क्या आप भी सोचेते है Read Count : 123

Category : Poems

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धूप भी बिखरी पड़ी है
चाँदनी कि तरह ,
रात भी छाई हुई है
दिन कि तरह ,
तारे भी बिखरे पड़े है 
पृथ्वी पर जीवन कि तरह ,
हमारी कल्पनाएँ भी अनन्त है
अंतरिक्ष कि तरह ,
हर चेहरा अलग है 
शब्दों कि तरह ,
अरे !
तुम्हारा चेहरा भी तो अलग है सभी में
मेरे चेहरे कि तरह ,
क्या आप भी सोचेते है 
मेरी तरह ? 

Comments

  • Jul 15, 2020

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