ लो फ़िर जल्दी से तैयार होकर नीचे डाइनिंग हॉल में आ जाओ ब्रेकफास्ट के लिए", मिशेल ने एमेलिया को एक चिट्ठी पकड़ाते हुए कहा और फिर कमरे से बाहर चली गई। 

एमेलिया ने बड़ी उत्सुकता से चिट्ठी को खोला क्यूँकि उसकी मौसी की थी, उसकी माँ की सगी बहन, जिनकी यादें एमेलिया के बचपन से जुड़ी हुई थीं। एमेलिया की माँ और उनकी बहन एंजेला अपने पिता के देहांत होने के कुछ दिनों बाद एक साथ ही रहने लगे थे। एमेलिया की माँ और एंजेला के नाम अपनी सारी प्रॉपर्टी कर के उनके पिता अपनी पत्नी के गुज़रने के एक साल बाद गुज़र गए थे। एमेलिया के पिता ने सारी प्रॉपर्टी किराए पर उठा दी थी जिससे उनकी पत्नी और एंजेला को अच्छा खासा मुनाफ़ा हुआ और उससे दो नयी प्रोपर्टी ख़रीदी गई, एक एंजेला और दूसरी एमेलिया के नाम। आंटी एंजेला ने अपनी शादी हो जाने के कई सालों बाद एमेलिया को चिट्ठी लिखी थी, क्यूँकि उन्हे थॉमस नामक युवक से प्रेम हो गया था और एमेलिया की माँ इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थीं हालाँकि एमेलिया के पिता को इस रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं थी पर फ़िर भी एमेलिया की माँ अपनी बात पर अड़ी रहीं। इस वजह से मजबूरन एमेलिया की मौसी को भाग कर शादी करनी पड़ी। बाद में एमेलिया के पिता ने उसकी मौसी को ढूंढकर उन्हे उनके नाम पर खरीदे गए किंघम की प्रॉपर्टी के काग़ज़ दे दिए गए जिनमें 12 एकड़ खेत भी शामिल थे। इतने सालों बाद अपनी मौसी का लेटर पाकर एमेलिया की खुशी का ठिकाना न था, उसने जल्दी से चिट्ठी पढ़ना शुरू किया 

"प्यारी एमेलिया, 

                       उम्मीद करती हूं कि तुम अच्छे स्वास्थ्य में होगी और अपने कॉलेज के दिनों को खूब इंजॉय कर रही होगी। काफ़ी समय बीत गया और अपनी बहन की नाराज़गी कि वजह से मैंने तुम लोगों को कोई चिट्ठी भी नहीं लिखी पर जब तुम्हारे पिता से पता चला कि तुम लंदन की यूनिवर्सिटी में दाखिला ले चुकी हो तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ये पहली चिट्ठी इतने सालों बाद तुम्हें ही लिखी है , मैं यहाँ हमेशा तुम लोगों को याद करती हूँ और तुम्हारी बातें हमेशा अपनी जुड़वा बेटियों क्लारा और सैंड्रा को बताती रहती हूँ। इस सन्डे तुम्हारी बहनों का पांचवां जन्मदिन है और मैं चाहती हूँ तुम इस वीकेंड हमारे यहाँ आ जाओ और बर्थडे पार्टी में शामिल हो। तुम मेरी बेटियों के लिए एक खास तोहफे की तरह होगी, अपनी आंट एंजेला की ये बात माननी ही पड़ेगी। तुम्हारे पिता हॉस्टल इंचार्ज फ़ोन पर बात कर लेंगे, मेरी उनसे इस विषय पर बात हो चुकी थी, तुम चाहो तो शनिवार रात की ट्रेन पकड़ सकती हो। मैं तुम्हारे पिता के दफ्तर में एक बार फिर फ़ोन करके याद दिला दूँगी। आना ज़रूर हम सभी तुम्हारा बेसब्री से इंतजार करेंगे। 

                       तुम्हें हम सभी का ढेर सारा प्यार मिले। मे गॉड ब्लेस यू... 

                             

                                तुम्हारी अपनी आंट, 

                                         एंजेला"।


एमेलिया चिट्ठी को पढ़ कर कुछ देर के लिए भावुक सी हो जाती है और अपने बचपन के उन हसीं पलों को याद करने लगती है जो उसने अपनी प्यारी आंटी एंजेला के साथ बिताए थे। एंजेला उसके लिए माँ से कम न थी। वह हर रात एमेलिया को परियों की कहानियां सुनाया करती थी। एमेलिया के स्कूल का होम वर्क कराया करती थी। एंजेला के साथ बिताया हर एक पल एमेलिया को अच्छी तरह से याद था। उसकी नज़रों के सामने फ़िर से उन पुरानी यादों के झरोखे की लहर सी दौड़ जाती है। 

थोड़ी देर बाद वह अपने ख्यालों से वापस आई और तैयार होकर डाइनिंग हॉल की टेबल पर बैठ गई बाकी लड़कियों के साथ ब्रेकफास्ट के लिए।

"याद है न आज रात जेनिफर के यहाँ पार्टी है", मिशेल ने नाश्ता करते हुए एमेलिया से कहा। 

"हाँ मुझे याद है हफ़्ते भर पहले ही उसने अपने बर्थडे पार्टी के लिए अमंत्रित किया था", एमेलिया ने मिशेल की ओर देखते हुए कहा। 

"तो आज तुम अपने लेक्चर्स के बाद, मेरे हिस्ट्री विभाग की बिल्डिंग में पहुंच जाना, हम वहीं से साथ चलेंगे", मिशेल ने एमेलिया को दिशा निर्देशित करते हुए कहा। 

यूनिवर्सिटी में लेक्चर अटेंड करने के बाद एमेलिया हिस्ट्री विभाग की बिल्डिंग में चली गई जहाँ एमेलिया ने मिशेल को एक आदमी से बात करते हुए देखा, एमेलिया के उनके नज़दीक पहुंचने से पहले ही वह दूसरी ओर चला गया। एमेलिया ने मिशेल के नज़दीक पहुँचते ही कहा "ये कौन थे, जो तुम्हारी इतनी अच्छे से क्लास ले रहे थे," एमेलिया ने मुस्कुराते हुए मिशेल से पूछा। 

"ये डॉक्टर ज़ाकिर हैं, इंडिया से हैं और काफ़ी अच्छे लेक्चरर हैं, पुरातत्व विभाग में अच्छे अच्छे इनके सामने फीके पड़ जाते हैं, इन्होने ही तो मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के ख़ज़ाने का हिस्सा ढूँढ कर रातों रात नाम और शौहरत पायी थी, वे काफी बुद्धिमान हैं", मिशेल ने एमेलिया को डॉक्टर ज़ाकिर के बारे में बताया। 

