आँखे Read Count : 88

Category : Poems

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शीशे सी है यहाँ सबकी आँखे
बता देती हैं उनकी हर सोच हमारे बारे में ,
तुम्हारी आँखों में ना कोई शीशा है 
ना ही कोई नशा हैं,
फूलो की पंखुड़ियों में लिप्टी 
आकर्षक एक मुस्कान हैं,
मेरे सफर का जैसे समंदर के किनारे 
अब विश्राम हैं । 

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  • Jul 17, 2020

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