
Writing 026
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भारतीय जन मानस में या यूं कहें संपूर्ण विश्व के पटल पर नायक का बड़ा ही महत्व है ।
नायक का अपने स्वरूप क विस्तार तभी संभव होता है, जब उसके सकारात्मक कदमों का प्रभाव उसके परिवेश को प्रभावित करने लगता है । वहीं नायक शब्द को एक नयाआयाम देते हुए कवि गुरु, "रवींद्रनाथ", टैगोर ने राष्ट्रगान की रचना में अधिनायक शब्द का प्रयोग किया, जिसे हरएक के मनमें बसे शासक से जोड़ा गया है ।