" पता नहीं क्यूँ मुझे ऐसा लगता है कि मैंने इन्हें पहले भी कहीं देखा है, कहाँ देखा है ठीक से याद नहीं है पर इनका चेहरा जाना पहचाना सा लगता है", एमेलिया ने मिशेल की ओर देखते हुए कहा। 

" हो सकता है तुमने इन्हें देखा हो, जब याद आ जाए बता देना, अभी तो मेरी जान पार्टी करने का समय है जहाँ एक से एक लड़के आने वाले हैं, तो चलो फ़िर चलते हैं", मिशेल ने एमेलिया से नटखट अंदाज़ में कहा और दोनों कार की तरफ़ चली गई जिसमें बैठकर उन्हें जेनिफर के घर पहुंचना था पार्टी के लिए। 

डॉक्टर ज़ाकिर भी यूनिवर्सिटी से अपने घर पहुँचते हैं जहाँ उन्हें ऐलेक्स मिलता है जो डॉक्टर के लिए कीमती पुरातात्विक  वस्तुएँ चुराने का काम करता था, जो अधिकारी तौर पर दूसरे देशों की सम्पत्ति हुआ करती हैं,  उन्हें चूरा कर ब्लैक मार्केट में बेचने का कारोबार डॉक्टर और ऐलेक्स चलाते हैं । 

"आओ...आओ, डॉक्टर अपने ही घर में तुम्हारा स्वागत है", ऐलेक्स ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा। 

"ऐलेक्स तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो", डॉक्टर ने हैरानी जताते हुए ऐलेक्स से पूछा। 

"भूल गए डॉक्टर, तुमने ही किंग आर्थर की तलवार लाने को कहा था, वो मैंने चूरा लिया है, लेकिन काम जोखिम भरा होने की वजह से तुम्हें कीमत बढ़ानी होगी", ऐलेक्स ने डॉक्टर ज़ाकिर से कहा। 

" देखो मैं तुम्हें पहले ही अच्छी खासी रकम दे चुका हूँ, अब मैं कीमत नहीं बढ़ाउँगा ", डॉक्टर ज़ाकिर ने ऐलेक्स को साफ़ इंकार करते हुए कहा। 

" देखो डॉक्टर रिस्क हम उठाएं और बस दिमाग लगा कर उस सामान को खरीदार को बेच दो, ये अच्छा है, रकम तो बढ़ानी पड़ेगी", ऐलेक्स ने डॉक्टर के ऊपर दबाव बनाते हुए कहा। 

" और अगर मैं नहीं माना तो ", डॉक्टर ने ऐतराज जताते हुए कहा। 

"तो मुझे मजबूरन तुम्हारे साथ ज़बर्दस्ती करनी पड़ेगी ", ऐलेक्स ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा और अचानक पीछे से उसके दो आदमियों ने डॉक्टर पर स्मिथ एंड वेस्सों मॉडल 19 की दो रिवॉल्वर तान दी। 

"आ... अ... अरे मैं तो मज़ाक कर रहा था एलेक्स वो क्या है अभी मेरे पास इतना कैश नहीं है तो मैं तुम्हें एक १०५ कैरेट (२१.६ ग्राम) का हीरा दे देता हूँ, तुम चाहो तो उसकी जांच करवा सकते हो, मैं कल ख़ुद ही तुमसे किंघम में आकर किंग आर्थर की तलवार ले लूँगा", डॉक्टर ज़ाकिर ने मौके की नज़ाकत को समझते हुए उसे कमांडर से जुड़े हीरे को देने की पेशकश की। एलेक्स तैयार हो गया और डॉक्टर ने उसे लॉकर से हीरा निकाल कर दे दिया। डॉक्टर को उस हीरे का राज़ बखूबी मालूम था क्यूँकि ये एक हीरा कमांडर से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा था जिसे उसने आज तक संभाल कर रखा हुआ था। एलेक्स ने उस हीरे को लिया और उसकी अच्छी तरह से जाँच की, "हीरा तो असली मालूम पड़ता है, मैं इसे ले जाता हूँ और कल ही इसे बेच दूँगा तुम आकर अपना माल उठा लेना", एलेक्स ने डॉक्टर से कहा और अपने आदमियों के साथ वहाँ से चल दिया। डॉक्टर ने राहत की साँस ली और उसके चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान थी क्यूँकि उसे अच्छी तरह से पता था कि आगे किसकी चीख़ निकलने वाली है। एक नया खूनी खेल शुरू होने वाला था क्यूँकि उस हीरे के साथ कमांडर का नाम जुड़ा हुआ था। 


"यहाँ इतनी गाड़ियां क्यूँ खड़ी है, क्या आज कोई खास वजह है या हेनरी ऊपर वाले को प्यारा हो गया", एलेक्स ने अपने दोनों साथियों से हेनरी के घर पहुँचते ही पूछा। 

"बॉस मैं बताना भूल गया आज हेनरी की बहन जेनिफर का जन्म दिन है, काफ़ी बढ़िया माल है, तभी तो हेनरी हम सबका इतना चहेता है ", कार के फ्रंट सीट पर बैठे  एलेक्स के एक ख़ास आदमी ने पीछे बैठे एलेक्स से कहा। 

"क्या सच में उसकी बहन पटाखा है, फिर तो उससे मिलना ही पड़ेगा, अब जब हेनरी से मिलने आ ही गए हैं तो उसकी छोटी बहन को जन्म दिन की मुबारकबाद भी देते हुए चलेंगे, क्यूँ... हा... हा... हा", एलेक्स अपने साथियों से कहता और ज़ोरदार ठहाके मार कर हसने लगता है, उसके साथ कार में बैठे हुए साथी भी उसके साथ हंसने लगते हैं। उनके विचारों में अश्लीलता साफ़ महसूस की जा सकती थी। तीनों कार से बाहर निकल कर हेनरी के घर की चल दिए, दरवाजे के नज़दीक पहुंचते ही एलेक्स के एक साथी ने डोर बेल बजाई और दोनों अंग रक्षक की तरह एलेक्स के पीछे खड़े हो गए। कुछ देर बाद दरवाजा खुला और एक सुन्दर युवती प्रकट हुई। 

"जी किससे मिलना है आपको", उसने उन तीनों से पूछा। 

"हमलोग हेनरी से मिलने आए हैं, हम सब एक साथ ही काम करते हैं, एक ज़रूरी मसले पर उससे चर्चा करना है," एलेक्स ने उस युवती को अपने आने का कारण बताया। 

