क्या आप भी सोचेते है
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Category : Poems
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धूप भी बिखरी पड़ी हैचाँदनी कि तरह ,रात भी छाई हुई हैदिन कि तरह ,तारे भी बिखरे पड़े हैपृथ्वी पर जीवन कि तरह ,हमारी कल्पनाएँ भी अनन्त हैअंतरिक्ष कि तरह ,हर चेहरा अलग हैशब्दों कि तरह ,अरे !तुम्हारा चेहरा भी तो अलग है सभी मेंमेरे चेहरे कि तरह ,क्या आप भी सोचेते हैमेरी तरह ?