
दो पल
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Category : Poems
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किसी को पता है फुर्सत के दो पल कहां मिलते हैं??
समंदर में गिरी पानी की बूंद की तरह होते हैं,
कैसे ढूंढोगे उस बूंद को समंदर की गहराइयों में??
कभी-कभी इंसान खुद ही डर जाता अपनी परछाइयों से,
अगर मिल भी गए फुर्सत के पल तो कैसे इन्हें गुजारोगे??
कैसे उन पलों को संभालोगे??
कट जाएगी पूरी जिंदगी इसी उम्मीद में,
वह पल खुदा ने लिखा ही नहीं मेरी तकदीर में!!