"मैं हेनरी की मंगेतर हूँ, अंदर आइए प्लीज़," उस युवती ने हेनरी के साथ अपने रिश्ते के बारे में बताया और उन्हें अन्दर आने के लिए कहा। 

" वैसे आज कुछ ख़ास है क्या, घर के बैकयार्ड में काफ़ी लोग इकट्ठा हैं, ऐसा लग रहा है कि शायद कोई पार्टी है", एलेक्स ने बड़ी चतुराई से अनजान बन कर उस युवती से चल रही पार्टी के बारे में पूछा। 

"ओ... हाँ, आज हेनरी की छोटी बहन जेनिफर का बर्थडे है उसी के दोस्तों की छोटी सी पार्टी है, आप यहाँ बैठिए मैं हेनरी को भेजती हूँ ", वह युवती उन्हें बैठने के लिए कह कर हेनरी को बुलाने घर के पीछे बैक यार्ड की तरफ़ चली गई। 

                       

कुछ देर बाद वहां हेनरी पहुंचता है, वह एलेक्स के लिए काम करता था, वह एलेक्स और उसके ख़ास बॉडीगार्डस को देख कर थोड़ा अचंभित हो गया। उसे देखते ही हेनरी ने उनके आने की वजह पूछी, एलेक्स ने उसे सारा माजरा समझाया। 

"क्या अब भी वह हीरा आपके पास है", हेनरी ने एलेक्स से उत्सुकता पूर्वक पूछा। 

"हाँ, ये देखो", एलेक्स हाँ में जवाब देता है तथा अपनी जेब से वही हीरा निकाल कर हेनरी को देता है जो उसे डॉक्टर ज़ाकिर ने दिया था। 

"ये तो पूरा १०५ कैरेट का हीरा है, इतने बड़े साइज़ का तो अब तक एक ही हीरा देखने को मिला है कोहिनूर, जिसे महारानी ने यहाँ म्युजियम में रखवाया था, कहते हैं कोहिनूर अपने आप में एकलौता हीरा था इतने बड़े साइज़ का लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह बात बिलकुल सत्य नहीं है, कोहिनूर के अलावा भी ऐसे कई हीरे थे जो इतने बड़े या इससे ज्यादा बड़े थे पर इतिहास में कोहिनूर को ही याद रखा गया, ये है तो बिलकुल असली ", हेनरी ने एलेक्स से हीरा लेकर उसका अच्छी तरह से जांच पड़ताल करते हुए कहा। 

" बहुत अच्छा इसलिए तो तुम्हारे पास आएं हैं क्या तुम इसका सौदा तय कर के किंघम आ सकते हो, वहीं पर पैसों का लेन देन हो जाएगा, परसों दिन के समय ही डॉक्टर वहाँ पहुँचेगा, उसके वहां पहुंचने से पहले ही ये काम हो जाना चाहिए, इसलिए हम लोग तुम्हारे पास आए हैं, तुम सौदा तय कर के कल तक किंघम पहुँच जाना ", एलेक्स ने हेनरी को दिशा निर्देश देते हुए कहा। 

" बॉस बहन की बर्थडे पार्टी है, केक तो खा कर जाओ ", हेनरी ने एलेक्स से अनुरोध करते हुए कहा। 

" अरे नहीं,  पूछने के लिए धन्यवाद, लेकिन हम लोग इस समय थोड़ा जल्दी में हैं, कुछ और ज़रूरी काम कर के वापस लौटना है, फिर कॉलेज के बच्चों की पार्टी में हम लोग क्या करेंगे ", एलेक्स ने हेनरी की बात का जवाब देते हुए कहा और फिर वहाँ से अपने दोनों आदमियों को लेकर निकल गया। 

हेनरी ने हीरा हिफाज़त के साथ अपनी दराज़ में रख दिया और अपने घर के बेकयार्ड में चला गया जहाँ उसने पार्टी का आयोजन किया था, पार्टी अपने शबाब में थी, सभी नौजवान उसका भरपूर मनोरंजन ले रहे थे जिनमें एमेलिया और मिशेल भी शामिल थे। तभी हेनरी और उसकी गर्लफ्रेंड स्टेज पर केक की ट्रॉली लेकर आए जिसके ऊपर काफी बड़ा केक था तथा उस के उपर " हैप्पी बर्थडे जेनिफर" लिखा हुआ था। जेनिफर ने उस पर लगी मोमबत्तियां बुझाईं और केक काटा, सभी ने बर्थडे सोंग गाया, जेनिफर ने सबसे बड़ा टुकड़ा अपने भाई हेनरी को खिलाया फिर उसकी मंगेतर को, फिर एमेलिया और मिशेल ने अच्छे मित्र होने का सबूत प्रकट करते हुए केक के दो पीस लेकर जेनिफर के मुँह पर लगा दिया जिससे उसका चेहरा रंगीन हो गया, बदले में जेनिफर ने भी यही किया। सभी में खुशी की लहर दौड़ गई। नाच गाना फ़िर से शुरू हो गया तीनों लड़कियां अपना चेहरा साफ़ करने वशरूम की तरफ़ चली गईं। 

जेनिफर और मिशेल अपना चेहरा साफ़ कर के एमेलिया को जल्दी से पार्टी में आने का न्योता दे गईं। एमेलिया वाशरूम से घर के बैकयार्ड की तरफ़ जा ही रहीं थीं कि उसे हेनरी के स्टडी रूम से एक तेज़ चमकती रौशनी दिखी, वह कुछ देर के लिए वहीं खड़ी हो गई और उस रौशनी दिखने के कारण के बारे में सोचने लगी। उसे पहले तो अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ लेकिन कुछ देर तक उसे देखने के बाद उसे लगा कि उसके कानों ने भी धोखा दे दिया है क्यूँकि उसे एक आवाज़ सुनाई पड़ी "यहाँ आओ एमेलिया, मेरे पास", एमेलिया बुरी तरह से दहशत में आ गई। उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था कि सचमुच किसी ने उसका नाम लेकर पुकारा है लेकिन उसका शक़ तब यकीन में बदल गया जब "चर्ररररररर" की आवाज़ के साथ स्टडी रूम का दरवाज़ा खुला जहां से तेज़ प्रकाश निकल रहा था और फिर एक बार किसी ने भारी स्वरों में कहा "यहाँ आओ एमेलिया, डरो नहीं, यहां आओ मेरे पास", एमेलिया उस अवाज़ को सुन जैसे सम्मोहित होकर उसके पीछे स्टडी रूम की ओर चल दी। 

                         To be continued... 

