Today Again The Buddha Was Broken Read Count : 139

Category : Poems

Sub Category : N/A

Today again the 'Buddha' was broken.
Today again fallen doing occurred.
Which Emperor Ashoka's period the heritage was .
Again today  is  smashed  by CIDCO.

When abroad have come from guest ambassador
Then gives Buddha' statue  of the charity ;
And expressing our pride
Is the Buddha .
On the world platform  do fake drama ,
Tell and show in WAFF .
The reality is that them teeth
Something to eat and show some of the and is;
If not, not do these disgusting acts .
The Buddha's ideas to suppression of the
Only their statue can break ; but
Equalls not can of developed
countries ;
Because he now sails is  MANUWAD placed .
By it through a 85℅ people slave is kept .

आज फिर बुद्ध को तोड़ा गया।
आज़ फिर निचताकी परिसिमा हुई ।
जो सम्राट अशोक के काल की धरोहर थी ।
आज फिर से सिडकोद्वारा तोड़ी गयी।
जब विदेश से आते है मेहमान राजदूत 
तब करते है बुद्धमुर्ती का दान ;
और जताते है हमारी शान
बुद्ध है ।
विश्वमंचपर करते झुठा नाटक ,
बताने और दिखाने में करते छलावा ।
असलियत ये है कि इनके दात
खाने के कुछ और है और दिखाने के कुछ और है;
वर्ना न करते ये घिनौना काम ।
बुद्ध के विचारों का दमन करने के लिए
केवल उनकी मुर्तिया तोड़ सकते है ; पर
विकसित देशों की बराबरी नही कर सकते;
क्योंकि इन्होंने मनुवाद पाल रखा है ।
उसके जरिये 85℅ लोगोंको गुलाम रखा है । 

Comments

  • No Comments
Log Out?

Are you sure you want to log out?