
बारिश आई रे
Read Count : 127
Category : Poems
Sub Category : N/A
बारिश आई रेरिमझिम बारिश आई रे,धरती गगन और हरियाली छाई रे ,जंगल में छम छम नाचे मोर रे,कोयल और मैना गीत गाती रे,रिमझिम बारिश आई रेतेजी से अंगड़ाई लेती हुईबिजली बादलों में चमकती रे,इंद्रधनुष की किरणें बादलों में निखरती रे ,फूलों की सुगंध महकाती रे,रिमझिम बारिश आई रे,बच्चे पानियो में छपकी मारे मौज-मस्ती करते रे ,खेतों में फसलों का लहराना रे,हवाओं की सरसराहट सुनाई देना रे ,रिमझिम बारिश आई रेAuthorAnita Yadav
Comments
- No Comments