                    ©ivanmaximusedwin 



नाइट्स इन लंदन - 2



मैंने कुछ नहीं किया...आ... आ... मुझे जाने दो... मैंने कुछ नहीं किया ", एक अनजान शख्स रहम की भीख मांगता है लेकिन एलेक्स उस पर रहम दिखाने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं था। उसने उस शख्स के बालों को खींचते हुए उसे असहनीय पीड़ा का अनुभव कराया। उसे एलेक्स ने अपने बॉडी गार्ड्स की मदद से ज़मीन पर लिटा रखा था, उसके बाजुओं पर ताकत से ज़ोर लगा पीछे की ओर मोड़कर पकड़ रखा था तथा एलेक्स सामने एक कुर्सी पर बैठ कर उससे पूछताछ कर रहा था।

"तू जनता है तेरी वजह से मेरे दो साथी मारे गए और पुलिस के हाथों काफ़ी कीमती माल लग गया जिनकी कीमत कई मिलियन पाउंड थी", एलेक्स ने उसके बालों को नोचते हुए कहा।

"आ... आ... मैं सच कह रहा हूँ बॉस... मैंने कुछ नहीं किया है", एलेक्स के धोखेबाज साथी ने फिर से अपनी बात उसके समक्ष रखी।

" अगर तूने कुछ नहीं किया है तो बता तू ज़िंदा कैसे बचा और इतने दिनों तक छुपा हुआ क्यूँ था, तेरे पीछे मुझे खबरी लगाने पड़े, उनसे ही पता चला तू लंदन में अपनी छमिया के साथ मज़े ले रहा है, बता मेरा माल कहाँ है जो पुलिस के हांथों नहीं लगा", एलेक्स ने उसे सारी कहानी समझाने के बाद उससे अपने गायब पैसों के बारे में पूछा। 

" मैं सच कहता हूँ बॉस मैंने उन दोनों से भागने के लिए कहा था, पर उनके भागने से पहले ही पुलिस ने रेड मार दिया, ऐसे में मैं अपनी जान वहाँ से बचाकर भाग गया था, मुझे आपके माल के बारे में कोई जानकारी नहीं है", उस धोखेबाज साथी ने अपनी बात पर अड़ते हुए एलेक्स को सारी कहानी सुनाई। 

" झूठ मत बोल, तूने ही पुलिस को खबर किया था, न्यूज़ पेपर में उस बैग का ज़िक्र नहीं था जिसमें लाखों पाउंड थे, तू उस बैग को लेकर फरार हो गया था," एलेक्स ने ज़ोर देते हुए कहा और अपने साथियों से उसे घुटने पर बैठाने का इशारा किया, फिर अपने कोट की जेब से स्मिथ एंड वेस्सों मॉडल 60 - 1965 की सिक्स राउंड रिवॉल्वर निकाल कर उसकी खोपड़ी पर तान दिया। 

" अब बता मेरा माल कहाँ है... कहाँ हैं वो पैसों से भरा बैग जो माल की डिलीवरी के बाद मिला था", एलेक्स ने फिर से एक बार ज़ोर देते हुए अपने धोखेबाज़ साथी से पूछा। 

"मैं सच कह रहा हूँ बॉस... मुझे नहीं मालूम है आपके पैसों के बारे में", वह धोखे बाज शख्स अपनी बातों पर अड़ा रहा जिसका नतीजा यह हुआ कि एलेक्स गुस्से से लाल हो गया। 

" धाएँ " एलेक्स एक गोली उसके दाएँ पैर के जाँघ में चला देता है। 

"आ... आ... या... आ... आह... बताता हूँ बॉस... बताता हूँ... मैं सब कुछ बताता हूँ... आ... आह ", गोली लगते ही उस धोखेबाज साथी के स्वर बदल जाते हैं और वह एलेक्स को सारी बातें बताने को तैयार हो जाता है। 

" चल सब कुछ जल्दी से बता क्या हुआ था उस रात और मेरे पैसे कहाँ हैं ", एलेक्स ने फिर से ज़ोर देते हुए कहा। 

" उस रात पार्टी को डिलीवरी देने के बाद, मैं, डैनी और पीटर अड्डे पर दारू पी रहे थे, पीटर ने माल को हिफाज़त से तिजोरी में रख दिया था, हम तीनों बस खाली बैठकर पीने और पत्ते खेलने में लगे हुए थे, मैंने मौका देखकर पीटर और डैनी की ज़्यादा पीला कर होश खोने पर मजबूर कर दिया था, कुछ देर बाद दोनों वहीं टेबल पर ही सो गए, मैंने मौका पाते ही... आ... तिजोरी की चाभी निकाल कर... आ... पैसों से भरा बैग चूरा लिया, पुलिस को पहले ही खबर कर दिया था उनके पहुंचने पर... आ... आह... फायरिंग शुरू कर दिया... जवाब में उन्होंने भी फायरिंग की... आ... बस उसी मौके का फायदा उठाकर मैंने डैनी और पीटर को मार दिया और पैसों को लेकर फरार हो गया, आपके पैसे उस काले सूट केस में है ", एलेक्स के उस धोखेबाज साथी ने उसे सारी सच्चाई बताई और रुपयों से भरे हुए सूट केस की ओर उंगली से इशारा कर के दिखाया। 

एलेक्स कुर्सी से उठ कर उस काले सूट केस की तरफ चल दिया, फिर उसे खोलकर देखा तो उसमें लाखों पाउंड भरे हुए थे, उसने सूटकेस बंद किया और उसे लेकर चलने लगा, पलट कर उसने अपने दोनों बॉडीगार्ड्स की ओर देखकर कहा "तुम दोनों को पता है कि क्या करना है, मैं गाड़ी में इंतज़ार कर रहा हूं", फिर वह कमरे से बाहर निकल कर अपनी गाड़ी की तरफ चल दिया। 


उधर जेनिफर की पार्टी में एमेलिया को एक अनजान आवाज़ अपनी ओर खींच कर स्टडी रूम के भीतर ले जाती है, एमेलिया अपनी पलकों को बिलकुल भी नहीं झपका रही थी जो इस बात का प्रमाण था कि वह अपने वश में नहीं है, उसे कोई और ही अपने इशारों पर चला रहा था। कोई ऐसा जिसे एमेलिया जानती तो नहीं थी लेकिन वह उसे अनजान भी नहीं कह सकती थी क्यूँकि उस आवाज़ को एमेलिया कई बार अपने सपनों में सुन चुकी थी, वही सपने जो एमेलिया का कई सालों से पीछा कर रहे थे। 

