मत पूछो
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Category : Poems
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कितना डिजिटल दौर हुआ है मत पूछो ।2G चारा कोल हुआ है मत पूछो ।कहते हैं बस चुप रह कर के देखो तुम ,कैसे शाही कौर हुआ है मत पूछो ।पीपल में क्यों बौर हुआ है मत पूछो ।गुंडों का क्यों शोर हुआ है मत पूछो ।जेलों में पकवान कहाँ से जाते हैं ,कौन किसका सिरमौर हुआ है मत पूछो ।भाषण में मौलिकता कितनी मत पूछो ।जीवन की सार्थकता कितनी मत पूछो ।घूम रहे हैं दिन भर सूट सफारी में ,फटा जेब क्यों नंदू का है मत पूछो ।आँगन का सरदार कहाँ है मत पूछो ।कल का चौकीदार कहाँ है मत पूछो ।झुलस रहा हूँ सपनों की चिंगारी से ,दीपक क्यों गद्दार हुआ है मत पूछो ।कैसा ये व्यापार हुआ है मत पूछो ।मतदाता बेकार हुआ है मत पूछो ।छीन लिए सब रोटी अपने हाथों से ,यहाँ रोज इतवार हुआ है मत पूछो ।✍ धीरेन्द्र पांचाल
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