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Category : Poems

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  • कितने रूप है तेरे मां,कितना है प्यार तुझमें मां। तुझमें कितना प्यार बसा है कितने तेरे रूप है मां तुझसे ही संसार बसा है तू हर घर की रानी मां! बीवी बनकर जब तू है आती घर की लक्ष्मी तू बन जाती बेटी बनकर जब तू आती इज्ज़त घर की ज़ीनत बन जाती! जिस रूप में भी तू आती है खुशियां ही खुशियां लेकर आती है जब दुश्मन से तू टकराती है मा दुर्गा - झांसी मर्दानी तू बन जाती है! तेरे प्यार से जग रोशन है तुझसे ही संसार बसा है तू आमना भी है दुर्गा भी है तुझसे ही दुनिया आबाद हुई! है कितने रूप तेरे मां जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे मां जग में सबसे न्यारी तू। मां मरियम तेरा रूप निराला क़दमों में जन्नत तेरे मा जब हाथ उठें दुआ के लिए तेरे मां अर्श भी रो पड़ता है तेरी दुआओं को सुनकर मां! रब से सिफारिश भी करते है तेरी दुआ को लेकर मुसवविर भी रोने लगते है तेरी दुआ को सुनकर! मन करता है घर बसा लूं क़दमों में तेरे मां ज़िन्दगी भी पूरी न्योछावर कर दूं खिदमत में तेरे कम है मां! कितने रूप है तेरे मां , कितना है प्यार तुझमें मां! #ArshadMirza 🇮🇳🇮🇳🇮🇳Jay Hind-Jay Hind🇮🇳🇮🇳🇮🇳 #ArshadMirza http://m.facebook.com/ArshadMirza786 Subscribe 👇🥰👌🥰👇 https://www.youtube.com/user/9871062482

    Feb 20, 2020

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