" एमेलिया... चली आओ... इस टेबल के दराज़ को खोलो", वह अनजान आवाज़ एमेलिया से टेबल के दराज़ को खोलने का आदेश देती है। एमेलिया भी उसके इशारों पर चलकर उस टेबल के दराज़ को खोलती है जहाँ जेनिफर के भाई ने डॉक्टर ज़ाकिर का दिया हुआ हीरा रखा था। वह हीरा बहुत तेज़ी से चमक रहा था, ऐसा लग रहा था वह हीरा ही एमेलिया को दिशा निर्देशित कर रहा हो। एमेलिया जैसे ही उस हीरे को हांथों में लेने की कोशिश करती है उसे तेज बिजली का झटका सा लगता है, उसके शरीर की हर नसों ने उस झटके का अनुभव कर लिया था, एमेलिया वहीं पर गिर पड़ती है। 

बाहर पार्टी अपने चरम सीमा पर थी, नाच गाने के बीच किसी ने एमेलिया की ओर ध्यान नहीं दिया। सब पार्टी का भरपूर आनंद लेने में लगे हुए थे, मिशेल और जेनिफर ने अपने लिए नए डांस पार्टनर ढूँढ लिए थे और डांस करने का पूरा आनंद ले रही थीं। इतने में वहां की बिजली चली जाती है और तेज हवाएँ चलने लगती हैं और इन सब के बीच पार्टी में दुबारा एमेलिया का आगमन होता है, उसके वहां आते ही बिजली वापस आ जाती है। 

एमेलिया के वहां प्रकट होते ही उसकी सहेलियाँ उसे घेर लेती हैं और डांस करने को कहती हैं, लेकिन इस बार वह उस एमेलिया से नहीं कह रहीं थीं जिसे वह जानती थीं, यह एमेलिया तो कोई और ही थी, जो पूरी तरह से बदल चुकी थी, वह एक टक देखती जा रही थी बिना पलकों को झपकाए। 

"एमेलिया चलो डांस करो, कम ऑन, अब तो तुम्हें बात माननी ही पड़ेगी", मिशेल ने एमेलिया पर दबाव बनाते हुए कहा। 

"हाँ एमेलिया आज तो तुम्हें डांस करना ही पड़ेगा, हम सबको पता है कि तुम एक अच्छी डांसर हो और हाई स्कूल में डांस के लिए ट्राफी भी जीत चुकी हो, तो चलो आज अपना हुनर दिखाओ ", जेनिफर ने भी एमेलिया से डांस करने के लिए अनुरोध किया। जेनिफर का कहना एमेलिया टाल न सकी, आज उसका जन्मदिन भी है और वह एमेलिया की करीबी सहेलियों में से थी। लेकिन एमेलिया जैसे अपने पूरे होश में नहीं थी उसके शरीर को जैसे किसी ने अपने काबू में कर लिया था। एमेलिया के डांस को देखने के लिए एक बढ़िया म्यूजिक चलाया गया। एमेलिया ने डांस करना शुरू किया, पार्टी में मौजूद सभी लोग किनारे हो गए और एक बड़ा घेरा सा तैयार हो गया जिसके बीच एमेलिया एक मदमस्त हिरनी की तरह नृत्य कर रही थी, नृत्य के बीच बीच में एमेलिया की नज़रों के सामने 300 साल पुरानी शाहजहाँ की महफिल का नज़ारा दिख रहा था, एमेलिया बीच बीच में रुक जाती थी लेकिन फिर से नृत्य प्रारंभ कर देती थी, पार्टी में मौजूद सभी दर्शकों को लगा ये डांस का ही हिस्सा है लेकिन एमेलिया के लिए यह एक आम बात नहीं थी क्यूँकि वह अपने पिछले जन्म की कुछ झलकियों को देख रही थी। नृत्य जारी रहा सभी का खूब मनोरंजन हो रहा था बस एमेलिया की खुली आँखों के सामने बीच बीच पुरानी यादें और कुछ खास लोगों की परछाई घूम रही थी जिसमें शाहजहाँ, औरंगजेब, कुछ ख़ास मेहमान और अंत में एमेलिया की नज़रों के सामने वह चेहरा आया जिसकी आवाज और मौजूदगी का एहसास वह बचपन महसूस कर रही थी लेकिन वह उसका चेहरा न देख पाई थी पर आज रात की महफिल में एमेलिया के सामने अचानक उसका चेहरा घूम गया, 300 साल पुराना वही गबरू जवान कमांडर, जिसे देखकर कोई भी लड़की उसे एक ही नज़र में दिल दे देती। एमेलिया के सामने कमांडर खड़ा था और एमेलिया ने उसे देख नृत्य करना बंद कर दिया था। वह एमेलिया को देख मुस्कुरा रहा था और एमेलिया के अलावा उसे कोई और नहीं देख पा रहा था। पार्टी में मौजूद लोगों को लगा नृत्य खत्म हो गया, इससे पहले कि वह किसी हरकत में आते एमेलिया, कमांडर का चेहरा अपनी आंखों के सामने देखते ही देखते बेहोश हो कर गिर पड़ती है। पार्टी में मौजूद सभी लोगों को धक्का सा लगता है, सभी एमेलिया की ओर लपकते हैं, मिशेल दौड़ कर एमेलिया को सिर के सहारे उठाने की कोशिश करती है पर एमेलिया अपने होश पुरी तरह से खो चुकी थी, जेनिफर ने एमेलिया के चेहरे पर पानी का छिड़काव किया जिससे एमेलिया का शरीर कुछ हरकत में आया। 

"अ...आह... मैं कहाँ हूँ," एमेलिया ने आँखों को खोलते ही सबसे ये सवाल पूछा। 

"ओह, प्यारी एमेलिया लगता है तुम्हारी तबीयत कुछ खराब है, तुम मेरे बेड रूम में आराम क्यूँ नहीं कर लेती", जेनिफर ने दुख प्रकट करते हुए कहा। 

"मुझे लगता है ये दवाओं का असर है, चलो चल कर आराम कर लो, फिर थोड़ी तबीयत ठीक होते ही यहाँ से निकल चलेंगे", मिशेल ने एमेलिया को सहारा देकर उठाते हुए कहा। फिर हेनरी और मिशेल ने एमेलिया को सहारा देकर सीढ़ियों पर चढ़ा दिया और जेनिफर के कमरे में ले गए। 

