नहीं निगाह में मंज़िल–ए–ज़िन्दगी तो कोशिश–ए–जुस्तजू ही सही मुश्किलें आईं हैं बहुत तो मगर दिल में कशिश–ए–आरज़ू ही सही।
Mar 29, 2020
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