दोस्त
Read Count : 138
Category : Poems
Sub Category : N/A
ज़िन्दगी के इस सफर में एक दोस्त मुझे मिला हैदोस्ती की दुनिया मे जीने का मकसद फिर से मुझे मिला हैबेगानो की इस भीड़ में पटवारी बन कर वो मिला हैअपनेपन की भावना के साथ पहली बार उसके घर पर वो मिला हैशुरू में बहुत अजीब लगा उसके साथ रहकरउसका सादा जीवन सादा रहन सहनपर उससे बहुत कुछ सीखने को मिला हैपहला दिन पटवारी ट्रेनिंग काक्लास के पीछे बेठकर उसके साथपहला फोटो और दोस्ती का आगाजऔर साथ मे खाना (लंच) खाने वाला मिला हैधीरे धीरे दिन बीतते गएवो सबके दिल मे उतर ता गयाबहुत निराला बहुत बड़े दिल वालापग पग पर वो दोस्ती निभाने के लिए तैयार होने वाला दोस्त मिला हैकिस्मत वाला तो में था जो ऐसा दोस्त मिला मुझकोजैसे 3 इडियट में राजू कोRANCHO जैसा मिला थाखुदा का में शुक्रगुजार हूं कि आज भी वो मेरे साथ हैसबसे अलग सबसे प्याराहर पल साथ रहने वाला मिला हैलिख भी नही सकता ऐ दोस्तक्योंकि मेरे पास शब्द नही हैं तेरे लियेपर इतना जरूर लिख सकता हुतू मेरी ज़िंदगी मे बहुत खास हैदुनिया मे ऐसी बहुत कहानियां हैंपर तेरी मुझ पर बहुत मेहरबानियां हैंज़िंदगी के हर पड़ाव में साथ रहने वाला दोस्त मिला हैज़िंदगी के इस सफर में एक सुरेन्द्र जी जैसा दोस्त मुझे मिला है