"तुम कह रही थी कि इसकी दवाएं चल रही हैं, किस 

किस्म की दवाएं," हेनरी ने मिशेल से पूछा। 

" वो दरअसल इसे बुरे सपने आते थे, तो हम इसे डॉक्टर के पास ले गए और उन्होंने इसके आराम के लिए कुछ दवाएँ लिख दी", मिशेल ने हेनरी को जावाब दिया। 

"ओ आई सी, इसका मतलब है ये हेलूज़ीनेशन  के कारण बेहोश हो गयी होगी, कई बार दिमाग की दवाओं का असर ऐसे ही होता है, आपको अपनी आँखो के सामने ऐसी चीजें दिखती हैं जो आपने पहले कभी देखी और सोची नहीं होगी ", हेनरी ने अपनी थियोरी को अच्छी तरह से समझाते हुए मिशेल को बताया। 

" थोड़ी देर आराम कर लो डियर फ़िर हॉस्टल के लिए निकल जाएंगे, तुम्हें थोड़ा अच्छा फील होगा, बताओ तुम्हारी दवाएँ किधर हैं ", मिशेल ने बिस्तर पर लेटी एमेलिया से पूछा। एमेलिया ने अपने पर्स की ओर इशारा किया। मिशेल ने उसे दवाई निकाल कर दे दी और एमेलिया को आराम करने के लिए कह कर वहाँ से हेनरी के साथ पार्टी में चली गई। एमेलिया ने भी उसका मज़ा किरकिरा करना मुनासिब नहीं समझा और आराम करने के लिए आँखे बंद कर लीं। 


"अब तक तो उस हीरे की वजह से एलेक्स मारा ही गया होगा, क्यूँकि मेरे अलावा कोई ये नहीं जानता है कि वह हीरा 300 साल पुराने कमांडर के साथ जुड़ा है, अगर वह हीरा एलेक्स ने किसी और को दे दिया होगा तो उसकी भी खैर नहीं होगी क्यूँकि उसी हीरे की बदौलत मैंने अपने कई सीनियर और प्रतिद्वंद्वियों को मौत के घाट उतारवाया है तब जाकर आज इस मुकाम तक पहुंचा हूँ, किसी ने ठीक ही कहा है कामयाबी के लिए कुछ तो गंवाना पड़ता है और इसके लिए मुझे अपने परिवार को बढ़ाने की इच्छा को पूरी तरह से अस्वीकारना पड़ा ", डॉक्टर ज़ाकिर हाँथ में शराब का ग्लास लिए आईने के सामने खड़े हो कर ख़ुद से बात कर रहे थे , उन्हें शराब का नशा हो गया था और वह खुद के काबू में नहीं थे, वह आगे ख़ुद से बात करना जारी रखते हैं " कभी कभी बुरा लगता है कि खुद का परिवार नहीं बसा पाया पर इस दौलत, शौहरत के आगे परिवार क्या चीज़ है, जब तक मेरे पास वो हीरा है मुझे कुछ नहीं हो सकता है ये हीरा ही कमांडर ब्रैड शॉ को अपने कंट्रोल में रखता है और अगर हीरे का मालिक बदला तो उसकी मौत पक्की, हीरे को बेचा नहीं जा सकता है ये बात उस मूर्ख एलेक्स को कहाँ पता है, एक तरह से वो कमांडर की ताकत का ज़रिया है... हा... हा हा हा... हा... हा ", डॉक्टर ज़ाकिर ने आईने के सामने कहते हुए एक शैतानी हँसी हंस अपनी हैवानियत का परिचय दिया। 

" ट्रिन ट्रिन... ट्रिन ट्रिन "इतने में हॉल में रखे टेलीफोन की घंटी से पूरा घर गूँज उठता है। 

" इस समय किसका फ़ोन होगा ", डॉक्टर ज़ाकिर ख़ुद से कहते हैं और हॉल की ओर चल देते हैं, जहाँ 

काले रंग का फ़ोन बार बार बज रहा था, जब तक उसका रिसीवर डॉक्टर ने उठा न लिया। 

" हैलो... डॉक्टर ज़ाकिर स्पीकिंग, मे आई नो हू इस देयर", डॉक्टर ज़ाकिर ने एक हुनरमन्द कलाकार की तरह अपने भावों को बदलते हुए विनम्रता पूर्वक पूछा। 

"हैलो... डॉक्टर मैं एलेक्स, सन्डे तक किंघम पहुंच जाना हीरा बेच दिया है, उसकी कीमत में से शेयर और किंग आर्थर की तलवार लेते जाना, अभी मैं एक बार से बात कर रहा हूं यहाँ से बस निकलने ही वाला हूँ, अच्छा बाद में बात करते हैं, रखता हूं", एलेक्स ने डॉक्टर ज़ाकिर को हीरे के बारे में बताया और उसे किंघम आने का न्योता दे दिया। 

" हैलो... एलेक्स... हैलो... क्या हीरा अब भी तुम्हारे ही पास है... हैलो... हैलो, लगता है काट दिया ", डॉक्टर ज़ाकिर ने खुद से कहा उनका चेहरा लटका हुआ था । उन्हे ये तो पता चल ही गया कि एलेक्स अब तक ज़िंदा था इससे उन्हें इस बात का भी अनुमान हो गया कि हीरा उसके पास नहीं उसने किसी और को दे दिया है। 


" डॉक्टर भी कई दिनों से उचित कीमत नहीं दे रहा था हमारे ज़ोख़िम भरे काम के लिए इसलिए इस बार उसे अच्छी तरह से धमकाना पड़ा तब जाकर उसने वो अनमोल हीरा निकाला, उसकी कीमत करोड़ों में होगी, बेवकूफ़ डॉक्टर इतना पैसा होते हुए भी इस हीरे छुपा कर बैठा था, बेचकर अपना मालामाल हो सकता था और हम सब में भी बांट सकता था, पर अब तो कुछ हिस्सा ही मिलेगा और हम मालामाल हो जाएंगे... हा... हा हा हा... हा ", एलेक्स ने अपने दोनों बॉडीगार्ड्स से कहा और एक खतरनाक हँसी हँस कर उन्हें अपने पीछे आने का इशारा किया, उन्होंने एक एक बोतल शराब की हांथों में ले रखी थी, जो शायद किंघम तक के सफर के लिए थी। दोनों अपने बॉस के पीछे पीछे कार की तरफ चल दिए। 

" बॉस... ये डॉक्टर ज़ाकिर के पास इतना नायाब हीरा कहाँ से हाँथ लगा", कार चलाते वक़्त एलेक्स के  एक खास अंगरक्षक ने पूछा, दूसरे अंगरक्षक ने कार की दूसरी फ्रंट सीट से पलट कर पीछे बैठे एलेक्स की ओर जिज्ञासा पूर्वक देखा। 

