प्रिये से प्रिय बात%E
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Category : Stories
Sub Category : YoungAdult
हसीं बड़ी आ रही बात क्या है??मुस्कुराने कि वज़ह बताओ हमें भी मुस्कराने का है,कि किसी के नाम से हसी आ जाये,वो भी मेरे नाम से हमने ऐसा क्या कर डाला है,खुशी से पागल हो जाऊँ,ऐसी बातें किसी ने कह डाला है!!अब उप्पर वाला ही जाने,मेरा क्या होने वाला है,हम तो ठहरे शायर,क्या करूँ शायर में ही हर बात कह डाला है!!बोलने के बाद बजी ये ताली है,क्या करूँ इसीलिए मेरे मोबाइल की 🔋 बैट्री खाली है!!फोन तो हो जाएगा चार्ज,पर मेरा क्या एक बार जरा करलो विचार,वो बोली क्या करूँ मैं आपका,मैंने बोला बस बना लाओ चाय मेरे नाम का,उसने कहा आओ मेरे घर,डर है कि कहीं मैं हो ना जाऊँ बेघर,कि मैं उसकी अदाओं पर मरता हूँ,ऐ खुदा मैं मर क्यूँ नहीं जाता हूँ,यही वो फ़िक्र है आपकी,बस अफसोस की हर किसी से जिक्र नहीं कर सकता आपकी,आज तक हम सिर्फ अपनी नजरों में सही थे,पर जब उसने सही कहा हमें, फिर ऐसा लगा हमें जिंदगी में हमेशा साथ रहे वो मेरे,बस उसे मेरी हरकतों से परेशानी था,मैंने उसे हर लम्हे में अपना माना था,सुनकर मेरी शेरों शायरी उनके दिल में आया ख़्याल,ज्यादा मौका दिया इसे तो करवा देगा ये बवाल,फिर उसने दिया ये उपहार, कर दिया मुझे अस्वीकार ,वो बस शर्माते रह गए,और हम पागलों की तरह अपनी दिलों की बात कह गए,उन्होंने पूछा क्या करूँ मैं आपका,मैंने भी मन ही मन सोचा मार ही डालो जान से,अब क्या रखा है जीने में,जब दर्द भरी हो सीने में,मैं ठहरा शायर बयां नहीं करते दर्द अपना,जानना हो हमारा दर्द पढ़ लो ना हम है पूरी किताब,मैं हूँ बेशक किताब,पर बंद प्रतीत होता हूँ,खोलना है तो खोलो ना दिल से,पेश आ जाऊँगा पूरे दिल से,मैं नादान सा समझ रहा था उन्हें,जबकि उन्हें प्यार ही हुआ था मेरे शायराने अंदाज से,उन्हें नादान शब्द से संबोधित करने पर उन्हें आया था गुस्सा,पर अब उन्हें कौन समझाये नादान का मतलब कि शायद वो हमे ना समझ पाये,पर शायर से कई कदम आगे थी वो मोहतरमा,इसी बात का शायर को लगा है सदमा,
- खत्म हुई ये नोक-झोंक प्रिये के साथ, कुछ यूं थे रिस्ते उन मोहतरमा के साथ!!