मधुशाला
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Category : Poems
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मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे , खुली रहेगी मधुशाला ।।है उसने फरमान सुनाया ,उसने है फरमान सुनाया , जो अमृत का रखवाला ।मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे , खुली रहेगी मधुशाला ।घर-घर अब मदिरालय होगा , ना गिरिजा ना शिवालय होगा ।इनकी तो बस गरिमा कुर्सी , माँ - बहनें और बेटी कुर्सी ।है उनको रमजान मुबारक ,उनको है रमजान मुबारक , जिनके घर तुलसी गौशाला ।मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे ...........लम्बी फिर से हुई कतारें , बौनी लगती हैं सरकारें ।सबको वो राहत बाटेंगे , फिर से दीमक बन चाटेंगे ।लगता तड़प रहा सिंहासन ,लगता तड़प रहा सिंहासन , छूने को खुद मद का प्याला ।मन्दिर - मस्जिद बन्द रहेंगे ..........घी और भात पे चर्चा करते , मंत्री जी परिचर्चा करते ।सम्बोधन अखबारों में है , दिखता ना किरदारों में है ।खुद को चौकीदार बताता ,खुद को चौकीदार बताता , हाथों ले चांदी का प्याला ।मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे ............भूखे तन सपनो को सजाते , कंकड़ से ताजमहल बनाते ।बिन ब्याही घर बैठी लाडो , हाथों में मेंहदी लगवा दो ।सहमे हैं आंखों के डोरे ,सहमे हैं आंखों के डोरे , हलकू चाचा हुए दिवाला ।मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे .............✍ धीरेन्द्र पांचाल