" ये बहुत लम्बी कहानी है, कहते हैं इस डॉक्टर ने मुग़ल बादशाह शाहजहाँ का खोया हुआ ख़ज़ाना ढूँढ निकाला था, बहुत चालू चीज़ है डॉक्टर, ये हीरा उसी ख़ज़ाने की खोज में मिला होगा, मैं ये सोच रहा था कि अगर ऐसा एक हीरा उसके पास है तो ऐसे कई हीरे और होंगे डॉक्टर के पास, कुछ तो ऐसा है इस डॉक्टर के बारे में जो उस पर शक़ करने पर मजबूर कर देता है ", एलेक्स ने अपने दोनों ख़ास अंगरक्षकों से कहा और सोच में पड़ गया। 


" अब कैसा महसूस कर रही हो, डीयर, तबीयत कैसी है," मिशेल ने एमेलिया से पूछा, उसके साथ जेनिफर भी बगल में बैठी हुई थी। 

एमेलिया ने अपनी आँखें धीरे धीरे खोलीं और दोनों को अपने अगल बगल बैठा हुआ पाया। उसे काफ़ी आराम मिला था थोड़ी देर के लिए सो कर। वह बिस्तर पर बैठ गई और दोनों की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए कहा  "मेरी वजह से तुम्हारी पार्टी खराब हो गई, आई यम सॉरी" एमेलिया ने दोनों से खेद प्रकट किया। 

"ओह... ऐसा मत कहो हम दोस्त हैं और दोस्तों का साथ देना हमारा फर्ज़ है, वैसे मैं बता दूँ तुम्हारी वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ पार्टी का, सब कुछ अच्छे से हो गया और अब तुम्हें खाने के लिए उठा दिया है, इससे थोड़ी ताकत मिलेगी", जेनिफर ने एमेलिया को दिलासा देते हुए कहा। 

" हाँ, फिर हम दोनों को हॉस्टल भी तो जाना है", मिशेल ने भी एमेलिया की ओर देखते हुए कहा। 

" अच्छा , तुम लोग चलो मैं ज़रा हाँथ मुँह धो कर आती हूँ ", एमेलिया ने दोनों से कहा और बिस्तर से उठ कर रूम से अटैच बाथरूम की तरफ बढ़ गई। 

थोड़ी देर बाद नीचे डाइनिंग टेबल पर आकर जेनिफर और मिशेल के साथ बैठ गई। थोड़ी देर बाद पार्टी में मौजूद ख़ास दोस्तों और परिवार के सदस्यों के लिए विशेष दावत का इंतज़ाम था। एमेलिया और मिशेल ने दावत का लुत्फ़ उठा कर, जेनिफर को ढेरों शुभकामनाएं देकर अपने हॉस्टल की ओर निकल पड़ीं। 


"क्या हुआ बॉस, क्या सोच रहे हैं, बहुत देर से कुछ सोच रहे हैं, कोई योजना हो तो बताएं हम मदद करते हैं", कार चलाते हुए एक अंगरक्षक ने एलेक्स से कहा जो काफ़ी देर से किसी बात को लेकर चिंतित था। 

" मैं यही सोच रहा हूँ कि अगर डॉक्टर के पास ऐसा एक हीरा है तो ऐसे और भी हो सकते हैं, आखिर डॉक्टर है तो हमारी ही बिरादरी का चोर, तो सोचो अगर उसने शाहजहाँ के ख़ज़ाने को ढूंढने में कोई हेरा फेरी की हो, हो सकता है उसके पास ख़ज़ाने का कुछ हिस्सा हो जिसे सरकार को न दिखाया गया हो तो... ऐसा हो भी तो सकता है", एलेक्स ने अपने दोनों खास अंगरक्षकों से कहा। 

" आपने तो मेरे मुँह की बात छीन ली... बॉस... मैं भी काफ़ी देर से इसी के बारे में सोच रहा था, डॉक्टर इतना सीधा नहीं, जबसे हम लोग आपके साथ काम कर रहे हैं तब से डॉक्टर को जानते और हमारी राय में तो वह भरोसा करने के लायक नहीं है... मुझे तो पक्का लगता है कि उसके पास और भी हीरे होंगे जो उसने सरकार को न दिखाया होगा ", एलेक्स के दूसरे ख़ास अंगरक्षक ने एलेक्स के सामने अपनी राय प्रकट की। 

" मैं ये सोच रहा था कि क्यूँ न एक बार डॉक्टर को फ़िर से अपने दबाव में लेकर उससे इस मामले कुछ उगलवाया जाए, इससे हम सभी को इससे फायदा होगा, मुझे तो पूरा यकीन है कि उसने मुग़ल बादशाह के खोये हुए ख़ज़ाने को ढूंढने में काफी हेरा फेरी की होगी," एलेक्स ने अपनी योजना उन दोनों अंगरक्षकों को बताते हुए डॉक्टर की तारीफ़ में चार शब्द कहे। 

" बिलकुल सही बॉस... हम उसके किंघम पहुंचते ही उससे इसके बारे में पूछेंगे... तब तक इसे गुप्त ही रखते हैं... नहीं तो डॉक्टर तक ख़बर पहुंचते देर नहीं लगेगी ", कार चलाते हुए उस ख़ास अंगरक्षक ने एलेक्स से दुबारा कहा। 

" मैं तो डॉक्टर से उन हीरों को छीनने के लिए बेकरार हूँ, बस डॉक्टर को सन्डे के दिन अपने अड्डे पर आने दो, उसे वहीं बंदूक की नोक पर सारी सच्चाई उगलवा कर उन हीरों को अपने गिरफ्त में ले लिया जाएगा, हम सबको दुनिया के अमीर लोगों में शामिल होने से कोई नहीं रोक सकता है ", एलेक्स ने अपने ख़ास दो प्यादों से कहा।

" बॉस... मैं तो अपने लिए एक नयी रोल्स रॉयस लूँगा, बस हम ये दुआ करते हैं कि आपका यह काम हो जाए ", उस खास अंगरक्षक ने अपने बॉस के सामने दिल की बात रखी।

" क्यूँ नहीं... तुम दोनों को अपना हिस्सा मिलेगा, आखिर मेरी इतनी सहायता करते हो, तुम दोनों तो मेरे ख़ास हो, तुम दोनों को बराबर हिस्सा मिलेगा ताकि आपस में झगड़ा न करो... हा हा हा... हा.. हा हा हा," एलेक्स ने अपने दोनों ख़ास मुलाज़ीमों को खुश करते हुए अपनी शैतानी हँसी से माहौल को खुश नुमा बना दिया।


