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Category : Poems

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कुछ पल की तेरी दोस्ती 
कैसे यादों में बदल गई ....

कुछ हंसाने कुछ सताने के लम्हे याद आते है,
तेरे साथ बिताए हुए कुछ पल याद आते है

 दोस्त मैं जब तेरे साथ होता था,
तो दुनिया का हसीन लम्हा मेरे साथ होता था

अब हर पल ऐसा लगता है
जैसे कोई  है ही नही इस जहाँ में।

राहो पर चलते चलते मंजिल तो मिल गई पर 
 तेरी दोस्ती मेरे से दूर हो गई।

मेरे हर एक ख्वाब सब पूरे हो गए है
पर अब ये सब तेरे बिना अधूरे  लगते है

मेरे दोस्त एक बार फिर से आजा मेरी ज़िंदगी मे
फिर से तेरे साथ वो हर पल जीते है।


खुदा को भी मंजूर नही थी अपनी दोस्ती 
जो तेरे से मुझे दूर कर दिया
पर आज भी तेरी दोस्ती की किताब के पुराने पन्ने याद आते हैं
Writer Vinod salvi

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