
राम वनगमन
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Category : Songs
Sub Category : R&B/Soul
कुछ समय बिता लो राम शाम अब होने वाली है ।कर लो थोड़ा विश्राम शाम अब होने वाली है ।ना जाने कहाँ से कब निकले , किस ओर तुम्हें है जाना ।लक्ष्मी सा रूप लिए फिरती सीता पर तरस तो खाना ।जंगल में जीव तमाम शाम अब होने वाली है ।कुछ समय बिता लो राम शाम अब होने वाली है ।क्यों पहने जोगिया बाना ऐसा कौन सा यहाँ खजाना ।छोड़ मात पिता को आए क्यों जरा हमको भी बतलाना ।संग में लक्ष्मण अभिराम शाम अब होने वाली है ।कुछ समय बिता लो राम शाम अब होने वाली है ।क्या कटु किसी ने बोला राजा दशरथ ने मुँह खोला ।ना भरत ने तुमको रोका माता का दामन ना डोला ।सब खड़े रहे सरेआम शाम अब होने वाली है ।कुछ समय बिता लो राम शाम अब होने वाली है ।जिसका होना था राजतिलक वो जंगल में क्यों आया ।यह विधि का लेखा था या तुमने ही कोई स्वांग रचाया ।लगता होगा अब संग्राम शाम अब होने वाली है ।कुछ समय बिता लो राम शाम अब होने वाली है ।कर लो थोड़ा विश्राम शाम अब होने वाली है ।कुछ समय बिता लो राम शाम अब होने वाली है ।✍ धीरेन्द्र पांचाल