" आह... मैं तो काफ़ी थक गयी हूँ, अब तो उठने तक की हिम्मत नहीं है ", अपने हॉस्टल के कमरे में पड़े अपने बेड पर मिशेल ने ख़ुद को फेंकते हुए कहा।

" हाँ थक तो मैं भी गई हूँ लेकिन जेनिफर के यहाँ थोड़ा सोने से नींद जल्दी आने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं, अच्छा सुनो मैं कल सुबह ही तुम्हारी कार लेकर किंघम के लिए रवाना हो जाऊंगी... अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो तो", एमेलिया ने सोने से पहले मिशेल के कान में एक बार अपने जाने की बात फिर से डाल दी।

" ठीक है बाबा... ले जाना कार, मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैंने पार्टी में इतनी भी नहीं पी है जो सब कुछ भूल जाऊं, मुझे याद है कि कल तुम्हें अपनी मौसी से मिलने जाना है, इसलिए अभी से बेस्ट ऑफ लक एंड हैप्पी जर्नी, हो सकता है मैं सुबह देर से उठूं और तुम निकल जाओ", मिशेल ने एमेलिया से कहा और अपनी तरफ़ का नाइट लैम्प ऑफ कर दिया।

" गुड नाइट, स्वीट ड्रीम्स ", एमेलिया ने मिशेल को शुभरात्रि कहा।

" गुड नाइट, स्लीप टाइट ", बदले में मिशेल ने अपनी तरह से उसे शुभरात्रि कहा और सोने के लिए आँखें बंद कर ली।

चूँकि एमेलिया को नींद नहीं आ रही थी इसलिए वह लेटे हुए काफ़ी देर तक कमांडर के चेहरे को याद करती रही जिसकी झलक भर उसने जेनिफर की पार्टी में देखी थी। 

"उफ्फ... कितना प्यारा चेहरा था जो मर्दानगी से भरा हुआ था, भरा हुआ ताकतवर शरीर, जिसकी पकड़ में अपनापन सा एहसास था, गहरी हरी आँखे जिन्हे देख कोई भी हसीना गोते लगाने को तैयार हो जाती, ऊपर से कातिलाना तिरछी मुस्कान जिसे देखकर किसी भी हसीना का दिल आ जाता, आखिर क्या हुआ होगा उस नौजवान के साथ, जो मुझे वो इस तरह से दिखा कि लगा मैं उसकी बाहों में ही हूँ, ख़ुद को पूरी तरह से खो चुकीं हूँ, मैं... मैं नहीं हूँ, कोई और ही हूँ, अचानक ही वह दृश्य पार्टी के दौरान नृत्य करते समय आ गए, आखिर उनका मुझसे क्या संबंध है, ऐसा क्या है जो मुझे उस नौजवान से जोड़ता है ", एमेलिया अपने आपसे सवाल करते करते थोड़ी देर बाद सो जाती है। 

रात काफ़ी हो चुकी थी, बाहर ठंड होने के कारण चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था, दूर दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था और कोई नज़र आ भी नहीं सकता था कोहरे के कारण। हॉस्टल का गेट कीपर अपनी छावनी के पास आग जलाकर सो रहा था। इतने में एक भेड़िये कि रोने की आवाज़ सुनाई पड़ती है... चारों तरफ डर का माहौल सा छा जाता है। अचानक एक परछाई तेज़ी से हॉस्टल की दीवार को फांद कर हॉस्टल की ओर बढ़ती है... उसमें गज़ब की फुर्ती थी और वह लपक कर सीढ़ियों पर चढ़ने लगता है, अंधेरा होने के कारण उसे ठीक तरह से देख पाना नामुमकिन था, वह मौत बनकर हॉस्टल के कॉरिडोर में इधर-उधर घूम रहा था जैसे किसी की तलाश में हो। कुछ ही देर बाद वह हॉस्टल के तीसरी मंजिल पर चढ़ जाता है और सीढ़ियों से होता हुआ सीधा कॉरिडोर की तरफ़ पहुंच जाता है। कॉरिडोर से होते हुए वह सीधा एमेलिया और मिशेल के कमरे के सामने पहुँच जाता है। 

"चर्ररररररररर...उन दोनों के रूम का दरवाज़ा खुलता है। सन्नाटे में दरवाज़े के खुलने की चरमराहट साफ़ सुनी जा सकती थी, जिसने एमेलिया कि कच्ची नींद तुरंत ही खोल दी और साथ ही एमेलिया ने अपनी बंद आंखों को भी खोल लिया। एमेलिया के होश उड़ गए जब उसने दरवाज़े पर मौत के पहरेदार को खड़ा पाया। एमेलिया को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि हॉस्टल के अंदर एक कला भेड़िया घुस आया है जो ठीक उसके कमरे के बाहर दरवाज़े पर खड़ा है हल्की रोशनी में उसकी आँखों के साथ शरीर का रंग भी चमक रहा था । एमेलिया की उस पर नज़र पड़ते ही वह डर से बिस्तर पर ही जम सी गई थी, उसके पसीने छूटने लगे थे और डर के कारण मुँह से आवाज़ निकालना भी मुश्किल हो गया था, साथ ही वह अचंभित भी थी कि हॉस्टल के अंदर भेड़िये ने कैसे प्रवेश कर लिया । 

सामने खड़ी काली मौत धीरे धीरे उसके हॉस्टल रूम के अन्दर करती है और उसके बिस्तर के बिलकुल नज़दीक आ जाती है। मिशेल ये सब देख पाने में असमर्थ थी क्यूँकि वह घोड़े बेचकर सो रही थी। एमेलिया की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे, मदद के लिए पूकार लगाए या जान बचाकर वहाँ से भागे। वह काला भेड़िया बिस्तर के नज़दीक पहुंचते ही एमेलिया की नाइटी के सिरे को मुँह से पकड़कर खिंचता है, बिलकुल एक पालतू कुत्ते की तरह। एमेलिया को समझते देर नहीं लगती है कि वह उसे कहीं ले जाना चाहता है इसलिए अपने पीछे आने का इशारा कर रहा है। अब एमेलिया के अन्दर हिम्मत ने प्रवेश किया और उसका डर गायब। वह बिस्तर से उठी और एक ओवर कोट अपने ऊपर डाल लिया ठंड से बचने के लिए और उस अनजान मेहमान के पीछे पीछे चल दी एक रहस्यमयी यात्रा पर। 


                       To be continued...                            ©ivanmaximusedwin 










                                 




Comments

  • excellent

    Dec 10, 2020

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