खुशियाँ
Read Count : 133
Category : Poems
Sub Category : N/A
सूरज के होने सेयाना होने सेकोई फर्क नही होताअगर वह अपनी रौशनीनही बिखेरता ,बादलों के होनेयाना होने सेकिसी को कोई फर्क नही होताअगर वस कभी बारिश ना करता,रात के होने या न होने सेकोई फर्क नही होताअगर वह सितारों काघर नही होता ,फूलों के होनेयाना होने सेकोई फर्क नही होताअगर वो बागानखुश्बुओं से भरा ना होता ,उन्हें ! तुम्हारे होनेयाना होने सेकोई फर्क नही होताअगर उनकी मुस्कुराहटोंका कारण तू ना होता ।- उत्तम पंड्या